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बीपी मंडल के सपनों को हू-ब-हू पूरा नहीं किया सरकार

राष्ट्रीय लोक जनता दल (रालोजद) के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने देर शाम मुरहो पहुंचकर मंडल मसीहा बीपी मंडल के स्मारक पर माल्यार्पण एवं उसे नमन करते हुए एक जनसभा को संबोधित किया। सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय लोक जनता दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने इशारे में कहा कि वर्तमान सरकार ने बीपी मंडल के सपनों को साकार नहीं किया है। उन्होंने बीपी मंडल आयोग को हू-ब-हू लागू करने की मांग की।

रालोजद के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने केंद्र सरकार की ओर बिना इशारा किए और नाम लिए नीतीश सरकार की आलोचना करते हुए यही कहा कि 15 साल वाला राज नहीं आने देंगे। उन्होंने नीतीश सरकार के कामकाज की जमकर आलोचना की, परंतु मंडल रिपोर्ट को हू-ब-हू लागू करने हेतु केंद्र सरकार की ओर इशारा तक नहीं किया।

विरासत बचाओ नमन यात्रा के दौरान सिंहेश्वर में मोहम्मद इफ्तेखार आलम एवं मधेपुरा के भूपेंद्र चौक पर प्रो.अभिषेक कुशवाहा द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष का भव्य स्वागत किया गया। सभा की अध्यक्षता रविशंकर मेहता एवं संचालन मृत्युंजय मेहता ने की। वयोवृद्ध नेता गोवर्धन मेहता ने भी सभा को संबोधित किया।

 

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आज उपेन्द्र कुशवाहा मधेपुरा-मुरहो के मंडल समाधि पर अर्पित करेंगे पुष्प

चंद रोज कबल सीएम नीतीश कुमार की जदयू को छोड़ उपेंद्र कुशवाहा ने अलग पार्टी बनाई, जिसका नाम है- राष्ट्रीय लोक जनता दल। उपेंद्र कुशवाहा अपनी नवनिर्मित पार्टी रालोजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने हैं। पूरे राज्य में कई छोटे-बड़े नेता व कार्यकर्ता उपेन्द्र कुशवाहा के साथ हो भी लिए हैं।

नई पार्टी रालोजद बनाने के साथ ही वे “विरासत बचाओ-नमन यात्रा” पर निकल गए हैं। सर्वप्रथम उपेंद्र कुशवाहा ने अपनी यात्रा की शुरुआत बापू के चंपारण (भितिहरवा) से शुरू की है। इस दरमियान वे नीतीश के बजट पर तंज एवं सीएम के क्रियाकलापों पर हमला करते हुए यात्रा पर निकले हैं। उनकी प्रथम चरण की यात्रा 20 मार्च तक चलेगी।

इस बीच उपेंद्र कुशवाहा ने एमएलसी पद से इस्तीफा दे दिया है। अब कई शहरों में ‘नमन यात्रा’ को संबोधित करते हुए कुशवाहा ने आरजेडी के बहाने नीतीश पर प्रहार करते हुए कहा- “बिहार 15 साल पीछे” पहुंच गया है।

आज 4 मार्च को रालोजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा सामाजिक न्याय के पुरोधा बीपी मंडल की समाधि पर मुरहो-मधेपुरा में पुष्पांजलि अर्पित कर सभा को संबोधित करेंगे।

बकौल रालोजद नेता अभिषेक कुशवाहा उपेंद्र कुशवाहा का मधेपुरा की धरती पर प्रवेश के साथ ही भव्य स्वागत की तैयारी की जा रही है। कल तक जो छोटभैया नेता नीतीश के साथ थे वे अब उपेंद्र कुशवाहा के साथ होने लगे हैं।

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मधेपुरा संगीत प्रेमियों की धरती है- विनोद राठौर

महाशिवरात्रि के अवसर पर आयोजित तीन दिवसीय राजकीय सिंहेश्वर महोत्सव का समापन खुशनुमा माहौल में हुआ। स्थानीय कला शिल्पी- लक्षिता, इप्टा, नवाचार, साना व सृर्जन दर्पण ग्रुप के अतिरिक्त मासूम नव्या के नृत्य एवं रेखा-रोशन-पुष्पलता के लोकगीतों के साथ-साथ मुंबई से आए चांदनी मुखर्जी और बॉलीवुड गायक विनोद राठौर ने दर्शकों को बांधे रखा। देर रात तक श्रोतागण झूमते रहे।

