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नहीं रहे लॉर्ड बुद्धा मेडिकल कॉलेज के संस्थापक डॉ.पी.के. सिंह

लॉर्ड बुद्धा कोशी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल सहरसा के संस्थापक डॉ.पी.के. सिंह के निधन का समाचार सुनते ही चारो ओर शोक की लहर दौड़ गई। समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने यह दुखद समाचार सुनते ही कहा कि स्मृति शेष डॉ.पी.के. सिंह और उनकी धर्मपत्नी डॉ.कल्याणी सिंह ये दोनों वो नाम हैं जो कोसी के नर-नारियों के स्वास्थ्य की रक्षा के लिए लॉर्ड बुद्धा कोशी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल के रूप में सदैव सेवारत रहेंगे।

डॉ मधेपुरी ने कहा कि जो औरों के लिए जीने लगता, वह कभी नहीं मरता। डॉ.पी.के. सिंह का पार्थिव शरीर भले ही पंचतत्व में विलीन हो जाएगा, परंतु कोसी के लोग एवं उनके द्वारा स्थापित लॉर्ड बुद्धा कोशी मेडिकल कॉलेज परिवार उन्हें सदैव याद रखेगा।

डॉ.पी.के. सिंह किडनी की बीमारी के कारण कुछ दिनों से परेशान थे। उन्होंने आज इसी कॉलेज में 10:00 बजे पूर्वाह्न अपने परिजनों सहित प्राचार्य डॉ.अशोक कुमार यादव के सामने अंतिम सांस ली। प्राचार्य डॉ.अशोक कुमार यादव से उन्होंने अंतिम सांस लेते समय यही कहा- अब आप ही पर कॉलेज को छोड़कर जा रहा हूं…….।

 

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अंबेदकर के विचार आज सबकी जरूरत है

जन नायक कर्पूरी मेडिकल कॉलेज एवं हॉस्पिटल के प्राचार्य प्रो.(डॉ.) भूपेन्द्र प्रसाद की अध्यक्षता में अंबेदकर की 133वीं जयंती मनाई गई। सर्वप्रथम उनकी तस्वीर पर अतिथियों एवं बाद में छात्र-छात्राओं द्वारा पुष्पांजलि की गई।

कार्यक्रम का उद्घाटन जिला पदाधिकारी विजय प्रकाश मीणा (आईएएस), डीडीसी नितिन कुमार सिंह (आईएएस), समाजसेवी-साहित्यकार प्रो.(डॉ.) भूपेन्द्र मधेपुरी, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रो.(डॉ.) भूपेन्द्र प्रसाद आदि ने सम्मिलित रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

उद्घाटनकर्ता डीएम मीणा ने अपने संक्षिप्त संबोधन में अंबेदकर के बारे में कई अमूल्य तथ्यों को रखते हुए कहा कि आप उनकी लिखी हुई पुस्तकों को पढ़ने की आदत डालिए, तभी आप उन्हें संपूर्णता के साथ जान पाएंगे। डीडीसी नितिन कुमार सिंह ने कहा कि उनका जीवन हमें सदैव प्रेरित करता रहेगा। प्राचार्य डॉ.प्रसाद ने अंबेदकर के जीवन वृत्त की विस्तृत चर्चा करते हुए यही कहा कि महिलाओं के उत्थान में डॉ.अंबेदकर की भूमिका नींव की ईंट साबित हो रही है।

अंत में समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने विस्तार से डॉ.अंबेदकर के बारे में बताते हुए कहा कि आज अंबेदकर सबकी जरूरत है, परंतु बचपन से लेकर मृत्यु के बाद तक उन्हें जितना अपमान सहना पड़ा उसका सौवां हिस्सा भी हमें अपमानित किया जाये तो हम शहर छोड़कर भागने लगेंगे। मौके पर अधीक्षक डॉ.मालती कुमारी, डॉ.वीरेंद्र कुमार (मेडिसिन), मणिकांत आदि ने विचार व्यक्त किया। मेडिको छात्रा शुभलक्ष्मी एवं छात्र दिव्यांशु राज ने कार्यक्रम का सफल संचालन किया।

