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23 अगस्त, 2023 के दिन भारत चाँद पर

भारत विश्व का पहला देश बन गया जब भारत का सबसे महत्वाकांक्षी मून मिशन चंद्रयान- 3 का लैंडर शाम 6:04 बजे चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा। करोड़ों-करोड़ भारतीय उस पल को देखकर रोमांचित हुए। सारे विश्व में तिरंगा की शान अचानक बढ़ गई।

जैसे-जैसे चंद्रयान-3 का लैंडर चंद्रमा की सतह के निकट हो रहा होता कि इसरो के वैज्ञानिकों की तालियों की गड़गड़ाहट चतुर्दिक सुनाई देने लगती। 140 करोड़ देशवासियों ने ऐसा इतिहास बनते हुए देखकर देश के वैज्ञानिकों के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित की।

फिजिक्स के प्रोफेसर डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने उस पल का गवाह बनकर यही कहा कि यह घटना राष्ट्र के जीवन की चेतना बन गई है। साथ ही यह पल भारत के जय घोष का पल बन गया है। डॉ. मधेपुरी ने कहा- हर मुश्किल फाँदकर पहुंच गया भारत चाँद पर। दक्षिण अफ्रीका से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तिरंगा लहराकर इसरो के निदेशक एस.सोमनाथ सहित सभी वैज्ञानिकों को हृदय से बधाई दी और यही कहा कि साइंस एंड टेक्नोलॉजी देश के उज्जवल भविष्य का आधार बनेगा।

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पद्मभूषण डॉ.बिंदेश्वर पाठक अपने कर्मों में सदैव जीवित रहेंगे- डॉ.मधेपुरी

सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक 80 वर्षीय पद्मभूषण डॉ.बिंदेश्वर पाठक नहीं रहे। मंगलवार 15 अगस्त को नई दिल्ली में सुलभ इंटरनेशनल के केंद्रीय कार्यालय में ध्वजारोहण के बाद उनकी तबीयत बिगड़ी और एम्स में इलाज के दौरान करीब दो बजे अपराह्न में उनका निधन हो गया। बुधवार को नई दिल्ली के लोदी गार्डन शवदाह गृह में उनका शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया। पुत्र कुमार दिलीप ने उन्हें मुखाग्नि दी। बिहार के वैशाली जिला ने अपना ऐसा लाल खोया जिन्होंने अपनी क्रांतिकारी सोच के बूते विश्व में भारत का नाम रोशन किया था। उनके निधन से बिहार ही नहीं देश की अपूरणीय क्षति हुई है।

समाजसेवी डॉ भूपेंद्र नारायण यादव मधेपुरी ने शोक व्यक्त करते हुए कहा कि 80 के दशक में मैं भी मधेपुरा नगर पालिका का उपाध्यक्ष हुआ करता था। डॉ.पाठक के कार्यों से प्रभावित होने के कारण अपने मित्र पटना के पीएचईडी विभाग के कार्यपालक अभियंता विनोदानंद यादव के साथ उनसे मिलने उनके निवास पर गया था। कुछ ही देर की बातचीत में उनकी सोच से हम दोनों सर्वाधिक प्रभावित हुए थे, क्योंकि उन दिनों मधेपुरा नगरपालिका में भी मैला सिर पर ढोया जाता था।  डॉ.पाठक ने उन दिनों सुलभ शौचालय को सार्वजनिक चर्चा का हिस्सा बना दिया था। उनके इस मुहिम से देश में मनुष्यता की गरिमा सर्वाधिक बढ़ी। उनके इन्हीं कार्यों के लिए कई अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से भी इन्हें नवाजा गया था। डॉ.बिंदेश्वर पाठक अपने पर्यावरणीय सुरक्षा एवं स्वच्छता अभियान के कार्यों में सदैव जीवित रहेंगे। ईश्वर उनकी आत्मा को चिर शांति प्रदान करें।

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मधेपुरा जिला जदयू अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ द्वारा भाईचारा कार्यक्रम आयोजित

