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भारत का पहला उपग्रह ‘आर्यभट्ट’ 19 अप्रैल को किया गया था लांच

भारत और दुनिया के इतिहास में 19 अप्रैल को एक से बढ़कर एक महत्वपूर्ण घटनाएं घटती रही और आज भी घट रही है- जिनमें अमेरिकी क्रांति की शुरुआत से लेकर भारतीय प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले तात्या टोपे को ब्रिटिश हुकूमत द्वारा दी गई फांसी भी शामिल है। आजाद भारत में पहला उपग्रह “आर्यभट्ट” का 19 अप्रैल 1975 को लांच किया जाना भी इतिहास का महत्वपूर्ण अध्याय माना जाता है।

बता दें कि यह सेटेलाइट आर्यभट्ट भारत के विश्व विख्यात एवं महान खगोल शास्त्री व गणितज्ञ आर्यभट्ट के नाम पर नामित किया गया है जिनका जन्म बिहार की राजधानी पटना में पांचवी शताब्दी 476 ईसवी में तब हुई थी जब पटना का नाम कुसुमपुर था।

Stamp in memory of 1st Satellite Aryabhatta released by Govt. Of India.
Stamp in memory of 1st Satellite Aryabhatta released by Govt. Of India.

गणितीय ज्ञान के तत्कालीन खजांची खगोल विद आर्यभट्ट द्वारा मात्र 23 वर्ष की आयु में दो भागों में आर्यभट्टियम पुस्तक लिखी गई थी जिसके कुल 121  श्लोकों द्वारा ज्योतिषीय, बीज गणितीय एवं त्रिकोणमितीय विद्याओं व सूत्रों की व्याख्या की गई। आर्यभट्ट द्वारा शून्य का आविष्कार भी उसे दुनिया में  अमरत्व दे गया है। तभी तो भारत ने अपने प्रथम उपग्रह का नाम उन्हीं के नाम पर आर्यभट्ट रखा… जिसे 19 अप्रैल 1975 को सोवियत काॅसमाॅस- 3M द्वारा कपुस्तिन से लांच किया गया। भारत सरकार ने 1975 में आर्यभट्ट के सम्मान में डाक टिकट भी जारी किया है।

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बिहार के कोरोना योद्धा डॉ.जे.पी.यादव की दिल्ली में सड़क दुर्घटना से मौत

बिहार के सुपौल जिला अंतर्गत त्रिवेणीगंज अनुमंडल स्थित भूड़ा गांव के निवासी एवं कोरोना-योद्धा डॉ.जे.पी.यादव दिल्ली में कोरोना मरीजों का इलाज करने में अहर्निश लगे रहते थे कि दिल्ली में ही अचानक एक सड़क दुर्घटना में चार रोज कबल उनकी मृत्यु हो गई। डॉ.जे.पी.यादव का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव भूड़ा में गुरुवार को किया गया।

बता दें कि 52 वर्षीय डॉ.जे.पी.यादव के पार्थिव शरीर के साथ दिल्ली के दर्जनों डॉक्टर अंतिम संस्कार में शामिल होने आए। रास्ते में उत्तर प्रदेश के अधिकारियों एवं कोरोना योद्धाओं द्वारा उनके पार्थिव शरीर पर फूल मालाएं चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी गई।

प्राप्त जानकारी के अनुसार डॉ.जय प्रकाश यादव दक्षिण एमसीडी में कोविड- 19 नोडल चिकित्सा पदाधिकारी थे। 1995 से वे दिल्ली को चिकित्सीय सेवा पूर्ण समर्पण के साथ दे रहे थे तथा वर्तमान में कोरोना वारियर्स के रूप में मरीजों का बेहतर इलाज कर रहे थे। उनकी कार जब स्टार्ट नहीं हुई तो बेटे की साईकिल से ही पॉलीक्लिनिक जाकर सीएमओ के रूप में डॉक्टरों एवं स्वास्थ्य कर्मियों को पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट) किट वितरण करने में लग गए। एक शाम को अपने फ्लैट ग्रेटर कैलाश-1 लौटते वक्त एक अज्ञात कार ने पीछे से टक्कर मार दी और उन्हें महरौली के पास अरविंदो रोड के पीटीसी चौक से उठाकर मैक्स हॉस्पिटल ले जाया गया परंतु लाख कोशिश के बावजूद बचाया नहीं जा सका।

Funeral of Dr.J.P.Yadav at his paternal village Bhura, Supaul.
The only son Kshitij near funeral of Dr.J.P.Yadav at his paternal village Bhura, Triveniganj (Supaul).

