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सिंधु ने टोक्यो- 2020 ओलंपिक में पुनः जीता पदक

टोक्यो ओलंपिक- 2020 में भारत की बेटियों ने कमाल कर दिखाया। ओलंपिक पदक तालिका में सर्वप्रथम वेटलिफ्टिंग में मीराबाई चानू ने सिल्वर और फिर बैडमिंटन में पीवी सिंधु ने कांस्य पदक जीतकर भारत का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित कराया और भारतीय तिरंगा को भी गौरवान्वित किया। जहाँ चानू ने चांदी की चमक से भारत का नाम चमकाया, वहीं सिंधु ने कांस्य पदक जीतकर भी भारतीय खेल प्रेमियों को निराश ही किया।

बता दें कि टोक्यो- 2020 में पीवी सिंधु का डबल धमाका तो हुआ सही, क्योंकि इससे पहले वाले रियो ओलंपिक में सिंधु भारत को सिल्वर पदक दिलाने में सफल हुई थी और इस बार के टोक्यो- 2020 में उसने भारत को ओलंपिक में कांस्य पदक देकर ही गौरवान्वित किया।

जानिए कि पीवी सिंधु ने इतिहास तो सही में रचा, परंतु संपूर्ण भारत सिंधु से गोल्ड की आशा लगाए बैठा रहा था। सिंधु के पिताश्री की भी यही तमन्ना थी, तभी तो उन्होंने पूछे जाने पर बस इतना ही कहा- “आइसक्रीम से मुझे परेशानी नहीं….. परंतु, वजन तो कंट्रोल में रखे……!”

मौके पर समाजसेवी-शिक्षाविद् डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने समस्त भारतीय खेल प्रेमियों से सकारात्मक सोच को बढ़ाते रहने का विनम्र अनुरोध करते हुए यही कहा कि पीवी सिंधु रियो ओलंपिक में सिल्वर और टोक्यो- 2020 में ब्रोंज मेडल जीती है….. अब अगले ओलंपिक के लिए तो बचा है केवल ‘गोल्ड’….. वह जीत कर भी भारतीय तिरंगा को ऊंचाई प्रदान करेगी बशर्ते हमारा विश्वास….. और आत्मविश्वास बना रहे।

अंत में डॉ.मधेपुरी ने खेल प्रेमी बच्चे-बच्चियों से यह भी कहा कि पुसर्ला वेंकट सिंधु का जन्म पिता पी वी रमन एवं माता पी विजया के घर हैदराबाद (तेलंगाना) में 5 जुलाई 1995 को हुआ था। सिंधु के माता-पिता वॉलीबॉल खिलाड़ी रह चुके हैं। सिंधु ने मात्र 8 वर्ष की उम्र से ही बैडमिंटन खेलना शुरू कर दिया था। सिंधु के गुरु आरंभ में महबूब अली और बाद में गोपीचंद रहे हैं। सिंधु के खेल के प्रति समर्पण इस बात से आँकी जा सकती है कि कोचिंग कैंप सिंधु के घर से 56 किलोमीटर दूर होने के बावजूद भी वे रोज समय पर आ जाती थी…।

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वृंदावन में मनी मुंशी प्रेमचंद की 142वीं जयंती

मधेपुरा के समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने अपने निवास वृंदावन में हिन्दी एवं उर्दू के सर्वाधिक लोकप्रिय उपन्यासकार, कहानीकार एवं विचारक मुंशी प्रेमचंद की 142वीं जयंती कथाकारों, कवियों व चन्द बच्चों के साथ मनाई।

डॉ.मधेपुरी ने इस अवसर पर मौजूद बच्चों को जानकारी देते हुए कहा कि 1880 के 31 जुलाई को (लमही) वाराणसी में पिता मुंशी अजायब राय और माता आनंदी देवी के घर जन्म लिया एक बालक जिसका नाम था धनपत राय, जो बाद में कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद के नाम से विश्व प्रसिद्ध हुए। उनके बचपन के 4 वर्ष गोरखपुर में बीते। बड़े होने पर उन्होंने महात्मा गांधी के प्रभावशाली भाषण को सुनकर 1921 में असहयोग आंदोलन का हिस्सा बनकर स्वतंत्रता संग्राम में कूद पड़े। आजादी मिलने से पूर्व ही 8 अक्टूबर 1936 को वाराणसी में उनका निधन हो गया।

