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विश्व में कोरोना से अधिक मौतें प्रदूषण से हुई

संपूर्ण विश्व में 2 वर्षों के कोरोना काल के दौरान जितने लोगों की जान इस महामारी से हुई है उससे कहीं ज्यादा लोग प्रदूषण के कारण मर चुके हैं।

यह खुलासा संयुक्त राष्ट्र की ओर से पर्यावरण को लेकर ताजा रिपोर्ट में किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार मात्र 1 साल के भीतर प्रदूषण से लगभग 9 लाख लोगों की मौतें हुई हैं जबकि बीते 2 वर्षों में कोरोना महामारी के कारण लगभग 59 लाख लोगों की मौतें दर्ज हुई है।

चलते-चलते यह भी कि प्रदूषण के चलते गर्भाशय में पल रहे भ्रूण और छोटे बच्चों पर पड़ रहा है। वे या तो विकलांग हो रहे हैं या फिर अकाल मृत्यु के शिकार हो रहे हैं।

 

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जिला मुख्यालयों में बच्चों के लिए बनेंगे आश्रय भवन और बुजुर्गों के लिए वृद्धाश्रम

नीतीश सरकार के भवन निर्माण मंत्री डॉ.अशोक चौधरी ने हाल ही में विधानसभा में यह प्रस्ताव लाया की बिहार सरकार प्रत्येक जिला मुख्यालय पर दो एवं अनुमंडल मुख्यालय पर एक वृद्ध आश्रम की स्थापना करने जा रही है।

जानिए कि सदन ने ध्वनिमत से इस काम के लिए 4 हजार 9 सौ करोड़ की अनुदान मांग पारित भी कर दिया। साथ ही मंत्री डॉ.चौधरी ने बताया कि 356 करोड़ की लागत से भवन निर्माण विभाग द्वारा 12 वृद्ध आश्रय गृह का निर्माण कराया जा रहा है। जिसमें बेसहारा व निराश्रित सौ-सौ लड़के एवं लड़कियों को उम्र के हिसाब से दो ब्लॉक में रखा जाएगा। उन्हें रोजगार से जोड़ने के लिए कौशल प्रशिक्षण की भी व्यवस्था होगी।

 

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जिला प्रशासन द्वारा भूपेन्द्र स्मृति कला भवन में धूमधाम से मनी 110वां बिहार दिवस

जिलाधिकारी श्याम बिहारी मीणा के नेतृत्व में डीडीसी नितिन कुमार सिंह, एडीएम रविंद्र नाथ प्रसाद सिंह व शिव कुमार शैव, एसडीएम नीरज कुमार, एनडीसी राजीव नंदन, अभिषेक कुमार आईटी मैनेजर आदि द्वारा सुबह से देर रात तक 110वां बिहार दिवस धूमधाम से मनाया गया। शहर में विभिन्न संस्थाओं द्वारा भी बिहार दिवस के अवसर पर 110 दीप प्रज्ज्वलित कर बिहार को गौरवशाली गाथाओं के गीत गाए गए।

इस अवसर पर भूपेन्द्र स्मृति कला भवन में उद्घाटन डीडीसी एनके सिंह, एडीएम, एसडीएम, एनडीसी सहित आयोजन समिति के वरिष्ठ सदस्य समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन किया। बाद में सर्वाधिक कलाकारों के गुरु रहे योगेंद्र भारती, प्रो.अरुण कुमार बच्चन, संजीव कुमार, प्रो.रीता कुमारी, शशी प्रभा, रेखा यादव, रोशन कुमार आदि ने बिहार को गौरवान्वित करने वालों वाले गीतों की प्रस्तुति दी और तालियां बटोरी। सृर्जन दर्पण, सुनीता साना मंडली, हिप हॉप डांस एकेडमी आदि का बेहतरीन प्रदर्शन हुआ।

एसडीएम नीरज कुमार, समाजसेवी डॉ.मधेपुरी, एनडीसी राजीव नंदन, उप समाहर्ता अभिषेक कुमार, आईटी मैनेजर आदि ने उद्घोषक पृथ्वीराज यदुवंशी सहित सभी गायकों एवं गीत मंडलियों को प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। गांधी की भूमिका में नशाबंदी पर नाटक करने वाले गंगादास को भी सम्मानित किया गया।

अंत में एसडीएम नीरज कुमार ने सबों को धन्यवाद दिया और कार्यक्रम समाप्ति की घोषणा की।

