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विश्व जनसंख्या दिवस-2021, पर जागरूक करें लोगों को

पृथ्वी का क्षेत्रफल तो यथावत है,स्थिर है, बढ़ नहीं रहा है। परन्तु, पृथ्वी के सभी देशों में लोगों की जनसंख्या  बेतरह बढ़ती जा रही है। लोगों को कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। फलस्वरूप जनसंख्या को नियंत्रित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा 1989 के 11 जुलाई से विश्व जनसंख्या दिवस की शुरुआत की गई , क्यांकि 1987 में दुनिया की जनसंख्य 5 अरब हो गई थी।

बता दें कि भारत मे जनसंख्या विस्फोट ने हमारे विकास को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। जितनी बड़ी जनसंख्या उतनी अधिक समस्याएँ । चाहे विश्व या भारत की जनसंख्या हो, तेजी से विकास करने के लिए जनसंख्या पर नियन्त्रण करना जरूरी है।

जानिए कि विश्व की जनसंख्या 1 अरब तक पहुंचने में हजारों वर्ष लगे, परन्तु बाद के दो सौ वर्षों में ही आबादी 7 अरब को भी पार कर गई । विश्व में इतनी आबादी के लिए संसाधन नहीं है, इसलिए जनसंख्या नियन्त्रण परम आवश्यक हो गया है। तभी तो ‘ हम दो-हमारे दो ‘ से लेकर गर्भ निरोधक दवाओं के इस्तेमाल और लैंगिक समानता जैसे सभी गम्भीर विषयों पर विमर्श होता रहा है। भला क्यों नहीं, कोविड-19 हमें बढ़ी हुई आबादी के दुष्परिणामों को अच्छी तरह समझा दिया, इसलिए जनसंख्या प्रबन्धन न सिर्फ देश बल्कि समस्त विश्व के लिए जरूरी हो गया है।

चलते-चलते यह भी कि समाजसेवी शिक्षाविद डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने विश्व जनसंख्या दिवस पर यही कहा  कि सभी राज्य यूपी के नक्शे कदम पर चलकर अपने संसाधनों के अनुरूप विकास करें और जनसंख्या पर नियंत्रण करने हेतु जागरूकता बढ़ाएं, कानून बनाएँ या केन्द्र को कानून बनाने हेतु अनुरोध करें।

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दुनिया में आबादी को लेकर क्या हो रहा है ?

जहां दुनिया के इन देशों – चीन, अमेरिका, जापान , इटली और रूस में घटती आबादी से निपटने के प्रयास हो रहे हैं,वहीं कई देशों में तो ये प्रयास बेअसर भी हो रहे हैं। कहीं –  कहीं तो बच्चे के जन्म होने पर उस परिवार को इंसेंटिव दिये जाते हैं।
बता दें कि चीन का ग्रोथ रेट फिलहाल न्यूनतम स्तर 0.53 पर आ गई है जबकि वहाँ “एक संतान नीति” को 2016 में ही खत्म कर दिया गया था। फिर दो संतान नीति भी बेअसर रहा। अब तो वहाँ तीन बच्चों को जन्म देने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

जानिए कि अमेरिका में 1920 के बाद आबादी की रफ्तार न्यूनतम स्तर पर रही जो 2020 में प्रयास करते रहने पर 35% पर ठहर गयी है। वहीं जापान में के सदी के अन्त तक 12 करोड़ से घटकर 5 करोड़ पर आबादी ठहर जाने वाली है।

यह भी कि यूरोप के इटली की आबादी 6 करोड़ से घटकर 2 करोड़ पर ठहरने वाली है जहाँ फर्टिलिटी रेट 1 .3 है। वहीं बच्चों के जन्म पर लगभग एक लाख का इंसेंटिव दिया जाता है। रूस में भी काफी समय से आबादी बढ़ाने के प्रयास हो रहे हैं।

जानिए कि दुनिया के 23 देशों की कुल आबादी आज की तुलना में आधी हो जाने का अनुमान है। यहां तक कि दुनिया के सबसे सघन आबादी वाले हे हांगकांग के रिचलैंड गार्डन क्षेत्र की आबादी भी पहली बार घटी है।

बावजूद इसके भारत की आबादी 2048 तक शीर्ष पर होने की चर्चा है,क्योंकि भारत के 9 राज्यों में फर्टिलिटी रेट अभी भी 2 से अधिक है। बिहार में तो यह दर सबसे ज्यादा 3.23 है तथा यूपी में यह दर 2 .76 है। हाॅ ! भारत में एक दर्जन ऐसे भी राज्य हैं जहाँ जन्मदर 2 से कम है। ज्यादा मुस्लिम जनसंख्या वाले राज्यों में भी प्रजनन दर कम है।