अन्त में डॉ.मधेपुरी ने यही कहा कि तुलसीदास के बाद सबसे अधिक पढ़े जाने वाले साहित्यकार मुंशी प्रेमचंद  हैं। कथा सम्राट प्रेमचंद की रचनाओं पर आधारित फिल्में- हीरा मोती, शतरंज के खिलाड़ी, मजदूर, गोदान आदि उनके यश को दूर-दूर तक संसार के कोने-कोने में फैलाती रहेगी।

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कोरोना वायरस वैक्सीन लगवाने हेतु कई देशों द्वारा रोलेक्स घड़ी, टेस्ला कार व ₹10 करोड़ के फ्लैट का ऑफर

जब  विश्व में कोविड-19 रोल आउट हुई, वैक्सीन लगवाने के लिए फ्लाइट का टिकट, आईफोन, वर्ल्ड टूर या मुफ्त में बीयर जैसी ऑफर रखे गए थे। फिलहाल तो दुनिया के कई देश अपने लोगों को वैक्सीन लगवाने के लिए करोड़ों का ऑफर दे रहे हैं।

बता दें कि अमेरिका, ब्रिटेन और रूस को पछाड़कर हांगकांग दुनिया में सर्वाधिक महँगे ऑफर देने वाला देश बन गया है। हांगकांग विश्व का ऐसा देश है जो कोरोना वायरस वैक्सीन लेने के लिए रोलेक्स की घड़ी, टेस्ला इलेक्ट्रिक कार, सोने की ईंट और ₹10 करोड़ का अपार्टमेंट देने की घोषणा की है। विजेताओं का चुनाव लॉटरी के जरिए होगा। इस लाटरी की घोषणा से वैक्सीन लगवाने वालों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी हुई है।

 

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खेल के सबसे बड़े मेले ओलंपिक की मेजबानी करने वाले टोक्यो में कोरोना संकट गहराया

जापान की राजधानी टोक्यो में इन दिनों विश्व का सबसे बड़ा खेल मेला लगा हुआ है। इस ओलंपिक खेल मेले को 2020 में होना था लेकिन कोरोना वायरस के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। अब 2021 में इसे 23 जुलाई से 8 अगस्त तक आयोजित किया गया है।

बता दें कि स्टेडियम में दर्शकों की इंट्री पर रोक लगा दी गई है। खेल के कोच एवं खिलाड़ी भी कोरोनावायरस का पालन करते हुए देखे जा रहे हैं। खेलों के बाद खिलाड़ी को भी मास्क पहनते देखा जा रहा है।

फिर भी टोक्यो में 6 माह से ज्यादा समय बाद बीते 24 घंटे में कोरोना के रिकॉर्ड 2848 नए केस पाए गए हैं। कोरोना के दैनिक मामले ऐसे समय में बढ़ रहे हैं, जब यह टोक्यो शहर ओलंपिक खेलों की मेजबानी कर रहा है।

कोरोना विशेषज्ञ ने आगाह किया है कि 23 जुलाई (शुक्रवार) से शुरू हुए ओलंपिक खेलों के दौरान डेल्टा वेरिएंट के चलते कोरोना का कहर बढ़ सकता है। फिलहाल युवाओं एवं वैक्सीन नहीं लगाने वाले लोगों में संक्रमण बढ़ रहा है। इन दिनों टोक्यो के अस्पतालों में करीब 3000 कोरोना मरीज भर्ती हैं जिनकी संख्या निरंतर बढ़ रही है। क्योंकि, अभी तक जापानियों का टीकाकरण 25% ही पूरा हो पाया है।

यह भी जान लीजिए कि दो बार कोरोना संक्रमित हुए ब्रिटेन के स्विमर टॉम डीन ने पुरुष 200 मीटर फ्रीस्टाइल इवेंट में ओलंपिक गोल्ड मेडल जीता। 21 वर्षीय डीन ने इस दूरी को तय करने में 1 मिनट 44.22 सेकंड का समय लिया।

