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इस वर्ष 12 से 14 मार्च तक सिंहेश्वर महोत्सव का होगा आयोजन

22 फरवरी को जिला मुख्यालय के झल्लू बाबू सभागार में जिलाधिकारी श्री श्याम बिहारी मीणा (आईएएस) की अध्यक्षता में पदाधिकारियों, गणमान्यों एवं संगीतज्ञों की बैठक हुई जिसमें तय किया गया कि लोक संगीत होगा महोत्सव का थीम।

महोत्सव को सफल बनाने हेतु डीडसी नितिन कुमार सिंह (आईएएस) सहित एडीएम रविंद्र नाथ प्रसाद सिंह, एडीएम अब सह जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी शिव कुमार शैव, एनडीसी राजीव रंजन, सामान्य शाखा प्रभारी अभिराम त्रिवेदी, सीएस डॉ.अमरेंद्र नारायण शाही, एसडीएम नीरज कुमार, एसडीपीओ अजय नारायण यादव, समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, रेड क्रॉस की अध्यक्षा डॉ.शांति यादव, न्यास समिति के सदस्य विजय सिंह, संगीतज्ञ रोशन कुमार, शशि प्रभा जायसवाल, ध्यानी यादव, अरुण कुमार आदि ने अपने विचार व्यक्त किए।

निर्णय हुआ इस वर्ष 12-13 एवं 14 मार्च को तीन दिवसीय महोत्सव का आयोजन होगा। सभी विभागों को अपनी जिम्मेदारी एवं चाक-चौबंद व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया। स्थानीय कलाकार को भी सम्मानजनक मानदेय प्रदान पर विचार किया गया। अध्यक्ष के निर्देशानुसार रिकॉर्डिंग डांस, आर्केस्ट्रा व अन्य फूहड़ कार्यक्रमों से पूरी तरह परहेज करना है। संगीत के साधकों को सम्मान दिया जाएगा।

डॉ मधेपुरी ने बांस बोरिंग के आविष्कारक सिंहेश्वर के पद्मश्री राम प्रसाद चौधरी (मरहूम) की धर्मपत्नी अवकाश प्राप्त शिक्षिका  जगदात्री देवी को इस अवसर पर सम्मानित करने की मांग रखी। अंत में डीएम श्याम बिहारी मीणा ने विस्तार से संगीत, ख्याति प्राप्त राष्ट्रीय स्तर के संगीतज्ञ एवं कलाकारों की जमकर चर्चा की और पूरी गंभीरता से क्लास ली।

 

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85 वर्षीय राजू भैया अब नहीं रहे

टीपी कॉलेज के संस्थापक प्राचार्य रतन चंद एवं विदुषी माता गार्गी के तृतीय पुत्र सुकवि राज चंद उर्फ राजू भैया का सोमवार प्रातः 8:05 पर अपने निवास (रतन चंद द्वार के सामने) में निधन हो गया। 85 वर्षीय राजू भैया कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे। वे अपने पीछे विदुषी धर्म पत्नी 76 वर्षीय विजय देवी एवं दो पुत्र रतन स्वरूप चंद एवं ज्ञान गौरव चंद सहित मधेपुरा के सभी चाहने वालों को अलविदा कह दिए। उनके दोनों पुत्रों ने बेल्हा घाट पर मंगलवार को उन्हें मुखाग्नि दी।

आज बुधवार को कौशिकी क्षेत्र हिन्दी साहित्य संस्थान के बैनर तले पूर्व प्रति कुलपति डॉ. केके मंडल की अध्यक्षता में साहित्यकारों ने संवेदना व्यक्त की। सचिव डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने कहा कि राजू भैया कोरोना काल से पूर्व कौशिकी के साहित्यिक कार्यक्रमों में प्रायः अपनी उपस्थिति दर्ज करते रहे थे। अंत तक वे हर छोटे-बड़े एवं बुजुर्गों के भी राजू भैया बने रहे।