मधेपुरा जदयू जिला अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ द्वारा भूपेंद्र स्मृति कला भवन में “कारवाने-इत्तेहाद व भाईचारा” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। आयोजन की अध्यक्षता अल्पसंख्यक जिला अध्यक्ष मोहम्मद मुर्शीद आलम ने की और मंच संचालन मोहम्मद नईम साहब ने की।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बिहार विधान परिषद सदस्य डॉ.खालिद अनवर, आलमनगर विधायक व पूर्व मंत्री नरेंद्र नारायण यादव, बिहारीगंज विधायक निरंजन मेहता, जदयू जिलाध्यक्ष व पूर्व मंत्री डॉ.रमेश ऋषिदेव, आलम नगर प्रभारी सुभानंद मुकेश, प्रवक्ता निखिल मंडल, समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, डॉ.नीरज कुमार, पूर्व अध्यक्ष गुड्डी देवी, प्रो. विजेंद्र नारायण यादव, महेंद्र पटेल, अशोक चौधरी, नरेश पासवान, प्रभु नारायण मेहता  अश्फाक आलम, रामकृष्ण मंडल, श्मशाद आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

अतिथियों के सम्मान के पश्चात सबों ने नीतीश कुमार के किए गए कार्यों का विस्तार से वर्णन किया और कहा कि अबकी बार पीएम बने नीतीश कुमार।

डॉ.मधेपुरी ने कुछ अलग हटकर अपने विचार व्यक्त करते हुए डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम के जीवन का अंतिम संदेश-  “पृथ्वी को रहने योग्य कैसे बनाया जाए” को संदर्भित कर वृक्षारोपण करने पर बल दिया और सभी धर्म के लोगों से यही कहा-

मंदिरों में बटे अब यही प्रसाद- एक पौधा, थोड़ी सी खाद। मस्जिदों में हो अब यही अजान- दरख्त लगाएं एक-एक इंसान। गुरुद्वारों में गूंजे यह वाणी- हर बंदा दे पौधों को पानी। गिरजाघरों में दें यह शिक्षा- वृक्षारोपण प्रभु यीशु की इच्छा।

अंत में लंच पैकेट बांटने के बाद जिलाध्यक्ष डॉ. रमेश ऋषिदेव ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

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एसपी राजेश कुमार को मिले राष्ट्रपति पुलिस पदक के लिए बधाई दी डॉ.मधेपुरी ने

शालीनता एवं प्रखर दृढ़ता के साथ मेधावी जनसेवा के लिए मधेपुरा के एसपी राजेश कुमार (आईपीएस) को महामहिम राष्ट्रपति के पुलिस पदक से सम्मानित किया जाना है। इस बाबत बिहार सरकार द्वारा अधिसूचना भी जारी कर दी गई है।

समाजसेवी- साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने बताया कि मधेपुरा के तत्कालीन डायनेमिक डीएम मो.सोहैल के कार्यकाल में डिप्टी एसपी के रूप में उन्होंने सामाजिक सौहार्द के लिए एसपी विकास कुमार के साथ जागरूकता लाने हेतु मधेपुरा की सड़कों पर अधिकारियों एवं मुझ जैसे समाजसेवियों के साथ पैदल मार्च भी किया है। उनकी यह सोच रही है कि सामाजिक जागरूकता से भी अपराध पर कुछ हद तक नियंत्रण किया जा सकता है। तभी तो वे सदैव जनसंवाद के लिए तत्पर रहते हैं। मुख्यालय में रहने पर वे आम लोगों के लिए सदैव उपलब्ध रहते हैं। मामला कितना भी उलझा क्यों ना हो, उसकी तह तक जाकर उद्भेदन करना उनकी प्राथमिकता में सदैव शामिल रहता है।

