करीब बीस सप्ताह पूर्व समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने दिनांक 28 सितंबर, 2023 को तमिलनाडु के मशहूर कृषि वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन के निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ‘हिंदुस्तान’ के माध्यम से भारत सरकार द्वारा उन्हें भारतरत्न दिए जाने की मांग की थी। आज उन्हें भारतरत्न दिए जाने की घोषणा पर विशेष रूप से भारतीय किसानों के अंतर्मन में खुशियों की लहर दौड़ने लगी है। क्योंकि हरित क्रांति के जनक डॉ.एमएस स्वामीनाथन ने वर्ष 1986 में अल्बर्ट आइंस्टीन अवार्ड ऑफ साइंस एवं 1987 में संसार का पहला “वर्ल्ड फूड प्राइज”, जिसे कृषि का नोबेल प्राइज माना जाता है, प्राप्त कर संसार में भारत को गौरवान्वित किया था। उनकी बदौलत भारत अन्न के मामले में आत्मनिर्भर बनकर विदेशों को अन्न निर्यात भी करने लगा है।
किसानों को सर्वाधिक खुशी इस बात की है कि पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह को मरने के 37 वर्ष, जननायक कर्पूरी ठाकुर को 36 वर्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को मृत्यु के 20 वर्ष बाद मिलने वाला भारतरत्न सरीखे सर्वोच्च नागरिक सम्मान डॉ. स्वामीनाथन को निधन के मात्र 135 दिनों के बाद ही भारत सरकार ने दिया, इसके लिए मोदी सरकार को डॉ.मधेपुरी ने साधुवाद दिया है। साथ ही डॉ.मधेपुरी ने भारत को परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में संपूर्ण विश्व में शिखर तक पहुंचाने वाले एवं “एटम फॉर पीस” के अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन की अध्यक्षता करने हेतु जिनेवा जाने के क्रम में 1962 के ‘एयर क्रैश’ में अपने प्राण की आहुति देने वाले डॉ. होमी जहांगीर भाभा को भी भारतरत्न सरीखे सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किए जाने की मांग मोदी सरकार से की है।