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जी हाँ, मुकेश अंबानी से अधिक ‘अमीर’ हैं केरल के सनी वर्की..!

सनी वर्की, क्या आपने सुना है ये नाम..? अगर सुना भी हो तब भी ये जरूर मानेंगे कि भारत में सौ में से निन्यानवे आदमी इस नाम को नहीं जानते होंगे। दूसरी ओर मुकेश अंबानी हैं जिनका नाम भारत में बोलना सीख रहा बच्चा भी जानता है। जानने की वजह भी है। दुनिया की जानी-मानी पत्रिका ‘फोर्ब्स’ ने रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के चेयरमैन मुकेश अंबानी को लगातार नौवें साल दुनिया का सबसे अमीर भारतीय घोषित किया है। ‘फोर्ब्स’ द्वारा जारी की गई दुनिया के सौ सबसे अमीर भारतीयों की सूची में 18.9 अरब डॉलर यानि 1255 अरब रुपये के साथ मुकेश पहले नंबर पर हैं। इस सूची में 18 अरब डॉलर यानि 1190 अरब रुपये के साथ सन फ़ार्मास्यूटिकल इंडस्ट्रीज़ के दिलीप सांघवी को दूसरा और 15.9 अरब डॉलर यानि 1052 अरब रुपये के साथ विप्रो के अज़ीम प्रेमजी को तीसरा स्थान मिला है। आप सोच रहे होंगे कि इन धनकुबेरों के सामने भला इस अनाम से शख्स सनी वर्की की क्या औकात..!

मुकेश अंबानी… जो ना केवल भारत बल्कि दुनिया के गिने-चुने अमीरों में एक हैं… जो 4 लाख वर्गफुट और 27 मंजिलों वाले दुनिया के सबसे महंगे मकान ‘अंतिलिया’ में रहते हैं… जिनकी सैलरी 15 करोड़ रुपये है और जिनकी कम्पनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप 290,245.66 करोड़ है…. उनकी तुलना मैं सनी वर्की से कर रहा हूँ..! जी हाँ, कर रहा हूँ और पूरे होशोहवास में कर रहा हूँ। तुलना ही नहीं कर रहा बल्कि इस सनी वर्की को उनसे अधिक ‘अमीर’ बता रहा हूँ। पूरी बात जानकर शायद आप भी यही बोलेंगे।

जिस मशहूर पत्रिका ‘फोर्ब्स’ ने दुनिया के सौ सबसे अमीर भारतीयों की सूची प्रकाशित की है, उसी ने एशिया प्रशांत के 13 देशों के दानदाताओं की सूची भी प्रकाशित की है जिसमें सात भारतीय हैं। इन ‘दानवीर’ भारतीयों में पहला स्थान सनी वर्की का है। सनी वर्की केरल में जन्मे उद्योगपति हैं और दुबई स्थित जीईएमएस कम्पनी के संस्थापक हैं। यह कम्पनी 14 देशों में 70 निजी स्कूल चलाती है। वर्की ने इसी साल जून में अपनी 2.25 अरब डॉलर यानि लगभग 15 हजार करोड़ की सम्पत्ति का आधा हिस्सा दान में देने की घोषणा की। आपको बता दें कि ‘फोर्ब्स’ ने दानवीरों की यह सूची शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में योगदान के लिए बनाई है जिसमें वर्की के अलावे भारतीय आईटी कम्पनी इंफोसिस के तीन सहसंस्थापक सेनापथे गोपालकृष्णन, नंदन नीलकेणी और एसडी शिबूलाल, इंफोसिस के एक और सहसंस्थापक एन नारायणमूर्ति के पुत्र रोहन और लंदन में रहने वाले उद्योगपतियों सुरेश रामकृष्णन और रमेश रामकृष्णन के नाम शामिल हैं।

