टोक्यो पैरालिंपिक- 2020 में भारत ने भगवान कृष्ण के 5247वें जन्मोत्सव पर सुनहरे सोमवार के दिन दो गोल्ड सहित रिकॉर्ड 5 पदक जीत लिया। इतिहास में भारत ने किसी भी टूर्नामेंट में उतने पदक नहीं जीते थे जितना एक दिन में जीतकर इतिहास रच दिया। अब तक 53 साल में भारत के 19 मेडल हुए हैं जिसमें- 6 गोल्ड हैं जबकि अभी भी 5 सितम्बर तक खेल बचे हुए हैं। मेडल बढ़ने की उम्मीद है।
बता दें कि पैरालिंपिक- 1960 में शुरू हुआ और भारत तीसरे पैरालंपिक यानि 1968 में शामिल हुआ। पहला सिल्वर मेडल दीपा मलिक ने जीता और भाविना ने दूसरा सिल्वर और अवनी लेखरा ने इस बार गोल्ड जीतकर टोक्यो के पोडियम में भारतीय राष्ट्रगान बजाने में सफलता पाई।
जानिए कि 2012 में महाशिवरात्रि पर हादसे में अवनी का आधा शरीर लकवा ग्रस्त हुआ। 2017 में महाशिवरात्रि पर ही वर्ल्ड कप में पहला मेडल जीता और 2020 में 19 साल की अवनी ने कृष्णाष्टमी के दिन देश को पहला गोल्ड दिला कर सभी भारतीयों के चेहरे पर स्वर्णिम मुस्कान ला दिया। कृष्णाष्टमी के दिन वाले चार और विजेताओं के नाम हैं- जैवलीन थ्रो में गोल्ड पदक विजेता सुमित अंतिल, सिल्वर विजेता देवेंद्र झांझरिया एवं ब्राँज विजेता सुंदर सिंह गुर्जर। डिस्कस थ्रो में सिल्वर विजेता योगेश कठुनिया हरियाणा के रहने वाले हैं।
चलते-चलते यह भी कि खेलप्रेमी-समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने कहा कि जैवलीन थ्रो में स्वर्ण विजेता नीरज चोपड़ा के साथ जैवलीन थ्रो का अभ्यास करते-करते सुमित अंतिल भी पैरालिंपिक में गोल्ड जीतकर खेल प्रेमियों के दिलों में जगह बना ली है। उन्हें भी समस्त भारतीय खेल प्रेमियों की ओर से नमन और बंदन के साथ हरियाणा सरकार से गुजारिश है कि नीरज चोपड़ा की तरह सुमित अंतिल को भी वैसा ही सम्मान देकर समानता को कायम रखते हुए संविधान का सम्मान किया जाए।