ऐसे ही कतिपय सराहनीय सेवाओं एवं अविस्मरणीय योगदानों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कृत होने वाले चयनित पुलिस पदाधिकारियों में मधेपुरा के एसपी राजेश कुमार (आईपीएस) भी शामिल है। डॉ.मधेपुरी ने मधेपुरा जिला को गौरवान्वित करने वाले एसपी राजेश कुमार को हृदय से बधाई दी है।

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15 अगस्त, 1942 के हीरो थे सुखासन के सेनानी कमलेश्वरी प्रसाद मंडल- डॉ.मधेपुरी

बम्बई में कांग्रेस का अधिवेशन 8 अगस्त, 1942 को संपन्न हुआ। अधिवेशन के निर्णय के अनुसार महात्मा गांधी के नेतृत्व में ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो’ का निश्चय किया गया। गांधी ने देश को ‘करो या मरो’ का मंत्र दिया और उसी दिन से अगस्त क्रांति का सूत्रपात हो गया।

मधेपुरा भी अगस्त क्रांति से अछूता नहीं रहा। 13 अगस्त, 1942 को भूपेंद्र नारायण मंडल (रानीपट्टी), वीरेंद्र नारायण सिंह (सरोपट्टी) तथा देवता प्रसाद सिंह (धबौली) के नेतृत्व में एक विशाल जुलूस मधेपुरा कचहरी पहुंचा। भूपेंद्र नारायण मंडल जन समूह एवं सरकारी पदाधिकारियों के सामने कांग्रेस के कार्यक्रमों को पढ़कर सुनाया।  जुलूस भूपेंद्र नारायण मंडल की अगुवाई में थाना और रजिस्ट्री ऑफिस भी गया, जहां तिरंगा लहराया गया।

वहीं 14 अगस्त, 1942 को ब्रिटिश पुलिस ने मधेपुरा के स्वराज ऑफिस को घेर कर अपना अधिकार जमा लिया, परंतु  15 अगस्त, 1942 को मनहरा-सुखासन के क्रांतिवीर कमलेश्वरी प्रसाद मंडल एवं जगबनी के प्रेम नारायण मिश्र के नेतृत्व में हजारों-हजार सत्याग्रहियों के साथ स्वराज ऑफिस पर धावा बोलकर ब्रिटिश पुलिस को खदेड़ दिया और भवन पर पुनः अपना कब्जा जमा लिया। इसी दिन मधेपुरा में कमलेश्वरी प्रसाद मंडल की अध्यक्षता में एक विशाल सभा हुई जिसमें यह घोषणा कर दी गई कि अंग्रेजी राज समाप्त हो गया और राष्ट्रीय सरकार की स्थापना हो गई। संपूर्ण अगस्त महीने भर आंदोलनकारियों द्वारा अगस्त क्रांति की धार को तेज किया जाता रहा। ऐसे ही मनहरा-सुखासन के तीन क्रांतिवीरों के जीवन वृत्त से रू-ब-रू कराने हेतु जल्द ही समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी की एक पुस्तक- “मनहरा-सुखासन की त्रिमूर्ति-  शहीद चुल्हाय, कमलेश्वरी और कीर्ति” आपके हाथों में होगी।

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भारतीय सांसदों को देश के भविष्य की चिंता नहीं- डॉ.मधेपुरी

आये दिन विश्व भर में बच्चों द्वारा मोबाइल देखते रहने की और उससे होने वाले हानिकारक दुष्प्रभावों की प्रायः हर महकमें में चर्चाएं होती रहती हैं। प्रिंट मीडिया से लेकर सोशल मीडिया द्वारा एवं कथा वाचकों से लेकर लेखकों व कवि सम्मेलनों द्वारा मोबाइल देखते रहने से बच्चों में हो रहे डिप्रेशन, उन्माद, रेडिएशन के खतरे, ध्यान नहीं लगने तथा विभिन्न प्रकार के प्रॉब्लम इन चाइल्ड बिहेवियर आदि की चर्चाएं सभी मंचों से किए जा रहे हैं।

