कोरोना के कहर के कारण देश में जो लाॅकडाउन लगाया गया है उससे भले ही देश की अर्थव्यवस्था बिगड़ने लगी है, लोग कृषि एवं उद्योग के कार्यों से खुद को दूर रखने हेतु विवश होने लगे हैं और अकारण ही मौत को गले भी लगाने लगे हैं, परंतु अब तो कोरोना लोक डाउन के कुछ फायदे भी बताए जाने लगे हैं।
यही कि लाॅकडाउन के चलते रेल एवं रोड पर गाड़ियों के नहीं चलने एवं फैक्ट्रियों के बंद होने से दिल्ली, मुंबई, कोलकाता व चेन्नई जैसे शहरों का प्रदूषण तेजी से घटने लगा है तथा गंगा-यमुना जैसी नदियों का पानी भी साफ होने लगा है। तभी तो दूरदर्शन के सभी चैनलों द्वारा अहर्निश उद्घोषणा होने लगी है-
देश रिचार्ज हो रहा है…. यहाँ का कोना-कोना खड़ा है और इंतजार कर रहा है…. आप घर में रहें, सुरक्षित रहें।
बता दें कि घर में रहने पर लोग जो नहीं सोच पाते थे वो भी सोचने लगे हैं। समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने अपने लोकप्रिय होम्योपैथ चिकित्सक मित्र डॉ.शमशाद (मरहूम) को याद करते करते यह भी ढूंढ निकालते हैं कि आज 10 अप्रैल है, जो विश्व होम्योपैथ दिवस भी है। डॉ.मधेपुरी ने अपने मित्र डॉ.शमशाद के साथ-साथ होम्योपैथी के जन्मदाता जर्मन निवासी एवं एमडी डिग्री प्राप्त एलोपैथिक चिकित्सक सैमुअल हैनीमैन को भी याद कर आज अपने निवास पर अपनी धर्मपत्नी श्रीमती रेणु चौधरी के साथ विश्व होम्योपैथ दिवस मनाया। इस दिवस को इस दंपत्ति ने होम्योपैथ दवा आर्सेनिक एल्बम की दो-दो बूंदें लेकर मनाया।
चलते-चलते यह भी बता दें कि घर में रहकर अपनी कर्मभूमि में निरंतर अपने श्रम का खाद डालने में लगे रहते हैं डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी। यूँ तो पूर्व में डॉ.मधेपुरी ने इस ऐतिहासिक भूमि को गढ़ने वाले स्वतंत्रता सेनानी व समाज सुधारक रास बिहारी लाल मंडल, गांधीवादी शिवनंदन प्रसाद मंडल एवं समाजवादी भूपेन्द्र नारायण मंडल की जीवनियाँ सर्वप्रथम लिखी और समादृत भी हुए। इस लाॅकडाउन में वे खुद को रिचार्ज कर सामाजिक न्याय के प्रणेता बीपी मंडल की अमूल्य जीवनी आरंभ कर दी है।