मौके पर मौन श्रद्धांजलि देने वाले साहित्यकारों में प्रो.सचिंद्र महतो, प्रो.श्यामल किशोर यादव, डॉ.शांति यादव, डॉ.विनय कुमार चौधरी, डॉ.अमोल राय, प्रो. मणिभूषण वर्मा, डॉ.सिद्धेश्वर कश्यप, डॉ.अरविंद श्रीवास्तव, आर्या दास, डॉ.आलोक कुमार, डॉ.विश्वनाथ विवेका, डॉ.अरुण कुमार, सियाराम यादव मयंक, संतोष कुमार सिन्हा, छात्र नेता हर्षवर्धन सिंह राठौर, रंगकर्मी विकास कुमार एवं निदेशक श्यामल कुमार सुमित्र आदि थे।

चलते-चलते यह कि राजू भैया के परिवार को इस दुख की घड़ी में सदैव साथ देने वालों में भारत भूषण (मुन्ना जी) डॉ.ललन प्रसाद अद्री, विवेकानंद, प्रसून चंद्रा, ज्ञान चंद, तरुण चंद सहित जिला परिषद सदस्य प्रकाश कुमार, प्रोफेसर गजेंद्र प्रसाद यादव, उपेन्द्र यादव दयानंद प्रसाद, संजय कुमार सहाय वर्मा आदि हैं।

 

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बीएनएमयू के विकास में राज्य सरकार करेगी हर संभव सहयोग- डॉ.अमरदीप

जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष व इस्पात मंत्रालय भारत सरकार के हिन्दी सलाहकार समिति के सदस्य एवं पूर्व सांसद व बीएनएमयू के संस्थापक कुलपति डॉ.रमेन्द्र कुमार यादव रवि के सुपुत्र डॉ.अमरदीप बीएनएमयू की सीनेट के बैठक में राज्य सरकार द्वारा मनोनीत सदस्य के रूप में शामिल हुए।

कुलपति डॉ.आरकेपी रमण के अभिभाषण के बाद धन्यवाद प्रस्ताव पर बोलते हुए डॉ.अमरदीप ने कुलपति समेत सिंडिकेट एवं सीनेट के सभी सदस्यों को साधुवाद दिया। आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि बीएन मंडल विश्वविद्यालय के परिसर में संस्थापक कुलपति एवं उनके पिता डॉ.रमेंद्र कुमार यादव रवि की आदमकद प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय ऐतिहासिक है। इस पर कि मौजूद विधायक, विधान पार्षद सहित सभी गणमान्यों, सीनेट सदस्यों ने तालियों की गड़गड़ाहट के साथ प्रस्ताव का समर्थन किया।

आगे डॉ.अमरदीप ने अपने संबोधन में कहा कि विश्वविद्यालय को नैक की मान्यता मिले इसके लिए जरूरी है कि हम स्नातकोत्तर विभागों में यूजीसी स्पॉन्सर्ड माइक्रो एवं मेगा प्रोजेक्ट पर ध्यान दें। अंत में उन्होंने सीएम नीतीश कुमार एवं शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी की ओर से कहा कि राज्य सरकार विश्वविद्यालय के विकास के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर रिसर्च एवं डेवलपमेंट तथा टीचिंग एवं इनोवेशन से जुड़े प्रस्तावों पर हर संभव सहयोग करेगी। बैठक के दौरान डॉ अमरदीप ने दिए जाने वाली यात्रा भत्ता नहीं लेने की घोषणा की तथा कुलपति से निवेदन किया कि यह राशि निर्धन छात्रों के सहायतार्थ या पुस्तकालय हेतु पुस्तक क्रय करने में उपयोग किया जाए। उन्होंने मौके पर कुलपति, प्रति कुलपति एवं कुलसचिव के साथ मिलकर पुस्तक “रवि एक कवि का संसदीय जीवन” भेंट की एवं डॉ.रवि द्वारा लिखी सारी पुस्तकें विश्वविद्यालय को डोनेट करने की घोषणा की।

 

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बीएनएमयू की सीनेट में 853 करोड़ का वार्षिक बजट हुआ सर्वसम्मति से पास