 

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भारतरत्न बिस्मिल्लाह खाँ की 107वीं जयंती मनाई डॉ.मधेपुरी ने

विश्व विख्यात शहनाई वादक उस्ताद बिस्मिल्लाह खाँ की 107वीं जयंती समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने अपने निवास वृंदावन में बच्चों के बीच मनाई। उन्होंने बच्चों से कहा कि बिस्मिल्लाह खाँ बेमिसाल शहनाई वादक ही नहीं थे बल्कि वे सुर व संगीत को इबादत मानकर काशी के मंदिरों में निरंतर शहनाई बजाते थे। पांचों वक्त नमाज पढ़ने वाले शहनाई के जादूगर को काशी नगरी में गंगा नदी से बेपनाह लगाव था। उनकी शहनाई में ठुमरी अंदाज भरा होता था।

डॉ.मधेपुरी ने बच्चों से यह भी कहा कि बिहार के डुमरांव में आज ही के दिन 21 मार्च 1916 को एक मुस्लिम परिवार में एक नन्हा बालक कमरुद्दीन जन्म लिया था जो आगे चलकर विश्व प्रसिद्ध शहनाई वादक भार रत्न बिस्मिल्लाह खाँ बन गया। वे काशी में रह कर शहनाई वादन की शिक्षा ली थी। सर्वप्रथम 14 वर्ष की उम्र में ही उन्हें इलाहाबाद के संगीत परिषद में शहनाई वादन का मौका मिला। फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा उन्होंने। 15 अगस्त 1947 को लाल किले के प्राचीर से शहनाई वादन कर उन्होंने इतिहास रच दिया। सहज व सरल जीवन जीने वाले शहनाई के जादूगर को 2001 में सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारतरत्न से सम्मानित किया गया। भला क्यों नहीं, जब भी कोई भारतीय पत्रकार विदेशों में उनके शहनाई वादन के दौरान तालियों की गड़गड़ाहट के बाबत उनकी खुशियों का इजहार सुनना चाहते तो वे बराबर यही कहा करते- “विदेशों में बिस्मिल्लाह खाँ शहनाई नहीं बजाता है, वहां तो भारत शहनाई बजा रहा होता है।”

 

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हंसते-हंसते शहीद हो गया मधेपुरा का बेटा सदानंद- डॉ.मधेपुरी

शहीद सदानंद के शहादत-स्थल पर समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी की अध्यक्षता में शहीद सदानंद अमर रहे के उद्घोष से वातावरण गूंज उठा। डॉ.मधेपुरी ने जिला मुख्यालय के एसडीएम ऑफिस के सामने आयोजित 49वें शहादत दिवस पर याद दिलाते हुए कहा कि 1974 के 18 मार्च को पटना में छात्रों ने महंगाई और भ्रष्टाचार के विरुद्ध आंदोलन किया था। तत्कालीन गवर्नर बीआर भंडारे को विधानमंडल जाने से रोकने के क्रम में पुलिस की गोली के शिकार हो गए कुछ आंदोलनकारी छात्र। प्रतिक्रिया स्वरूप 19 मार्च को मधेपुरा में हुए छात्र आंदोलन में हंसते-हंसते शहीद हो गया मधेपुरा का बेटा सदानंद।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में जेपी सेनानी इन्द्र नारायण यादव उर्फ प्रधान जी सहित शहीद सदानंद को याद करने वालों एवं श्रद्धांजलि देने वालों में बीएन मंडल विश्वविद्यालय के पीजी जूलॉजी के डॉ.अरुण कुमार, टीपी कॉलेजिएट के प्राचार्य डॉ.सुरेश कुमार भूषण,  प्रो.दयानंद, जेपी आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने वाले जय किशोर यादव, विजेंद्र प्रसाद यादव, कैलाश अग्रवाल, सीताराम पंडित, अधिवक्ता व भूपेन्द्र प्रसाद यादव सहित शशि शेखर सुमन उर्फ़ महंत जी, सृजन दर्पण के सचिव रंगकर्मी विकास कुमार, सुनील कुमार यादव, मोहम्मद समीम, मोहम्मद नईम, मोहम्मद कादिर, विभूति यादव, कैलाश यादव, जवाहर पंडित, गणेश कुमार यादव, अशोक गुप्ता, लल्लन यादव आदि मौजूद थे। यह पहला मौका था कि जेपी सेनानी पूर्व एमएलसी विजय वर्मा व जेपी सेनानी पूर्व विधायक परमेश्वरी प्रसाद निराला मौजूद नहीं हो सके।