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टोक्यो- 2020 में भारतीय बेटियों का जलवा जारी

टोक्यो- 2020 ओलंपिक के तीसरे दिन विश्व के सबसे बड़े खेल मेले में भारत की बेटियां छाई रही। पीवी सिंधु, एमसी मैरीकॉम एवं मनिका बत्रा ने भारत की बेटियों को अपनी बेहतरीन हुनर से खूब प्रोत्साहित की हैं।

बता दें कि मुक्केबाजी में मैरीकॉम और बैडमिंटन में पीवी सिंधु, ने दमदार आगाज करते हुए अपने-अपने मुकाबले आसानी से जीत लिए। भारत की खेल प्रेमी बेटियों को भरपूर प्रेरणाएं देती रही मैरीकॉम एवं सिंधु ने।

टेबल टेनिस स्टार मनिका बत्रा ने निराशा को आशा में बदल दिया और दमदार वापसी करते हुए उसने तीसरे दौर में जगह बना ली है। टीवी पर मनिका बत्रा का खेल देखते हुए क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले भारतरत्न सचिन तेंदुलकर ने कहा- “मनिका ने क्या शानदार वापसी की।”

चलते-चलते यह भी जानिए कि पीवी सिंधु का अगला मुकाबला 27 जुलाई को हांगकांग की सीए यी से होगी वहीं मैरीकॉम का अगला मुकाबला 29 जुलाई को कोलंबिया की वालेसिया विक्टोरिया से होगी।

 

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चानू ने चांदी की चमक से चमकाया भारत का नाम

दुनिया के सबसे बड़े खेल मेले “टोक्यो ओलंपिक- 2020” में मणिपुर की रहने वाली मीराबाई चानू ने 24 जुलाई को संपन्न हुए वेट लिफ्टिंग प्रतिस्पर्धा में सिल्वर मेडल जीतकर देश का नाम पदक तालिका में अंकित कराने का गौरव प्राप्त किया।

जानिए कि टोक्यो ओलंपिक- 2020 में 49 किलोग्राम के महिला वर्ग में प्रथम दिन ही सिल्वर मेडल जीतकर चानू ने 135 करोड़ भारतीयों के चेहरे पर मुस्कान लाकर संपूर्ण भारतीय खेल प्रेमियों के हौसले बुलंद कर दिया है।

भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, खेल मंत्री सहित सबों ने चानू को बधाइयों का तांता लगा दिया है। मणिपुर के सीएम एन बीरेन सिंह ने कहा कि चानू ने आज देश को गौरवान्वित किया है।

बता दें कि जहां प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि समस्त भारत चानू के शानदार प्रदर्शन से उत्साहित है वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि रजत पदक जीतने पर भारत को चानू पर गर्व है। टोक्यो में बेहतर शुरुआत के लिए खेल मंत्री ने शुभ शनिवार कहा। सारा भारत जश्न मना रहा है।

चलते-चलते यह भी कि समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने सर्वाधिक चर्चित राजीव गांधी खेल रत्न से सम्मानित, वर्ल्ड चैंपियनशिप- 2017 के स्वर्ण पदक विजेता एवं कॉमनवेल्थ गेम्स- 2018 के स्वर्ण पदक विजेता रही मीराबाई चानू के टोक्यो- 2020 में पहले ही दिन सिल्वर मेडल से भारत का नाम पदक सूची में स्वर्ण अक्षरों स्वर्ण अक्षरों में अंकित कराने तथा खिलाड़ियों एवं खेल प्रेमियों को प्रोत्साहित करने हेतु उनके खेल के प्रति समर्पण को सलाम किया है।

 

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टोक्यो मिशन ओलंपिक -23 जुलाई से 8 अगस्त, 2021 तक

इस बार टोक्यो ओलंपिक मिशन के लिए 126 भारतीय खिलाड़ी पदक का दावा पेश कर रहे हैं। कुल मिलाकर 18 खेलों की अलग-अलग स्पर्धाओं में चुनौती पेश करेंगे भारतीय खिलाड़ीगण ।