विनोद राठौर ने नायक नहीं खलनायक हूं मैं से लेकर जय-जय शिव शंकर कांटा लगे ना कंकर… तक लगभग एक दर्जन गीत गाकर माहौल को याराना बना दिया। पूरा पंडाल झूमने लगा। अंत में विनोद राठौर एवं चांदनी मुखर्जी की आवाज में चलते-चलते मेरे ये गीत याद रखना कभी अलविदा ना कहना… सुनकर उद्घाटन से लेकर समापन तक मौजूद रहने वाले सिंहेश्वर के युुवा विधायक चंद्रहास चौपाल सहित पूर्व मंत्री डॉ. रमेश ऋषिदेव, एसपी राजेश कुमार एसडीएम नीरज कुमार, डीएसपी अजय नारायण यादव, समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, मो.शौकत अली, एंकर पृथ्वीराज यदुवंशी, शशि प्रभा जायसवाल, शैलेश कुमार आदि ने विनोद राठौर-चांदनी मुखर्जी सहित सभी स्थानीय कलाकारों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। इस मौके पर डीसीएलआर सुजीत कुमार, डीपीआरओ मनोहर साहू, एनडीसी संजीव कुमार तिवारी एवं जिला प्रशासन के अन्य पदाधिकारीगण भी मौजूद रहे।

 

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पीसी एण्ड पीएनडीटी के तहत जिला सलाहकार समिति की बैठक हुई संपन्न

मधेपुरा जिला के पीसी एंड पीएनडीटी सलाहकार समिति की बैठक सिविल सर्जन कार्यालय में दिनांक 1 मार्च, 2023 को अपराह्न 3:00 बजे सीएस डॉ.मिथिलेश ठाकुर की अध्यक्षता में संपन्न हुई। इस समिति के 10 सदस्यों में 6 चिकित्सक हैं और शेष चार में से एक सदस्य मधेपुरा व्यवहार न्यायालय के जीपी मोहम्मद अब्दुल कलाम, एक जिला जनसंपर्क पदाधिकारी एवं दो सामाजिक कार्यकर्ता प्रोफेसर डॉ.भूपेद्र नारायण यादव मधेपुरी एवं श्रीमती उर्मिला कुमारी हैं।

बैठक में अध्यक्ष डॉ.मिथिलेश ठाकुर के अतिरिक्त डॉ.धीरेंद्र कुमार यादव (अध्यक्ष, आइएमए), डॉ.सच्चिदानंद यादव, जिला स्वास्थ्य समिति के प्रबंधक डॉ.ए.सलाम, समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.मधेपुरी एवं जीपी अब्दुल कलाम आदि मौजूद थे। सिविल सर्जन ने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि अल्ट्रासाउंड रजिस्ट्रेशन की सभी संचिकाओं का निष्पादन हो चुका है। कोई संचिका लंबित नहीं है। अंत में सर्वसम्मति से सरकार द्वारा भेजे गए नियमों एवं परिनियमों की प्रतियां जिले के सभी संचालित अल्ट्रासाउंड के कर्मियों को उपलब्ध कराए जाने का निर्णय लिया गया।

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सिंहेश्वर महोत्सव- 2023

सिंहेश्वर महोत्सव में दिखी मिथिलांचल की लोक संस्कृति की झलक, जब वैदिक मंत्रोच्चार के साथ ऋष्य श्रृंग की धरती सिंहेश्वर में तीन दिवसीय महोत्सव का आगाज हुआ। उद्घाटन स्थानीय विधायक श्री चंद्रहास चौपाल, प्रभारी डीएम सह डीडीसी नितीन कुमार सिंह, एसपी राजेश कुमार सहित एडीएम, एसडीएम, एसडीपीओ, एनडीसी, डीपीआरओ एवं समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी, डॉ.शांति यादव, शौकत अली आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

विधायक चौपाल ने मौके पर कहा कि बिहार के ऐतिहासिक स्थल पर जिला प्रशासन के प्रयास से महोत्सव को यादगार बनाया गया है। जिला प्रशासन ने महोत्सव के कार्यक्रमों को यूट्यूब पर देकर देश के सांस्कृतिक मैप पर भी मधेपुरा को ला दिया है। महोत्सव में स्थानीय एवं बाहर के नामचीन कलाकारों की बेहतरीन प्रस्तुति से लोग अब सदैव आनंद उठाते रहेंगे।

