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हेलमेट बिना पहने बाइक स्टार्ट ही नहीं होगी

“नो हेलमेट नो राइड” की अवधारणा पर तैयार किया गया है यह प्रयोग… यही कि बिना हेलमेट लगाए बाइक स्टार्ट ही नहीं होगी। इस डिवाइस पर मात्र ₹1000 का खर्च आता है।

बता दें कि भागलपुर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग (BCE)  के चार विद्यार्थियों ने मिलकर बाइक सवारों के लिए अनोखा डिवाइस तैयार किया है। अब हेलमेट का अनिवार्य प्रयोग बाइक सवारों की मजबूरी बनेगी। BCE के फाइनल ईयर के ये चारों छात्र हैं- राहुल चौधरी, निरंजन कुमार निराला, रौशन कुमार एवं रंजन कुमार। इन चारों छात्रों को गाइड किया है असिस्टेंट प्रो.(डॉ.)अमित कुमार सिंह ने।

यह भी जानिए कि बाइक में रिसीवर व हेलमेट में छोटे ट्रांसमीटर लगाए जाते हैं। जब चाभी डालकर बाइक को ऑन किया जाता है तब बाइक व हेलमेट एक दूसरे से रेडियो फ्रीक्वेंसी के माध्यम से जुड़ जाते हैं। इसके लिए बाइक को ऑन करना होगा।

बाद में हेलमेट को पहनकर इसके क्लिप को लगाते ही रेडियो फ्रीक्वेंसी से बाइक में लगे रिसीवर को संकेत मिलता है और रिले ऑन होते ही बाइक का इग्निशन सिस्टम ऑन हो जाता है। इस स्टार्टअप को तैयार करने में महज ₹1000 खर्च हुए। इसमें सात छोटे-छोटे सस्ते उपकरणों का प्रयोग हुआ है।

मौके पर उसी भागलपुर विश्वविद्यालय से पढ़े भौतिकी के लोकप्रिय प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने कहा कि इसके प्रयोग से लाखों लोगों की जान बचाई जा सकती है। साथ ही चेकिंग के दौरान जो फाइन भरना पड़ता है वह भी नहीं लगेगा। पुलिस प्रशासन की परेशानियां भी समाप्त होगी। इस सिस्टम को बाइक कंपनियां भी व्यवहार में लाएं और सबका सहयोग हो तो लोग सुरक्षित यात्रा कर सकेंगे। इस डिवाइस से पूरी मानव जाति का कल्याण होगा।

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सुपर थर्टी के आनंद कुमार को मिला स्वामी ब्रह्मानंद पुरस्कार

स्वामी ब्रह्मानंद मूल नाम शिवदयाल एक समाज सुधारक, परोपकारी, प्रखर स्वतंत्रता सेनानी एवं कुशल राजनेता भी रहे। उन्होंने बचपन से ही समाज में फैले हुए अंधविश्वास और अशिक्षा जैसी कुरीतियों का डटकर विरोध किया। वे आजाद भारत के पहले सन्यासी सांसद बने जो हमीरपुर यूपी से दो बार सांसद बनकर देश की राजनीति में विशेष योगदान देते रहे। स्वतंत्रता संग्राम में गांधी-नेहरू आदि के साथ काम किया और नमक सत्याग्रह में उन्हें 2 वर्ष का कारावास हुआ। उन्हें हमीरपुर, हरदोई एवं कानपुर के कारागृह में रखा गया। उन्होंने पैसा न छूने का प्रण आजीवन निभाया। ऐसे कर्मयोगी वीर पुरुष के नाम पर लोगों द्वारा “स्वामी ब्रह्मानंद पुरस्कार” का शुभारंभ वर्षों पूर्व किया गया।

बता दें कि कोरोना वायरस के चलते शिक्षा के हर महकमें को अवरोध का सामना करना पड़ा। सुपर थर्टी के संचालक गणितज्ञ आनंद कुमार द्वारा अब प्रतिभाओं को खोजने का सिलसिला शुरू किया गया है। आगामी मार्च 2022 में परीक्षा ली जाएगी। श्री कुमार ने कहा कि बुंदेलखंड के गरीब छात्र पढ़ना चाहते हैं। बच्चों की रुचि के कारण आकर्षित होकर वे दो दिन कबल यूपी के हमीरपुर जिले के राठ क्षेत्र में थे, महान गणितज्ञ आनंद कुमार को 2021 का स्वामी ब्रह्मानंद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

Prof.(Dr.)B.N.Yadav Madhepuri giving book "Small Aim is a Crime" to Mathematician Anand Kumar at BNMU Madhepura.
Prof.(Dr.)B.N.Yadav Madhepuri presenting book “Small Aim is a Crime” to Mathematician Anand Kumar at BNMU Madhepura.