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मधेपुरा में डॉ.संजीव को एकतरफा वोट मिला- डॉ.मधेपुरी

आज शुक्रवार को मधेपुरा प्रखंड में उच्च विद्यालय, इंटर एवं डिग्री महाविद्यालय सहित बीएन मंडल विश्वविद्यालय के सभी विभागों के शिक्षकों ने कोशी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से एमएलसी पद हेतु पूर्व से क्रियाशील व कर्मयोगी शिक्षक प्रतिनिधि डॉ.संजीव कुमार सिंह को एकतरफा वोट किया। ये बातें समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने सुबह से शाम तक मतदाताओं की भीड़ एवं उत्साह को देखने के बाद कही।

डॉ.मधेपुरी ने कहा कि मधेपुरा में कुल मतदाताओं की संख्या 728 थी जिसमें 550 मत डाले गए। सारे के सारे वोट यूपीए समर्थित यूनाइटेड उम्मीदवार डॉ.संजीव कुमार सिंह के पक्ष में ही गया माना जा सकता है।

मधेपुरा प्रखंड के अलावे 2:00 बजे अपराह्न तक घैलाढ़- 118, सिंहेश्वर- 80, गम्हरिया- 60, मुरलीगंज-110, कुमारखंड- 60, शंकरपुर- 24, ग्वालपाड़ा- 28, बिहारीगंज- 98, उदाकिशुनगंज- 81, पुरैनी- 53, आलमनगर- 34, चौसा- 54 वोट पड़े थे। जिसमें सर्वाधिक वोट संजीव को मिला।

डॉ.मधेपुरी सहित मधेपुरा कॉलेज के प्राचार्य डॉ.अशोक कुमार, सीएम साइंस के डॉ.अरुण कुमार, एसएनपीएम लॉ कॉलेज के प्राचार्य सत्यजीत यादव, पीएस कॉलेज के प्राचार्य डॉ.अशोक कुमार, पूर्व सिंडिकेट सदस्य परमानंद यादव, पूर्व स्नातकोत्तर जंतु विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ.अरुण कुमार, राजद जिलाध्यक्ष जयकांत यादव, नेता प्रमोद प्रभाकर, जेपी सेनानी इंद्रनारायण प्रधान, पूर्व प्राचार्य डॉ.पीएन पीयूष, नेता तेज नारायण यादव, जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष मनोज भटनागर, पूर्व प्राचार्य वीरेंद्र प्रसाद यादव, बीएनएमवी के प्राचार्य डॉ.अरविंद कुमार, ललन कुमार, रमण सिंह, डॉ.सुरेश भूषण  अनिल कुमार चौहान, मुखिया परमेश्वरी प्रसाद यादव, अमलेश कुमार आदि ने मतदाताओं का उत्साहवर्धन किया। कुछ लोगों के द्वारा तो वोटर को वोट गिराने हेतु अधिकार व कर्तव्य की बातें फोन पर ही करते हुए सुना जा सकता था।

 

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जिले के शहीदों की गौरव गाथा हमेशा रहेगा ऊंचा- डॉ.मधेपुरी

भारतीय स्वाधीनता आंदोलन के महान क्रांतिकारी भगत सिंह सहित सुखदेव और राजगुरु को भी अंग्रेजों ने 23 मार्च, 1931 को फांसी दी थी। इसी वजह से हर साल भारत में 23 मार्च को ‘शहीद दिवस’ मनाया जाता है। मधेपुरा के शहीद पार्क में जिले के शहीदों- बाजा साह, चुल्हाय यादव, सदानंद, प्रमोद कुमार ( फुलकाहा), प्रमोद कुमार (चामगढ़), शंकर रजक, कैप्टन आशुतोष और आशीष कुमार सिंह की शहीदी पट्टीका लगी है। प्रत्येक वर्ष शहीद दिवस के दिन डॉ.मधेपुरी इन शहीदों को याद करते हैं।

