दर्शन परिषद बिहार के पदाधिकारियों और आयोजन समिति द्वारा विचारोपरांत यह निर्णय लिया गया कि बिहार में होने वाले 42वें दर्शन परिषद की मेजबानी भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा करेगा। कुलपति डॉ.अवध किशोर राय ने बताया कि यह अधिवेशन केंद्र सरकार के अंतर्गत संचालित भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा संपोषित है।
इस अवसर पर कुलपति डॉ.ए.के.राय ने कहा कि 20 से 22 मार्च 2020 को आयोजित होने वाले इस दर्शन परिषद के राष्ट्रीय अधिवेशन का मुख्य विषय रखा गया है- शिक्षा, समाज एवं संस्कृति। कुलपति डॉ.राय ने बताया कि शिक्षा, समाज एवं संस्कृति में गहरा संबंध है जिनके विभिन्न आयामों पर विचार करना ही इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य है।
बता दें कि आयोजन समिति के सचिव विश्वविद्यालय के पीआरओ डॉ.सुधांशु शेखर ने बताया कि इस अवसर पर एक स्मारिका का प्रकाशन किया जाएगा। इसके लिए महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान, सहित अनेक गणमान्यों व शिक्षाविदों के शुभकामना संदेश प्राप्त हो चुके हैं। डॉ.शेखर ने मीडिया को बताया कि कई विश्वविद्यालयों के विद्वानों के शोध-आलेख एवं शोध-सार प्राप्त हो रहे हैं। आगामी नव वर्ष 2020 के 1 मार्च तक प्राप्त शोध परक आलेखों को परिषद की शोध पत्रिका “दार्शनिक अनुगूंज” में निशुल्क प्रकाशित किए जाएंगे।
चलते-चलते यह भी बता दें कि 35 वर्षों से कम उम्र वाले शोधार्थियों द्वारा पढ़े जाने वाले श्रेष्ठ पांच आलेखों पर जेएन ओझा स्मृति युवा पुरस्कार एवं पांच अन्य को डॉ.विजयश्री स्मृति युवा पुरस्कार एक-एक हजार रुपए के…… तथा सर्वश्रेष्ठ आलेख पर प्रो.एस.एल.तातेड़ द्वारा ₹2000 के पुरस्कार दिए जाएंगे।