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इंडोनेशिया में लगी आग से पड़ोसी देश मलेशिया के 1500 स्कूलों में छुट्टी घोषित

एक महीना पहले से इंडोनेशिया के  2 बड़े प्रांतों में आग की धुंध की वजह से स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई है | इंडोनेशिया के सुमात्रा और बोर्नियो में लगभग एक महीना पहले आग लगी थी | इंडोनेशिया के बोर्नियो नेशनल पार्क तो आग से तबाह हो चुकी है | यह आग दिनों-दिन फैलती ही जा रही है | अब तक लगभग 3000 जगहों पर आग लग चुकी है | चारों तरफ धुआं का ज्यादा असर दिखाई देता है |

बता दें कि इस भयावह आग को बुझाने के लिए सेना को लगाया गया है | आग बुझाने के लिए 16,000 सैनिकों एवं 52 हेलीकॉप्टरों को लगाया गया है | आग इतना विकराल रूप धारण कर लिया है कि 6 राज्यों में तीन लाख 28 हज़ार हेक्टेयर में फैले जंगल राख हो चुके हैं जबकि हेलीकॉप्टरों से सैनिकों द्वारा लगातार कृत्रिम बारिश की जा रही है | इन हेलीकॉप्टरों द्वारा अब तक 3 करोड़ लीटर पानी और 275 टन नमक छिड़का जा चुका है |

यह भी जानिए कि पड़ोसी देश मलेशिया में दो रोज कमल जब बच्चों को सांस लेने में दिक्कत होने लगी तथा गहरे धुंध की वजह से वाहनों का आवागमन अवरुद्ध होने लगा तब पूरे मलेशिया के डेढ़ हजार से ज्यादा स्कूलों में छुट्टी घोषित कर दी गई |

चलते-चलते यह भी बता दें कि इंडोनेशिया में लगी इस भीषण आग के चलते पड़ोसी देश सिंगापुर में भी धुंध छाने लगी है | मलेशिया और सिंगापुर से उड़ान भरने वाले 90 फ्लाइटों को रद्द कर दिया गया है | लोगों के बीच लगभग 200 एनजीओ द्वारा मुफ्त में फेस मास्क बांटे जा रहे हैं | अमेजन की आग की तरह यह आग भी लोगों को तबाह कर रही है |

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चन्दा मामा को छूने चला भारतीय चन्द्रयान- 2 का लैंडर “विक्रम”

आज 3 सितंबर  है और  दिन मंगलवार। आज से पहले यही हुआ कि चन्द्रयान-2 ने चाँद पर सॉफ्ट लैंडिंग की दिशा में एक और मील का पत्थर पार करने का रिकॉर्ड बना लिया है। सितंबर 2 को दोपहर दिन में आधे घंटे के दरमियान ‘विक्रम’ आर्बिटर से सही सलामत अलग हो गया और फिलहाल दोनों पांचवी कक्षा में घूम रहे हैं- चंद्रमा से जिसकी न्यूनतम दूरी 119 किलोमीटर तथा अधिकतम 127 किलोमीटर है।

बता दें कि आज यानी 3 सितंबर के बाद अगले दो दिन विक्रम अपनी कक्षा को छोटी करता जाएगा… 4 सितंबर को इसकी कक्षा में अंतिम बार बदलाव होगा…  5-6 सितंबर को लैंडर में लगे उपकरणों को मिशन डायरेक्टर बिहार के वैज्ञानिक अमिताभ की टीम द्वारा (इसरो के अध्यक्ष के.शिवन के निर्देशन में) जांच की जाएगी।

भारत ही नहीं सारा संसार 7 सितंबर को सिर ऊपर करके बिहार के वैज्ञानिक अमिताभ के कारनामे को देखता रह जाएगा जब लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर कदम रखेगा…. जबकि ऑर्बिटर अगले 1 वर्ष तक चंद्रमा की कक्षा में ही चक्कर लगाता रहेगा….. और चाँद की मैपिंग के साथ-साथ उसके बाहरी वातावरण का भी अध्ययन करता रहेगा।

