एक ओर तो संसार के सभी देश चीन से निकले कोरोना वायरस से आम आवाम को सुरक्षित रखने के लिए संघर्ष कर रहा है और दूसरी ओर 1974 के जेपी आंदोलन में शहीद हुए सदानंद की 47वीं शहादत पर आंदोलन में संघर्षरत रहने वाले विजय कुमार वर्मा, डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी, इन्द्र नारायण प्रधान, जय किशोर यादव, रमन सिंह, परमेश्वरी प्रसाद निराला, उत्तम प्रसाद यादव, प्रसन्न कुमार, अनिल कुमार के साथ-साथ राजेंद्र यादव, डॉ.विजेंद्र, जयकांत, अमरेश आदि ने उस शहीद को सादगी के साथ याद किया।
बता दें कि सदर एसडीएम कार्यालय गेट के सामने 1974 के 19 मार्च को शहीद हुए सदानंद की स्मृति स्मारक पर सबों ने अपने साथ लाये पुष्पों का अर्पण किया। जेपी सेनानी विजय वर्मा ने मीडिया से कहा कि पीएम सेनानियों को ट्रेन में आने-जाने की सुविधा प्रदान करें वहीं छत्तीसगढ़ के सीएम द्वारा दिए जा रहे सम्मान पर रोक लगाए जाने को पूर्व एमएलसी ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया।
इस अवसर पर समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने कहा कि आजादी से पूर्व जहां मधेपुरा में दो शहीद हुए- एक शहीद बाजा साह और दूसरा शहीद चुल्हाय यादव, वहीं आजादी के बाद जेपी आंदोलन में मधेपुरा से मात्र एक शहीद सदानंद हुए। डॉ.मधेपुरी ने बताया कि इन तीनों शहीदों को जिन्हें भारतीय सेना में हुए मधेपुरा के 3 शहीदों के साथ “शहीद पार्क” में स्थापित किया गया है… वे सदा जिले के संघर्षशील युवाओं को आत्मरक्षा, देश की सुरक्षा एवं अन्याय के खिलाफ लड़ने हेतु प्रेरित करते रहेंगे।
चलते-चलते यह भी कि करोना के कहर को याद रखते हुए तथा प्रशासन के निर्देशानुसार 50 से अधिक लोग एक साथ इकट्ठा ना हो….. को भी ध्यान में रखते हुए 25 से 30 लोग पुष्पांजलि अर्पित करते हुए आगे-पीछे आते-जाते रहे। संपूर्ण कार्यक्रम 20 से 25 मिनट में समाप्त हो गया।