आज 23 मार्च को मधेपुरा के शहीद पार्क में शहीद-ए-आजम भगत सिंह के तैल चित्र पर समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ.अरुण कुमार, निदेशक चीरामणि यादव, गणेश कुमार, नीरज कुमार, कंचन कुमार, कामेश्वर रजक, योगीराम आदि गणमान्यों ने माल्यार्पण कर पुष्पांजलि की।

इस अवसर पर डॉ.मधेपुरी ने नगर परिषद के वार्ड नंबर- 4 के निवासी शहीद शंकर रजक की वीर माता सावित्री देवी को अंगवस्त्रम-गीता व अन्य ग्रंथ देखकर सम्मानित किया। उन्होंनेे कहा कि शेष शहीदों के परिजनों को आगे सम्मानित करते रहेंगे। वीर माता सावित्री से इस कार्यक्रम का श्रीगणेश किया गया।

ज्ञानदीप निकेतन के सैकड़ों बच्चे-बच्चियों व गणमान्यों की मौजूदगी में डॉ.मधेपुरी ने जिले के शहीदों को अमरता की ऊंचाई पर सदा आसीन रखने का संकल्प लिया और शहीद पार्क के लिए तत्कालीन डायनेमिक डीएम मोहम्मद सोहैल (आईएएस) को साधुवाद दिया। अंत में बच्चों ने शहीद भगत सिंह, शहीद शंकर सहित सभी शहीदों के जयकारे लगाए।

 

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बोले डॉ.मधेपुरी कि भूपेन्द्र प्रतिमा मंडप तीन फीट ऊपर उठाया जाएगा

भूपेन्द्र चौक के इर्द-गिर्द एनएच-106 को इतनी ऊपर उठाई गई कि भूपेन्द्र प्रतिमा मंडप डूब गया। पूर्व में प्रतिमा मंडप के दोनों ओर सड़क थी, परंतु इस बार प्रतिमा मंडप से उत्तर ही एनएच-106 का रोड बना दिया गया। डॉ.मधेपुरी ने डीएम श्याम बिहारी मीणा और एसडीएम नीरज कुमार को “थैंक्यू” बोले कि उन्हीं दोनों के प्रयास से प्रतिमा मंडप के दोनों ओर सड़क बन सकी।

प्रतिमा मंडप को बेहतरीन स्वरूप देने के लिए समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी द्वारा समाजवादी चिंतक भूपेन्द्र नारायण मंडल के प्रतिमा मंडप को तीन फीट ऊपर उठाने की तैयारी है। मिस्त्री चंदन कुमार की टीम को प्रतिमा स्थल पर समझाते हुए डॉ.मधेपुरी।

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फरोग-ए-उर्दू सेमिनार संपन्न

समाहरणालय मधेपुरा के जिला उर्दू भाषा कोषांग द्वारा फरोग-ए-उर्दू सेमिनार का आयोजन स्थानीय भूपेंद्र स्मृति कला भवन में रविवार को आयोजित किया गया। इस सेमिनार का उद्घाटन अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी सह उर्दू भाषा कोषांग प्रभारी श्री चंदन कुमार, समाजसेवी-साहित्यकार प्रो.(डॉ )भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, डॉ.सैयद परवेज अहमद, मोहम्मद शौकत अली, प्राचार्य डॉ.सुरेश भूषण आदि ने सम्मिलित रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

इस अवसर पर भाषण प्रतियोगिता में इंटर एवं ग्रेजुएशन में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त छात्र-छात्राओं को सूचीबद्ध कर समाजसेवी डॉ.मधेपुरी, डॉ.परवेज, मोहम्मद शौकत अली एवं उर्दू भाषा कोषांग प्रभारी श्री चंदन कुमार द्वारा प्रमाण पत्र के साथ-सथ मोमेंटो भी प्रदान किया गया। अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी ने कहा कि इन सभी सफल प्रतिभागियों को सरकार द्वारा क्रमशः तृतीय, द्वितीय व प्रथम स्थान प्राप्त करने वालों को देय राशि उनके खातों में भेज दी जाएगी।

सेमिनार को डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, डॉ.सैयद परवेज अहमद, मो.शौकत अली, शकील रजा, फिरोज जख्मी, वसीमुल्लाह, अनवारूल हक, मुफ्तीअली हसन आदि ने संबोधित किया।