यह भी बता दें कि कोरोना वारियर्स डॉ.जे.पी.यादव को सारा देश संवेदना के साथ मौन श्रद्धांजलि दे रहा है तथा एक प्राइवेट हॉस्पिटल में रेडियोलॉजिस्ट के रूप में कार्यरत उनकी धर्मपत्नी डॉ.रश्मि एवं पुत्र क्षितिज व पुत्री दीक्षा सहित समस्त परिजनों को इस व्यथा को सहन करने की शक्ति प्रदान कर रहा है। परंतु, कृषक पिता महेश्वरी यादव व माता अमलेश्वरी देवी की आंखों के आंसू रुकने-थमने का नाम ही नहीं ले रहा है और बहन मीना कुमारी होश में आते-आते बार-बार बेहोश हो जाती है। भाई सुभाष कुछ बोल भी नहीं पाता है। समस्त भूड़ा गांव ही शोक में डूबा है। यह कोरोना लाॅकडाउन तो महेश्वरी-अमलेश्वरी के संसार को प्रकाशित करने वाले सूरज को ही सदा के लिए लाॅकडाउन कर दिया है !

चलते-चलते यह भी बता दें कि कोरोना जैसे अंतरराष्ट्रीय आपदा की घड़ी में जब चतुर्दिक लाॅकडाउन विराजमान है तब भी नीतीश सरकार के वरिष्ठ ऊर्जा मंत्री विजेंद्र प्रसाद यादव के निर्देश पर बिहार की सीमा में प्रवेश करते ही गोपालगंज के डीएम एवं एसपी ने डॉ.जयप्रकाश यादव के पार्थिव शरीर को वीरगति प्राप्त एक नायक जैसा सम्मान दिया तथा फूलमाला अर्पित करते हुए कहा कि डॉ.जेपी ने कोरोना-जंग में लोगों की सेवा करते-करते अपनी शहादत दी है…। त्रिवेणीगंज सदर के एसडीएम बीके सिंह ने जहां डॉ.जेपी के गांव भूड़ा जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की… वहीं अति संवेदनशील समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने त्रिवेणीगंज भूड़ा की मिट्टी को (जिसकी सेवा उनकी बेटी व दामाद डॉ.रश्मि भारती एवं डॉ.वरुण कुमार वर्षों से करते आ रहे हैं) को नमन करते हुए कहा कि कोरोना योद्धा डॉ.जेपी जैसे यशस्वी पुत्र का माता-पिता होना भी परम सौभाग्य की बात है।

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एक इंच वाला दुनिया का सबसे छोटा लैपटॉप

अमेरिकी आईटी इंजीनियर पॉल क्लिंगर ने दुनिया का सबसे छोटा लैपटॉप बनाया है जिसका स्क्रीन मात्र 1 इंच की है। पॉल क्लिंगर ने इसे मात्र 7 दिनों में ही तैयार किया है जिसकी कीमत माात्र $85 यानी लगभग 6 हजार रूपया है। उपयोगकर्ता इस लैपटॉप पर गेम भी खेल सकते हैं। जिसका डिस्प्ले .96 सेंटीमीटर का है।

बता दे की आईटी इंजीनियर पॉल क्लिंगर के अनुसार इस लैपटॉप का नाम उन्होंने ‘थिंक टिनी’ रखा है। यह लैपटॉप आईबीएम के थिंकपैड का छोटा रूप है। थिंक टिनी जैसे सबसे छोटे लैपटॉप में थिंक पैैड की तरह कीपैड के बीच में लाल रंग का ट्रैक प्वाइंट स्टाइल कर्सर कंट्रोलर भी लगाया गया है। इस मिनी लैपटॉप में 300 एमएएच की बैटरी लगाई जाती है जिस बैटरी को चार्ज भी किया जा सकता है।

