रविवार, 07 जून को जदयू के चुनावी अभियान की शुरुआत करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पार्टी कार्यकर्ताओं से विपक्ष के दुष्प्रचार का तर्कों के साथ जोरदार तरीके से जवाब देने को कहा है। बता दें कि मुख्यमंत्री, जो जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष भी हैं, पश्चिमी चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी और मधुबनी के नेताओं से वीडियो-ऑडियो संवाद कर रहे थे। इसे वर्चुअल सम्मेलन का नाम दिया गया है। इस सम्मेलन में जदयू के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) व राज्यसभा में दल के नेता आरसीपी सिंह, लोकसभा में दल के नेता राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह, भवन निर्माण मंत्री अशोक चौधरी एवं जल संसाधन मंत्री संजय झा मौजूद रहे।
जदयू के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि नई पीढ़ी के लोगों को राजद के शासनकाल के बारे में बताएं। युवा पीढ़ी के लोगों को पता चलना चाहिए कि वर्ष 2005 से पहले बिहार में किस तरह का शासन था और लोगों को क्या-क्या भुगतना पड़ता था। उन्होंने कहा कि हमारी प्राथमिकता आपदाग्रस्त लोगों को राहत पहुंचाना है। लेकिन विपक्ष के पास गाल बजाने के अलावे कोई काम नहीं बचा है। जिलों से लेकर बूथ स्तर तक हमारे कार्यकर्ता सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोगों को सरकार के कामकाज और जनहित में लिए गए फैसलों की जानकारी पहुंचा दें। बेवजह की बयानबाजी करने वाले खुद ही एक्सपोज हो जाएंगे।
मुख्यमंत्री ने कहा कि परेशानी में पड़ा व्यक्ति उस समय की गई मदद को हमेशा याद रखता है। कोराना वायरस संक्रमण, लॉकडाउन और प्राकृतिक आपदाओं से परेशान लोगों को सरकार हरसंभव सहायता पहुंचा रही है। कोरोना संकट के दौरान लोगों के बीच राहत-बचाव पर 8538 करोड़ रुपए से अधिक खर्च हुए। क्वारंटाइन सेंटर में 14 दिन तक रखने के लिए एक व्यक्ति पर 5300 रुपए खर्च किए गए। लॉकडाउन के दौरान जैसे ही इजाजत मिली, हम दूसरे प्रदेशों में फंसे 21 लाख से अधिक अपने लोगों को वापस लेकर आए। अब उनके लिए रोजगार का इंतजाम किया जा रहा है। जनता हमारा काम देख रही है, विपक्ष को सही समय पर जवाब देगी।
चलते-चलते बता दें कि जदयू का वर्चुअल सम्मेलन 12 जून तक चलेगा और नीतीश कुमार बारी-बारी से सभी जिलों के पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं से रूबरू होंगे।