चलते-चलते यह भी बता दें कि भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ने सॉफ्ट लैंडिंग सरीखे जटिल कार्य को रूस द्वारा नकारे जाने के बाद खुद करने की ठान ली जो 6-7 सितंबर की दरमियानी भारत के लिए बेहद अहम रात होगी… लगभग 1:40 पर लैंडर विक्रम चंद्रमा पर उतरेगा तथा 5:00 बजे तड़के रोवर चाँद की सतह पर मॉर्निंग वॉक करना शुरू कर देगा और इसी के साथ चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला विश्व का पहला देश बन जाएगा भारत !!!

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पीवी सिंधु की ऐतिहासिक उपलब्धि

ओलंपिक रजत पदक विजेता पीवी सिंधु ने इतिहास रच दिया। रविवार को स्विट्जरलैंड में बीडब्ल्यूएफ बैडमिंटन वर्ल्ड चैम्पियनशिप-2019 के फाइनल में उन्होंने जापान की खिलाड़ी नोजोमी ओकुहारा को हराकर गोल्ड मेडल अपने नाम कर लिया। इसके साथ ही सिंधु वर्ल्ड चैम्पियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं। गौरतलब है कि इससे पहले बैडमिंटन वर्ल्ड चैम्पियनशिप में भारत के लिए महिला और पुरुष दोनों वर्गों में से किसी ने गोल्ड मेडल नहीं जीता था।
पीवी सिंधु ने नोजोमी ओकुहारा को सीधे गेमों में 21-7, 21-7 से पराजित किया। 38 मिनट तक चले इस मुकाबले को जीतने के साथ ही सिंधु ने 2017 के फाइनल में ओकुहारा से मिली हार का हिसाब बराबर कर लिया। ओकुहारा के खिलाफ सिंधु का कैरियर रिकार्ड अब 9-7 का हो गया है।
बता दें कि भारत ने इस टूर्नामेंट में अब तक तीन रजत और छह कांस्य पदक जीते थे। सिंधु इससे पहले इस टूर्नामेंट में 2017 और 2018 में लगातार दो बार फाइनल में हारी थीं। लेकिन इस बार उन्होंने इस सिलसिले को तोड़ दिया। इस टूर्नामेंट में 2013 से खेल रही सिंधु के नाम अब पांच पदक हो गए हैं। इनमें एक स्वर्ण, दो रजत और दो कांस्य शामिल हैं। विश्व की किसी भी महिला खिलाज़ी ने अब तक इतने पदक नहीं जीते। यह भी जानें कि फाइनल जीतने के साथ ही इस टूर्नामेंट में सिंधु द्वारा अब तक जीते मैचों की संख्या 21 हो गई है। उन्हें ‘मधेपुरा अबतक’ की ओर से कोटिश: बधाई।

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समस्त भारत को नई ऊर्जा से भर दिया है चन्द्रयान- 2

इसरो द्वारा 22 जुलाई (सोमवार 2:43 बजे दोपहर) को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से चन्द्रयान-2 की सफल लाँचिंग के गवाह बने महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री तथा दोनों सदनों के सदस्यगण सहित समस्त भारतवासी। आज 130 करोड़ भारतीय नर-नारियों की उम्मीदों को चाँद के ऐतिहासिक सफर पर निकले चन्द्रयान-2 ने पंख लगा दिया है।

इस चंद्रयान-2 मिशन में 5 हज़ार महिला वैज्ञानिकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसरो के इतिहास में पहली बार चंद्रयान-2 मिशन में परियोजना निदेशक एवं मिशन डायरेक्टर की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दो महिलाओं बी.मुथैया एवं रितु करिधाल को सौंपी गई है। सही मायने में भारत को नारी शक्ति ने ही बना दिया है अंतरिक्ष विज्ञान की हस्ती। जहाँ नासा में अबतक 15% महिलाओं ने ही ग्रहीय अभियानों में योगदान दिया है वहीं इसरो के अभियानों में लगभग 30% महिलाओं ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