चलते-चलते यह भी बता दें कि इस मिनी लैपटॉप में एक 14- पिन एटी टिनी 1614 माइक्रोकंट्रोलर (20 मेगा हर्ज) है जो एक छोटे 128×64 पिक्सेल ओएलईडी डिस्प्ले से जुड़ा है और इसमें 7 लाइनों वाला बोर्ड भी है।

 

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कोरोना ने भारत के वसुधैव कुटुंबकम को भी जगाया

भारत में लोगों ने कोरोना को किसी युद्ध से कम नहीं माना है। इस युद्ध को लड़ने में सभी एकजुट दिख रहे हैं। विकसित देशों के समक्ष भारत मिसाल पेश करता दिख रहा है। युद्ध काल में पहले भी माताएं और बहनें अपना नाक-कान के आभूषण उतार कर देश के नाम दान करते देखी जाती रही हैं।

बता दें कि आज जहाँ भारत के लोग एकजुट होकर 1 दिन का वेतन दे रहे हैं वहीं हमारे सारे सांसदों ने 30% वेतन कटौती कर कोरोना को भगाने हेतु डोनेट किया है। यह 30% वेतन की कटौती मात्र 1 महीने के लिए नहीं बल्कि 1 वर्ष तक यह कटौती जारी रहेगी। इस बाबत महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राज्यपाल आदि के द्वारा भी 30% वेतन कटौती से कोरोना से लड़ने वाले उपकरणों की खरीदारी की जाएगी।

यह भी बता दें कि प्रत्येक सांसद के क्षेत्रीय विकास मद के 2 वर्षों (20-21 एवं 21-22) के 10-10 करोड़ की राशि को भी कोरोना से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री ने कैबिनेट की बैठक में आज मंजूरी दी है जबकि पिछले महीने मधेपुरा के एमएलसी ललन कुमार सर्राफ ने मुख्यमंत्री क्षेत्र विकास निधि से कोरोना वायरस के रोकथाम एवं इलाज में प्रयुक्त होने वाली विभिन्न सामग्रियों जिसमें थर्मल स्केनर, मास्क, साबुन-सैनिटाइजर, ग्लब्स, स्प्रे-मशीन, चिकित्सा पदाधिकारी एवं स्वास्थ्य कर्मियों के लिए पर्सनल प्रोटेक्शन किट के लिए 3 करोड़ 25 लाख रुपए की अनुशंसा एवं सहमति पत्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रेषित कर दी है। उन्होंने लाॅकडाउन के समय लोगों को अपने घर में रहने की अपील की तथा सबों के स्वस्थ एवं सुरक्षित जीवन की कामना की। कई स्वयंसेवी संस्थाएं गरीबों के साथ-साथ जानवरों को भी भोजन उपलब्ध कराने में तत्पर दिखे। कई जगह बंदर और कुत्ता को भी खाना खिलाते हुए देखा गया।

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ब्रह्माकुमारी दादी जानकी का माउंट आबू में 104 साल में परिनिर्वाण

प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय संचालिका रह चुकी 104 वर्षीय राजयोगिनी ब्रह्माकुमारी दादी डॉ.जानकी का जन्म अविभाज्य भारत के सिंध प्रांत में 1 जनवरी 1916 को हुआ था। उन्हें बचपन में ही अपने माता-पिता से आध्यात्मिक संस्कार विरासत के रूप में मिला था।

बता दें कि ब्रम्हाकुमारी विश्वविद्यालय की संचालिका दादी जानकी ने 140 देशों में ब्रम्हाकुमारी की स्थापना पर विश्व की लगभग 20 लाख नर-नारियों को अपने संस्थानों से जोड़कर… सुगंधयुक्त प्रेम लुटाते हुए दिनांक 27 मार्च 2020 को माउंट आबू की एक निजी चिकित्सालय (ग्लोबल हॉस्पिटल) में अंतिम सांस ली।

