Tulsi Das Jayanti in Madhepura.

कौशिकी ने मनाई गोस्वामी तुलसी दास की जयन्ती

कौशिकी क्षेत्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन संस्थान के अम्बिका सभागार में तुलसी जयन्ती का एक दिवसीय समारोह आयोजित किया गया, जिसकी अद्यक्षता तिलका मांझी वि.वि. में प्रतिकुलपति रह चुके डॉ.के.के.मंडल ने किया | डॉ.मंडल ने अपने अद्यक्षीय भाषण में तुलसीकृत रामायण के सुन्दरकाण्ड को सुन्दरकाण्ड क्यों कहा जाता है – की सारगर्भित व्याख्या कर सुधि श्रोताओं का मन मोह लिया |

इस अवसर पर समारोह का उद्घाटन करते हुए भू.ना.मंडल वि.वि. के संस्थापक कुलपति व पूर्व सांसद तथा दर्जनों पुस्तक के रचनाकार साहित्यकार डॉ.रमेन्द्र कुमार यादव रवि ने तुलसीकृत रामचरितमानस सहित विनय पत्रिका, कवितावली, दोहावली व अन्य ग्रंथों की पंक्तियों को करीने से उद्धृत करते हुए उपस्थित साहित्यनुरागियों एवं स्कूली बच्चों के बीच तथ्यों को इस तरह परोसा कि लगा जैसे तुलसी दास आज भी प्रासंगिक हैं | डॉ.रवि ने रामचरितमानस को समाजशास्त्र, राजनीतिशास्त्र तथा मनोविज्ञान सहित जीवन दर्शन का भंडार सिद्ध करते हुए दर्शकों के बीच देर तक जैसे अमृत वर्षाते रहे और तालियाँ बटोरते रहे |

Tulsi Das Jayanti at Madhepura
Tulsi Das Jayanti at Madhepura

सम्मेलन के सचिव डॉ.मधेपुरी ने तुलसी साहित्य के सहारे भौतिकी में “दर्पण” की परिभाषा समझाने के अदभुत इल्म से श्रोताओं को हैरत में डाल दिया | डॉ. मधेपुरी द्वारा स्कूली बच्चों के बीच “तुलसी आज भी प्रासंगिक है” विषय पर भाषण प्रतियोगिता आयोजित कराया गया, जिसमें चयनित तीन प्रतिभागियों आस्था प्रिया, अदिति परमार एवं आर्चि परमार को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय पुरस्कार के रूप में रामचरितमानस, विनय पत्रिका आदि क्रमशः उद्घाटनकर्ता, अद्यक्ष एवं सचिव द्वारा दिया गया | इस अवसर पर विचार व्यक्त करने वालों में प्रमुख हैं – माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव रहे रघुनाथ यादव, अवकाशप्राप्त शिक्षक प्राण मोहन यादव एवं सियाराम यादव मयंक आदि |

द्वितीय सत्र में कवि गोष्ठी का संचालन उपसचिव उल्लास मुख़र्जी द्वारा किया गया | देर शाम तक चले गोष्ठी में अपनी प्रतिनिधि कविताओं के साथ सस्वर पाठ किया- सुकवि सियाराम यादव मयंक ने | साथ ही राजू भैया, उल्लाष मुखर्जी, डॉ.मधेपुरी, राकेश कुमार द्विजराज आदि ने भी कविताओं का पाठ किया | अन्त में उपसचिव उल्लाष मुखर्जी ने धन्यवाद ज्ञापन किया |

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