बता दें कि भारतरत्न डॉ.कलाम के करीबी रह चुके भौतिकी के प्रोफेसर डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी के अनुसार कभी इसरो-प्रमुख रह चुके गाँधीयन मिसाइल मैन डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम ने 2008 में चंद्रयान-1 की लांचिंग से चन्द घंटे पहले यही कहा था-

“चन्द्रयान के जरिये चंद्रमा पर की गई खोज समस्त भारत के युवा, वैज्ञानिकों एवं बच्चों को नई ऊर्जा से भर देगी….. बाहरी दुनिया की खोज में यह चन्द्रयान-1 शुरुआत भर है”

आज इसी इसरो के वर्तमान प्रमुख एवं अंतरिक्ष विभाग के सचिव के.सिवन की टीम द्वारा 2020 की पहली छमाही के अंतर्गत चाँद के बाद सूरज मिशन की तैयारी आदित्य एल-1 के जरिये शुरू की जाएगी। जानिए की आदित्य एल-1 द्वारा सूरज के कोरोना यानि बाहरी परत का अध्ययन किया जाएगा जो कई हजार किलोमीटर के क्षेत्र में फैली हुई है।

चलते-चलते यह भी बता दें कि इसरो प्रमुख के.सिवन ने पिछले महीने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मधेपुरा अबतक से यही कहा था-

“सूरज का कोरोना पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर है…. जिसके बाहरी परत का अध्ययन करना इसलिए जरूरी है कि जलवायु परिवर्तन पर इसका बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है। आदित्य एल-1 के जरिए कोरोना के अलावे सूर्य के बाह्यमंडल एवं वर्णमंडल के भिन्न-भिन्न प्रकार के विश्लेषणों का भी पता लगाया जा सकता है।”

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संसार का पहला तैरता डेयरी फार्म

दुनिया का पहला तैरता दो मंजिला डेयरी फार्म नीदरलैंड के रोटरडम में आरंभ हो गया है। जहाँ गाय के थन से दूध निकालने के लिए रोबोट्स रखे गए हैं।

बता दें कि बंदरगाह पर बने इस डेयरी फार्म में 40 गायों को रखी व पाली जा सकती है, परंतु फिलहाल 35 गायें रखी गई है….. जिनसे लगभग 800 लीटर दूध का उत्पादन किया जा रहा है।

यह भी जानिए कि यह डेयरी फार्म शहर में दूध की आपूर्ति को पूरा करने के लिए बनाया गया है जिसे डच प्रॉपर्टी कंपनी बेलाडोन ने तैयार किया है। बंदरगाह पर डेयरी फार्म होने के कारण दूध के भिन्न-भिन्न प्रोडक्ट्स उपभोक्ताओं तक आसानी से पहुंचाये जा सकते हैं।

यह भी बता दें कि इस डेयरी फार्म के जनरल मैनेजर अल्बर्ट बेरसन ने बताया कि गायों को 80% भोजन रॉटरडम की फूड फैक्ट्रियों से निकलने वाले वेस्ट प्रोडक्ट है।

चलते-चलते यह भी बता दें कि जहाँ डेयरी फार्म से निकलने वाले गोबर का इस्तेमाल खाद और गैस बनाने में किया जाता है वहीं सोलर पैनल के जरिए फार्म अपनी बिजली खुद बना रहा है।

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मसूद अजहर: अब आगे क्या ?