डॉ.मधेपुरी ने गांधीयन मिसाइल मैन डाॅ.एपीजे अब्दुल कलाम को संदर्भित करते हुए कहा कि वे महान इंसान थे। उन्होंने कहा कि इंसान का मजहब होता है इंसान होना। ना कि हिंदू होना और ना मुसलमान होना। डॉ.मधेपुरी ने कहा कि हिंदी-उर्दू एक ही वतन की पैदावार है। उर्दू को फैलाव दें। इसे जोड़ने की भाषा बनाएं।

अंत में अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी श्री चंदन कुमार ने बच्चों को प्रोत्साहित करते हुए बड़ों से कमियों को नजरअंदाज करने की गुजारिश की। उर्दू ट्रांसलेटर मोहम्मद इजहार ने सात घंटे चले उर्दू सेमिनार में दो-दो बार लंच पैकेट दिया एवं चाय-पानी की भरपूर व्यवस्था भी की। कार्यक्रम का संचालन मोहम्मद मेहरू द्वारा एवं समय की पाबंदी मोहम्मद शौकत अली द्वारा किया जाता रहा। सेमिनार में कमियों को दूर करने की बुनियादी बातों पर भी चर्चा की गई।

 

 

 

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इस बार वित्तरहित शिक्षकों का होगा उद्धार

कोसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से एनआर कटवाया है आठ प्रत्याशियों ने और 10 मार्च तक नामांकन करवाया है तीन ने। जिसमें महागठबंधन समर्थित जेडीयू प्रत्याशी हैं निवर्तमान एमएलसी डॉ.संजीव कुमार सिंह। कोसी, पूर्णिया एवं भागलपुर प्रमंडल के 14 जिले के विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों के वित्तरहित व नियोजित शिक्षकों की गर्मजोशी के साथ पूर्णिया कला भवन का परिसर देर तक शारदा बाबू अमर रहे….. संजीव कुमार सिंह जिंदाबाद जैसे नारों से गूंजता रहा।

भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव व परीक्षा नियंत्रक डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने इस अवसर पर मंचासीन प्रत्याशी डॉ.संजीव कुमार सिंह से बातचीत करते हुए कहा कि वित्तरहित व नियोजित शिक्षकों के मामले को आप सदन में उठाते रहे हैं। इस बार वित्तरहित शिक्षकों व नियोजित शिक्षकों का कल्याण अवश्य करेंगे। साथ ही नियोजित शिक्षकों को भी नियमित शिक्षकों की सारी सुविधाएं दिलाएंगे।

जवाब में प्रत्याशी संजीव कुमार सिंह ने कहा- पार्टी लाइन पर तो पहली बार चुनाव हो रहा है। मेरे लिए पार्टी लाइन पर चुनाव कोई मायने नहीं रखता। वित्त रहित व नियोजित सभी शिक्षकों का कल्याण इस बार अवश्य होगा। मेरी लड़ाई तो किसी से नहीं है। अन्य प्रत्याशी आपस में लड़ रहे हैं, जिसे 5 अप्रैल को मतगणना के बाद देखा जा सकेगा।

मौके पर मधेपुरा से पहुंचे पूर्व कुलसचिव प्रो.बीपी मंडल, पूर्व प्राचार्य डॉ.परमानंद यादव, जंतु विज्ञान विभागाध्यक्ष डॉ.अरुण कुमार, विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के महासचिव सह प्राचार्य डॉ.अशोक कुमार, माध्यमिक शिक्षक प्रमंडलीय सचिव परमेश्वरी प्रसाद यादव, मधेपुरा कॉलेज के प्राचार्य डॉ.अशोक कुमार, जिला माध्यमिक शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष डॉ.शांति यादव, बिहार माध्यमिक शिक्षक संघ के महासचिव डॉ.अरुण कुमार, डीएसपी मनोज कुमार, वित्त रहित महाविद्यालय शिक्षक संघ के महासचिव प्रोफेसर विजेन्द्र नारायण यादव, डॉ.सुरेश भूषण, प्रो.सुलेन्द्र कुमार, अमलेश कुमार आदि।