वर्षों से ऐसी चर्चाएं चारों ओर हो रही हैं फिर भी भारत के सांसदों को अपने देश के भविष्य की चिंता नहीं है। सत्तापक्ष हो अथवा विरोधी पक्ष उन्हें केवल चिंता है 2024-25 के चुनाव जीतने की। गांधीयन मिसाइल मैन डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम के करीबी समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने देश के रहनुमाओं एवं सांसदों को स्मरण दिलाते हुए यही कहा कि वर्ष 2002 में डॉ.कलाम ने राष्ट्रपति पद के शपथ ग्रहण समारोह में विभिन्न राज्यों के सौ किशोर-किशोरी छात्रों को पहली पंक्ति में बैठाकर शपथ ग्रहण संवाद के आरंभ में यही कहा था- “ये बच्चे भारत के भविष्य हैं इसीलिए इन्हें सबसे आगे जगह दी गई है।” आज उस संपूर्ण भारतीय डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम की रूह कीआवाज सुनकर डॉ.मधेपुरी ने भारतीय सांसदों को देश के भविष्य की चिंता करने हेतु अनुरोध किया है।

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डॉ.महेंद्र नारायण पंकज को सीएम के हाथों मिला मोहन लाल महतो वियोगी सम्मान

साहित्यकार डॉ.महेंद्र नारायण पंकज जिले के कुमारखंड प्रखंड के भतनी गांव के रहने वाले हैं। संप्रति मधेपुरा नगर परिषद के डॉ.मधेपुरी मार्ग, वार्ड नंबर- 1 में स्थायी रूप से रहकर साहित्य साधना में लगे रहते हैं। वर्तमान में जन लेखक संघ के राष्ट्रीय महासचिव डॉ.महेंद्र नारायण पंकज को मंत्रिमंडल सचिवालय राजभाषा विभाग की ओर से पटना में आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के हाथों सम्मानित किया गया। 31 जुलाई को सत्र 2021-23 के लिए हिन्दी सेवी सम्मान योजना के तहत डॉ.पंकज को मोहनलाल महतो वियोगी सम्मान मिला। जिसके तहत ताम्रपत्र पर अंकित सम्मान पत्र एवं ₹50000 पुरस्कार राशि के रूप में चेक द्वारा प्रदान किया गया। साथ ही मेडल और अंगवस्त्रम भी दिया गया।

डॉ.महेंद्र नारायण पंकज शिक्षक के रूप में राष्ट्रपति द्वारा पुरस्कृत हुए हैं। डॉ.पंकज को बिहार के शिक्षा मंत्री से भी पुरस्कार मिला है। डॉ.महेंद्र को यह सम्मान मिलने से कोसी अंचल के साहित्यकारों में सर्वाधिक खुशी है। उनके इस उपलब्धि पर कौशिकी श्रेत्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष एवं टीएमबीयू के पूर्व प्रति कुलपति डॉ.केके मंडल, सम्मेलन के सचिव एवं समाजसेवी-साहित्यकार प्रो.(डॉ.) भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, भूपेंद्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो.सीताराम शर्मा, बीएनएमयू के मानविकी संकायाध्यक्ष प्रो.(डॉ.) विनय कुमार चौधरी, बीएनएमयू स्नातकोत्तर जंतु विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो.(डॉ.)अरुण कुमार, जिला माध्यमिक शिक्षक संघ के पूर्व अध्यक्ष एवं रेडक्रास की वर्तमान अध्यक्ष डॉ.शांति यादव, प्रो.मणिभूषण वर्मा, गजलकार सियाराम यादव मयंक सहित मधेपुरा, सहरसा, सुपौल, त्रिवेणीगंज आदि के साहित्यकारों ने भी बधाई एवं शुभकामनाएं दी है।

 

 

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सारे विशेषणों को लगाने के बाद भी डॉ.कलाम का परिचय पूरा नहीं होगा- डॉ.मधेपुरी