पुलवामा हमले के 75 दिन बाद भारत को बड़ी कूटनीतिक कामयाबी मिली। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने जैश-ए-मुहम्मद के सरगना आतंकी मसूद अजहर के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उसे अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित कर दिया। पिछले एक दशक से अजहर के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र की तरफ से प्रतिबंध घोषित करवाने मे जुटे भारत की कूटनीतिक कोशिशों को बुधवार को सफलता तब मिली जब चीन ने अपना वीटो हटाकर इसका समर्थन कर दिया। इस फैसले से पाकिस्तान पूरी दुनिया से अलग-थलग हो गया। निश्चित रूप से यह भारतीय कूटनीति और आतंकवाद के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की बड़ी जीत और दक्षिण एशिया में शांति के लिए महत्वपूर्ण कदम है।

बहरहाल, संयुक्त राष्ट्र के इस फैसले के बाद अब आतंकी मसूद अजहर पर चौतरफा शिकंजा कसना शुरू हो जाएगा। अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित होने के बाद आतंकी मसूद अजहर की संपत्ति जिस किसी देश में होगी उसे संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देश तत्काल प्रभाव से जब्त करने के लिए बाध्य होंगे। अब पाकिस्तान को भी मसूद अजहर के वित्तीय संसाधनों को सीज करना होगा। यही नहीं, अब मसूद अजहर की व्यक्तिगत और उसके द्वारा संचालित संस्था की हर संपत्ति को सीज किया जाएगा। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उसे किसी तरह की वित्तीय मदद न मिल सके।

बता दें कि अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित होने वाले व्यक्ति और उससे जुड़े हर तरह के संगठन की कड़ी निगरानी की जाती है और उनके बारे में संयुक्त राष्ट्र के तमाम देशों के साथ सूचनाएं भी साझा करनी पड़ती हैं। संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंध के बाद मसूद अजहर के लिए किसी देश की यात्रा भी मुमकिन नहीं क्योंकि कोई देश किसी अंतर्राष्ट्रीय आतंकी को अपनी सीमा में दाखिल होने की अनुमति नहीं देता। यह भी जानें कि अब आतंकी मसूद अजहर हथियार भी नहीं खरीद पाएगा। अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित होने वाले शख्स को कोई भी देश हथियार मुहैया नहीं कराता।

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वेतन मात्र 70₹ और सुरक्षा पर खर्च 156 करोड़

कौन नहीं जानता है कि सोशल साइट फेसबुक सुप्रीमो मार्क जुकरबर्ग द्वारा वेतन के रूप में मात्र एक डालर (यानी लगभग 70 रूपये) ही लिए जाते हैं…. परन्तु 2018 में जुकरबर्ग की सुरक्षा पर कंपनी द्वारा 226 लाख डॉलर (यानी लगभग 156 करोड रुपए) खर्च किए गये।

लोगों के समक्ष इस तथ्य का खुलासा तब हुआ जब अमेरिकी सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन को इस प्रकार की जानकारी दी गई। जानकारी के रूप में कंपनी ने एक्सचेंज कमीशन को बताया कि उसने 31 दिसंबर 2018 तक जुकरबर्ग की सुरक्षा पर 226 लाख डॉलर खर्च किए हैं जिसमें मात्र दो करोड़ (यानी 200 लाख) डॉलर की राशि जुकरबर्ग और उनके परिवार को घर एवं दफ्तर में सुरक्षा मुहैया कराने के लिए खर्च की गई है तथा 26 लाख डॉलर की राशि निजी विमान से यात्रा कराने पर कंपनी द्वारा खर्च किए गये।

चलते-चलते यह बता दें कि अमेरिका में जुकरबर्ग के घर के सामने दिन हो या रात हमेशा हंसी हथियार-बंद सुरक्षाकर्मी तैनात रहते हैं। घर और ऑफिस में बुलेट प्रूफ शीशे लगाए गये हैं। उनके ऑफिस के नीचे किसी गाड़ी को पार्क करने की इजाजत नहीं दी गई है।  उनके घर और ऑफिस में आने वाले प्रत्येक अनजान व्यक्ति की पूरी जाँच की जाती है।

यह भी जान लें कि जुकरबर्ग के घर एवं ऑफिस के डेस्क के पास एक पैनिक बटन है जिसे दबाते ही सुरक्षाकर्मी द्रुत गति से कार्यारम्भ कर देते हैं तथा सारे के सारे सुरक्षा उपकरण विद्युत गति से सक्रिय हो जाते हैं।

