Coronavirus from wuhan to India

डब्ल्यू.एच.ओ.ने किया चीन के कोरोना वायरस को वैश्विक आपदा घोषित

जब चीन में जन्मे कोरोना वायरस दुनिया के 21 देशों में अपना पैर फैला लिया तब इसके कहर को देखकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने इसे वैश्विक आपदा घोषित किया। वैज्ञानिक तो यहां तक बोल गए कि लक्षण नहीं दिखने पर भी लोग कोरोना से हो सकते हैं संक्रमित…। यदि ऐसा हुआ तो चीन में फैले इस वायरस को काबू करना और भी कठिन होगा।

बता दें कि ताजे रिपोर्ट के अनुसार चीन में इस खतरनाक वायरस से मरने वालों की संख्या 213 हो गई है तथा लगभग 9699 लोगों में संक्रमण की पुष्टि भी की गई है। इस वायरस के खतरे के मद्देनजर चीन से भारतीय नागरिकों को वापस लाने के लिए भारतीय वायुयान का 423 सीटों वाला B-747 विमान शुक्रवार (यानि 31 जनवरी) को दिल्ली से 1 बजकर 20 मिनट पर वुहान हवाई-अड्डे के लिए रवाना हुआ जिसमें 5 डॉक्टर और एक पारा-मेडिकलकर्मी की टीम भी तैनात की गई। इस विमान द्वारा चीन के वुहान से लगभग 400 भारतीयों को भारत लाया जाएगा। आने वाले भारतीयों की जांच एवं देखभाल हेतु भारतीय सेना ने बड़ी तैयारी की है। आईटीबीपी ने दिल्ली में 600 बिस्तरों वाला अलग केंद्र तैयार किया है जहां डॉक्टरों की एक टीम तैयार रहेगी।

इसी दरमियान चीन के वुहान में एक व्यक्ति की सड़क पर चलते-चलते मौत हो जाने से सारी दुनिया कोरोना से कांप उठी। रूस समेत कई देशों ने चीन से लगी अपनी सीमा के कई हिस्सों को शील कर दिया है। कोरोना के खौफ के कारण एक करोड़ से ज्यादा आबादी वाली वुहान शहर खाली और वीरान हो गया है। सिनेमा हॉल, होटल एवं रेस्टोरेंट सभी खाली और सुनसान पड़े हैं। भयाक्रांत होकर कई देशों ने समेटने लगा है अपना बोरिया-बिस्तर। चीन खतरे में पड़ गया है आजकल। इसलिए तो चीन अब बोलने लगा है कि दुनिया के सभी देश जिम्मेदार ढंग से पेश आएं… कोई बढ़ा चढ़ाकर प्रतिक्रिया ना दें।

चलते-चलते यह भी जान ले कि जब तक कोरोना वायरस से लड़ने वाली और उसे समाप्त करने वाली सटीक दवा सामने नहीं आती है तब तक इस वायरस को पराजित करने के बाबत समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने संसार के सभी देशों के नर-नारियों से यही कहा कि सबसे पहले तो लोग अपने अंदर के भय के भूत को भगावें। संयमित जीवन के साथ-साथ शाकाहारी भोजन लें। मन के संकल्प शक्ति को ऊंचाई दें। मन को विकृत नहीं होने देने की सलाह देते हुए तत्काल दवाई के रूप में डॉ.मधेपुरी ने अपनी दो पंक्तियां आपके सेवार्थ प्रेषित की है-

पहले होता यह मन विकृत

तब तन को रोग पकड़ता है…।

 

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