गुरुवार, 02 अप्रैल 2020 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इस दौरान बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि भारत में प्रधानमंत्री के नेतृत्व में जो काम हुआ है उसे देखते हुए हमलोगों को भरोसा है कि जल्द ही हम इससे मुक्ति पा जाएंगे। प्रधानमंत्री ने जो निर्णय लिया है उसका हमलोग अनुपालन कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए हर जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं। लोगों को सचेत किया गया है। बीच में कुछ परेशानी आई थी क्योंकि लॉकडाउन के दौरान भी दिल्ली से लोगों को यहां भेज दिया गया था। जितने लोग बिहार के बाहर से आए उन्हें उनके गांव तक पहुंचाया गया। उनके लिए अलग रहने, भोजन व चिकित्सा आदि का प्रबंध किया गया। उन्होंने बताया कि बिहार के दूसरे राज्यों से यहां आए लोगों को चिह्नित किया गया है। ऐसे लोगों की संख्या 1 लाख 74 हजार 470 है। इनमें 12 हजार 51 लोग विदेश से आए हैं। सभी को होम क्वारंटाइन में रखा गया है।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान मुख्यमंत्री ने बिहार के लिए मेडिकल सॉफ्टवेयर की जरूरत बताई। उन्होंने कहा कि हमारा आग्रह दवाओं और उपकरणों की उपलब्धता को लेकर है। लेबोरेट्री टेस्ट को प्रभावी बनाने के लिए भारत सरकार से अधिकृत टेस्टिंग किट और उसके साथ उपयोग में आने वाली अन्य सामग्री जैसे बीपी, आरएनए एक्सट्रैक्शन किट आदि को समाहित करते हुए एक सेट के रूप में दिया जाए। इसका काफी अच्छा परिणाम होगा। मुख्यमंत्री ने कोविड-19 की रोकथाम और उपचार की सामग्री जैसे एन-95 मास्क, पीपीई किट, वेंटिलेटर आदि के इंतजाम की बात भी कही।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को बताया कि कोरोना संक्रमण खत्म करने के लिए हमलोगों ने कोरोना उन्मूलन कोष का गठन किया है। इसमें विधायक-विधानपार्षद अपने-अपने कोष से कम-से-कम 50 लाख की राशि हस्तांतरित करा रहे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि अब बिहार के राज्यसभा और लोकसभा सांसद एक करोड़ की राशि अपने-अपने क्षेत्र के लिए अनुशंसा कर रहे हैं, लेकिन इस राशि का उपयोग नहीं हो पाएगा, क्योंकि कोरोना को लेकर जो कुछ किया जा रहा है वह किसी क्षेत्रविशेष में नहीं हो रहा है। ऐसे में उनका पैसा यूं ही बचा रह जाएगा। उन्होंने सुझाव दिया कि गृह मंत्रालय इस पर विचार करे कि राज्य के सांसद यदि मदद करना चाहते हैं तो वे कोरोना उन्मूलन कोष में मदद करें। सांसदों को इसकी अनुमति मिलनी चाहिए।