यह भी जानिए कि बीएन मंडल विश्वविद्यालय में 3 वर्ष पूर्व पधारे सुपर थर्टी के सुपर गणितज्ञ आनंद कुमार को भारतरत्न डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम के संग लिखी गई पुस्तक “छोटा लक्ष एक अपराध है” देते हुए समाजसेवी-साहित्यकार प्रो.(डॉ.)भूपेंन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने कहा था- आर्यभट्ट जैसा गणितज्ञ, गोरखनाथ जैसा अर्थशास्त्री और वशिष्ठ नारायण सिंह जैसा गणितज्ञ ज्ञानी के बाद सूबे बिहार की धरती पर यदि कोई गणितज्ञ गौरवान्वित करने जा रहा है तो उसका नाम है सुपर थर्टी का सुपर आनंद कुमार। उस कर्मवीर के मधेपुरा आगमन पर डॉ.मधेपुरी ने कहा था-

हरता हर पथ का अंधियारा, जल-जल कर दीपक की बाती।

रहता है नाम अमर उसका, जो दे जाता अनुपम थाती ।।

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कोरोना की तीसरी लहर आने की चिंता भारत को भी

फिलहाल भारत के केरल राज्य में कोविड-19 केस 21% से अधिक होने के चलते कुछ राज्यों में तीसरी लहर के आने की चर्चा होने लगी है। मुंबई के मेयर ने तो यहां तक कह दिया कि कोरोना की तीसरी लहर तो दहलीज तक आ चुकी है। उन्होंने गणपति पूजा को लेकर सावधानी बरतने की सलाह दी।

जानिए कि अमेरिका मे कोरोना बेकाबू होता जा रहा है। हाल-फिलहाल इजरायल पुनः कोरोना महामारी का केंद्र बनता जा रहा है। कोरोना से बचाव के लिए वहां बूस्टर डोज दिया जाने लगा है। क्योंकि जहां पिछले साल अमेरिकी मरीजों की औसत संख्या 1 सप्ताह में 39000 थी वहीं अभी सप्ताह में औसत 137270 यानि लगभग एक लाख अधिक हो गई है।

भारत सरकार टीकाकरण करने की पूरी व्यवस्था में लगी हुई है। भारतवासियों को अपना कर्तव्य निर्वहन करना है- “दो गज दूरी, मास्क है जरूरी”। बकौल समाजसेवी-शिक्षाविद् डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी इसे प्रत्येक भारतवासी अपनी दिनचर्या में शामिल कर लें।

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ओलंपिक या पैरालंपिक के पदक वीरों को पेंशन व मेडिकल सुविधाएं मिले- डॉ.मधेपुरी

एक सकारात्मक सोच वाली अच्छी और हृदय को छूने वाली सच्ची बातें। ओलंपिक और पैरालंपिक में कोई अंतर नहीं फिर भी सम्मान में क्यों अंतर हो जाता है  ! ओलंपिक खिलाड़ियों के साथ संपूर्ण देश खड़ा रहता है, लेकिन पैरालंपिक खिलाड़ियों को उनके घर वाले हवाई अड्डे पर रिसीव करने जाते हैं। जबकि दोनों के द्वारा गोल्ड जीतने पर पोडियम में भारत का राष्ट्रगान समान रूप से शान के साथ बजता है और तिरंगा भी सबसे ऊपर होता हुआ आकाश को चूमता है। ये क्रियाएं समान रूप से समस्त भारतवासियों को गौरवान्वित भी करता है।