आप कहेंगे, सनी वर्की की सम्पत्ति 2.25 अरब डॉलर है और मुकेश अंबानी की 18.9 अरब डॉलर यानि 8 गुने से भी अधिक, तो फिर वर्की अंबानी से अधिक अमीर कैसे हो गए..? मेरे दोस्त, आज के इस भौतिकवादी युग में पैसे का ‘मोल’ किस हद तक बढ़ चुका है ये ना आपसे छिपा है ना मुझसे। पैसा आज हर चीज की परिभाषा तय कर रहा है। आज ‘अर्थ’ चाहे जो ‘अनर्थ’ करा दे, हम-आप मूक दर्शक बने रह जाएंगे। ऐसे में कोई वर्की आगे आता है और अपनी आधी सम्पत्ति यानि 1.25 अरब डॉलर यानि साढ़े सात हजार करोड़ रुपये शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए दान कर देता है..! जरा सोचिए, ऐसा करके क्या हासिल हुआ होगा उसे..? सड़क के किनारे या चलती ट्रेन में कितना भी लाचार भिखारी आ जाय, अगर हमारी जेब में एक या दो का सिक्का ना हो तो तमाम दया-धर्म के बावजूद दस का नोट तो दूर पाँच का सिक्का निकालने से पहले भी हम पाँच बार सोचते हैं। ऐसे में साढ़े सात हजार करोड़ रुपये दान करना कितनी बड़ी बात है ये शायद हम ठीक से सोच भी ना सकें। अब मैं आपसे पूछूँ कि मुकेश अंबानी अधिक अमीर हैं या सनी वर्की, तो आप क्या कहेंगे..?

आज जबकि मनुष्यता के पहले पायदान पर ही हम फिसल रहे हों, हर दिन एक नए तरीके से मानव-मूल्यों का अवमूल्यन हो रहा हो, ‘बाहर’ के चकाचौंध से ‘भीतर’ के विवेक और नैतिकता की अकाल मृत्यु हो रही हो और हर तरफ केवल ‘अनास्था’ का बोलबाला हो, ऐसे में सनी वर्की का ‘दान’ उसे इतना ‘धनवान’ तो बना ही देता है कि मुकेश अंबानी की अकूत सम्पत्ति भी कम पर जाय उसके सामने।

मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप

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नया संविधान : नया नेपाल

20 सितम्बर हमारे पड़ोसी नेपाल के लिए नया सूर्योदय लेकर आया। इस दिन 239 साल के राजतंत्र (शाहवंश का शासन) और 7 साल के अंतरिम संविधान (2008 से नया संविधान लागू होने तक) के बाद नेपाल का पहला लिखित संविधान लागू हुआ। इस संविधान के लागू होते ही दुनिया का एकमात्र ‘हिन्दू राष्ट्र’ नेपाल ‘धर्मनिरपेक्ष लोकतांत्रिक गणराज्य’ में तब्दील हो गया। इस ऐतिहासिक संविधान को नेपाल के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. रामबरन यादव ने बीते रविवार को आधिकारिक तौर पर राष्ट्र को समर्पित किया।

कुछ विश्व-नागरिक होने के नाते तो कुछ इस कारण कि नेपाल ना केवल ‘सीमा’ से बल्कि ‘स्वभाव’ और ‘संस्कृति’ से भी भारत के बेहद करीब है, हमें नेपाल को बधाई देते हुए ये जानने की कोशिश करनी चाहिए कि उसके संविधान में खास क्या है। राजतंत्र के ‘अवशेष’ पर ‘लोकतंत्र’ की नींव रखना कतई आसान नहीं था लेकिन नेपाल बड़े धैर्य के साथ ‘परिवर्तन’ के लम्बे दौर से गुजरा है। तो चलिए, जानते हैं नेपाल के संविधान से जुड़ी 21 जरूरी बातें।