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होली में एसपी राजेश कुमार के साथ बीपी मंडल इंडोर स्टेडियम में डॉ.मधेपुरी की टीम

होली के दिन मधेपुरा जिला के बीपी मंडल इंडोर स्टेडियम में एसपी राजेश कुमार (भापुसे) के साथ डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी की टीम के प्रमुख सदस्य बीएनएमयू के प्रो.(डॉ.)अरूण कुमार, टीपी कॉलेजियेट के प्राचार्य डॉ.सुरेश कुमार भूषण एवं किसान मजदूर समन्वय समिति के जिला अध्यक्ष सह अधिवक्ता सीताराम पंडित सहित कबड्डी के लाइफ लाइन माने जाने वाले कबड्डी संघ के जिला सचिव अरुण कुमार आदि ने रंग गुलाल लगाते हुए एसपी साहब को राधा कृष्ण की मूर्ति भेंट की और जन्मदिन की ढेर सारी बधाइयां व शुभकामनाएं भी दी।

 

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शहीद सदानंद की 49वीं शहादत दिवस मनाने की तैयारी में जुटे हैं लोग

19 मार्च को शहीद सदानंद की 49वीं पुण्यतिथि मनाई जाएगी। अपरिहार्य कारणवश जेपी सेनानी सह एमएलसी विजय कुमार वर्मा एवं जेपी सेनानी सह मधेपुरा के पूर्व विधायक परमेश्वरी प्रसाद निराला सहित आंदोलनकारी जय किशोर यादव, प्रसन्न कुमार आदि मधेपुरा से बाहर हैं और इस बार शहीद सदानंद की शहादत दिवस की देखरेख करने का भार 1974 में सक्रियता के साथ छात्र आंदोलन में सहयोग करने वाले समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी एवं गणेश कुमार को सौंपा गया है।

डॉ मधेपुरी ने टीपी कॉलेजिएट के प्राचार्य डॉ.सुरेश कुमार भूषण, बीएनएमयू के जूलॉजी विभागाध्यक्ष प्रो.(डॉ.)अरुण कुमार, जिला कबड्डी संघ के सचिव अरुण कुमार, मजदूर-किसान समन्वय समिति के अध्यक्ष सीताराम पंडित, पुस्तक विक्रेता राजेश्वर प्रसाद यादव, अनिल कुमार वर्मा, मोहम्मद शमीम, सुनील कुमार, संतोष कुमार, अनिल कुमार, ललन कुमार आदि के साथ आयोजन की तैयारी में जुटे देखे गए। ज्ञातव्य हो कि जयप्रकाश नारायण के छात्र आंदोलन के समय 19 मार्च 1974 को टीपी कॉलेजिएट के नौवीं क्लास के छात्र सदानंद मधेपुरा में शहीद हुए थे।

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90 वर्षीय विद्युत कार्यपालक अभियंता गिरिधर प्रसाद मंडल के निधन पर लोगों में शोक

मधेपुरा के जजेस कॉलोनी एवं शहीद पार्क के सामने सादगी एवं सुचिता के साथ  पर्णकुटी में मधेपुरा के विद्युत विभागीय कार्यालय के कार्यपालक अभियंता के पद से अवकाश ग्रहण करने के बाद 1996 से निरंतर रह रहे गिरिधर प्रसाद मंडल ने 15 मार्च की रात्रि में 9:05 पर अंतिम सांस ली। इस उम्र में भी वे अंतिम सांस लेने से चंद मिनट पूर्व तक बिल्कुल स्वस्थ जीवन जीते रहे। अंतिम क्षण तक सबों से बातें की और यह कहते हुए कि तबीयत ठीक नहीं लग रही है उनके प्राण पखेरू उड़ गए।

