बिहार के विकास प्रिय मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जल-जीवन-हरियाली यात्रा के तहत प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों का चरणबद्ध दौरा करते हुए रविवार 5 जनवरी को सिंहेश्वर स्थान के गौरीपुर में जागरूकता सम्मेलन के दरमियान विशेष रूप से नारी सशक्तिकरण एवं प्रत्येक पंचायत में बेटियों के लिए हाई स्कूल खोलने…… आदि की चर्चाएं की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सेवा में 35% आरक्षण से महिलाओं का मनोबल बढ़ा है।
बता दें कि मुख्यमंत्री ने अपने मित्र ललन सर्राफ एमएलसी के घर ठहर कर सोमवार को अररिया-कटिहार की यात्रा पर निकलने से पूर्व पार्टी कार्यकर्ताओं व नेताओं से बुके-माला स्वीकारते हुए विदा लेने वाले थे कि जदयू के वरिष्ठ नेता व समाजसेवी प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने सीएम से मिलने के दौरान यही कहा-
“यह वही मधेपुरा है श्रीमन् ! जहाँ वर्षों पूर्व यहीं के एक डॉक्टर अपनी धर्मपत्नी को स्कूटर पर बिठा कर क्लीनिक ले जा रहे थे….. तो नजर पड़ते ही लोग एक-दूसरे से कहने लगे कि देखिए महिला स्कूटर पर बैठी है….. परंतु, जब आपके द्वारा स्कूली लड़कियों के बीच साइकिल-पोशाक वितरण योजना लागू किया गया तो ऐसी ‘सामाजिक क्रांति’ आई कि आज मधेपुरा में लगभग एक दर्जन महिलाएं कार एवं सैकड़ों लड़कियां स्कूटर व स्कूटी चलाती हैं। आपका यह ‘जल-जीवन-हरियाली’ योजना भी एक दिन ‘ग्लोबल रिवॉल्यूशन’ लाएगा।”
आगे डॉ.मधेपुरी ने मनीषी भूपेन्द्र नारायण मंडल को संदर्भित करते हुए कहा कि उनके कथनानुसार अच्छे काम करने वालों के समक्ष कम से कम शब्दों में उनकी प्रशंसा अवश्य होनी चाहिए ताकि उनके द्वारा अच्छे काम करने वाले ‘संकल्प’ को बल मिले और उनकी अनुपस्थिति में समाज के सामने उनकी प्रशंसा विस्तार से होनी चाहिए। लगे हाथ डॉ.मधेपुरी ने सीएम नीतीश कुमार से कहा कि एक दिन कबल उन्होंने तुलसी पब्लिक स्कूल के वार्षिकोत्सव के उद्घाटन के क्रम में अपने संबोधन में बच्चों को नए वर्ष की शुभकामनाएं देते हुए यही कहा था कि नए वर्ष में बुरी आदतों का परित्याग करो और अच्छी आदतों को अपनाओ….. सुबह उठते ही ब्रश-पेस्ट मुंह में लेकर नल खुला छोड़ देना बुरी आदत है और टेप बंद कर बूंद-बूंद पानी बचाना अच्छी आदत है जिसके निमित्त प्रदेश के मुखिया नीतीश कुमार सिंहेश्वर में लोगों को जागरूक करने गए हुए हैं। हमें 19 जनवरी को जल-जीवन-हरियाली की सफलता हेतु वृहत् मानव श्रृंखला बनानी है।
चलते-चलते यह भी बता दें कि मुख्यमंत्री के इतने व्यस्त कार्यक्रमों से घिरे रहने के बावजूद डॉ.मधेपुरी की बातों को वे इसलिए ध्यानमग्न होकर सुनते रहे कि मौसम खराब होने के कारण हेलीकॉप्टर नहीं उड़ पाने की सूचना जिला प्रशासन के आलाधिकारियों द्वारा उन्हें हर पल दी जा रही थी। अंतत: मौसम में सुधार नहीं होते देख मुख्यमंत्री ने सड़क मार्ग से ही आयोजित जनसभा को संबोधित करने हेतु मधेपुरा को अलविदा कहते हुए एक घंटे विलंब से अररिया के लिए प्रस्थान किया।