एक, “नेपाल का संविधान – 2072 बीएस” लागू होने की घोषणा से पहले राष्ट्रपति ने इसकी पाँच प्रतियों पर हस्ताक्षर किए। उन्होंने कहा कि नए संविधान ने गणराज्य को अब एक संस्थाबद्ध रूप दे दिया है।

दो, बीएस का अर्थ विक्रम संवत् है। ईसवी सन में मौजूदा वर्ष 2015 है लेकिन नेपाल में विक्रम संवत् लागू है। विक्रम संवत् में वर्ष 2072 चल रहा है।

तीन, नेपाल के इस नए संविधान में 37 संभाग, 304 अनुच्छेद और 7 उपबंध हैं।

चार, 601 सदस्यों वाली संविधान सभा में 507 सदस्यों ने इसके पक्ष में और 25 सदस्यों ने विरोध में मतदान किया। तराई क्षेत्र के 69 सदस्य संविधान बनाने की प्रक्रिया का बहिष्कार करते हुए गैरमौजूद रहे। इस संविधान सभा के अध्यक्ष सुभाषचंद्र नेमवांग थे।

पाँच, नए संविधान के लागू होने के साथ ही अंतरिम संविधान रद्द हो गया है और संविधान सभा नियमित संसद में बदल गई है।

छह, संविधान लागू होते ही नेपाल की राजशाही अब इतिहास की बात हो गई। नेपाल अब संघीय गणराज्य होगा और संघवाद इसका मूल सिद्धांत।

सात, भारत की तरह नेपाल में भी राष्ट्रपति देश के संवैधानिक राष्ट्राध्यक्ष होंगे और कार्यकारी शक्तियां प्रधानमंत्री के पास होंगी।

आठ, धर्मनिरपेक्षता संविधान का दूसरा मूल सिद्धांत होगा। नेपाल के ‘धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र’ में सभी धर्मों को स्वतंत्रता तो होगी लेकिन राष्ट्र का कर्तव्य सनातन धर्म और उसकी संस्कृति को बचाना होगा।

नौ, नए धर्मनिरपेक्ष संविधान में गाय को नेपाल का राष्ट्रीय पशु घोषित किया गया है। गाय को अब संवैधानिक संरक्षण मिल गया है यानि गोहत्या पर पाबंदी होगी।

दस, एक समुदाय के प्रभुत्व वाले पुराने ढांचे से निकलकर नेपाल में ‘इन्क्लूसिवनेस’ यानि आर्थिक समानता पर आधारित समतामूलक समाज की स्थापना होगी।

ग्यारह, आरक्षण और कोटा व्यवस्था के जरिए वंचित, क्षेत्रीय और जातीय समुदायों के सशक्तिकरण की व्यवस्था संविधान में की गई है।

बारह, संविधान में तीसरे लिंग यानि थर्ड जेंडर को भी मान्यता दी गई है।

तेरह, नेपाल में अब सात नए राज्य होंगे। संघवाद की भावना के अनुरूप इन राज्यों, केन्द्र और स्थानीय शासन की अपनी-अपनी शक्तियां होंगी। इन राज्यों के नाम और सीमाएं अभी तय नहीं हैं।

चौदह, नेपाल में अब संसदीय सरकार होगी। यहाँ दो सदनों वाली संसद, एक सदन वाली विधान सभा और जिला, प्रांतीय तथा संघीय स्तरों पर अर्थात् तीन स्तरीय न्यायपालिका होगी।

पन्द्रह, नए संविधान के तहत संविधान परिषद् मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करेगी। सुप्रीम कोर्ट, हाईकोर्ट और जिला जजों की नियुक्ति न्यायिक परिषद् करेगी।

सोलह, नेपाली देश की राष्ट्रीय भाषा बनी रहेगी। हालांकि नए संविधान में सभी जातीय भाषाओं को मान्यता दी गई है और प्रांतीय सभाओं को अपनी आधिकारिक भाषा चुनने का अधिकार दिया गया है।

