बिहार में अलग-अलग राज्यों से अबतक 5 लाख प्रवासी मजदूर आ चुके हैं। अभी लगभग 20 लाख लोग और विभिन्न राज्यों से आने वाले हैं। ऐसे में बिहार सरकार ने आने वाले मजदूरों को सालों भर यहीं रोजगार देने के लिए कमर कस ली है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी विभागों को रोजगार के अवसर बढ़ाने, जिला स्तर पर अवसर तलाशने और इसकी कार्ययोजना तैयार करने को कहा है।
बता दें कि राज्य सरकार की तैयारी 50 लाख मजदूरों को रोजगार देने की है। इसके लिए हर जिले का अध्ययन कराया जा रहा है कि किन-किन जिलों में कौन-कौन से काम कराए जा सकते हैं। ताकि पहले से यहां रह रहे मजदूरों के साथ-साथ आने वालों को भी स्थायी रोजगार दिया जा सके।
ध्यातव्य है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निर्देश पर लॉकडाउन के दौरान अभी तक 3 लाख 91 हजार 283 योजनाओं में 2 करोड़ 17 लाख 84 हजार मानव श्रम दिवसों का सृजन किया गया है। अभी जिन क्षेत्रों में बिहार में अधिक काम उपलब्ध है, उनमें मनरेगा, नल-जल योजना, नाली-गली पक्कीकरण योजना, सड़क निर्माण और जल-जीवन-हरियाली के तहत काम चल रहे हैं। इसके अतिरिक्त नई योजनाएं शुरू करने की तैयारी भी चल रही है। मुख्यमंत्री ने नई निर्माण इकाइयों की स्थापना के लिए आवश्यक पहल करने का निर्देश उद्योग विभाग को दिया है।
बता दें कि शनिवार, 16 मई को एक पोर्टल लॉन्च किया गया है जिससे जाना जा सकता है कि राज्य में कितने तरह के काम हैं और इनकी संख्या क्या है। सभी जिलों से इसका डाटा आने के बाद उसे पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। यह भी जानें कि जो प्रवासी अपना उद्योग शुरू करना चाहते हैं, उन्हें सरकार से पूरी मदद मिलेगी।