समाजसेवी-शिक्षाविद् प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी की सोच है- ओलंपिक के खिलाड़ी हों या पैरालंपिक के, दोनों अपना सब कुछ न्योछावर कर देश को विश्व के खेल मंच पर ऊंचाई प्रदान करता है। किसी-किसी को तो 50 किलोमीटर की दूरी तय कर प्रतिदिन ट्रेनिंग सेंटर तक जाना पड़ता है। यदि अंक देने की बात हो तो अधिक अंक पैरालंपिक खिलाड़ियों को ही दिया जाना उचित होगा। ऐसा इसलिए कि पैरालंपिक वाले कोई खिलाड़ी बिना पैर के तो कोई बिना हाथ के ही वो कमाल कर दिखाते हैं जो दो-दो हाथ-पैर वाले भारतीय ओलंपिक खिलाड़ी नहीं कर पाते हैं।

खेलों के इस महाकुंभ में चुनौतियां चेहरा नहीं देखती वो देखती है केवल जोश, जज्बा और जुनून। जब किसी ओलंपिक खिलाड़ी की तपस्या हद को पार कर जाती है तब उसे ओलंपिक पदक जैसी अमूल्य चीज मिल जाती है जो संपूर्ण देश के चेहरे पर मुस्कान ला देती है।

भारतीय ब्रांड्स को चाहिए कि एक बार में दो मेडल (एक स्वर्ण और एक कांस्य) जीतने वाली अवनी लेखरा जैसे पैरालंपिक खिलाड़ियों को भी अप्रोच करें और अवसर देकर उनका मनोबल बढ़ाएं।

जानिए कि टोक्यो- 2020 ओलंपिक में जहां एक बार जन-गण-मन…. बजा वहीं टोक्यो पैरालंपिक में पांच बार और तिरंगा तो 19 बार आकाश में लहराया। कल होकर वही खिलाड़ी जब खेल से रिटायर हो जाता है तो कुछ की आर्थिक स्थिति ऐसी हो जाती है कि वे अपने घर के बच्चों की परवरिश के लिए उसी मेडल को अपनी पहचान छुपा कर बेचने को मजबूर हो जाते हैं।

डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी जैसे संवेदनशील-समाजसेवी ने भारतीय खिलाड़ियों द्वारा खेल के प्रति अकंप्य एकाग्रता बनाए रखने के लिए देश के प्रधानमंत्री, राज्य के मुख्यमंत्री एवं खेल व युवा मामले के मंत्रीगण से उन खिलाड़ियों के खेल से रिटायर होने पर उन्हें पेंशन एवं मेडिकल सुविधाएं देने की मांग की है। उन्होंने देश को गौरवान्वित करने वाले उन पदक वीरों को विधायकों एवं सांसदों की तरह ही पेंशन, मेडिकल व अन्य सुविधाएं देने हेतु विनम्र अनुरोध भी किया है।

अंत में यह भी जानिए कि डॉ.मधेपुरी ने पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम नीतीश कुमार और खेल व युवा मामले के केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर एवं सूबे बिहार के खेल मंत्री डॉ.आलोक रंजन को भी इस आशय का पत्र प्रेषित किया है।

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टोक्यो पैरालंपिक- 2020 के अंतिम दिन भारत ने गोल्ड के साथ रिकॉर्ड 19 मेडल जीते

टोक्यो पैरालंपिक 2020 के महान गेम्स में भारत को अंतिम दिन कृष्णा नागर ने बैडमिंटन में जहां स्वर्ण पदक दिलाया वहीं सुहास यतीराज रजत पदक दिलाया। इसके साथ ही भारत ने रिकॉर्ड 19 मेडल जीतकर पैरालंपिक का सुखद अंत किया। अब तक 53 सालों में भारत ने इससे पहले कुल मिलाकर मात्र 12 मेडल जीते थे।

बता दें कि 1968 में पहली बार भारत ने पैरालंपिक गेम्स में हिस्सा लिया था। अब तक 53 वर्षों में 11 पैरालंपिक गेम्स में कुल 12 मेडल भारत ने जीता। टोक्यो पैरालंपिक- 2020 में 19 मैडल जीतकर भारत 24वें स्थान पर रहा। इस बार भारत का पैरालंपिक में ऐतिहासिक प्रदर्शन रहा।