सत्रह, आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक मूल अधिकारों की लम्बी सूची बनाई गई है। इनकी अवहेलना पर अदालत में सुनवाई हो सकेगी।

अठारह, नेपाली महिलाओं को विदेशी पुरुष से शादी करने पर अपनी संतान को नेपाली नागरिकता देने का अधिकार होगा।

उन्नीस, संविधान की मूल भावना नेपाल के शासन में हर नेपाली नागरिक की बराबर की भागीदारी सुनिश्चित करना है। चुनाव में ‘आनुपातिक प्रतिनिधित्व प्रणाली’ इसी दिशा में उठाया गया कदम है।

बीस, संविधान की प्रस्तावना में बहुदलीय लोकतांत्रिक प्रणाली, मानवाधिकार, वोट देने का अधिकार, प्रेस की आजादी और कानून आधारित सामाजवाद की बात कही गई है।

इक्कीस, नए संविधान के लागू होने के बाद राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, संसद अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के पदों के लिए नए सिरे से चुनाव होंगे। ये चुनाव एक महीने के अन्दर कराने होंगे।

बता दें कि साल 2008 में माओवादियों न संविधान सभा का चुनाव जीतकर देश से राजशाही को समाप्त किया था लेकिन संविधान सभा नया संविधान बनाने में नाकाम रही थी। 2012 में पहली संविधान सभा को भंग कर दिया गया था। दूसरी संविधान सभा का गठन 2013 में हुआ था।

इस संविधान को लेकर नेपाल में जहाँ एक ओर जश्न है वहीं देश के कुछ हिस्सों में तनाव और हिंसा का माहौल भी है। मधेसी, थारू, राजशाही में आस्था रखनेवाले, नेपाल को हिन्दू राष्ट्र बनाने के समर्थक और युनाइटेड कम्युनिस्ट पार्टी नेपाल (माओवादी) से अलग हुआ गुट इसका विरोध कर रहे हैं। भारत की सीमा और संस्कृति से सीधे तौर पर जुड़े मधेसियों को सात प्रांतों वाले संघीय ढांचे पर ऐतराज है। महिला अधिकार कार्यकर्ता महिलाओं के लिए अधिक अधिकार की मांग कर रहे हैं। कुल मिलाकर कुछ चिन्ताएं, कुछ आशंकाएं, कुछ आपत्तियां जरूर हैं लेकिन इससे इस अवसर की ऐतिहासिकता कम नहीं हो जाती। सृजन के समय ‘पीड़ा’ स्वाभाविक है और सृजन एक ही बार में ‘पूर्ण’ हो जाय, ये भी जरूरी नहीं। तमाम अवरोधों के बाबजूद जब नेपाल यहाँ तक पहुँच गया है तो आगे का सफर भी वो कर ही लेगा।

मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप

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प्लूटो के नजदीक पहुँचा नासा का ‘न्यू होराइजन्स’

साढ़े नौ साल के लम्बे सफर के बाद नासा का ‘न्यू होराइजन्स’ स्पेसक्राफ्ट प्लूटो के निकट पहुँचने में कामयाब रहा और इस तरह नासा के गौरवशाली इतिहास में एक और अध्याय जुड़ गया। मंगलवार शाम 5 बजकर 19 मिनट पर ‘न्यू होराइजन्स’ प्लूटो की सतह से 12, 500 कि.मी. की दूरी से गुजरा। इसके द्वारा भेजी गई रंगीन तस्वीरों और जानकारियों के मुताबिक प्लूटो का आकार अनुमान से अधिक बड़ा है। इस अभियान की सफलता के बाद वैज्ञानिकों को ‘क्वीपर बेल्ट’ का रहस्य सुलझाने में मदद मिलेगी। ‘क्वीपर बेल्ट’ सौरमंडल का वह हिस्सा है जिसे तीन बौने ग्रहों – प्लूटो, हौमिया और मेकमेक – का घर माना जाता है।