 

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हिन्दी और उर्दू दोनों सगी बहनें हैं- डॉ.मधेपुरी

मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग, बिहार सरकार के उर्दू निदेशालय के अंतर्गत उर्दू भाषी विद्यार्थी प्रोत्साहन राज्य योजना एवं जिला प्रशासन मधेपुरा के संयुक्त तत्वावधान में कला भवन में आयोजित फरोग-ए-उर्दू कार्यक्रम का उद्घाटन वरिष्ठ समाजसेवी-साहित्यकार प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, जिला अल्पसंख्यक कल्याण पदाधिकारी सह प्रभारी पदाधिकारी उर्दू कोषांग श्री चंदन कुमार, सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी मोहम्मद सफी अख्तर, सीडीपीओ (कुमारखंड) रजा खान, अनुमंडल अवर निर्वाचन पदाधिकारी मोहम्मद अशरफ अफरोज, मुफ्ति मिन्नतुल्ला रहमानी, मोहम्मद शाहनवाज समी, मोहम्मद मुर्तजा अली, अनवारूल हक, मोहम्मद इजहार आलम, समाजसेवी शौकत अली आदि ने दीप प्रज्जवलित कर सम्मिलित रूप से किया।

फरोग-ए-उर्दू कार्यक्रम में जिले के सभी प्रखंडों के मैट्रिक/इंटर व ग्रेजुएशन समकक्ष वर्ग समूह के 150 छात्र-छात्राओं ने अपनी प्रतिभा प्रदर्शित किया। तीनों ग्रुपों के लिए क्रमश: विषय रखा गया था- 1.तालीम की अहमियत 2.उर्दू जुबान की अहमियत एवं 3.उर्दू गजल की लोकप्रियता। इस अवसर पर पांच जज के रूप में सफी अख्तर, रजा खान, अशरफ अफरोज, मुफ्ति मिन्नतुल्ला रहमानी एवं मोहम्मद शाहनवाज समीम करते देखते गए। समाजसेवी शौकत अली कार्यक्रम को समय से समाप्त करने में लगे रहे। विगत वर्षों में यह कार्यक्रम दिन भर चलता था किंतु इस वर्ष इसे 3 घंटे में समाप्त करना पड़ा। फलस्वरूप प्रतिभागियों को और पूर्व प्राचार्य डॉ.सुरेश भूषण आदि को भी अपने विचार व्यक्त करने का भरपूर समय नहीं मिल पाया।

समयाभाव के चलते वरिष्ठ साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने बच्चों को संबोधित करते हुए संक्षेप में यही कहा- ब्रिटिश-भारत के रजिस्ट्री ऑफिस में सारे दस्तावेज उर्दू में लिखे जाते थे। हिंदी साहित्य के कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद भी आरंभ में गबन और बाजार-ए-हुस्न उर्दू में ही लिखे थे। बाद में वे लीजेन्ड बने “हिंदी” राइटिंग में। उन्होंने यह भी कहा कि प्रायः लोग यही मानते हैं कि मुसलमानों की जुबान है उर्दू। लेकिन ऐसा नहीं है। वास्तव में हिंदुस्तान की जुबान है उर्दू। उर्दू को जोड़ने की जुबान बनाएं। इसे विस्तार दें। विस्तार ही तो जीवन है। संकुचन तो मृत्यु है बच्चों !

डॉ.मधेपुरी ने कहा कि संस्कृत तो भारत की प्राचीन भाषा है। जिसे आर्य भाषा या देव भाषा भी कही जाती है। हिंदी उसी आर्य भाषा संस्कृत की उत्तराधिकारिणी मानी जाती है। हिंदी का विकास 1000 वर्ष पूर्व से माना जाता है। हिंदी का जन्म संस्कृत, पालि, प्राकृत सरीखेे ठहराव से गुजरते हुए अपभ्रंश व अवभट्ट पर ठहर जाता है। चंद्रदेव शर्मा गुलेरी ने इसी अवभट्ट को ‘पुरानी हिंदी’ नाम दिया है। इसी हिंदी, अरबी और फारसी के मेल से जो भाषा बनी है उसे ही तो उर्दू कहते हैं। कुछ भाषाविद् तो हिंदी और उर्दू को एक ही भाषा मानते हैं। हिंदी और उर्दू वास्तव में दोनों सगी बहनें हैं। लोग हिंदी को मां तो उर्दू को मौसी कहते हैं। समारोह की नजाकत को देखते हुए डॉ.मधेपुरी ने अपनी चार पंक्तियां सुुुनाकर बातें समाप्त की-

