Secretary Dr.Bhupendra Narayan Yadav Madhepuri and President Harishankar Shrivastav Shalabh taking part in online Tulsi Jayanti under the banner of Kaushiki Sahitya Sammelan Madhepura during Corona pandemic.

तुलसीदास की लोकप्रियता में कभी कमी नहीं आएगी- डॉ.मधेपुरी

कौशिकी क्षेत्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन मधेपुरा के तत्वावधान में कोरोना काल में तुलसी जयंती ऑनलाइन के जरिए सम्मेलन के अध्यक्ष हरिशंकर श्रीवास्तव शलभ की अध्यक्षता में मनाई गई। वरिष्ठ साहित्यकार व इतिहासकार श्री शलभ ने कहा कि जब तक विश्व में कोरोना वायरस का कहर रहेगा तब तक सम्मेलन के सारे कार्यक्रम वीडियो कांफ्रेंसिंग द्वारा ही संपन्न होंगे। गोस्वामी तुलसीदास को नमन करते हुए उन्होंने कहा कि गोस्वामी जी सगुण धारा राम भक्ति शाखा के प्रतिनिधि कवि थे। आज विशेष रूप से यही एक ग्रंथ है जो सांप्रदायिकता की सीमाओं को लांघ कर सारे देश में व्यापक रूप से सभी मतों को मान्य है। अध्यक्ष श्री शलभ ने “मन पछतैहें अवसर बीते” एवं “अबलौं नशानी अब न नशैहों” गाकर कार्यक्रम को भक्तिमय बना दिया।

सम्मेलन के संरक्षक कवि-साहित्यकार व पूर्व सांसद डॉ.रमेन्द्र कुमार यादव रवि ने लाइव प्रसारण में उद्गार प्रकट करते हुए कहा कि रामचरितमानस समन्वय का अक्षय भंडार है और गोस्वामी तुलसीदास जी अपने युग के महान लोकनायक रहे हैं।

सम्मेलन के सचिव व समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने कहा कि तुलसीदास की लोकप्रियता में कभी कमी नहीं आएगी। भौतिकी के विद्वान प्रो.(डॉ.) मधेपुरी ने तुलसीदास की प्रासंगिकता को रेखांकित करते हुए मानस द्वारा बखूबी दर्पण को परिभाषित कर भौतिकी को सहजता से समझाया।

जहां साहित्यकार प्रो.मणिभूषण वर्मा ने रामचरितमानस का सस्वर पाठ किया और तुलसी की कृतियों को सर्वोच्च बताया वहीं डॉ.शांति यादव, डॉ.सिद्धेश्वर कश्यप, डॉ.अरविंद श्रीवास्तव, डॉ,अमोल राय, डाॅ.विनय कुमार चौधरी, डॉ.आलोक कुमार, दशरथ प्रसाद सिंह, संतोष सिन्हा, उल्लास मुखर्जी, प्रो.श्यामल किशोर यादव,  प्रो.सचिंद्र महतो, डॉ.विश्वनाथ विवेका, सियाराम यादव मयंक, सहित अन्य साहित्यसेवियों व साहित्यानुरागियों द्वारा कार्यक्रम का इस कोरोना काल में घर बैठे लाइव प्रसारण के माध्यम से आनंद लिया गया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ.अरविंद श्रीवास्तव ने किया।

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