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टोक्यो ओलंपिक खेलों के लिए 26 सदस्यीय भारतीय टीम की घोषणा

टोक्यो में 31 जुलाई से 9 अगस्त तक चलने वाली ओलंपिक में एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं के लिए भारतीय एथलेटिक्स महासंघ ने 26 सदस्यीय पुरुष व महिला टीमों की घोषणा कर दी है।

बता दें कि भारतीय एथलेटिक्स महासंघ के अध्यक्ष एजे सुमारिवाला ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए यही कहा है कि भारत के लिए यह सर्वाधिक महत्वपूर्ण बात है कि एक दर्जन एथलीटों के साथ-साथ हमारी 4X400 मीटर मिश्रित रिले टीम ने खुद ही ओलंपिक टिकट कन्फर्म करने हेतु विश्व एथलेटिक्स द्वारा निर्धारित प्रवेश मानकों को हासिल कर लिया है।

यह भी जानिए कि दुति चंद (महिला 100मी, 200 मी.), एम पी जाबिर (पुरुष ५०० मी.बाधा दौड़), गुरप्रीत सिंह (पुरुष 50 कि.मी रेस वॉक ) तथा अन्नू रानी (महिला, भाला फेक) को उनकी रेकिंग के आधार पर ही ओलंपिक टिकट प्राप्त हुआ है।

चलते-चलते यह भी जान लीजिए कि क्रिकेट के भगवान और भारतरत्न सचिन  तेंदुलकर ने ओलंपिक में हिस्सा लेने जा रहे भारतीय खिलाड़ियों की हौसला अफजाई की है तथा टोक्यो ओलंपिक में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने के लिए शुभकामनाएं भी व्यक्त की है।

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कोविड-19 टीका नहीं लेने वालों के बीच डेल्टा वेरिएंट संक्रमण में तेजी

विश्व स्वास्थ संगठन के निदेशक ने दुनिया के सभी देशों को आगाह करते हुए कहा है कि आने वाले हफ्तों में डेल्टा वेरिएंट समस्त संसार में सबसे हावी स्वरूप धारण कर लेगा। उन्होंने कहा कि डेल्टा स्वरूप के मामले 100 से अधिक देशों में प्रकट हो चुके हैं।

बता दें कि कोविड-19 एपिडेमियोलॉजिकल अपडेट में यही कहा गया कि वायरस के स्वरूप का पता लगाने के लिए जिनोम सीक्वेंसिंग क्षमताएं सीमित हैं। दुनिया के अनेक देशों ने यह कहा है कि डेल्टा वेरिएंट के कारण वहां कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं तथा अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या में भी तेजी से वृद्धि हो रही है।

चलते-चलते यह भी जानिए कि डब्ल्यूएचओ के अनुसार कोरोना केे अब तक जितने भी स्वरूप की पहचान हुई है उनमें डेल्टा सबसे अधिक संक्रामक है, सबसे अधिक खतरनाक है। यह डेल्टा संक्रमण उन लोगों में तेजी से फैल रहा है जिन्हें कोविड रोधी टीका नहीं लगा है।

मौके पर समाजसेवी-शिक्षाविद डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने इस खतरनाक डेल्टा संक्रमण से बचने के लिए सबों से अनुरोध किया है कि वे कोविड-19 का टीका लेने में आनाकानी ना करें… अविलंब टीका ले लें और “दो गज दूरी, मास्क है जरूरी” को दिनचर्या का हिस्सा बना लें तथा दिन भर में दर्जनों बार हाथों को साबुन से साफ करते रहें। इम्यूनिटी बढ़ाने के उपाय भी करते रहें।

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केवल 10 सेकंड काफी है कोरोनावायरस वेरिएंट से संक्रमित होने के लिए

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के महामारी एवं संक्रमण रोग के विशेषज्ञ रमण गंगा खेड़कर ने कोरोनावायरस के डेल्टा प्लस को भी चिंता का विषय बताया है। उन्होंने कहा कि डेल्टा वेरिएंट का संक्रमण तेजी से फैल रहा है, क्योंकि यह वैरीअंट ऑफ कंसर्न है और डेल्टा प्लस को भी वैरीअंट ऑफ कंसर्न मानना होगा।

बता दें कि खेड़कर ने आगे यही कहा कि डेल्टा प्लस शरीर की एक कोशिका से दूसरी कोशिका में आसानी से जा सकता है। यदि डेल्टा प्लस हमारे मस्तिष्क में प्रवेश कर जाता है तो परिणाम कितने घातक होंगे उसकी केवल कल्पना ही की जा सकती है।