जानिए कि भारत ने इस बार दो-दो गोल्ड निशानेबाजी एवं बैडमिंटन में जीता। पदक तालिका में भारत ने इस बार लंबी छलांग लगाई। टोक्यो पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने 5 गोल्ड, 8 सिल्वर और 6 ब्रोंज मेडल के साथ कुल 19 पदक भारत के नाम करके विश्व के देशों को पीछे छोड़ 24वें पायदान पर खड़े होकर तिरंगे को गौरवान्वित किया। भारत ने पहली बार पोडियम में 5 बार राष्ट्रगान बजवाया।

मौके पर खेलप्रेमी-समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने भारत के लिए खेलने वाले 54 पैरालंपिक खिलाड़ियों के प्रति आभार प्रकट करते हुए कहा कि जिस तरह से पीएम मोदी और सीएम नीतीश कुमार खिलाड़ियों से फोन पर बातें करते हैं, बधाइयां देते हैं और खेल विश्वविद्यालय स्थापित करने में लगे हैं कि 2024 के पैरालंपिक में भारत 50 से अधिक पदक जीतने वाला देश बनकर रहेगा।

 

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एक ओलंपिक में दो-दो पदक जीतकर अवनी लेखरा और सिंहराज अदाना ने रचा इतिहास

टोक्यो पैरालंपिक- 2020 में भारतीय खिलाड़ी जयपुर की अवनी लेखरा निशानेबाजी में 2 पदक जीतकर इतिहास रच दिया। अवनी लेखरा ने पहले 10 मीटर एयर राइफल निशानेबाजी में गोल्ड जीतकर पोडियम में भारतीय राष्ट्रगान बजवा दी और तिरंगे को गौरवान्वित किया। पुनः वही अवनी लेखरा ने 50 मीटर एयर राइफल में कांस्य पदक जीता।। इससे पूर्व किसी भी भारतीय खिलाड़ी ने एक ओलंपिक में 2 पदक नहीं जीते हैं।

जानिए कि 30 अगस्त सोमवार को 1 दिन में 5 पदक (2 गोल्ड, 2 सिल्वर, 1 कांस्य) जीतकर भारत ने इतिहास रच दिया तथा एक दिन बाद मंगलवार को भारत ने 3 और मेडल- एक शूटिंग एवं दो ऊंची कूद में जीतकर मंगल-मंगल कर दिया। अब तक भारत कुल 17 मेडल (4 गोल्ड, 7 सिल्वर, 6 रजत) जीत चुका है। जिसमें 4 गोल्ड जीता है- अवनी लेखरा, सुमित अंतिल, मनीष अग्रवाल और प्रमोद भगत ने।  7 सिल्वर जीता है- भाविना पटेल, निषाद कुमार, देवेंद्र झांझरिया, योगेश कठोनिया, मरियप्पन थंगावेलू , प्रवीण कुमार और सिंहराज अदाना ने। साथ ही  6 कांस्य पदक जीता है- सुंदर सिंह गुर्जर, सिंहराज अदाना, शरद कुमार, अवनी लेखरा, हरविंदर सिंह एवं मनोज सरकार।

मौके पर खेलप्रेमी-समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने मीडिया एवं सरकारी तंत्र से विनम्र अनुरोध किया है कि ओलंपिक और पैरालंपिक के खिलाड़ियों के मान-सम्मान में अंतर नहीं किया जाए। दोनों को समान रूप से सम्मानित किया जाय। दोनों के द्वारा गोल्ड जीतने पर पोडियम में राष्ट्रगान बजता है इसे ख्याल रखा जाय।

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आनंद महिंद्रा के खेल प्रेम को देशवासियों का सलाम

और अब तक महिंद्रा एंड महिंद्रा ग्रुप के चेयरमैन आनंद महिंद्रा का खेल प्रेम किसी खेल प्रेमी से छुपा नहीं रह गया है। आनंद महिंद्रा ने ऐसा काम किया है, जिसके बारे में जानकर आपका दिल खुश हो जाएगा।

