भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के यूट्यूब चैनल बीएनएमयू के 7वें संवाद पर शुक्रवार को इतिहास पुरुष शिवनंदन प्रसाद मंडल- साधना और संघर्ष के अंतर्गत उनकी जेल-यात्रा पर व्याख्यान का आयोजन पीआरओ डॉ.सुधांशु शेखर द्वारा आयोजित किया गया। समाजसेवी साहित्यकार व इतिहासविद् प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने जेल और थाना के बीच अंतर बताते हुए कहा कि जेल न्यायालय द्वारा संचालित होता है जिसके प्रति आम जनों के अंतर्मन में ब्रिटिश हुकूमत से लेकर आज तक विश्वास कायम है।
डाॅ.मधेपुरी ने कहा कि आम जनों के मन में उस क्रांतिवीर शिवनंदन प्रसाद मंडल के प्रति यही धारणा बन गई थी कि कारागृह उनके लिए पूजा गृह ही था। क्योंकि किसी के यह पूछने पर कि क्रांतिवीर शिवनंदन कहां है, के जवाब में आवाज आती कि अभी तो घर में पूजा कर रहे थे कि पुलिस आई और कारागृह लेकर चली गई। बकौल डॉ.मधेपुरी उस क्रांतिवीर शिव के लिए पूजा गृह और कारागृह में कोई अंतर नहीं। उनके लिए जेल यात्रा और तीर्थ यात्रा में कोई फर्क नहीं, बिल्कुल एक जैसी थी।
देश के प्रति समर्पण के मामले में साहित्यकार डॉ.मधेपुरी ने क्रांतिवीर शिवनंदन की तुलना नेल्सन मंडेला और मार्टिन लूथर किंग से करते हुए कहा कि मंडेला और मार्टिन की तरह क्रांतिवीर शिवनंदन को भी गांधी में अटूट आस्था और विश्वास था। डॉ.मधेपुरी द्वारा उनकी 4 जेल यात्राओं का विस्तार से वर्णन किया गया और यही कहा गया कि इनमें नमक सत्याग्रह, विदेशी वस्तु दहन, व्यक्तिगत सत्याग्रह और नेपाल के जंगल से दरभंगा की लंबी जेल यात्राएं भी शामिल हैं। अंत में डॉ मधेपुरी ने लोगों को कोरोना के कहर से बचने के लिए जागरुक करते हुए कहा कि सरकारी निर्देशों का पालन मुस्तैदी से करें।