जानिए कि कोरोना के डेल्टा प्लस वेरिएंट से संक्रमित मरीज के साथ मात्र 10 सेकंड की नजदीकी भी आपको इसकी चपेट में ला सकती है। भारत में मिले इस डेल्टा वेरिएंट के पूर्व में दुनिया के 95 से अधिक देशों में बड़े पैमाने पर फैल जाने के कारण एक बार फिर से विश्व तालाबंदी की ओर बढ़ने लगा है।

चलते-चलते डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ सावधानी की अपील के साथ ऑस्ट्रेलिया के स्वास्थ्य विभाग ने यह दावा किया है कि यह संक्रमण इंडोर शॉपिंग मॉल में एक-दूसरे के पीछे चलने वाले लोगों के बीच लगभग 10 सेकंड की नजदीकी पर ही तेजी से फैल जाता है। मौके पर समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने दुनिया के लोगों से विनम्र निवेदन करते हुए यही कहा है कि “दो गज दूरी, मास्क है जरूरी” को जीवन का कवच-कुंडल मानें।

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कोरोना के कारण दुनिया के कई देशों में आॅनलाइन शिक्षा का अनुभव खराब रहा

दुनिया के सर्वाधिक देशों में ऑनलाइन एजुकेशन का अनुभव खराब व अत्यंत निराशाजनक रहा है। दुनिया के जापान, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देशों में सौ के स्केल पर रिमोट लर्निंग के प्रभावी होने के अंक 33%, 46% और 49 % हैं तो भारत कहाँ होगा जहाँ शिक्षा पर रोज-रोज नये प्रयोग होते रहे हैं। जहां बच्चों को स्कूली शिक्षा की ओर आकर्षित करने के लिए मिडडे मील (मध्याह्न भोजन) योजना लागू की जाती है।

बता दें कि मैसाचुसेट्स टेक्नोलॉजी इंस्टीट्यूट की टीचिंग सिस्टम्स लैब के जस्टिन रिच यही बताते हैं कि कोरोना के कारण अमेरिका के अधिकतर परिवारों के लिए ऑनलाइन पढ़ाई निराशाजनक रही।

यह भी जानिए कि कोरोना काल मे मार्च 2021 तक इंग्लैंड में प्राइमरी स्कूलों के छात्रों की पढ़ाई आॅनलाइन के चलते कई महीने पिछड़ गए । नीदरलैंड से यही जानकारी दी गई कि कोरोना काल के पहले छह महीनों में रिमोट लर्निंग के आठ सप्ताहों में बच्चों ने कुछ भी नया नहीं सीखा है। कम पढ़े-लिखे माता-पिता ने बच्चों की सीखने की क्षमता 50% तक ही रही । कुछ लोग मानते हैं कि ऑनलाइन लर्निंग से कुछ होशियार छात्रों को फायदा हुआ है।

चलते-चलते यह जानिए कि समाजसेवी-शिक्षाविद डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने कहा कि जहाँ उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्रों के लिए ऑनलाइन लर्निंग बेहतर साबित होगा, वहीं बच्चों को गुरु के साथ रहने पर ही बेहतर शिक्षा मिलेगी।

 

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पेरिस में हो रहे आर्चरी वर्ल्ड कप में भारत को मिला तीन गोल्ड मेडल

पेरिस में चल रहे आर्चरी (तीरंदाजी) के वर्ल्ड कप स्टेज 3 टूर्नामेंट में भारत ने रविवार को 3 गोल्ड मेडल जीते । भारत के नाम अब तक 4 गोल्ड मेडल हो गये हैं।

बता दें कि दीपिका ने एक दिन में भारत को तीन गोल्ड मेडल दिलाए । दीपिका ने पहले पति अतनु दास के साथ मिलकर तीरंदाजी के मिक्स्ड इवेंट में गोल्ड पर निशाना साधा। साथ ही पति-पत्नी की जोड़ी ओलंपिक के लिए क्वालिफाई भी कर चुकी है तथा दोनों से प्रत्येक भारतीय टोकियो ओलंपिक में गोल्ड जीतने की उम्मीद लगाए बैठे हैं।

पुन: । दीपिका के नेतृत्व में भारतीय महिला टीम ने एक गोल्ड जीता। इस टीम में अंकिता  और कोमोलिका शामिल रही। टीम इवेंट में भारत ने मेक्सिको को पराजित कर गोल्ड जीता।

अंत में दीपिका ने व्यक्तिगत इवेंट में भी एक गोल्ड पर कब्जा कर लिया। इस बार दीपिका रूस की एलिना को शिकस्त दी। इस तरह एक दिन में ही तीन गोल्ड मेडल भारत के लिए जीतने वाली दीपिका से ओलम्पिक में भी ऐसे ही अद्भुत प्रदर्शन की उम्मीद हमें है।