लोग जब चाहे स्थानीय स्थापित कलाकारों के अतिरिक्त योगेंद्र भारती व मनोज कुमार के द्रुपद, अतुल पंडित, कुमार सत्यम, विनोद राठौड़, चांदनी मुखर्जी आदि के मनपसंद गीतों को सुन सकते हैं। साथ ही नामचीन उद्घोषक पृथ्वीराज यदुवंशी, शशि प्रभा जयसवाल आदि के मंच संचालन से रूबरू होते रहेंगे।

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समाजवाद को ताजिंदगी जीते रहे भूपेन्द्र बाबू- डॉ.मधेपुरी

एक फरवरी 1904 को जन्मे समाजवादी चिंतक भूपेन्द्र नारायण मंडल की 120वीं जयंती मधेपुरा के भूपेन्द्र चौक पर समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी की अध्यक्षता में प्रातः 8:00 बजे संपन्न हुआ। इस अवसर पर सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों एवं शिक्षकों सहित सृजन दर्पण के कलाकारों ने जयंती को समारोह का स्वरूप प्रदान कर दिया।

भूपेन्द्र बाबू की प्रतिमा पर प्रथम माल्यार्पण द्वारा इस समारोह का उद्घाटन टीएमबीयू के पूर्व प्रति कुलपति डॉ.केके मंडल ने किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि बीएनएमयू के पूर्व सचिव प्रो.सचिंद्र एवं विशिष्ट अतिथि अवकाश प्राप्त स्नातकोत्तर जंतु विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ.अरुण कुमार सहित डॉ.आलोक कुमार, सतीश कुमार, विकास कुमार, चिरामणि यादव (ज्ञानदीप निकेतन), श्यामल कुमार सुमित्र (तुलसी पब्लिक स्कूल), लता कुमारी (शांति आदर्श मध्य विद्यालय), एलिस कुमार (अधिक लाल मध्य विद्यालय), पूर्व वार्ड आयुक्त विनीता भारती, मुन्ना कुमार, संजय मुखिया, राम कुमार, बंसी बिहारी, राहुल यादव, आनंद कुमार, संजय कुमार दिनकर, वरुण कुमार, चंदन कुमार, विनोद कुमार, अजय कुमार, सौरभ कुमार एवं अमृतराज आदि ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि किया।

Dr.Bhupendra Narayan Yadav Madhepuri along with ProVC Dr.K.K.Mandal, Dr.Alok and others at Bhupendra Chowk.

 

उद्घाटनकर्ता डाॅ.मंडल ने उनकी जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि वे बैलगाड़ी से घूम-घूम कर गांव-गांव में समाजवाद की अलख जगाते रहे। उन्होंने कहा कि भूपेन्द्र बाबू जात की नहीं जमात की राजनीति करते थे। अध्यक्षीय संबोधन में डॉ.मधेपुरी ने कहा कि भूपेन्द्र बाबू समाजवादियों के प्रेरणास्रोत बने रहे हैं और आगे भी बने रहेंगे। भूपेन्द्र बाबू के साथ साये की तरह रहने वाले डॉ.मधेपुरी ने कहा कि समाजवाद को ताजिंदगी जीते रहे मनीषी भूपेन्द्र। मौजूद विशिष्ट अतिथियों प्रो.सचिंद्र महतो, डॉ.अरुण कुमार, विनीता भारती एवं बुद्धिजीवियों ने भी अपनी एक-एक पंक्ति में अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि वे संत राजनीतिज्ञ थे और उनकी नसों में समाजवाद मौजूद था।

अंत में पूर्व की भांति अध्यक्ष डॉ.मधेपुरी ने तुलसी पब्लिक स्कूल के डायरेक्टर श्यामल कुमार सुमित्र, ज्ञानदीप निकेतन के प्राचार्य चिरामणि यादव, शांति आदर्श मध्य विद्यालय की प्रधानाध्यापिका लता कुमारी एवं अधिक लाल मध्य विद्यालय की प्रधानाध्यापिका एलिस कुमार सहित विकास कुमार को अंगवस्त्रम एवं स्कूल के बच्चों को पानी पीने के लिए स्टील का सुंदर जग-ग्लास दिया। इस अवसर पर डॉ.मधेपुरी ने महेंद्र साह, संजय कुमार और जयमाला देवी को एक-एक कंबल प्रदान किया। धन्यवाद ज्ञापन भूपेन्द्र विचार मंच के सचिव डॉ.आलोक कुमार ने किया।

 

 

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मधेपुरा समाहरणालय में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की शहादत को याद किया गया