भूपेन्द्र नारायण मंडल के प्रेक्षागृह में 19 फरवरी को सीनेट के 22वां वार्षिक अधिवेशन में कुलपति प्रो.(डॉ.)आरकेपी रमण की अध्यक्षता में 853 करोड का वार्षिक बजट सर्वसम्मति से पास हुआ जिसमें विश्वविद्यालय के आंतरिक स्रोत से 157 करोड़ आय एवं सरकार से 696 करोड़ रुपए की मांग की गई। कुलपति डॉ.रमण ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि विश्वविद्यालय नियम परिनियम के अनुरूप कार्य करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि 2022-23 में विश्वविद्यालय नैक मूल्यांकन हेतु लक्ष्य तय किया है जिसके लिए कई सेमिनारों का आयोजन किया जाता रहा है। चौथे दीक्षांत समारोह की भी तैयारी की जा रही है।

सीनेट की बैठक में विचार रखने वालों में प्रति कुलपति प्रो.(डॉ.)आभा सिंह, कुलसचिव मिहिर कुमार ठाकुर,  कुलानुशासक, डॉ.विश्वनाथ विवेका सहित विश्वविद्यालय के बड़े-छोटे अधिकारी व पदाधिकारी आदि थे।

धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत करने वालों में विधान पार्षद डॉ.संजीव कुमार सिंह, विधायक अनिरुद्ध प्रसाद यादव, विधायक गुंजेश्वर साह, विधायक प्रोफेसर चंद्रशेखर, डॉ.नरेश कुमार, शिक्षा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष व सीनेटर डॉ.अमरदीप आदि थे।

चलते-चलते यह भी कि कुलपति डॉ.रमण ने बताया कि विश्वविद्यालय की स्थापना व विकास में अहम योगदान देने वाले संस्थापक कुलपति सह पूर्व सांसद प्रो.(डॉ.)रमेंद्र कुमार यादव रवि की प्रतिमा लगाने के लिए भूखंड चिन्हित करने का निर्णय लिया गया है। धन्यवाद प्रस्ताव के क्रम में संस्थापक कुलपति डॉ.रवि के सुपुत्र अमरदीप द्वारा अपनी यात्रा भत्ता की राशि को निर्धन छात्र कोष अथवा पुस्तकालय कोष में देने की घोषणा किए जाने पर हाल तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी।

 

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विश्वविद्यालय की महत्वपूर्ण सभा है अधिषद जो तय करती है उसकी दशा व दिशा

भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के प्रेक्षागृह में 19 फरवरी को कुलपति प्रो.(डॉ.)आरकेपी रमण की अध्यक्षता में अधिषद की बैठक आहूत की गई है जिसमें विश्वविद्यालय की दशा और दिशा तय होगी।डॉ. रमण ने कहा कि अधिषद विश्वविद्यालय की एक महत्वपूर्ण सभा है जिसकी तैयारी में कोई कमी नहीं छोड़ी जाएगी।

विभिन्न बैठकों के माध्यम से कार्यों एवं जिम्मेदारियों का बंटवारा कर दिया गया है जिनके संबंध सम्यक निर्वहन हेतु पत्र जारी कर दिया गया है। बीच-बीच में विभिन्न समितियों के कार्यों की समीक्षा कुलपति, प्रति कुलपति, कुलसचिव, डीएसडब्ल्यू, परीक्षा नियंत्रक, सीसीडीसी आदि कर लिया करते हैं।

अधिषद की बैठक को सफलतापूर्वक संपन्न कराने में सहयोग दे रहे हैं- पीआरओ डॉ.सुधांशु शेखर, पुस्तकालय इंचार्ज डॉ.अशोक कुमार, डॉ.अबुल फजल, डॉ.शंकर कुमार मिश्र, डॉ.अभय कुमार, डॉ.अशोक कुमार सिंह, डॉ.भूपेन्द्र प्रसाद सिंह, डॉ.गजेंद्र कुमार, डॉ.ललन प्रसाद अद्री, डॉ.राजेश्वर राय, डॉ.विनोद कुमार यादव, संजय कुमार सत्यार्थी, शंभू नारायण यादव, पृथ्वीराज यदुवंशी, डॉ.राम नारायण कौशिक आदि।

 

 

 

 

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जो खिलाड़ी बिकते हैं तो वाह ! वाह ! वहीं खिलाड़ियों के खिलाड़ी (यानि नेताजी) बिकते हैं तो चूं-चूं, ऐसा क्यों ?