बता दें कि बीते दिनों जापान की राजधानी टोक्यो में आयोजित टोक्यो ओलंपिक- 2020 में जैवलिन थ्रो में प्रथम भारतीय एथलीट नीरज चोपड़ा द्वारा गोल्ड जीतने पर उन्हें चेयरमैन आनंद महिंद्रा ने एक्सयूवी 700 स्पेशल एडिशन एसयूवी गाड़ी देने की घोषणा की।

यह भी जानिए कि आनंद महिंद्रा ने पुनः टोक्यो पैरालिंपिक- 2020 में सुनीत अंतिल द्वारा जैवलिन थ्रो में गोल्ड जीतने के बाद अपने चीफ डिजाइनर प्रताप बोस से कहा कि और भी महिंद्रा एक्सयूवी 700 स्पेशल एडिशन एसयूवी बनाई जाए और देश का नाम ऊंचा करने वाले खिलाड़ी को गिफ्ट की जाए। यह भी माना जा रहा है कि सुमित अंतिल और अवनी लेखरा के लिए जो गाड़ी आएगी वह कस्टमाइज्ड होगी और इसे इस्तेमाल करने वालों को सर्वाधिक आसानी होगी। महिंद्रा ने तो जैवलिन नाम से ट्रेडमार्क भी करा दिया है।

चलते-चलते खेलप्रेमी-समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने महिंद्रा एंड महिंद्रा के चेयरमैन आनंद महिंद्रा की खेल प्रेम से ओतप्रोत देशभक्ति के जज्बे को सलाम करते हुए अन्य ऐसी ऐसी कंपनियों से अनुरोध किया है कि वे कम से कम पैरालिंपिक स्वर्ण विजेता खिलाड़ियों को गिफ्ट देकर खेल भावना को जीवित रखने में सहयोग करें। ऐसा करने से पैरालिंपिक खिलाड़ीगण भी प्रोत्साहित होंगे।

 

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पैरालिंपिक टोक्यो में तीन पदकों के साथ मंगलवार को भारत का मंगल-मंगल

टोक्यो पैरालंपिक- 2020 में लगातार भारत का प्रदर्शन बेहतर होता जा रहा है। मंगलवार का दिन भारत के लिए शानदार, जानदार और सर्वाधिक मंगलमय रहा।

बता दें कि भारत ने निशानेबाजी में कांस्य जीतने के बाद ऊंची कूद में रजत एवं कांस्य पदक जीतकर पदकों की संख्या दहाई तक पहुंचा दी। भारत फिलहाल विश्व पैरालंपिक की पदक तालिका में 30वें स्थान पर है। भारत 2 गोल्ड, 5 सिल्वर और 3 कांस्य जीता है।

जानिए कि भारतीय निशानेबाज सिंहराज अंडाना ने जहां 10 मीटर एयर पिस्टल स्पर्धा में कांस्य पदक जीता वहीं पुरुष ऊंची कूद में मरियप्पन ने रजत एवं बिहार के शरद कुमार ने कांस्य जीता। जापान के टोक्यो पैरालिंपिक- 2020 में मंगलवार को बिहार ने पहली बार ऊंची छलांग लगाकर नीतीश सरकार द्वारा खेल विश्वविद्यालय की स्थापना को सार्थक साबित कर दिया है।

मौके पर समाजसेवी-खेलप्रेमी डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने इन पैरालिंपिक भारतीय खिलाड़ियों के पिता और खासकर माताओं को नमन किया है जिन्होंने अपने दिव्यांग बच्चों को हमेशा प्रोत्साहित किया है… कभी निराश नहीं होने दिया। तभी तो वे आज भारत को गौरवान्वित कर रहे हैं और विदेशों में भारत के तिरंगे और राष्ट्रगान का मान बढ़ा रहे हैं।

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कृष्णाष्टमी के दिन टोक्यो पैरालिंपिक में 5 मेडल विजेता भारतीय खिलाड़ियों का सुनहरा रहा सोमवार

टोक्यो पैरालिंपिक- 2020 में भारत ने भगवान कृष्ण के 5247वें जन्मोत्सव पर सुनहरे सोमवार के दिन दो गोल्ड सहित रिकॉर्ड 5 पदक जीत लिया। इतिहास में भारत ने किसी भी टूर्नामेंट में उतने पदक नहीं जीते थे जितना एक दिन में जीतकर इतिहास रच दिया। अब तक 53 साल में भारत के 19 मेडल हुए हैं जिसमें- 6 गोल्ड हैं जबकि अभी भी 5 सितम्बर तक खेल बचे हुए हैं। मेडल बढ़ने की उम्मीद है।