टीपी कॉलेज के स्मार्ट क्लासरूम में भारतरत्न डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम की नौवीं पुण्यतिथि समारोह पूर्वक मनाई गई। समारोह का उद्घाटन बीएन मंडल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो.(डॉ.)आरकेपी रमण, समाजसेवी-साहित्यकार प्रो.(डॉ.) भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, टीपी कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो.(डॉ.)कैलाश प्रसाद यादव, महिला उद्यमी प्रीति गोपाल, सीनेटर व माय बर्थ-माय अर्थ विश्व पर्यावरणीय मिशन के जनक प्रो.(डॉ.) नरेश कुमार आदि ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

कुलपति सहित सबों ने भारतरत्न डॉ.कलाम के तैल चित्र पर पुष्पांजलि की और दीप प्रज्ज्वलित कर  कार्यक्रम का उद्घाटन किया। मधेपुरा को गौरवान्वित करने वाली महिला उद्यमी एवं एपीआर एग्रो इंडस्ट्रीज की निर्देशिका प्रीति गोपाल यादव एवं विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस को हरा-भरा करने वाले माय बर्थ माय अर्थ के जनक प्रो.(डॉ.) नरेश कुमार को सम्मानित किया गया। इन दोनों को सम्मानित करने के बाद उद्घाटनकर्ता कुलपति डॉ. राम किशोर प्रसाद रमण ने कहा कि यह कार्यक्रम “जो करेंगे मधेपुरा को गौरवान्वित, डॉ.मधेपुरी करेंगे उन्हें सम्मानित” सदैव जारी रहे। उन्होंने कहा कि बच्चों को व्यक्तित्व निर्माण हेतु भारतरत्न डॉ.कलाम को जानना होगा। मिसाइल मैन डॉ.कलाम का जीवन सदैव प्रेरणादाई बना रहेगा। अध्यक्षता कर रहे प्रधानाचार्य प्रोफ़ेसर कैलाश प्रसाद यादव ने कहा कि डॉ.कलाम सदैव शिक्षक से अधिक छात्र ही बने रहे। एक अच्छा शिक्षक वही बन सकता है जो अच्छा छात्र होता है। प्रधानाचार्य डॉ.कैलाश ने डॉ.मधेपुरी के इस कार्यक्रम की ह्रदय से सराहना की।

अंत में संयोजक सह समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने मौजूद लोगों को मिसाइल मैन के बचपन से लेकर अंतिम सांस लेने तक की कहानी सुना कर उनके द्वारा किए गए संदेशों को साझा किया। डॉ.मधेपुरी ने भावुक होकर डॉ.कलाम के बारे में यहां तक कहा कि डिक्शनरी के सारे विशेषणों को लगाने के बाद भी भारतरत्न डॉ.कलाम का परिचय पूरा नहीं होगा। उन्होंने कहा कि डॉ.कलाम संपूर्ण भारतीय थे और रहेंगे भी।

आरंभ में कार्यक्रम का संचालन आयोजक टीएनबी ट्रस्ट के सचिव डॉ.मधेपुरी ने विगत वर्षों में सम्मानित किए गए प्रमुख लोगों के संबंध में चर्चा की तथा वर्तमान में सम्मानित हो रहे प्रोफेसर नरेश कुमार एवं महिला उद्यमी प्रीति गोपाल को सम्मानित किया गया। सम्मानित होने के बाद प्रोफेसर नरेश एवं प्रीति गोपाल ने डॉ.मधेपुरी के इस कार्यक्रम की सराहना की और कहा कि शहीद चुल्हाय को पुनर्जीवित करने का कार्य डॉ.मधेपुरी के अलावे किसी से संभव नहीं था। यह कार्यक्रम सदैव जारी रहेगा तो मधेपुरा में कुछ बड़ा करने वालों को प्रोत्साहन मिलता रहेगा। कार्यक्रम के अंत में टीपी कॉलेज के बर्सर डॉ.अरिमर्दन ने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि डॉ.मधेपुरी का यह कार्यक्रम सदैव चलते रहे यही ईश्वर से प्रार्थना है। मौके पर पूर्व परीक्षा नियंत्रक गजेंद्र कुमार, पूर्व वर्सर डॉ.अतुल मलिक, सृजन दर्पण के सचिव विकास कुमार एवं अन्य कॉलेज कर्मी मौजूद रहे।