बता दें कि इस मिशन ओलंपिक की टीम में सात ऐसे जांबाज खिलाड़ी हैं जो आज की तारीख में खेल की दुनिया में नम्बर वन पर है। पहलवान विनेश फोगाट, वेटलिफ्टिंग मीरा बाई चानू, बैडमिंटन में पीवी सिन्धु के अतिरिक्त दर्जन भर खिलाड़ी पदक के बड़े दावेदार हैं।

भारतीय खिलाड़ियों को भिन्न-भिन्न विधाओं में भिन्न-भिन्न तिथियों को आप इस तरह देखकर प्रोत्साहित कर सकेंगे –

(1) निशानवाजी- 24 से 27 व 30-31 जुलाई तथा 2    अगस्त को
(2)तिरंदाजी – 24, 26 एवं 31 जुलाई को
(3)टेनिस – 24 जुलाई से 01 अगस्त तक
(4)बैडमिंटन – 30 जुलाई को अवश्य देखेंगे पीवी सिन्धु को
(5)एथलेटिक्स- 31 जुलाई तथा 2,3,5,6 एवं 7 अगस्त को
(6)कुश्ती – 4 से 7 अगस्त तक (6 को फोगाट को देखें)
(7)मुक्केबाजी- 1,4,5 एवं 6 अगस्त को
(8)नौकायन – 1,2 एवं 4 अगस्त को
(9) टेबल टेनिस – 26, 29 एवं 30 जुलाई को
(10)वेटलिफ्टिंग- 24 जुलाई को अवश्य देखेंगे चानू को (11)तैराकी – 26, 27, 28 एवं 31 जुलाई को (12)घुड़सवारी- 2 अगस्त.
(13)गोल्फ -1 एवं 7 अगस्त को
(14)रोइंग – 24 जुलाई को.
(15)तलवारबाजी- 26 जुलाई को
(16)जूडो – 24 जुलाई को
(17)हॉकी पुरुष – 24,25,27,एवं 30 जुलाई को
(18)हॉकी महिला – 24, 26, 28, 30 एवं 31 जुलाई को

 

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चार साल में तीन बच्चों को जन्म देने वाली ब्रिटेन की हेलेन अब टोक्यो में गोल्ड मेडल की हैट्रिक बनाएगी

दुनिया की नम्बर वन रोवर ब्रिटेन की हेलेन ग्लोवर टोक्यो ओलंपिक खेलों मे शिरकत करनेवाली पहली ब्रिटिश माँ हैं जिन्होंने 2016 में हुए रियो ओलंपिक के बाद लेखक स्टीफन जेम्स बैकशॉल से शादी कर ली और चार सालों में तीन बच्चों की माँ बन गई । उसका पहला बेटा दो साल का है।

बता दें कि हेलेन ने सर्व प्रथम 2 012 का ओलंपिक लंदन में, दूसरा 2016 में रियो डी जनेरियो ओलंपिक में दोनों बार गोल्ड मेडल जीती । अब तीन बच्चों की 35 वर्षीय माँ हेलेन कहती है कि तीसरी बार टोक्यो में मैं पिछले दोनों ओलंपिक से अधिक उत्साह के साथ महिलाओं की कॉक्सलेस जोड़ी स्पर्द्धा में तीसरा स्वर्ण पदक जीतने जा रही हूँ।

चलते-चलते यह भी जानिए कि हेलेन कल से शुरू होने वाले टोक्यो ओलंपिक में कोई कसर छोड़ना नहीं चाहती है। हेलेन आत्मविश्वास के साथ कहती है कि इस ओलंपिक भागीदारी की हैट्रिक के साथ यहाँ मेरा गोल्ड मेडल हैट्रिक भी पूरा होगा |

 

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अफगानिस्तान में शहीद हुए भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी को श्रद्धांजलि

दो देशों के बीच गोलीबारी या मुठभेड़ की स्थिति में आमतौर पर किसी भी पत्रकार को निशाना नहीं बनाया जाता है, परंतु अफगानिस्तान में तालिबान ने जो दुस्साहस किया है दरअसल वह प्रेस या मीडिया पर निर्मम हमला है।