जानिए कि मात्र चार क्लास तक पढ़ी एवं 14 साल की गुप्त तपस्या करने वाली दादी जानकी निरंतर आध्यात्मिक प्रेम प्रवाहित करती हुई आज अपनी दैहिक लीला समाप्त कर ली। वह हमें छोड़कर दूर भले हो गई लेकिन योग शक्ति की अद्भुत मिसाल बनकर दादी जानकी लाखों नर-नारियों के जीवन में उजाला भरकर आसमान का सर्वाधिक चमकता सितारा बन गई। तभी तो एक विश्वव्यापी संस्थान ने उनके नाम की है- “दुनिया की सबसे स्थिर मन की महिला” का विश्व कीर्तिमान।

Samajsevi Dr.Bhupendra Madhepuri, popularly known as Bhishma Pitamah of Madhepura along with Rajyogini Ranju Didi and others inaugurating the function at Brahmakumari Ishwariya Vishwavidyalaya at Madhepura.
Samajsevi Dr.Bhupendra Madhepuri, popularly known as Bhishma Pitamah of Madhepura along with Rajyogini Ranju Didi and others inaugurating the 100th Birthday Celebration of Dadi Janki at Brahmakumari Ishwariya Vishwavidyalaya at Madhepura. (File Photo)

यह भी बता दें कि दादी जानकी के निधन की खबर ने कोरोना लाॅकडाउन के बावजूद देश और दुनिया में शोक की लहर पैदा कर दी। ध्यातव्य है कि दादी जानकी ने 91 वर्ष की उम्र में ब्रह्मा कुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के मुखिया का पदभार संभाली और पूरी दुनिया को प्रेम, योग एवं ध्यान का संदेश दिया। वह 46 हजार ब्रम्हाकुमारियों की अलौकिक माँ होने के साथ-साथ 12 लाख साधकों की प्रेरणापुंज भी बनी रही… भला क्यों नहीं, उम्र के इस पड़ाव पर भी दादी माँ 12 घंटे जन की सेवा में सक्रिय रहती थी। 60 वर्ष की उम्र में वह लंदन गई और 37 वर्षों तक विदेशी जमीन पर आध्यात्मिकता के बीज बोती रही….. 140 देशों के लोग को मेडिटेशन सिखाती रही। प्रधानमंत्री ने उन्हें भारत स्वच्छता मिशन का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया था। आज उनके नहीं रहने पर देश-विदेश के सारे ब्रम्हाकुमारियों ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। दादी जानकी के निधन पर भारत के राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, लोकसभा अध्यक्ष सहित सारे उच्चाधिकारियों व श्रद्धालुओं ने ट्वीट के माध्यम से श्रद्धांजलि अर्पित की।

चलते-चलते यह भी कि ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय के मधेपुरा शाखा की संचालिका राजयोगिनी रंजू दीदी बराबर दादी जानकी के शताब्दी जन्मोत्सव पर शिक्षाविद् व मधेपुरा के सुप्रसिद्ध समाजसेवी प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी को मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित करती रही और डॉ.मधेपुरी ने विस्तार से दादी जानकी द्वारा किए गए जन की सेवा की विस्तृत व्याख्यान से श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध करते रहे। कोरोना के कारण दादी जानकी की पुण्यतिथि पर विश्व के सभी श्रद्धालुओं ने उन्हें सादगी के साथ अपने-अपने घरों में श्रद्धांजलि दी।

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पत्नी को उठाकर दौड़ने वाले चैंपियनशिप में 150 पति दौड़े

यह एक विचित्र खेल है जिसमें प्रत्येक पति अपनी पत्नी को उठाकर बाधाओं के बीच दौड़ लगाने वाले चैंपियनशिप में भाग लेता है। शर्त यही कि पत्नी का वजन कम से कम 50 किलो होना ही चाहिए। इस दौड़ चैंपियनशिप में विशेष सुविधा भी प्रदान की जाती है कि यदि प्रतिभागी पति को पत्नी नहीं हो तो वह इस विचित्र खेल के नियमानुसार पत्नी उधार भी ले सकते हैं।

बता दें कि ऐसे प्रत्येक प्रतियोगिता के लिए नए नियमों एवं पुरस्कारों में परिवर्तन किए जा सकते हैं। इस विचित्र खेल में विजेता को पत्नी के वजन (किलोग्राम में) का 300 से 500 गुना तक नगद भुगतान देकर पुरस्कृत किया जाता है।