आजकल बिहार से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक या फिर अंतरराष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट खिलाड़ी धड़ल्ले से बिक रहे हैं। हजार और लाख की तो मत पूछिए… करोड़ से ही प्रायः बोली लगनी शुरु होती है।

बता दें कि लोग प्रायः बोलते रहे हैं कि एक बिहारी सब पर भारी। जिसे चरितार्थ कर दिया है सबसे महंगे बिकने वाले बिहार के इशान किशन ने।

जानिए कि स्टार विकेट कीपर बल्लेबाज इशान किशन इंडियन प्रीमियर लीग के लिए शनिवार से शुरू हुई नीलामी में सबसे महंगे क्रिकेटर है। ईशान को मुंबई इंडियंस ने 15 करोड़ 25 लाख में खरीदा जो युवराज सिंह के बाद दूसरे सबसे महंगे भारतीय खिलाड़ी बन गए।

बिकने वाले खिलाड़ी हो या फिर बिकने वाले खिलाड़ियों के खिलाड़ी यानि नेता हो- दोनों तो बिकते ही हैं, परंतु खिलाड़ी बिकते हैं तो शान की बात और नेता बिकते हैं तो अपमान की बात। ऐसा क्यों ? दोनों तो खिलाड़ी ही हैं। दोनों के लिए एक जैसा व्यवहार होना चाहिए…।।

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14 फरवरी से सब कुछ सामान्य होगा, स्कूल-कॉलेज-माॅल-पार्क सभी सौ फ़ीसदी क्षमता के साथ खुलेंगे

काइसिर मैनेजमेंट ग्रुप की बैठक के बाद सूबे के सीएम नीतीश कुमार ने घोषणा की कि 14 फरवरी से बिहार में कोरोना को लेकर लॉकडाउन लगाया गया था उसे अनलाॅक कर दिया गया। सभी प्रकार के प्रतिबंध हटा लिए गए। स्कूल कॉलेज सब कुछ सौ फ़ीसदी के साथ खोलने की स्वीकृति दी गई।

बता दें कि धार्मिक स्थल, सिनेमा हॉल, पार्क, मॉल आदि सबकुछ पूर्ववत चलेंगे। शादी, श्राद्ध सब कुछ सामान्य तरीके से आयोजित होंगे। बिहार की नीतीश सरकार के गृह विभाग विभाग द्वारा यह आदेश 14 फरवरी से लागू हो जाएगा।

जानिए कि कोरोना संक्रमण दर में गिरावट को देखते हुए नीतीश सरकार ने इस प्रकार का निर्णय लिया है कि कोरोना से पहले जिस तरह सब कुछ चलता था उसी तरह सब कुछ अब चलेगा।

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मजबूरी में गोल्ड लोन लेने वाले एक लाख लोगों के गहनों की एक साथ नीलामी

मजबूरी में ही लोग लेते हैं गोल्ड लोन और मजबूरी में ही नीलामी स्वीकारने को मजबूर होते हैं लोग। एक साथ इतनी भारी संख्या में हो रही नीलामी को विशेषज्ञ मान रहे हैं आर्थिक तंगी की निशानी।

बता दें कि विगत दो वर्षों में एजुकेशन लोन तो बढ़ा जरूर परंतु ढाई गुना बढ़ गया गोल्ड लोन। करीब एक लाख परिवारों द्वारा सोना गिरवी रखकर कर्ज लिया गया परंतु समय पर चुका नहीं पाने के कारण बैंक सोना नीलाम करने जा रहा है।

जानिए कि कर्ज धारक के लिए लोन लेना जितना आसान है उतना ही आसान कर्ज देने वालों के लिए इसकी वसूली है। कर्ज धारक के डिफाल्टर होने पर बैंक सोना बेचकर कर्ज वसूल लेते हैं। एक लाख डिफाल्टरों की सोने की नीलामी आगे होने जा रही है जिसकी वसूली हेतु 59 नोटिस जारी हो चुके हैं।

