मधेपुरीयन होली में प्रेम और भाईचारे का अद्भुत संगम

मधेपुरा में होली के दिन शिक्षाविद् डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी के निवास ‘वृंदावन’ में हिंदू-मुस्लिम एवं अगड़े-पिछड़े सबों ने मिलबैठ कर होली मनाई। सामाजिक न्याय के पुरोधा बीपी मंडल के पिताश्री समाज सुधारक व स्वतंत्रता सेनानी रासबिहारी लाल मंडल से लेकर गांधीवादी शिवनंदन प्रसाद मंडल, समाजवादी भूपेन्द्र नारायण मंडल एवं एमएलसी मोहम्मद कुदरतुल्लाह आदि ने मधेपुरा को इस प्रकार संस्कारित किया कि 14 मार्च को मधेपुरीयन होली में चारो ओर प्रेम और भाईचारे का अद्भुत संगम दिखा। इस होली मिलन में अंतरराष्ट्रीय उद्घोषक पृथ्वीराज यदुवंशी, शौकत सेवार्थ सदन के संस्थापक सामाजिक कार्यकर्ता मो.शौकत अली, वेदव्यास महाविद्यालय के संस्थापक डॉ. रामचंद्र प्रसाद मंडल, चर्चित कवि-साहित्यकार व पूर्व प्राचार्य प्रो.मणिभूषण वर्मा आदि ने अपने गुरु डॉ.मधेपुरी के चरणों पर अबीर रखा और उन्होंने सबों के माथे पर अबीर लगाकर अपने अंदर की सारी बुराइयों, ईर्ष्या, द्वेष आदि को खत्म करने तथा सदैव प्रेम व आपसी भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। सामाजिक समरसता को बरकरार रखते हुए सबों ने एक साथ होली पर बने पकवान खाकर त्योहार की मिठास को और अधिक बढ़ाया। सबों ने पुष्प की होली भी खेली।

आरंभ में सबों ने वृंदावन परिसर के पेड़ों के साथ होली खेलते हुए यही कहा कि सफाई, समरसता और पर्यावरण संरक्षण का पर्व है होली। अंत में डॉ.मधेपुरी ने रासबिहारी लाल मंडल पर लिखी अपनी पुस्तक- ‘पराधीन भारत में स्वाधीन सोच’ की एक-एक प्रति सामाजिक कार्यकर्ता मो.शौकत अली के अलावे सबों को दी। आजकल डॉ.मधेपुरी की ये पंक्तियां खूब वायरल हो रही हैं-

होली ईद मनाओ मिलकर/ कभी रंग को भंग करो मत/ भारत की सुंदरतम छवि को/ मधेपुरी बदरंग करो मत।

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