9 मई 1981 को जिला का दर्जा प्राप्त मधेपुरा समाहरणालय के परिसर में डायनेमिक डीएम मो.सोहैल (आईएएस) ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा लगाई थी। तब से प्रत्येक वर्ष जिला प्रशासन द्वारा 30 जनवरी को बापू की शहादत दिवस पर सर्व धर्म प्रार्थना एवं कुष्ठ रोगियों के मुक्ति हेतु संकल्प को दोहराया जाता है।

आज वर्ष 2023 के 30 जनवरी को 10:30 बजे प्रातः ऊर्जावान डीएम श्याम बिहारी मीणा (आईएएस), एसपी राजेश कुमार, एडीएम रविंद्र नाथ प्रसाद सिंह, एसडीएम नीरज कुमार और अन्य अधिकारियों सहित समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी, शौकत अली, सुरेश भूषण आदि समस्त उपस्थित जनों द्वारा दो मिनट का मौन भी रखा गया।

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मधेपुरा डाक बंगला परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं शहीद चुल्हाय की शहादत को याद किया गया

मधेपुरा डाक बंगला परिसर में जिला परिषद अध्यक्षा श्रीमती मंजू देवी, उपाध्यक्ष रघुनंदन दास, कार्यपालक पदाधिकारी सह एडीएम रविंद्र नाथ प्रसाद सिंह सहित शहर के गन्यमान्यों समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, शौकत अली, प्रो.सचिंद्र महतो, डॉ.सुरेश भूषण, नप अध्यक्षा कविता साहा, विनीता भारती, तुरबसु, राहुल यादव आदि ने 30 जनवरी को प्रातः 10:00 बजे दोनों शहीदों पूज्य बापू की प्रतिमा एवं शहीद चुल्हाय यादव के तैल चित्र पर माल्यार्पण व पुष्पांजलि की। दो मिनट का मौन भी रखा गया। डॉ.मधेपुरी व अन्य ने उद्गार व्यक्त किया तथा एडीएम रविंद्र नाथ ने कहा कि इनके बारे में विस्तार से चर्चा करने के लिए सेमिनार का आयोजन किया जाना चाहिए।

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गणतंत्र दिवस व सरस्वती पूजन उत्सव के बीच कौशिकी ने याद किया कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला को

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गणतंत्र दिवस व सरस्वती पूजनोत्सव के बीच कौशिकी ने याद किया कवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला को

26 जनवरी को दिनभर 74 वें गणतंत्र दिवस और सरस्वती पूजनोत्सव का धूम मचा रहा। बच्चों के प्रभातफेरी से लेकर सरस्वती पूजनोत्सव एवं शाम में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का सिलसिला देर शाम तक चलता रहा। इस बीच हिंदी कविता के छायावादी युग के चार स्तंभों में एक सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, जिनका जन्म 1899 ईस्वी. के सरस्वती पूजनोत्सव के दिन हुआ था, को कौशिकी क्षेत्र हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा याद किया गया।

यह कार्यक्रम कौशिकी के अध्यक्ष पूर्व प्रति कुलपति डॉ.केके मंडल के निवास पर संपन्न हुआ। उनके चित्र पर पुष्पांजलि के बाद अध्यक्ष डॉ.मंडल ने कहा कि निराला जी एक सुप्रसिद्ध छायावादी कवि के साथ-साथ निबंध, उपन्यास व कहानियों के रचनाकार थे। निराला जी की मातृभाषा बंगाली थी। 20 वर्ष की आयु में उन्होंने पत्नी मनोहरी देवी द्वारा प्रेरित होकर हिंदी सीखी। दो वर्ष बाद उनकी पत्नी भी उन्हें अलविदा कह दी। एक बेटी थी वह भी विधवा बन गई और जल्द ही मौत को गले लगा ली। निराला का जीवन अब सर्वाधिक नीरस हो गया और उन्होंने लेखन को ही अपना परिवार बना लिया।

कौशिकी के सचिव डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने कहा कि निराला जी ताजिंदगी सामाजिक न्याय एवं शोषण के विरुद्ध लेखन कार्य में लगे रहे। उनकी भिक्षुक कविता आज भी हर जुबान पर घूमती है- मुट्ठी भर दाने को….. भूख मिटाने को……।

मौके पर साहित्यकार प्रोफेसर मणिभूषण वर्मा, गजलकार सियाराम यादव मयंक, राकेश कुमार द्विजराज, हास्य कवि डॉ.अरुण कुमार आदि ने भी उन्हें शब्दों की पुष्पांजलि अर्पित करते हुए नमन किया।

 

 

 

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