सनी वर्की, क्या आपने सुना है ये नाम..? अगर सुना भी हो तब भी ये जरूर मानेंगे कि भारत में सौ में से निन्यानवे आदमी इस नाम को नहीं जानते होंगे। दूसरी ओर मुकेश अंबानी हैं जिनका नाम भारत में बोलना सीख रहा बच्चा भी जानता है। जानने की वजह भी है। दुनिया की जानी-मानी पत्रिका ‘फोर्ब्स’ ने रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के चेयरमैन मुकेश अंबानी को लगातार नौवें साल दुनिया का सबसे अमीर भारतीय घोषित किया है। ‘फोर्ब्स’ द्वारा जारी की गई दुनिया के सौ सबसे अमीर भारतीयों की सूची में 18.9 अरब डॉलर यानि 1255 अरब रुपये के साथ मुकेश पहले नंबर पर हैं। इस सूची में 18 अरब डॉलर यानि 1190 अरब रुपये के साथ सन फ़ार्मास्यूटिकल इंडस्ट्रीज़ के दिलीप सांघवी को दूसरा और 15.9 अरब डॉलर यानि 1052 अरब रुपये के साथ विप्रो के अज़ीम प्रेमजी को तीसरा स्थान मिला है। आप सोच रहे होंगे कि इन धनकुबेरों के सामने भला इस अनाम से शख्स सनी वर्की की क्या औकात..!
मुकेश अंबानी… जो ना केवल भारत बल्कि दुनिया के गिने-चुने अमीरों में एक हैं… जो 4 लाख वर्गफुट और 27 मंजिलों वाले दुनिया के सबसे महंगे मकान ‘अंतिलिया’ में रहते हैं… जिनकी सैलरी 15 करोड़ रुपये है और जिनकी कम्पनी रिलायंस इंडस्ट्रीज का मार्केट कैप 290,245.66 करोड़ है…. उनकी तुलना मैं सनी वर्की से कर रहा हूँ..! जी हाँ, कर रहा हूँ और पूरे होशोहवास में कर रहा हूँ। तुलना ही नहीं कर रहा बल्कि इस सनी वर्की को उनसे अधिक ‘अमीर’ बता रहा हूँ। पूरी बात जानकर शायद आप भी यही बोलेंगे।
जिस मशहूर पत्रिका ‘फोर्ब्स’ ने दुनिया के सौ सबसे अमीर भारतीयों की सूची प्रकाशित की है, उसी ने एशिया प्रशांत के 13 देशों के दानदाताओं की सूची भी प्रकाशित की है जिसमें सात भारतीय हैं। इन ‘दानवीर’ भारतीयों में पहला स्थान सनी वर्की का है। सनी वर्की केरल में जन्मे उद्योगपति हैं और दुबई स्थित जीईएमएस कम्पनी के संस्थापक हैं। यह कम्पनी 14 देशों में 70 निजी स्कूल चलाती है। वर्की ने इसी साल जून में अपनी 2.25 अरब डॉलर यानि लगभग 15 हजार करोड़ की सम्पत्ति का आधा हिस्सा दान में देने की घोषणा की। आपको बता दें कि ‘फोर्ब्स’ ने दानवीरों की यह सूची शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में योगदान के लिए बनाई है जिसमें वर्की के अलावे भारतीय आईटी कम्पनी इंफोसिस के तीन सहसंस्थापक सेनापथे गोपालकृष्णन, नंदन नीलकेणी और एसडी शिबूलाल, इंफोसिस के एक और सहसंस्थापक एन नारायणमूर्ति के पुत्र रोहन और लंदन में रहने वाले उद्योगपतियों सुरेश रामकृष्णन और रमेश रामकृष्णन के नाम शामिल हैं।
आप कहेंगे, सनी वर्की की सम्पत्ति 2.25 अरब डॉलर है और मुकेश अंबानी की 18.9 अरब डॉलर यानि 8 गुने से भी अधिक, तो फिर वर्की अंबानी से अधिक अमीर कैसे हो गए..? मेरे दोस्त, आज के इस भौतिकवादी युग में पैसे का ‘मोल’ किस हद तक बढ़ चुका है ये ना आपसे छिपा है ना मुझसे। पैसा आज हर चीज की परिभाषा तय कर रहा है। आज ‘अर्थ’ चाहे जो ‘अनर्थ’ करा दे, हम-आप मूक दर्शक बने रह जाएंगे। ऐसे में कोई वर्की आगे आता है और अपनी आधी सम्पत्ति यानि 1.25 अरब डॉलर यानि साढ़े सात हजार करोड़ रुपये शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए दान कर देता है..! जरा सोचिए, ऐसा करके क्या हासिल हुआ होगा उसे..? सड़क के किनारे या चलती ट्रेन में कितना भी लाचार भिखारी आ जाय, अगर हमारी जेब में एक या दो का सिक्का ना हो तो तमाम दया-धर्म के बावजूद दस का नोट तो दूर पाँच का सिक्का निकालने से पहले भी हम पाँच बार सोचते हैं। ऐसे में साढ़े सात हजार करोड़ रुपये दान करना कितनी बड़ी बात है ये शायद हम ठीक से सोच भी ना सकें। अब मैं आपसे पूछूँ कि मुकेश अंबानी अधिक अमीर हैं या सनी वर्की, तो आप क्या कहेंगे..?
आज जबकि मनुष्यता के पहले पायदान पर ही हम फिसल रहे हों, हर दिन एक नए तरीके से मानव-मूल्यों का अवमूल्यन हो रहा हो, ‘बाहर’ के चकाचौंध से ‘भीतर’ के विवेक और नैतिकता की अकाल मृत्यु हो रही हो और हर तरफ केवल ‘अनास्था’ का बोलबाला हो, ऐसे में सनी वर्की का ‘दान’ उसे इतना ‘धनवान’ तो बना ही देता है कि मुकेश अंबानी की अकूत सम्पत्ति भी कम पर जाय उसके सामने।
मधेपुरा अबतक के लिए डॉ. ए. दीप