कोरोना वायरस के कोहराम से चिंता की लहर जब यूरोपीय देशों में उठी तो आवाजाही पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई। रोम के चर्च में जहां प्रार्थना पर रोक लगा दी गई वहीं कावा में सामूहिक नमाज अता करने पर प्रतिबंध…. या फिर काशी के मंदिरों में ताले ही लगा दिए गए। सभी प्रकार के वाहनों से लेकर सरकारी व निजी विमानों के परिचालन पर आज तक रोक लगी हुई है।
क्यों न लगे रोक… जबकि लाखों-लाख लोग कोरोना की चपेट में दम तोड़ रहे हैं। डब्ल्यूएचओ ने तो इसे वैश्विक महामारी घोषित कर दिया है। सारा विश्व कोरोना के खिलाफ युद्ध कर रहा है। सारे विश्व की गति ठहर सी गई है। स्कूल-कालेज, कोर्ट-कचहरी और बाजार सबके सब बंद हैं। सभी देश घर के अंदर सिमट गया है।
यह भी जानिए कि कोरोना का असर लोगों तक ही सीमित नहीं रहा है बल्कि उसके बंद के घेरे में गिरिराज हिमालय के माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई भी आ गई है। नेपाल ने भी कोरोना संक्रमण के डर से माउंट एवरेस्ट की चढ़ाई बंद कर दी है। नेपाल सरकार के पर्यटन मंत्री ने घोषणा कर दी है कि माउंट एवरेस्ट सहित पर्वतराज हिमालय की अन्य चोटियों की चढ़ाई भी वसंत ऋतु के आगमन के साथ ही अगले आदेश तक के लिए निलंबित कर दी गई है। मतलब यही कि इस घोषणा के अनुसार मार्च से मई तक फिलहाल किसी प्रकार का पर्वतारोहण नहीं होगा। इससे नेपाल सरकार के पर्यटन विभाग को लाखों-लाख डॉलर आय का नुकसान होगा तथा वैश्विक अर्थव्यवस्था को कोरोना की चोट सहन करने के लिए विवश होना पड़ेगा।