‘न्यू होराइजन्स’ को 19 जनवरी 2006 को रवाना किया गया था और 45 हजार किमी प्रति घंटा की रफ्तार से यह अब तक 480 करोड़ किमी का सफर तय कर चुका है। इस स्पेसक्राफ्ट की रफ्तार दुनिया के सबसे तेज उड़ने वाले अमेरिकन आर्मी के विमान एसआर-71 लॉकहीड से लगभग 16 गुना ज्यादा है। लॉकहीड की टॉप स्पीड 3,540 कि.मी. प्रति घंटा है।

बहरहाल, बताते चलें कि प्लूटो की खोज 1930 में हुई थी। आकार में सबसे छोटा होने के कारण इसे बौना ग्रह भी कहा जाता है।

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क्या थम जाएगी चीन के आर्थिक सुधारों की रफ्तार..!

बीजिंग से प्राप्त खबरों के अनुसार चीन के शेयर बाजार में लगातार गिरावट जारी है। इससे ना केवल अर्थव्यवस्था बुरी तरह प्रभावित हो रही है बल्कि सरकार के आर्थिक सुधारों पर भी इसका असर पड़ सकता है। 12 जून से शंघाई कंपोजिट इंडेक्स में 29 फीसदी की गिरावट आई है। इससे निवेशकों की संपत्ति के मूल्य को तीन हजार अरब डॉलर (1,80,000 अरब रुपये से अधिक) का नुकसान हुआ है।

2013 में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की कमान संभालने के बाद प्रधानमंत्री ली कछ्यांग ने टेक्नोलॉजी स्टार्टअप की खातिर पूंजी बाजार को आकर्षक बनाया लेकिन शेयर बाजार ने जिस तरह का अप्रत्याशित बर्ताव किया है उससे ये उम्मीद ध्वस्त हो गई है कि शेयर बाजार नई कंपनियों (स्टार्टअप) के लिए फंड जुटाने के मामले में प्रभावी जरिया बन सकते हैं। चीन के शेयर बाजार नियामक ने बाजार में जोड़तोड़ की गतिविधियों की जांच शुरू कर दी है। अब यदि चीनी नीतिकारों को प्रधानमंत्री ली कछ्यांग की धीमी, मजबूत आर्थिक विकास की नई सामान्य वृद्धि की योजना पर फिर से गौर करने को मजबूर होना पड़ा तो यह उनके लिए एक बड़ा झटका होगा।

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हॉकी वर्ल्ड लीग में कांस्य से चूकी भारतीय पुरुष टीम

रविवार को एंटवर्प में ब्रिटेन के खिलाफ खेले गए कांस्य पदक के प्ले ऑफ मुकाबले में भारत को हार का सामना कर चौथे स्थान से संतोष करना पड़ा। पूरे खेल के दौरान भारतीय डिफेंस चरमराया हुआ दिखा और नतीजा 1-5 से हार के रूप में सामने आया। भारत की पुरुष टीम के खिलाफ यह ब्रिटेन की सबसे बड़ी जीत है। उधर ऑस्ट्रेलिया ने बेहद रोमांचक फाइनल में आखिरी पल में किए गए गोल की मदद से मेजबान बेल्जियम को हराकर हॉकी वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल्स का खिताब जीत लिया। सातवें और आठवें स्थान के लिए खेले गए एक अन्य मुकाबले में फ्रांस ने पाकिस्तान को 2-1 से हरा कर सातवां स्थान हासिल किया।

महिलाओं के मुकाबले में वर्ल्ड और ओलंपिक चैम्पियन हॉलैंड ने फाइनल में एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता दक्षिण कोरिया को 2-1 से हराकर महिला हॉकी वर्ल्ड लीग सेमीफाइनल्स का खिताब जीता। बता दें कि भारतीय महिला टीम ने इस लीग में पांचवां स्थान हासिल किया।

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अनीसा : अफगान सुप्रीम कोर्ट की पहली महिला जज