 

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पटना हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त जस्टिस केके मंडल नहीं रहे, मधेपुरा में शोक की लहर

मधेपुरा-मुरहो स्टेट के जमींदार प्रखर स्वतंत्रता सेनानी व समाज सुधारक एवं पराधीन भारत में स्वाधीन सोच वाले बाबू रासबिहारी लाल मंडल के प्रपौत्र, बिहार-उड़ीसा विधान परिषद सदस्य व 15 वर्षों तक भागलपुर जिला परिषद के अध्यक्ष रहे भुवनेश्वरी प्रसाद मंडल के पौत्र एवं पटना हाई कोर्ट के पूर्व जस्टिस न्यायमूर्ति राजेश्वर प्रसाद मंडल के कनिष्ठ पुत्र तथा मधेपुरा के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.अरुण कुमार मंडल, अमेरिका निवासी इंजीनियर सुधीर मंडल व शेखर मंडल के छोटे भाई, जो पटना उच्च न्यायालय से 2018 में सेवानिवृत्त हुए, न्यायमूर्ति जस्टिस किशोर कुमार मंडल ने 67 वर्ष की उम्र में नई दिल्ली के आईएलबीएस अस्पताल में शुक्रवार को सवेरे 7:40 पर अंतिम सांस ली और दुनिया को अलविदा कह दिया।

जस्टिस मंडल के निधन का समाचार सुनते ही मुरहो-मधेपुरा से लेकर राजधानी पटना के लोगों में, विशेष रूप से न्यायिक महकमों में, शोक की लहर दौड़ गई। जस्टिस मंडल के पार्थिव शरीर को एयर एंबुलेंस से 8 जुलाई को 12:00 बजे दोपहर बाद पटना लाया गया तथा पटना के राजबंशी नगर स्थित ‘मणिराज’ नामक निजी आवास पर लोगों के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया। 9 जुलाई को (रविवार दोपहर बाद) पटना के बांस घाट पर उनके एकमात्र पुत्र हर्ष कुमार द्वारा उन्हें मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया जाएगा।

समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी जस्टिस केके मंडल से वर्षों पूर्व से जुड़े रहे। विशेष रूप से तब से जब से डॉ.मधेपुरी ने जस्टिस केके मंडल के परदादे बाबू रासबिहारी लाल मंडल सरीखे प्रखर स्वतंत्रता सेनानी व समाज सुधारक पर लिखी अपनी पुस्तक उन्हें हस्तगत कराने पटना स्थित उनके निवास पर गए थे। मधेपुरा के ही जस्टिस सुरेश चंद्र मुखर्जी एवं अन्य प्रमुख लोगों के बारे में उन्होंने देर तक डॉ.मधेपुरी से चर्चाएं की थी।

शोक प्रकट करते हुए तिलकामांझी विश्वविद्यालय के पूर्व प्रतिकुलपति डॉ.कौशल किशोर मंडल ने कहा कि वर्ष 1996 में उन्हें केंद्र सरकार द्वारा भारत संघ की रक्षा के लिए स्थाई वकील नियुक्त किया गया था। वे मधेपुरा बीएन मंडल विश्वविद्यालय एवं बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय मुजफ्फरपुर के कानूनी सलाहकार के पैनल में भी थे। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो.सूरज मंडल ने कहा कि 2018 में न्यायमूर्ति से सेवा निवृत्ति के बाद नीतीश सरकार ने उन्हें राज्य अपीलीय प्राधिकरण पटना के न्यायिक अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया था।

