दुनिया में जो कोई आपके अत्यंत करीबी हों जिसके लिए आप दिल की कलम में भरोसे की इंक डालकर उसकी समस्त यादों के बीते हुए लम्हों को बेहिचक बयां करने वाला “सब्जेक्ट” तैयार कर लेते हैं- लोग उसे ही दोस्त कहते हैं, यानि ‘दोस्त’ का मतलब ‘दो का अस्त हो जाना’। जब ऐसा हो जाए तो दुनिया उसे ही दोस्ती कहने लगती है।
बता दें कि हर किसी को माता-पिता के बाद यदि कोई अपना लगता है तो वह है दोस्त। वास्तव में दोस्ती दुनिया का सबसे खूबसूरत एहसास है और है संसार का सबसे बेहतरीन तोहफा ‘दोस्त’- जो हमारे दुख-दर्द का साथी होता है तथा जिंदगी को खुशनुमा बनाए रखता है।
वैसी ही दोस्ती को यादगार बनाने के लिए प्रत्येक वर्ष 30 जुलाई को दुनिया में इंटरनेशनल फ्रेंडशिप डे मनाया जाता है। हालांकि दुनिया के कई देश तो U.N.O. द्वारा निर्धारित इस तारीख से पहले या फिर बाद में भी मनाते हैं।
बता दें कि भारत इसे “फ्रेंडशिप डे” कह कर प्रतिवर्ष अगस्त महीना के पहले रविवार को यानि आज (2 अगस्त) के दिन ही मनाता है जबकि ओहियो में यह फ्रेंडशिप डे 9 अप्रैल को मनाया जाता है। इस दिन को दोस्तों के बीच उपहारों के आदान-प्रदान के साथ पर्यटन पर जाने की योजना के साथ मनाया जाता है। भारत में तो दोस्त एक-दूसरे को फूल देकर इस फ्रेंडशिप डे को मनाते हैं।
जानिए कि टीएनबी कॉलेज में पढ़ते हुए दो दोस्त डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी एवं डॉ.सर्वदानंद सिंह एसे ही दोस्त बने कि 66 वर्ष की उम्र में जब एक के हार्ट का बाईपास सर्जरी हुआ तो कुछ ही दिनों केे बाद दूसरे का भी बायपास सर्जरी हो गया। वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ही आज दोनों ने फ्रेंडशिप डे मनाते हुए यह चर्चा की- हर किसी को उसकी औलाद पूछती है वसीयत, लोग पूछते हैं हैसियत और मित्र ही है जो बाजार में या फोन पर मिले तो सबसे पहले यही पूछता है- बताओ अपनी ख़ैरियत ! बीबी-बच्चों की ख़ैरियत !!