2020 का नया वर्ष मंगलमय तो होता परंतु चीन के कोरोना वायरस का संक्रमण चीन की सीमाओं से बाहर निकलकर संसार के 32 देशों में फैल चुका है। इसे रोकने के लिए चीन पुरजोर कोशिश कर रहा है। चीन के पड़ोसी देशों ने अपनी सीमाओं को सील कर लिया है। फ्लाइट का आना-जाना बंद कर रखा है। अमेरिका सहित कुछ देशों में कोरोना से मुक्ति पाने के लिए टीका और दवाई विकसित करने का प्रयास भी हो रहा है।
बता दें कि कोरोना वायरस के डर से बौद्ध मंदिर पर भी ताला लटका हुआ दिखने लगा है। चीन में रह रहे दर्जनों देश के लोग कोरोना की चपेट में हैं। जानकारी मिलते ही भारत के प्रधानमंत्री ने समस्त भारतीयों को जहाज भेजकर वापस बुला लिया। बचाव के लिए नागरिकों के वैध वीजा भी रद्द करना पड़ा है। चीन के वुहान शहर में सेना की तैनाती कर दी गई है।
यह भी बता दें कि अब चीन सहित 25 अन्य देशों से भारत में आने वाले लोगों की जांच होने लगी है। चीन-नेपाल से आने वाले 5000 व्यक्तियों के स्वास्थ्य की जांच अब तक भारत में की जा चुकी है। 4 सदस्यीय केंद्रीय टीम आज बिहार दौरे पर आ रही है। सूबे के 38 जिलों को अलगाव और नमूना संग्रह के लिए 9 मेडिकल अस्पतालों से जोड़ा गया है। इस वायरस पर नजर रखने के लिए प्रत्येक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नोडल पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं। चीन में रह रहे कई भारतीय छात्रों ने वायरस के प्रकोप से बचने के लिए मेडिकल की पढ़ाई तक छोड़ दी है।
चलते-चलते बता दें कि चीन के वुहान और शंघाई जैसे शहर जो कभी सोता नहीं था उस शहर में कोई जगा हुआ व्यक्ति सड़कों पर चलता नहीं दिखता। चीन के सारे शहरों में श्मशान की तरह सन्नाटा पसरा है। वहां ना तो सड़कों पर गाड़ियों की और ना आसमान में वायुयानों की चहल-पहल देखने को मिलती है। अब तक दुनिया भर में कितने लोग संक्रमित हुए और कितने मौत को गले लगाए हैं…. कहा नहीं जा सकता। परहेज यही कि मांस-मछली, अंडा-मुर्गी नहीं खाएं। घंटे-दो घंटे पर अपने हाथों को साबुन से धोएं। मास्क पहनें। डब्ल्यूएचओ की टीम चीन पहुंच चुकी है और दुनिया के देशों को अलर्ट भी कर दिया है।