किसी व्यक्ति द्वारा ऊंचाई प्राप्त करने से लेकर नेम-फेम एवं तमाम खुशियों का अस्तित्व तभी तक है, जब तक सांसे चल रही हों। उस व्यक्ति का दम ज्योंहि निकला कि उसके लिए सब कुछ निरर्थक हो जाता है… अर्थहीन हो जाता है। फिर भी लोग पूरे होशो-हवास में जान जैसी चीज गवाँ क्यों देते हैं… जिसे वापस लौटाने का कोई जरिया नहीं रह जाता।
जानिए कि नेम-फेम की ऊंचाइयों के शीर्ष तक पहुंच चुका बॉलीवुड का वह एक्टर सुशांत सिंह राजपूत जब मौत को गले लगाया रहा होगा तो उनके अंदर क्या-क्या चल रहा होगा- केवल और केवल एक पैरलल यूनिवर्स यानि एक और दुनिया ! जहां इंसान मौत के अलावा कुछ सोचता ही नहीं….. बल्कि उसे खुद के फैसले पर सर्वाधिक गर्व होता है और एक बड़ा बदलाव भी हुआ होगा कि संपर्क में रहे लोगों के प्रति नफरत, गुस्सा या चिढ़ खत्म हो गई होगी तथा छोटे-बड़े सभी दुश्मनों को माफ कर दिया होगा और मरते हुए किसी प्रकार की नकारात्मकता को दिल में जगह नहीं देने की चाहत के साथ दुनिया को अलविदा कहा होगा।
बता दें कि 34 वर्षीय बेहद लोकप्रिय एवं क्रिकेट कप्तान एमएस धोनी का किरदार निभाने वाले बॉलीवुड एक्टर सुशांत सिंह राजपूत ने 14 जून रविवार सुबह बांद्रा मुंबई वाले अपने घर में फांसी लगाकर जान दे दी। सुशांत घर में अकेले रहते थे। जब सुशांत 16 साल के थे तभी उनकी मां चल बसी थी। सुशांत 6 महीने से डिप्रेशन में थे, परंतु टॉपर रहे सुशांत आत्महत्या कर लेंगे ऐसा किसी ने सोचा नहीं था। सुशांत का जन्म राजीव नगर पटना में हुआ था। ननिहाल खगरिया जिले में है। बिहार की माटी से जुड़ा रहा है सुशांत।
सुशांत को देश के प्रधानमंत्री व मुख्यमंत्रियों से लेकर भारतरत्न सचिन तेंदुलकर और अक्षय कुमार सहित लाखों-लाख चाहने वालों ने श्रद्धांजलि दी। पूर्व सांसद पप्पू यादव सहित मधेपुरा के समाजसेवी-साहित्यकार डाॅ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने भी सीबीआई जांच की मांग की है।