भारत-चीन सीमा के बीच हुई हिंसक झड़प में भारतीय 20 जवानों के शहीद होते ही तीनों सेनाओं (जल-थल-नभ) को अलर्ट पर रहने के लिए भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, चीफ आफ आर्मी डिफेंस जनरल बिपिन रावत एवं तीनों सेनाओं के प्रमुखों की हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया।
बता दें कि 3500 किलोमीटर की चीन सीमा पर भारतीय सेना की नजर है जिस पर तीनों सेनाओं को हाई अलर्ट पर रखा गया है। चीन की नौसेना को कड़ा जवाब देने के लिए हिंद महासागर में भारतीय नौसेना भी अपनी तैनाती बढ़ाने में लगी है।
चलते-चलते यह भी बता दें कि भारतीय एक-एक जवान की शहादत चीन पर भारी पड़ेगा। अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में लाइन आफ एक्चुअल कंट्रोल (LAC) के साथ जहां अपने सभी प्रमुख फ्रंट-लाइन ठिकानों पर अतिरिक्त जवानों को अधिकारियों ने रवाना कर दिया है वहीं वायुसेना ने एलएसी और बॉर्डर एरिया पर नजर रखने के लिए पहले से ही अलर्ट बढ़ा दिया है। सारे सैनिकों की छुट्टियां कैंसिल कर दी गई है। देमचौक एवं पेंगोंग लेक के आसपास के गांवों को खाली कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून को सर्वदलीय बैठक बुलाया है। मोदी सरकार एक्शन में आ गई है।