अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग आयोग-2 यानी मंडल आयोग के अद्यक्ष व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री बी.पी.मंडल यानी विन्धेश्वरी प्रसाद मंडल एक ऐसा नाम है जो मधेपुरा की समाजवादी धरती के सम्मान को शिखर तक पहुंचा दिया | उसी सामाजिक न्याय के पुरोधा बी.पी.मंडल के मंडल कमीशन की रिपोर्ट को वी.पी.सिंह के प्रधानमंत्रित्व काल में संसद के पटल पर रखवाने, बहस कराने और उसे लागू कराने में जदयू के राष्ट्रीय अद्यक्ष शरद यादव ने कितनी कुर्वानियाँ दी यह सुनकर हर किसी के रोंगटे खड़े हो जाते हैं |
25 अगस्त 1992 को मंडल के समाधि-स्थल से मंडल रथ पर सवार होकर यही शरद लगभग तीन महीने तक बिना रुके, बिना थके और बिना झुके- देश के छोटे-बड़े किसी-किसी शहर में छिटपुट वारदातों को झेलते हुए 07 नवम्बर 1992 को दिल्ली पहुँचकर सबों को मंडल आरक्षण का गूढ़ तत्व समझाते हैं | रास्ते से लेकर घर तक उन्हें कितनी यातनाएं सहनी पड़ी यह किसी से छिपी नहीं है | आरक्षण की आग में यह शरद केवल झुलसकर ही निकल गया यही क्या कम है | उनके शरीर का पोर-पोर तोड़ दिया गया – ये सारी बातें डॉ.मधेपुरी ने मुरहो में आयोजित बी.पी.मंडल राजकीय जयन्ती समारोह में मंडल मसीहा शरद यादव के बाबत कही |
डॉ. मधेपुरी ने यह भी कहा – “भारत में प्रतिदिन लाखों बच्चे जन्म ग्रहण करते हैं, लेकिन कुछ ही बच्चे ऐसे होते हैं जो अपने पौरुष-पुरुषार्थ एवं संकल्प व् ईमानदारी की बदौलत कुछ ऐसा कर गुजरते हैं कि लोग यह जानने को उत्सुक हो जाते हैं कि वह बच्चा कहाँ जन्म लिया और बड़ा होकर समाज और देश को क्या दिया ? ऐसे ही बच्चों में एक हुए – बी.पी.मंडल जिनका नाम लेते ही श्रद्धा से सिर झुक जाता है | कालान्तर में वही मंडल रिपोर्ट तैयार करने में 01 वर्ष 08 महीना 22 दिनों तक घड़ी की सुई की तरह चलते रहे, कभी रुके नहीं | कश्मीर से कन्याकुमारी और राजस्थान से बंगाल की खाड़ी तक घूम-घूम कर उन्होंने सभी धर्मों एवं सभी वर्णो के 3743 जातियों को रेखांकित किया जो सामाजिक एवं शैक्षिक रूप से पिछड़े थे | उन्हें विशेष अवसर दिए जाने की सिफारिश कर 31 दिसम्बर 1980 को तत्कालीन महामहिम राष्ट्रपति नीलम संजीव रेड्डी के समक्ष समर्पित कर मधेपुरा आ गये |”
नगरपालिका के तत्कालीन वाईसचेयरमेन डॉ. मधेपुरी द्वारा अद्यक्ष की अनुपस्थिति में भव्य नागरिक अभिनन्दन समारोह की अद्यक्षता करने से सकुचाने पर बी.पी.मंडल ने उनसे यही कहा था – “जब मैं आनरेरी मजिस्ट्रेट हुआ करता था तो एक बार म्युनिसिपल एक्ट पढने का मौका मिला, जिसमें लिखा है- Even in the temporary absence of the chairman, vice-chairman is entitled to discharge all the duties of the chairman .” तभी डॉ. मधेपुरी ने उस बी.पी.मंडल-अभिनन्दन समारोह की अद्यक्षता की |
इस समारोह के अद्यक्ष जिला पदाधिकारी मो.सोहैल ने बिहार सरकार के प्रतिनिधि मंत्री नरेन्द्र नारायण यादव, राष्ट्रीय अद्यक्ष जदयू शरद यादव सहित विधायक, पार्षद एवं गण्यमान्य का स्वागत किया | सबों ने मंडल जी की तस्वीर पर माल्यार्पण किया | सर्व धर्म प्रार्थना की गई |
मंडल मसीहा शरद यादव ने अपनी कबीर वाणी का उद्घोष करते हुए कहा कि आगे जो कोई सिविल सर्विसेज में चुनकर जिला का नाम रोशन करेगा उसे यहाँ बुलाकर सम्मानित करना ही मंडल की सच्ची श्रद्धांजलि होगी | परीक्षा में नक़ल बन्द करो तभी देश और समाज आगे बढेगा वरना शरद यादव को यहाँ बुलाने का क्या फायदा !
बिहार सरकार के भूमि सुधार व विधि मंत्री नरेन्द्र नारायण यादव, विधायक रमेश ऋषिदेव, प्रो.चंद्रशेखर, विधान पार्षद विजय कुमार वर्मा, पूर्व विधायक मणीन्द्र कुमार मंडल, परमेश्वरी प्र.निराला, डॉ.ए.के.मंडल, पूर्व मुखिया सुभाष चन्द्र यादव, प्रो.श्यामल किशोर यादव, डॉ.आलोक कुमार, मुखिया नीलम देवी आदि ने बी.पी.मंडल के विशाल व्यक्तित्व की चर्चा की और गागर में सागर भरने का प्रयास किया |
अंत में अनुमंडल पदाधिकारी संजय कुमार निराला द्वारा पुलिस कप्तान कुमार आशीष सहित जिला एवं अनुमंडल के सभी उपस्थित पदाधिकारियों एवं समाजसेवियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए सभा समाप्ति की घोषणा की गई |