यह भी जानिए कि ब्रिटेन की 300 साल की इस पुरानी रेस में अकेले नहीं बल्कि पत्नी को पीठ पर बिठाकर दौड़ने वाला चैंपियनशिप आरंभ हुआ था। विगत रविवार को डार्किंग में 400 मीटर का यह रेस आयोजित किया गया था जिसमें लगभग डेढ़ सौ यानी 150 पति दौड़े। दिलचस्प बात यह है कि रेस जीतने के लिए महिलाएं 3 महीने पूर्व से ही अपना वजन कम करने में लगी थी ताकि वह 50 किलोग्राम के करीब आ जाए।

यह भी बता दें कि इस विचित्र खेल में विजेता को ट्रॉफी के अतिरिक्त ₹15000 का पुरस्कार दिया गया। 300 साल से चलने वाली यह प्रतियोगिता बीच में बंद कर दी गई थी जिसे 13 साल पहले दोबारा शुरू किया गया। इसे पुनः शुरू करने का मकसद यही है कि लोगों को एक जगह इकट्ठा कर खुशियां बांटी जाय।

चलते-चलते यह भी जान लीजिए कि यह विचित्र खेल (वाइफ कैरेइंग रेस) फिनलैंड, अमेरिका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, इंडिया, हांगकांग आदि के साथ-साथ अब विश्व के अन्य देशों में भी तेजी से फैलता जा रहा है।

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कोरोना: पीछे हटने का नहीं, मिलकर काम करने का वक्त

दुनिया भर में कोरोना वायरस का फैलना जारी है। चीन में शुक्रवार को 28 और लोगों की मौत के साथ दुनिया भर के 17 देशों में मरने वालों की संख्या 3406 हो गई है। वहीं, संक्रमण के 99 नए मामले सामने आए। चीन में जहां संक्रमण के केन्द्र वुहान में नए मरीजों की संख्या में कमी आई है, वहीं हुबेई प्रांत से बाहर संक्रमण का फैलना जारी है। दूसरे देशों से चीन लौटे 24 लोगों में भी संक्रमण की पुष्टि हुई है। दूसरी तरफ संक्रमण के खतरे की वजह से अमेरिका में केलिफोर्निया के तट पर खड़े किए गए क्रूज शिप ग्रांड प्रिंसेस में फंसे 21 और यात्री संक्रमित पाए गए हैं।
ध्यातव्य है कि दुनिया के 84 देश कोरोना वायरस की चपेट में आ चुके हैं और अब तक 1,00,329 लोग संक्रमित पाए गए हैं। बीमारी के केन्द्र चीन में सबसे ज्यादा 3070 मौतें हुई हैं और वहां 80,653 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है। संक्रमण के चलते चीन के बाद इटली में सबसे ज्यादा 148 और ईरान में 107 लोगों की जान गई है।
पूरी दुनिया पर अभिशाप बनकर मंडराने वाले कोरोना वायरस के बारे में माना जा रहा है कि चीन के वुहान के सी-फूड और पोल्ट्री मार्केट से यह वायरस फैला। वुहान की आबादी 1.1 करोड़ है। वायरस लोगों से लोगों में फैल रहा है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि वायरस इतनी तेजी से कैसे फैला और इस कदर खतरनाक हो गया। एशिया में दक्षिण कोरिया और ईरान इससे सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। ईरान में पीड़ितों की संख्या 3513 पहुंच गई है। दक्षिण कोरिया में 6593 केस सामने आए हैं। जापान में 1065 लोग इसकी चपेट में हैं। वहीं, भारत में कोरोना वायरस के 31 मामले सामने आए हैं। शुक्रवार को दिल्ली में एक और मरीज में संक्रमण की पुष्टि हुई।
इधर बिहार में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि कोरोना वायरस को लेकर विश्व स्तर पर लोग अलर्ट हैं और केन्द्र सरकार भी पूरी तरह सचेत है। उन्होंने कहा कि हमलोगों ने राज्य स्तर पर बैठक कर हर पहलू पर चर्चा की है। सभी संबंधित पदाधिकारियों को जिम्मेवारी सौंप दी गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार के गया में बाहर से लोग आते हैं। इसके साथ ही नेपाल का बॉर्डर खुला हुआ है, वहां से भी लोग आवागमन करते हैं। ऐसी स्थिति में हो सकता है कि चीन या अन्य जगहों से भी लोग नेपाल आए हों। हर पहलू को ध्यान में रखकर गंभीरता से विमर्श हुआ है। हर परिस्थिति में लोगों की सहायता करना सरकार का दायित्व है और सरकार की ओर से सब कुछ किया जा रहा है।
अंत में, जैसा कि शुक्रवार को डब्ल्यूएचओ ने कहा, हम भी यही कहेंगे कि यह वक्त पीछे हटने का नहीं, बल्कि मिलकर काम करने का है। तो आइये, सचेत रहें और मिलकर इसका सामना करें।

