मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार, 28 मार्च 2020 की शाम 1, अणे मार्ग, पटना में समीक्षा बैठक कर सीमावर्ती क्षेत्रों में लॉकडाउन में फंसे लोगों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से ‘आपदा सीमा राहत शिविर’ की व्यवस्था करने का निर्देश दिया। इस शिविर में दूसरे राज्यों से आने वाले बिहार के लोगों अथवा अन्य राज्यों के फंसे लोगों को भोजन, आवासन एवं चिकित्सीय सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस व्यवस्था की समीक्षा एवं अनुश्रवण मुख्यमंत्री स्वयं कर रहे हैं।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार कोरोना संक्रमण के कारण लोगों के लॉकडाउन में फंसे होने की स्थिति को आपदा मान रही है और ऐसे लोगों की मदद उसी तरह की जाएगी जैसे अन्य आपदा पीड़ितों के लिए की जाती है।
मुख्यमंत्री के इस निर्देश के आलोक में मुख्य सचिव दीपक कुमार ने राज्य के सभी सीमावर्ती जिलों – पश्चिमी चम्पारण, पूर्वी चम्पारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, किशनगंज, पूर्णिया, कटिहार, भागलपुर, बांका, जमुई, नवादा, गया, औरंगाबाद, भोजपुर, कैमूर, बक्सर, छपरा, सीवान एवं गोपालगंज के जिलाधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से त्वरित कार्रवाई का निर्देश दिया।
इससे पूर्व मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने शनिवार को एक बार फिर कोरोना संक्रमण, एईएस, बर्ड फ्लू एवं स्वाइन फ्लू को लेकर उच्चस्तरीय समीक्षा की। उन्होंने आज एक बड़ी पहल करते हुए मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास योजना के तहत कोरोना उन्मूलन कोष में 7 करोड़ रुपए भी दिए।