चलते चलते यह भी जानिए कि एक दिन बाद यानि 30 जून को अतनु-दीपिका अपना प्रथम मैरिज एनिवर्सरी मगाएँगे और सभी भारतवासी यही कहेंगे—
“यह अतनु- दीपिका की जोड़ी एक दूसरे के लिए बनी है। ईश्वर इस जोड़ी को लम्बी आयु का वरदान दें।”

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भारत में पीएम रहे मनमोहन के कोरोना संक्रमित हुए, सुनते ही ब्रिटिश प्रधानमंत्री का भारत दौरा रद्द

आरबीआई के गवर्नर तथा अर्थशास्त्र के ज्ञाता भारत में लंबे अर्से तक प्रधानमंत्री रह चुके मनमोहन सिंह कोरोना की दूसरी लहर के दौरान संक्रमित हो गए हैं। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को सोमवार को एम्स में भर्ती कराया गया।

बता दें कि 88 वर्षीय श्री सिंह को बेहतर इलाज हेतु एम्स के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है। ट्राॅमा सेंटर को “कोविड उपचार केंद्र” के तौर पर इस्तेमाल किया जा रहा है। आरंभ में उन्हें हल्का बुखार था, बाद में जांच के क्रम में कोरोना संक्रमित होने की पुष्टि की गई। यह भी कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी कोरोना वायरस से संक्रमित होने की जानकारी दुनिया को दी।

जानिए कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन द्वारा अगले सप्ताह भारत की यात्रा पर आने की सहमति दी जा चुकी थी। परंतु, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि ऐसे दिग्गज नेताओं के कोरोना संक्रमित होने के मद्देनजर ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन फिलहाल भारत यात्रा पर नहीं आएंगे।

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रमजान है इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना

चांद का हुआ दीदार, पहला रोजा आज। 14 अप्रैल से शुरू हुआ रोजा। इस पर्व में इबादत से राजी होकर खुदा बेपनाह रहमते बरसाता है। यह पर्व मुस्लिम समुदाय के लिए अहम माना जाता है। इसे उपवास और इबादत करने का एक पवित्र महीना माना जाता है।

बता दें कि रमजान को माह-ए-रमजान भी कहा जाता है। इस पूरे महीने अल्लाह की सच्चे मन से इबादत की जाती है। इस महीने में रोजे रखने के अलावा रात में तरावीह की नमाज पढ़ी जाती है। सुबह सेहरी करके रोजा शुरू किया जाता है तथा शाम को इफ्तार के साथ रोजा खोला जाता है। जानिए कि सेहरी और इफ्तार का समय निश्चित होता है।

चलते-चलते यह भी जानिए कि रमजान के महीने को तीन भागों में बांटा गया है। प्रथम 10 रोजों में रहमतों का दौर होता है और दूसरे 10 रोजों में माफी का एवं अंतिम 10 रोजे जहन्नुम की आग से बचाने के लिए होता है। परंतु, इस बार कोरोना की नई लहर के कारण सामूहिक नमाज- इफ्तार से सभी परहेज कर रहे हैं…. क्योंकि कुरान-ए-पाक में वतन से मोहब्बत करने का हुक्म है।

 

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रूसी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-बी के इस्तेमाल हेतु भारतीय विशेषज्ञों ने दी मंजूरी

भारत में कुछ दिनों से भारतीय सिरम इंस्टीट्यूट की “कोविशिल्ड” एवं भारत बायोटेक की “कोवैक्सीन” का इस्तेमाल कोरोना टीकाकरण के रूप में किया जा रहा है।

हाल-फिलहाल रूसी कोरोना वैक्सीन स्पूतनिक-बी के आपातकालीन इस्तेमाल को भारतीय ड्रग कंट्रोलर जनरल की विषय विशेषज्ञ समिति ने मंजूरी दे दी है। जब फार्मास्यूटिकल कंपनी डॉ.रेड्डीज लैबोरेट्रीज ने सात दिन कबल रूसी कोरोना स्पूतनिक-बी के भारत में इस्तेमाल की लिखित मंजूरी हेतु आवेदन दिया तो विषय विशेषज्ञ समिति ने स्वीकार कर लिया।

अतः भारत में कोरोना की बढ़ रही दूसरी लहर से मुकाबला करने के लिए भारत में अब तीन प्रकार के वैक्सीन उपलब्ध हैं। समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र  मधेपुरी ने भारत वासियों से अनुरोध किया है कि वैक्सीन अवश्य लें, परंतु मास्क भी पहने और दूरी बना कर रहें तथा साबुन से हाथ धोते रहें।

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