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कोरोना वायरस का कहर खेलों को भी किया बीमार

एक ओर जहां चीन के वुहान शहर से निकलकर कोरोना वायरस विश्व के 75 देशों को अपनी चपेट में ले लिया है वहीं दूसरी ओर हजारों-हजार की संख्या में हो रही मौतों के कारण कोरोना वायरस ने पूरे विश्व के खेल जगत को भी बीमार कर दिया है।

बता दें कि कोरोना वायरस के कहर के कारण कई टूर्नामेंट रद्द कर दिए गए हैं और कई रद्द होने के कगार पर है। भला क्यों नहीं, इसी साल 2020 के जुलाई यानी चार महीने बाद जापान में 24 जुलाई से होने वाले खेलों के महाकुंभ “टोक्यो ओलंपिक” के महाआयोजन पर भी खतरा मंडराता हुआ नजर आने लगा है। क्योंकि कोरोना के कारण जापान में अब तक 12 लोगों की मौत हो चुकी है जिसके फलस्वरूप ओलंपिक क्वालीफायर जैसे टूर्नामेंट को भी स्थगित करना पड़ा है।

चलते-चलते यह भी बता दें कि कोरोना वायरस के कारण इसी मार्च महीने में (12 से 15 मार्च तक) होने वाले “व्हीलचेयर रग्बी टूर्नामेंट” को टोक्यो ओलंपिक के आयोजकों द्वारा रद्द कर दिया गया है। जापान के ओलंपिक मंत्री सीको हाशिमोतो ने संसद में ओलंपिक के लिए हुए करार की स्थिति को स्पष्ट करते हुए कहा कि ओलंपिक खेल अगर निर्धारित तिथि 24 जुलाई को शुरू नहीं हो पाता है तो इन्हें इस वर्ष के अंत में भी आयोजित किया जा सकता है। मंत्री हाशिमोतो ने कहा कि यदि इस खेल महाकुंभ का आयोजन वर्ष 2020 के अंत तक नहीं हो पाता है तो ओलंपिक समिति इन खेलों को स्थगित कर सकती है।

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कोरोना से लड़ते हुए चीन में… जारी है महामारी रोकने की कोशिश

2020 का नया वर्ष मंगलमय तो होता परंतु चीन के कोरोना वायरस का संक्रमण चीन की सीमाओं से बाहर निकलकर संसार के 32 देशों में फैल चुका है। इसे रोकने के लिए चीन पुरजोर कोशिश कर रहा है। चीन के पड़ोसी देशों ने अपनी सीमाओं को सील कर लिया है। फ्लाइट का आना-जाना बंद कर रखा है। अमेरिका सहित कुछ देशों में कोरोना से मुक्ति पाने के लिए टीका और दवाई विकसित करने का प्रयास भी हो रहा है।

बता दें कि कोरोना वायरस के डर से बौद्ध मंदिर पर भी ताला लटका हुआ दिखने लगा है। चीन में रह रहे दर्जनों देश के लोग कोरोना की चपेट में हैं। जानकारी मिलते ही भारत के प्रधानमंत्री ने समस्त भारतीयों को जहाज भेजकर वापस बुला लिया। बचाव के लिए नागरिकों के वैध वीजा भी रद्द करना पड़ा है। चीन के वुहान शहर में सेना की तैनाती कर दी गई है।