काबुल से मिली खबरों के अनुसार अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने पिछले सप्ताह एक बड़ा कदम उठाते हुए देश की सुप्रीम कोर्ट में पहली बार किसी महिला को जज नियुक्त किया है। इस ऐतिहासिक उपलब्धि को हासिल करनेवाली महिला का नाम है – अनीसा रसूली। जुवेनाइल कोर्ट की पूर्व न्यायाधीश और अफगान जज एसोसिएशन की प्रमुख अनीसा रसूली सुप्रीम कोर्ट की नौ सदस्यीय पीठ में एकमात्र महिला हैं। उनके इस कदम का जहां महिला अधिकारों के हिमायती वर्ग ने दिल खोल कर स्वागत किया है वहीं मुस्लिम कट्टरपंथी जम कर विरोध कर रहे हैं। अफगानिस्तान के संविधान के अनुसार सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश का कार्यकाल दस साल के लिए होता है।

बता दें कि राष्ट्रपति गनी ने इससे पहले अफगानिस्तान के दो प्रांतों घोर और डैकुंडी के लिए महिला गवर्नर की नियुक्ति की थी। उन्होंने कहा भी कहा है कि वह सभी मंत्रालयों में महिला उप मंत्रियों की नियुक्ति करना चाहते हैं। विपरीत परिस्थितियों के बीच अफगानिस्तान में उठाए जा रहे इन कदमों की जितनी सराहना की जाए, कम होगी। कहना ना होगा कि राष्ट्रपति गनी ने भविष्य के मुस्लिम समाज के लिए मील का पत्थर रख दिया है।

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‘द प्राइड ऑफ अमेरिका’ से नवाजे गए चार भारतवंशी

कार्निज कॉर्पोरेशन ऑफ न्यूयार्क की ओर से अमेरिकी समाज, संस्कृति और अर्थव्यवस्था की उन्नति में योगदान देने के लिए 38 प्रवासियों को ‘ग्रेट इम्मीग्रांट्स : द प्राइड ऑफ अमेरिका’ से नवाजा जा रहा है। इन 38 प्रवासियों में चार भारतवंशी भी हैं। कार्निज कॉर्पोरेशन ने इन प्रवासियों को सलाम करते हुए कहा कि अमेरिका को मजबूत बनाने में इनका योगदान सराहनीय है और ये देश में लोकतंत्र की ताकत की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं। उल्लेखनीय है कि आज यानि 4 जुलाई को अमेरिका का स्वतंत्रता दिवस है।

ये विशिष्ट सम्मान पानेवाले चार भारतवंशी हैं – अमेरिकी अटॉर्नी प्रीत भरारा, हावर्ड कॉलेज से जुड़े राकेश खुराना, मिक (भारत) की उपाध्यक्ष एवं कार्यकारी संपादक मधुलिका सिक्का तथा चिकित्सक, प्राध्यापक व लेखक अब्राहम वर्गीज। सम्मानित किए जाने वाले 38 प्रवासी भिन्न-भिन्न पेशों से जुड़े हुए हैं तथा 30 से अधिक देशों से ताल्लुक रखते हैं।

बताते चलें कि कार्निज कॉर्पोरेशन ऑफ न्यूयार्क की स्थापना एंड्रयू कार्निज ने 1911 में की थी जिसका उद्देश्य उन्नतिशीलता को बढ़ावा देना तथा ज्ञान का प्रसार करना था। कार्निज गरीब प्रवासी के बेटे के रूप में अमेरिका आए थे। वे यहां पले-बढ़े तथा अमेरिकी उद्योग और मानव-कल्याण के लिए बड़ा योगदान दिया। कार्निज कॉर्पोरेशन ऑफ न्यूयार्क के वर्तमान अध्यक्ष वार्तन जार्जियन हैं।

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कायम हैं 2016 के रियो ओलंपिक के लिए भारत की उम्मीदें