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भारतीय वीरता के अद्वितीय प्रतीक का अभिनंदन

पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराने वाले भारतीय वीरता के अद्वितीय प्रतीक अभिनंदन 55 घंटे से ज्यादा समय तक पड़ोसी मुल्क की हिरासत में रहने के बाद शुक्रवार रात करीब 9.20 बजे वतन पहुँचे। हालांकि आखिर तक पाकिस्तान ने उन्हें सौंपने में कागजी कार्रवाई का हवाला देते हुए घंटों की देरी की। इस बीच सम्पूर्ण देश अभिनंदन के अभिनंदन को आकुल-व्याकुल रहा। गौरतलब है कि पहले दोपहर 2 बजे का समय तय किया गया था लेकिन पाकिस्तान ने समय दो बार बदला और प्रक्रिया को अनावश्यक खींचने की कोशिश की। हालांकि इस दौरान रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण समेत सरकार व सेना के वरिष्ठ अधिकारियों ने समूचे घटनाक्रम पर बराबर नजर बनाए रखी।

उधर घंटों की देरी के बाद भी सुबह से रात तक बॉर्डर पर जमे भारतीयों का जोश और उत्साह देखने लायक था। यहां मौजूद लोग ढोल-नगाड़े बजाते हुए ‘अभिनंदन है, अभिनंदन है’ के नारे लगाते रहे। देश के इस बहादुर बेटे को देखने और उसका स्वागत करने के लिए बॉर्डर पर भारी संख्या में लोग पहुंचे थे। बहरहाल, देर शाम बॉर्डर पर अभिनंदन के पहुंचने के बाद कागजी कार्रवाई पूरी की गई। प्रोटोकॉल के तहत उनका मेडिकल चेकअप किया जाएगा। अभिनंदन को अटारी बॉर्डर से सीधे अमृतसर एयरपोर्ट की तरफ ले जाया जाएगा, जहां से वह वायुसेना के विशेष विमान से दिल्ली पहुंचेंगे।

बता दें कि एक दिन पहले भारत के संभावित एक्शन से घबराए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए अभिनंदन को छोड़ने की घोषणा की थी। दुश्मन के कब्जे में होने के बाद भी अभिनंदन ने पूरे साहस और दृढ़ता के साथ पाक अफसरों की आंखों में आंखें डालकर सवालों का उतना ही जवाब दिया, जितना जेनेवा कन्वेंशन के तहत ऐसे समय में दिया जाना चाहिए। सोशल मीडिया पर सामने आए विडियो में साफ देखा गया कि पूछताछ के दौरान वह बड़ी बहादुरी से पाक अफसरों का जवाब देते रहे पर सिर को झुकने नहीं दिया और कोई महत्वपूर्ण जानकारी नहीं दी।

याद दिला दें कि दो दिन पहले पाकिस्तानी विमानों ने भारत के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने की कोशिश की थी। जवाबी कार्रवाई के दौरान अभिनंदन के मिग-21 बाइसन ने पाकिस्तानी एफ-16 विमान को मार गिराया। हमले में उनका मिग-21 विमान भी चपेट में आ गया और अभिनंदन पैराशूट की मदद से नीचे उतरे लेकिन जहां वह उतरे वह धरती पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) थी, जिसके बाद पाकिस्तान ने अभिनंदन को हिरासत में ले लिया था।

 

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अब जापान की बुलेट ट्रेनें भी मिथिला पेंटिंग्स से शीघ्र सजेंगी

प्रसिद्ध मिथिला पेंटिंग मधुबनी की चहारदीवारी को लांघकर….. भारतीय सरहद को पार करते हुए अंतरराष्ट्रीय आकाश में उड़ान भरने लगी है। एक समय था जब मधुबनी पेंटिंग से मधुबनी स्टेशन को ही सजा-सजाकर दर्शनीय बनाया गया था। बाद में संपर्क क्रांति एक्सप्रेस के डब्बों पर बनी मधुबनी की मिथिला पेंटिंग्स दिल्ली के लोगों सहित विदेशियों को भी भाने लगा…. और अब तो जापान की बुलेट ट्रेनें भी मिथिला पेंटिंग से जल्द ही सजने जा रही हैं।