आईजीआईएमएस के सुपरिटेंडेंट, डॉक्टर्स प्राइड अवार्ड विजेता एवं मधेपुरा के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ.अरुण कुमार मंडल के सुपुत्र डॉ. मनीष मंडल ने कहा कि न्यायाधीश के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान चाचा श्री न्यायमूर्ति जस्टिस केके मंडल कई प्रशासनिक समितियों से जुड़े रहे और वे बिहार न्यायिक अकादमी के कार्यकारी अध्यक्ष भी रहे थे । न्यायमूर्ति मंडल के निधन पर शोक प्रकट करने वालों में बीएन मंडल विश्वविद्यालय के मानविकी के डीन प्रो.(डॉ.)विनय कुमार चौधरी, कुलानुशासक डॉ.विश्वनाथ विवेका, भौतिकी स्नातकोत्तर सह विभागाध्यक्ष विज्ञान के डीन प्रो.नवीन कुमार, प्रो.रीता कुमारी, प्रो.चंद्रशेखर, जंतु विज्ञान के पूर्व विभागाध्यक्ष प्रो.(डॉ.)अरुण कुमार, रेड क्रॉस की अध्यक्षा डॉ.शांति यादव, टेंगराहा देवेंद्र धाम के निर्माता दिगंबर प्रसाद यादव, समाज सेविका व अध्यक्ष प्रीति गोपाल यादव, प्रो.मणिभूषण वर्मा, साहित्यकार सियाराम यादव मयंक, डॉ.आलोक कुमार, पूर्व कुलसचिव प्रो.सचिंद्र, सीए मनीष सर्राफ, दिनेश सर्राफ, स्काउट एंड गाइड के आयुक्त जयकृष्ण यादव, अंतरराष्ट्रीय उद्घोषक डॉ.पृथ्वीराज यदुवंशी आदि हैं।

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देवेंद्र धाम टेंगराहा में खुला प्राथमिक उपस्वास्थ्य केंद्र

कुमारखंड प्रखंड के टेंगराहा-परिहारी पंचायत स्थित देवेंद्र धाम में प्राथमिक उपस्वास्थ्य केंद्र के उद्घाटनकर्ता सिविल सर्जन डॉ.मिथिलेश कुमार ठाकुर, मुख्य अतिथि समाजसेवी-साहित्यकार प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी सहित बीएनएमयू के जंतु विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो.(डॉ.)अरुण कुमार, माध्यमिक शिक्षक संघ के राज्य पदाधिकारी डॉ.अरुण कुमार, अध्यक्षता कर रही समाजसेविका प्रीति गोपाल यादव, डॉ.वरुण कुमार आदि ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया। पंचायत वासियों की अर्से से यह मांग थी कि वर्षो से बंद पड़े उपस्वास्थ्य केंद्र को पुनः चलाया जाय। इस कार्य में प्रीति यादव की मेहनत और सिविल सर्जन मधेपुरा का सहयोग प्रशंसनीय है।

कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय उद्घोषक डॉ.पृथ्वीराज यदुवंशी ने किया। उन्होंने कहा कि आज से स्वास्थ्य सेवा शुरू करने की बात सिविल सर्जन के मुख से सुनकर ग्रामीणों में प्रसन्नता की लहर उठने लगी है। देवेंद्र धाम के संस्थापक सेवानिवृत्त कृषि पदाधिकारी दिगंबर प्रसाद यादव ने इस कार्यक्रम की जानकारी मिलने पर प्रसन्नता व्यक्त की और स्वास्थ्य सेवाकर्मी को साधुवाद दिया है।

ग्रामीणों सहित उपस्थित विद्वत जनों ने प्रीति यादव के प्रयासों एवं सिविल सर्जन डॉ.मिथिलेश कुमार ठाकुर के संवेदनशील सहयोग की भूरि-भूरि प्रशंसा की। मौके पर केंद्र प्रभारी चिकित्सक डॉ.वरुण कुमार, बीसीएम प्रेम शंकर कुमार, मुखिया सुनीता देवी, सरपंच विभा देवी, दिवाकर कुमार, जीएनएम रूपम रानी, एएनएम रूबी कुमारी, आशा गीता देवी आदि मौजूद थी।

 

 

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