बता दें कि कंधार में तालिबान ने भारतीय फोटो पत्रकार दानिश सिद्दीकी को उस वक्त निशाना बनाया था जब वह अफगान सुरक्षा बलों के साथ वहां के हालात की निष्पक्ष रिपोर्टिंग कर रहे थे। समाचार एजेंसी रायटर से जुड़े शहीद दानिश पुलित्जर पुरस्कार विजेता थे।

यह भी जानिए कि इस वर्ष अभी तक अफगानिस्तान में 6 पत्रकारों की हत्या हो चुकी है, जिनमें 4 महिला पत्रकार हैं, जबकि पिछले पूरे साल में 6 पत्रकार रिपोर्टिंग करते हुए वहां शहीद हुए थे। वर्ष 2018 में वहां 16 पत्रकारों को जान गंवानी पड़ी थी। कोई संगठन पत्रकारों को इस कदर नापसंद क्यों करते हैं जबकि वह समाज को बेहतर और पारदर्शी बनाने में अपनी भूमिका निभाते हैं। शहीद दानिश सिद्दीकी सहित अफगानिस्तान में हुए सभी शहीद पत्रकारों के प्रति शोक जताते हुए भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, गृह मंत्री, रक्षा मंत्री, सूचना प्रसारण मंत्री सहित भारत के सभी संवेदनशील सुदी जनों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है।

चलते-चलते यह भी बता दें कि भारत ने 10 जुलाई को कंधार में वाणिज्य दूतावास से लगभग 50 राजनयिकों, सहायक कर्मचारियों और सुरक्षाकर्मियों को भारतीय वायुसेना की मदद से वापस बुला लिया है। परंतु, समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने कहा कि वहां पर तालिबान जो कुछ कर रहा है उस पर पूरे विश्व को ज्यादे कड़ाई से संज्ञान लेना चाहिए। साथ ही डॉ.मधेपुरी ने यह भी कहा कि जो देश तालिबान के पीछे प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से खड़े हैं, उन्हें मानवीयता के आईने में अपनी छवि को बार-बार देखनी भी चाहिए।

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ज्यादा दिनों तक स्कूल से बच्चों के दूर रहने को लेकर यूनिसेफ चिन्तित

ग्लोबल एजुकेशन मीटिंग से पहले यूनिसेफ ने बयान जारी कर कहा कि स्कूलों को खोलने के लिए हम कोरोना संक्रमण के नये मामले शून्य होने का इंतजार नहीं कर सकते | यूनिसेफ ने छात्रों व शिक्षकों के पूर्ण टीकाकरण का इंतजार करने को भी अनुचित बताया । एजेंसी ने यह भी कहा कि ज्यादा दिनों तक स्कूल से दूर रहने पर बच्चों के स्कूल लौटने की संभावना बहुत कम हो जाएगी।

बता दें कि भारत के लगभग 25 करोड़ बच्चे कमोबेश 18 महीने से स्कूली कक्षाओं से दूर रहे हैं जिससे बच्चों व किशोरों के नुकसान को कभी नहीं भरा जा सकेगा। दुनिया के करीब 170 देशों में से ज्यादातर देशों में कुछ दिनों के लिए ही  कोरोना महामारी के दौरान स्कूल बन्द रहे ।
मौके पर समाजसेवी—शिक्षाविद डॉ. भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने यही कहा कि बच्चों के शारीरिक, मानसिक एवं भावनात्मक विकास के लिए स्कूली वातावरण काफी अहमियत रखता है। उन्होंने यह भी कहा कि कोरोना महामारी के दौरान स्कूली बच्चों को ऑनलाइन कक्षाओं की ओर उन्मुख किया गया, परन्तु ऑनलाइन कक्षाएं स्कूली पढ़ाई का कतई विकल्प नहीं है। डॉ.मधेपुरी ने कहा कि वंचितों के बच्चों को ऑनलाइन क्लास से खासा परेशानी इसलिए होती है कि उनके अभिभावक और उन बच्चों के स्कूलों के पठन-पाठन का स्तर ऊंचा नहीं होता है !

 

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