बता दें कि जापान से इस संबंध में भारतीय रेल मंत्रालय को सूचना आई है। जापान सरकार ने भारतीय रेल मंत्रालय से मधुबनी पेंटिंग्स के कलाकारों की टीम भेजने का आग्रह भी किया है। रेल मंत्रालय ने कलाकारों को भेजने की कवायद भी शुरू कर दी है। समस्तीपुर रेल मंडल के डीआरएम आर.के.जैन द्वारा इस आशय की जानकारी दी गई कि प्रसिद्धि प्राप्त मिथिला पेंटिंग अब किसी परिचय की मोहताज नहीं है। तभी तो पेंटिंगें जापानी बुलेट ट्रेनों की भी शोभा बढ़ायेंगी।

यह भी बता दें कि भारतीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि पहली बार समस्तीपुर मंडल ने “बिहार संपर्क क्रांति एक्सप्रेस” को मिथिला पेंटिंग्स से सजाकर वाहवाही बटोरी थी। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्रसंघ ने भी इसे सराहा था तथा ट्रेनों में उकेरी गई ‘मिथिला पेंटिंग्स’ से सर्वाधिक विदेशी प्रभावित हैं।

यह भी जानिए कि जापान इस धरती पर ऐसा देश है जहाँ “मिथिला म्यूजियम” भी है। इस म्यूजियम को बनाने का श्रेय जापान के महान संगीतकार टोकियो हासेगावा को जाता है। जापान-भारत सांस्कृतिक संबंधों को बढ़ावा देने वाली संस्था के यशस्वी प्रतिनिधि हैं- हासेगावा !

चलते-चलते यह कि जापान ने मिथिला पेंटिंग की खूबसूरती देखकर इस कला से जुड़े चित्रकारों की विभिन्न टीमों को भेजने का अनुरोध भारतीय रेल मंत्रालय से किया है।

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दुनिया की पहली ड्राइवरलेस बुलेट ट्रेन सर्वप्रथम चीन में शुरू

350 किलोमीटर प्रतिघंटा की रफ्तार से बिना ड्राइवर के चलने वाली दुनिया की पहली बुलेट ट्रेन शनिवार से चीन में शुरू हो गई है जिसका नाम “फुकिंग्स बुलेट ट्रेन” रखा गया है |

यह भी बता दें कि पहले दिन यह बुलेट ट्रेन बीजिंग-शंघाई रेलवे लाइन पर 17 डिब्बों के साथ 350 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से चली | चायना एकेडमी ऑफ़ रेलवे साइंसेज के शोधकर्ताओं के अनुसार इस बुलेट ट्रेन की लंबाई 439 मीटर है जिसमें 1283 (एक हज़ार दो सौ तेरासी) लोग एक बार में बैठकर सफर कर सकेंगे |

उक्त एकेडमी के शोधकर्ताओं का कहना है कि यह बुलेट ट्रेन ऑटोमेटिक ही रवाना होगी तथा भिन्न-भिन्न स्टेशनों के बीच ऑटोमेटिक ऑपरेट भी होती रहेगी | शोधकर्ताओं ने बताया कि चीन में बना यह बुलेट ट्रेन ‘फुक्सिंग’ विगत 1 वर्ष से ट्रायल किया जाता रहा है | तभी तो चीन के एक्सपर्टों का मानना है कि सेफ्टी के ख्याल से यह बुलेट ट्रेन सर्वाधिक सही है |

चलते-चलते यह भी बता दें कि इस बुलेट ट्रेन में एक अटेंडेंट तैनात किये गए हैं ताकि यह पता लगाया जा सके कि इस बुलेट ट्रेन में किसी भी प्रकार की गड़बड़ी तो नहीं है | ट्रेन में बेहतर सुधार हेतु एक अटेंडेंट दिया जाना आवश्यक भी माना गया है |

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