सोमवार, 18 मई को 1, अणे मार्ग स्थित नेक संवाद में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केन्द्र सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज से संबंधित गहन समीक्षा की और यह जानने का प्रयास किया कि पैकेज से हमें क्या मदद मिल सकती है और कैसे किसान, श्रमिक, उद्योगकर्मी, मनरेगाकर्मी आदि को लाभ पहुंचाया जा सकता है। इस दौरान उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, मुख्य सचिव दीपक कुमार, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव चंचल कुमार समेत कई वरीय अधिकारी मौजूद थे, जबकि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से कृषि तथा पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री प्रेम कुमार, ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार, उद्योग मंत्री श्याम रजक तथा सहकारिता मंत्री राणा सिंह चौहान समेत विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
इस महत्वपूर्ण बैठक में विचार-विमर्श के मुख्य बिन्दु ये रहे – 1. हर हिन्दुस्तानी की थाल में बिहार का एक व्यंजन हो, यह हमारा उद्देश्य है। मखाना इसे पूरा कर सकता है, इससे कृषि रोडमैप में निर्धारित लक्ष्य भी पूरा हो सकेगा। 2. मखाना के साथ-साथ शाही लीची, चिनिया केला, आम, मेंथा तेल, खस तेल, करतनी चावल एवं अन्य कृषि उत्पादों के क्लस्टर को भी बढ़ावा दें। 3. बिहार में शहद उत्पादन की असीम संभावनाएं हैं। इसके लिए शहद की प्रोसेसिंग यूनिट तथा मार्केटिंग एवं ब्रांड वैल्यू पर विशेष बल दिया जाय। 4. जीविका द्वारा की जा रही कन्ट्रैक्ट फार्मिंग को बढ़ावा दें तथा उसका विस्तार करें। 5. केन्द्र सरकार द्वारा घोषित आर्थिक पैकेज का अधिक से अधिक लाभ कृषकों एवं श्रमिकों को हो सके, इसके लिए अनिवार्य कार्रवाई करें।
इसके अतिरिक्त इस बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने निर्देश दिया कि बिहार के बाहर से आ रहे श्रमिकों के लिए उनकी स्किल मैपिंग के अनुसार रोजगार सृजन की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। इसके लिए राज्य में संचालित इकाईयों में उनके स्किल के अनुरूप रोजगार उपलब्ध कराया जाय। साथ ही नई निर्माण इकाईयों की स्थापना की दिशा में भी समुचित कार्रवाई की जाय। उन्होंने कहा कि नए उद्योगों को लगाने में सरकार पूरी मदद करेगी। श्रमिकों के स्किल की विवरणी के अनुरूप क्या-क्या नए उद्योग लगाए जा सकते हैं, क्या मदद दी जा सकती है, इस पर विचार करें। साथ ही, मनरेगा में अधिकतम श्रम दिवस की सीमा को 100 से 200 करने तथा स्वयं सहायता समूहों के सदस्यों के बीमा से संबंधित तिथि विस्तार हेतु केन्द्र से अनुरोध करें।