बता दें कि पैरालिंपिक- 1960 में शुरू हुआ और भारत तीसरे पैरालंपिक यानि 1968 में शामिल हुआ। पहला सिल्वर मेडल दीपा मलिक ने जीता और भाविना ने दूसरा सिल्वर और अवनी लेखरा ने इस बार गोल्ड जीतकर टोक्यो के पोडियम में भारतीय राष्ट्रगान बजाने में सफलता पाई।

जानिए कि 2012 में महाशिवरात्रि पर हादसे में अवनी का आधा शरीर लकवा ग्रस्त हुआ। 2017 में महाशिवरात्रि पर ही वर्ल्ड कप में पहला मेडल जीता और 2020 में 19 साल की अवनी ने कृष्णाष्टमी के दिन देश को पहला गोल्ड दिला कर सभी भारतीयों के चेहरे पर स्वर्णिम मुस्कान ला दिया। कृष्णाष्टमी के दिन वाले चार और विजेताओं के नाम हैं- जैवलीन थ्रो में गोल्ड पदक विजेता सुमित अंतिल, सिल्वर विजेता देवेंद्र झांझरिया एवं ब्राँज विजेता सुंदर सिंह गुर्जर। डिस्कस थ्रो में सिल्वर विजेता योगेश कठुनिया हरियाणा के रहने वाले हैं।

चलते-चलते यह भी कि खेलप्रेमी-समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने कहा कि जैवलीन थ्रो में स्वर्ण विजेता नीरज चोपड़ा के साथ जैवलीन थ्रो का अभ्यास करते-करते सुमित अंतिल भी पैरालिंपिक में गोल्ड जीतकर खेल प्रेमियों के दिलों में जगह बना ली है। उन्हें भी समस्त भारतीय खेल प्रेमियों की ओर से नमन और बंदन के साथ हरियाणा सरकार से गुजारिश है कि नीरज चोपड़ा की तरह सुमित अंतिल को भी वैसा ही सम्मान देकर समानता को कायम रखते हुए संविधान का सम्मान किया जाए।

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भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव “कृष्ण जन्माष्टमी” पर रहती है चतुर्दिक विशेष धूम

भगवान विष्णु के अवतारों में सबसे पहले नंबर पर आता है- कृष्ण जन्माष्टमी। द्वापर युग में अत्याचारी कंस से लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए भगवान विष्णु ने कृष्णावतार लिया। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार देवकी और वासुदेव की आठवीं संतान के रूप में भगवान कृष्ण का जन्म भाद्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी को हुआ था। जिसे भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में उनकी जन्मस्थली मथुरा में विशेष धूमधाम से मनाई जाती है। देश के सभी कृष्ण मंदिरों में भी यह जन्मोत्सव सर्वाधिक श्रद्धा के साथ मनाई जा रही है।

बता दें कि इस वर्ष कृष्ण जन्माष्टमी 30 अगस्त सोमवार को मध्य रात्रि में पूरे ब्रज क्षेत्र में धूमधाम से मनाई जाएगी। इस अवसर पर श्रद्धालुओं व भक्तों द्वारा घरों से लेकर मंदिरों तक में झांकियां सजाई जाएंगी। घर में बाल गोपाल का जन्मोत्सव भी मनाते रहेंगे लोग।

मौके पर समाजसेवी-शिक्षाविद् डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने कहा कि जिस तरह से सावन मास में भगवान शिव की भक्ति की धूम रहती है उसी तरह से भादो मास में श्री कृष्ण की आराधना की धूम मची होती है। डॉ.मधेपुरी ने कहा कि इस वर्ष भगवान श्री कृष्ण का 5247वां जन्मोत्सव मनाया जा रहा है। भारत में मनाए जाने वाले सभी पर्व-त्योहार हमारी सांस्कृतिक विरासत व विविधता में एकता का प्रतीक माना जाता है।

 

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