भारतीय महिला टीम ने हॉकी वर्ल्ड लीग के सेमीफाइनल्स के क्लासिफिकेशन मैच में इटली को शूटआउट में 5-4 से शिकस्त दी और इस तरह 2016 के रियो ओलंपिक के लिए भारत की उम्मीदों को जिन्दा रखा। विश्व में 13वें रैंकिंग की भारतीय टीम ने 16वें रैंकिंग के इटली को आठवें स्थान के लिए खेले गए मैच में शूटआउट से पराजित किया। इससे पहले दोनों टीमें निर्धारित 60 मिनट के खेल में 1-1 से बराबरी पर थीं।

भारतीय टीम अब पाँचवें और छठे स्थान के लिए शनिवार को मैच खेलने उतरेगी। इसमें उसकी भिड़ंत मेजबान बेल्जियम और जापान के बीच होनेवाले मैच के विजेता से होगी। भारतीय महिला हॉकी टीम ने इससे पहले ओलंपिक में आखिरी बार 1980 में भाग लिया था। यहां यह भी बताते चलें कि भारतीय पुरुष हॉकी टीम आज यानी शुक्रवार को हॉकी विश्व लीग सेमीफाइनल टूर्नामेंट के अंतिम चार के मुकाबले में मेजबान बेल्जियम के खिलाफ उतरने जा रही है।

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हत्यारे रोबोट को दी जाए कौन सी सजा..!

बर्लिन में एक चौंकाने वाली घटना हुई है। जी हाँ, हत्या की घटना तो आप आए दिन सुनते होंगे लेकिन जब कोई रोबोट हत्या को अंजाम दे तो क्या कहेंगे आप..? बुधवार को जर्मनी स्थित फोक्सवैगन कार के प्रोडक्शन प्लांट में एक रोबोट ने एक 22 वर्षीय ठेकेदार को दबोचा और फिर पटक-पटक कर मार दिया। अब जांच एजेंसी के लिए यह तय करना मुश्किल है कि इस मामले में आखिर आरोपी किसे बनाए। हत्यारे रोबोट को सजा दी भी जाए तो कौन सी..!

फोक्सवैगन के प्रवक्ता हेइको हिलविग ने रोबोट में किसी प्रकार की खामी को खारिज करते हुए कहा कि प्रारंभिक जांच में यह घटना मानवीय चूक प्रतीत हो रही है। आपको बता दें कि उक्त रोबोट ऑटो पार्ट्स को पकड़कर उन्हें जोड़ने का काम करता था। अब जांच की जा रही है आखिर उसने इस घटना को अंजाम दिया तो कैसे..!

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राजकुमार अल वलीद बिन तलाल बना सदी का सबसे बड़ा दानी !

सऊदी अरब के राजकुमार अल वलीद बिन तलाल ने अपनी लगभग 2,00,000 करोड़ रूपये से ज्यादा की संपत्ति दान करने की घोषणा की है | बताया जाता है की साठ साल के राजकुमार अल वलीदबिन तलाल दुनिया के 34वें सबसे अमीर व्यक्ति हैं |राजकुमार अल वलीद बिन तलाल नेएक बयान में कहा है कि परोपकार एक व्यक्तिगत ज़िम्मेदारी है, जिसे उन्होंने तीन दशक पहले शुरू किया था |

राजकुमार अल वलीद के इस क़दम की सराहना करते हुए बिल गेट्स ने कहा कि यह दुनिया भर में परोपकार के काम में लगे लोगों को प्रेरणा देगा | राजकुमार अल वलीद ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि उनके इस क़दम से सांस्कृतिक समझ बढ़ाने, समुदायों के विकास, महिला सशक्तिकरण, युवाओं के विकास, प्राकृतिक आपदा के समय तेज़ी से मदद पहुँचाने और दुनिया को और अधिक उदार बनाने में मदद मिलेगी.

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