यह भी बता दें कि अब चीन सहित 25 अन्य देशों से भारत में आने वाले लोगों की जांच होने लगी है। चीन-नेपाल से आने वाले 5000 व्यक्तियों के स्वास्थ्य की जांच अब तक भारत में की जा चुकी है। 4 सदस्यीय केंद्रीय टीम आज बिहार दौरे पर आ रही है। सूबे के 38 जिलों को अलगाव और नमूना संग्रह के लिए 9 मेडिकल अस्पतालों से जोड़ा गया है। इस वायरस पर नजर रखने के लिए प्रत्येक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में नोडल पदाधिकारी नियुक्त किए गए हैं। चीन में रह रहे कई भारतीय छात्रों ने वायरस के प्रकोप से बचने के लिए मेडिकल की पढ़ाई तक छोड़ दी है।

चलते-चलते बता दें कि चीन के वुहान और शंघाई जैसे शहर जो कभी सोता नहीं था उस शहर में कोई जगा हुआ व्यक्ति सड़कों पर चलता नहीं दिखता। चीन के सारे शहरों में श्मशान की तरह सन्नाटा पसरा है। वहां ना तो सड़कों पर गाड़ियों की और ना आसमान में वायुयानों की चहल-पहल देखने को मिलती है।  अब तक दुनिया भर में कितने लोग संक्रमित हुए और कितने मौत को गले लगाए हैं…. कहा नहीं जा सकता। परहेज यही कि मांस-मछली, अंडा-मुर्गी नहीं खाएं। घंटे-दो घंटे पर अपने हाथों को साबुन से धोएं। मास्क पहनें। डब्ल्यूएचओ की टीम चीन पहुंच चुकी है और दुनिया के देशों को अलर्ट भी कर दिया है।

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अंडर-19 वर्ल्ड क्रिकेट कप में भारत ने पाकिस्तान को 10 विकेट से हराकर 7वीं बार फाइनल में परचम लहराया

अंडर-19 वर्ल्ड कप में भारत ने लगातार चौथी बार पाकिस्तान को हराया है। फरवरी 4 को पोटचेफ्लसट्रूम में पाकिस्तान की टीम पहला सेमीफाइनल खेलते हुए 172 रन पर सिमट गई। भारत के तेज गेंदबाज सुशांत मिश्रा ने सबसे ज्यादा 3 विकेट लिए। कार्तिक त्यागी और रवि बिश्नोई ने दो-दो विकेट झटके।

बता दें कि अंडर-19 वाली भारतीय क्रिकेट टीम ने इस पहले सेमीफाइनल में पाकिस्तान को 10 विकेट से हराया यानि भारतीय टीम के ओपनर यशस्वी जायसवाल और दिव्यांश सक्सेना की अटूट जोड़ी को तोड़ने में पाकिस्तान के गेंदबाजों को नाकों चने चबाना पड़ा, परंतु वे किसी को आउट नहीं कर पाए। दोनों ओपनर खेल जीतने तक खेलते रहे।

जानिए कि भारतीय टीम ने पाकिस्तान द्वारा दिए गए 173 रन के लक्ष्य बिना किसी विकेट के नुकसान के ही 35.2 ओवर में हासिल कर लिया। इस पहले सेमीफाइनल का प्लेयर ऑफ द मैच बने यशस्वी जायसवाल द्वारा 105 रन और दिव्यांश सक्सेना द्वारा 59 रन के साथ जीत दर्ज करते हुए भारत सातवीं बार अंडर-19 विश्व कप के फाइनल में पहुंच गया। भारतीय टीम की यह पाक पर विकेटों के लिहाज से सबसे बड़ी जीत है।

चलते-चलते यह भी बता दें कि 4 साल से भारतीय टीम वर्ल्ड कप में नहीं हारी है… यह लगातार 11वीं जीत है। मौजूदा वर्ल्डकप में यह टीम की लगातार पांचवीं जीत है। पिछले वर्ल्ड कप में भारतीय टीम ने एक भी मैच बिना गवाएं कुल 6 मैच जीतकर खिताब हासिल किया था।… आगे इस वर्ल्ड कप का दूसरा सेमीफाइनल 6 फरवरी को बांग्लादेश और न्यूजीलैंड के बीच होगा तथा इसके विजेता टीम की भिड़ंत 9 फरवरी को भारत के साथ होगी।

 

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