ऐसे संत स्वरूप गिरिधर बाबू के निधन का समाचार सुनकर उनके अंतिम दर्शन करने वालों में मैथिली के डॉ. जगदीश नारायण प्रसाद, समाजसेवी-साहित्यकार व भौतिकी के यूनिवर्सिटी प्रोफेसर डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, बीएनएमयू के जंतु स्नातकोत्तर विभागाध्यक्ष डॉ.अरुण कुमार एवं भौतिकी स्नातकोत्तर विभागाध्यक्ष डॉ.नवीन कुमार, बीएनएमयू के एन एस एस ऑफिसर डॉ.अभय कुमार, समाजशास्त्री डॉ.आलोक कुमार, समाजसेवी दिनेश प्रसाद मंडल, शिक्षानुरागी बालमुकुंद मंडल के पुत्रद्वय नंदन कुमार, देव कुमार एवं पुत्र पैक्स अध्यक्ष दीपक कुमार, स्काउट एंड गाइड के आयुक्त जयकृष्ण यादव, डॉ.(मेजर) उपेंद्र नारायण मंडल के सुपुत्र अशोक कुमार, सुभाष, विनोद आदि सहित माताएं-बहनें भी मौजूद देखी गई।

उनके पार्थिव शरीर को 16 मार्च को लगभग 11:00 बजे अपराहन में एंबुलेंस से उनके पैतृक गांव चामगढ़ ले जाया गया। जहां के लगभग दो दर्जन इंजीनियर देश एवं प्रदेश की सेवा में लगे रहे हैं और जिनमें अधिकांश नेतरहाटीयन रहे हैं। वहां लोग उनके अंतिम दर्शन करेंगे। तीन पुत्र अंजनी, अजय और संतोष तथा एक पुत्री बेबी है, परंतु वर्षों पूर्व उनकी धर्मपत्नी एवं जेष्ठ पुत्र अंजनी का बिछोह उन्हें मर्माहत किया वरना खान-पान, वाणी-विचार एवं आचरण में सादगी व सुचिता रखने वाले कार्यपालक अभियंता गिरिधर बाबू शतकीय पारी खेलकर ही दुनिया को अलविदा कहते। उनके पुत्र संतोष कुमार ने उन्हें मुखाग्नि दी।

 

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होली में गुम हो रही लोक परंपरा की मिठास- डॉ.मधेपुरी

आपसी भाईचारे व उमंग वाले इस त्योहार में सद्भाव के साथ एक दूसरे से बांधे रखती है होली। होली की धूम शुरू हो गई है। चतुर्दिक रंग-अबीर के बीच डीजे पर गाने बज रहे हैं और लोग थिरक रहे हैं।

मौके पर समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी से होली के बाबत पूछे जाने पर उन्होंने यही कहा- “होली खेले रघुवीरा बिरज में, होली खेले रघुवीरा….. किनका हाथ कनक पिचकारी, किनका हाथ अबीरा……।” जैसे कुछ गीत हैं जिनकी बोली धीरे-धीरे खामोश होती जा रही है। अब तो इनकी जगह डीजे पर फूहड़ गीतों ने ले ली है। अपनी परंपरा को बचाए रखने के लिए साहित्यकारों को आगे आना होगा। अंत में उन्होंने कहा-

होली ईद मनाओ मिलकर, कभी रंग को भंग करो मत ।भारत की सुंदरतम छवि को, मधेपुरी बदरंग करो मत।।

 

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भूपेंद्र स्मृति भवन में फरोग-ए-उर्दू सेमिनार आयोजित

उर्दू निदेशालय एवं जिला प्रशासन की ओर से फरोग-ए-उर्दू सेमिनार का भव्य आयोजन स्थानीय भूपेन्द्र स्मृति कला भवन में आयोजित किया गया। जिला पदाधिकारी श्याम बिहारी मीणा, एडीएम रविंद्र नाथ प्रसाद सिंह, समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी, आईसीडीएस डीपीओ मो.कबीर, राशिद नवाज, मो.शौकत अली ने दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया।

डीएम श्याम बिहारी मीणा, एडीएम रवीद्रनाथ प्रसाद सिंह, डॉ.मधेपुरी ने विस्तार से शेरो-शायरी के साथ सेमिनार में समा बांध दिया। डीएम मीणा की एक-एक पंक्ति पर दर्शकों की तालियों से हॉल गूंजता रहा। उन्होंने ग़ालिब की ग़ज़ल सुना कर महफिल की वाहवाही लूट ली। जहां एडीएम रविंद्र ने हिन्दी-उर्दू को सगी बहन कहा वहीं डॉ.मधेपुरी ने हिन्दी को मां और उर्दू को मौसी का कर अपनी ग़ज़ल सुना कर तालियां बटोरी। सेमिनार को उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक कृष्ण कुमार भारती ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में अनवारुल हक, इजहार आलम, मुर्तजा अली आदि का सहयोग मिलता रहता रहा।

 

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