होली-ईद मनाओ मिलकर, कभी रंग को भंग करो मत।

भारत की सुंदरतम छवि को, मधेपुरी बदरंग करो मत।।

अंत में उर्दू ट्रांसलेटर मो.इजहारआलम ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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नौकरी रोजगार से बिहार होगा निहाल- नीतीश कुमार

नीतीश सरकार ने 2023-24 के लिए बिहार के युवजनों को नौकरी-रोजगार मुहैया कराने हेतु 2 लाख 62 हजार करोड़ रुपए का बजट पारित किया है। यह बजट नौकरी और रोजगार पर केंद्रित है।

वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी ने बजट पेश करते हुए कहा है- युवा शक्ति, बिहार की प्रगति! सरकार 10 लाख युवजनों को नौकरी एवं रोजगार देने की घोषणा कर चुकी है जिसे हर हाल में पूरा करना है। बिहार लोक सेवा आयोग को 49 हजार, कर्मचारी चयन आयोग को 29 सौ, तकनीकी सेवा आयोग को 12 हजार पदों को भरने की याचना भेजी गई है। केवल इन माध्यमों से लगभग 65 हजार लोगों को सरकारी नौकरी मिलेगी।

इसके अतिरिक्त पुलिस के लिए 75 हजार पदों के सृजन की स्वीकृति, प्रारंभिक विद्यालयों के लिए लगभग 50 हजार शिक्षकों की नियुक्ति की प्रक्रिया। प्रधान शिक्षक हेतु लगभग 50 हजार की बहाली होने जा रही है। ढेर सारी नियुक्तियां प्रक्रियाधीन है।

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कोसी क्षेत्रीय शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र से पहले दिन नामांकन का नहीं खुला खाता

बिहार विधान परिषद के कोसी शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के लिए नामांकन की प्रक्रिया 6 मार्च 2023 सोमवार से निर्वाची पदाधिकारी सह प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय पूर्णिया में शुरू हो गई है। नामांकन का समय 11:00 बजे दिन से 3:00 बजे अपराह्न तक घोषित किया गया है। प्रमंडलीय आयुक्त सह निर्वाची पदाधिकारी मनोज कुमार ने नामांकन कार्य के लिए उपनिदेशक कल्याण मिथिलेश कुमार को सहायक निर्वाचन पदाधिकारी नियुक्त किया है।

4 प्रत्याशियों ने चार एनआर कटाए हैं, परंतु किसी ने 6 मार्च को नामांकन दाखिल नहीं किया। वर्तमान विधान पार्षद संजीव कुमार सिंह का कार्यकाल 8 मई 2023 को समाप्त हो रहा है। शिक्षकों की सेवा में रत रहने वाले संजीव कुमार सिंह दिनांक 10 मार्च को चौथी बार नामांकन का पर्चा भरने जा रहे हैं।

जानिए कि नामांकन की अंतिम तारीख 13 मार्च 2023 के 3:00 अपराह्न तक है। जनरल के लिए नामांकन शुल्क ₹10000 एवं sc-st के लिए 5000 निर्धारित की गई है। यह भी कि नामनिर्देशन कक्ष के 100 मीटर के दायरे में अभ्यर्थी के तीन वाहन तथा अभ्यर्थी सहित अधिकतम पांच व्यक्ति के नामांकन के समय आने का निर्देश जारी किया गया है। नामांकन पत्र की जांच 14 मार्च को, नाम वापसी की अंतिम तिथि 16 मार्च को, मतदान की तिथि 31 मार्च को एवं मतगणना 5 अप्रैल 2023 बुधवार को होगी।

 

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