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सीएम नीतीश ने डॉ.अमरदीप को शिक्षा प्रकोष्ठ का प्रदेश अध्यक्ष बनाकर मिसाल पेश की

जदयू शिक्षा प्रकोष्ठ के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष डॉ.अमरदीप ने पहली बार मधेपुरा आगमन को लेकर शुक्रवार को उनके मधेपुरा आवास पर जदयू के सभी नेताओं एवं कार्यकर्ताओं द्वारा अंगवस्त्रम, बुके व माला देकर उनका भरपूर स्वागत किया गया। जिसमें जदयू के सभी प्रकोष्ठ के अध्यक्ष व अन्य पदाधिकारियों ने भी उनका अभिनंदन किया।

बता दें कि मौके पर नवनियुक्त अध्यक्ष डॉ.अमरदीप ने कहा कि सूबे के शिक्षा प्रकोष्ठ को नित नई ऊंचाइयों पर ले जाने का काम किया जाएगा जो आपके सहयोग के बिना संभव नहीं हो पाएगा। आपके सहयोग से शिक्षा को समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाने को संकल्पित हूं। उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा जो अभूतपूर्व कार्य किया गया है उसे आपके सहयोग एवं आपकी सहभागिता देकर पूरे बिहार में शिक्षा प्रकोष्ठ को एक सशक्त प्रकोष्ठ के रूप में स्थापित करना है। डॉ.अमरदीप ने विनम्रता पूर्वक यह कहा कि राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा एवं प्रदेश के तमाम वरिष्ठ पदाधिकारी द्वारा जो मुझे दायित्व दिया गया है, उसका निर्वहन निष्ठा पूर्वक करते हुए शिक्षा प्रकोष्ठ को नित नई ऊंचाइयों तक ले जाने को सदैव समर्पित हूं।

अंत में डॉ.अमरदीप ने जिला अध्यक्ष मंजू कुमारी उर्फ गुड्डी देवी, जिला मुख्य प्रवक्ता डॉ.नीरज कुमार, जिला उपाध्यक्ष डॉ.रत्नदीप, शिक्षा प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष अभिषेक कुशवाहा, दलित नेता नरेश पासवान, मीडिया सेल के पूर्व जिला अध्यक्ष मनोज भटनागर, व्यवसायिक प्रकोष्ठ के जिला अध्यक्ष अशोक चौधरी, जिला उपाध्यक्ष महेंद्र पटेल, युवा मुख्य प्रवक्ता आशीष कुमार, जिला उपाध्यक्ष डॉ.धर्मेंद्र कुमार राम, मनोज राम, डॉ.हिमांशु व सलाउद्दीन आदि ने दल के प्रति समर्पण की सराहना की।

 

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अब स्मार्ट खिड़कियां जाड़े में गर्म रखेंगी कमरों को

आरंभ से ही गृह निर्माण को लेकर प्राकृतिक रोशनी, ताजी हवा और धूप का आना बहुत जरूरी माना जाता रहा है। इसके लिए घर बनाते वक्त खिड़कियां बनाने का विशेष ध्यान रखा जाता है।

बता दें कि अब पारंपरिक खिड़कियों की जगह स्मार्ट खिड़कियां ले सकती हैं। इन स्मार्ट खिड़कियों द्वारा मौसम के हिसाब से सूरज की किरणों को अवशोषित करने अथवा दूर रखने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाती है। फलस्वरूप सर्दियों में कमरे को गर्म या फिर गर्मियों में ठंडा रखा जा सकता है।

स्मार्ट खिड़कियों के निर्माण में एक विशेष प्रकार के कांच का इस्तेमाल किया जाता है जिसे कई प्रकार के रसायनों के मिश्रण से बनाया जाता है। जिसके निर्माण में 30 फ़ीसदी रसायन गर्मी को दूर करने एवं 70 फ़ीसदी रसायन गर्मी को अवशोषित करने के लिए व्यवहार में लाए जाते हैं। स्मार्ट खिड़कियों से प्रतिवर्ष कम से कम 27 फ़ीसदी बिजली बचाई जा सकती है।

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