विश्व दूरसंचार दिवस प्रतिवर्ष 17 मई को मनाया जाता है। वर्ष 1865 के 17 मई को अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ की स्थापना की स्मृति को बनाए रखने हेतु “विश्व दूरसंचार दिवस” के रुप में मनाया जाना था, परंतु वर्ष 1969 में आज ही पेरिस में सर्वप्रथम 20 राष्ट्रों ने अंतरराष्ट्रीय टेलीग्राफ समझौते पर हस्ताक्षर किया था।
जानिए कि संचार के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए आज के दिन को संयुक्त राष्ट्र ने “विश्व दूरसंचार दिवस” के रूप में 17 मई को प्रतिवर्ष मनाने का फैसला लिया और तब से आज के दिन प्रत्येक देश “विश्व दूरसंचार दिवस” मनाया करता है।
रसायन शास्त्र के लोकप्रिय शिक्षक व पदाधिकारी के रूप में काम से नहीं थकने वाले साहित्यानुरागी डॉ.योगेंद्र प्रसाद यादव अपने गुरु समाजसेवी-साहित्यकार व भौतिक शास्त्र के लोकप्रिय प्रोफेसर डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी जैसे सफल शिक्षक रहे। प्रोफ़ेसर योगेंद्र अपने गुरु डॉक्टर मधेपुरी के वृंदावन निवास के सामने ही आजाद नगर में जिंदगी के सर्वाधिक समय गुजारे। आरंभ में आमने-सामने भाड़े के घर में और बाद में निज आवास बनाकर।
भूपेन्द्र नारायण मंडल वाणिज्य महाविद्यालय में प्रोफेसर योगेंद्र अपने विषय में तब लोकप्रिय हुए थे जब कौशिकी क्षेत्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन के वर्तमान अध्यक्ष डॉ.केके मंडल वहां के प्राचार्य हुआ करते थे। बाद में टीपी कॉलेज के रसायन विभागाध्यक्ष के साथ-साथ वे शिक्षक संघ के अध्यक्ष भी चुने गए।
भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय में सर्वप्रथम उन्हें परीक्षा विभाग में ओएसडी बनाया गया और अपने कार्यों में नहीं थकने के कारण सीसीडीसी, डीएसडब्ल्यू, इंस्पेक्टर आफ कॉलेजेज (विज्ञान) आदि बनते चले गए और लोकप्रियता बटोरते रहे।
अपने गुरु डॉ.मधेपुरी की भांति साहित्य से लगाव एवं कविता आदि लिखते रहने के कारण कौशिकी के अध्यक्ष डॉ.केके मंडल, सचिव डॉ.मधेपुरी सहित अन्य सदस्य विदुषी डॉ.शांति यादव, पीजी जंतु विज्ञान विभागाध्यक्ष प्रो.(डॉ.)अरुण कुमार, पूर्व कुलसचिव प्रोफेसर शचिंद्र, प्राचार्य श्यामल किशोर यादव, कवि सियाराम यादव मयंक, प्रो.मणि भूषण वर्मा, डॉ. सिद्धेश्वर कश्यप, डॉ.आलोक कुमार, डॉ.नरेश कुमार, डॉ.विनय चौधरी, डॉ.संतोष कुमार सिन्हा, श्यामल कुमार सुमित्र आदि ने प्रोफ़ेसर योगेंद्र को मौन श्रद्धांजलि देते हुए दिवंगत आत्मा की चिर शांति एवं दुख की घड़ी में शोक संतप्त परिजनों को साहस प्रदान करने हेतु ईश्वर से प्रार्थना की।
अंत में शोकोदगार व्यक्त करते हुए सचिव डॉ.मधेपुरी ने कहा कि बंगलुरु (कर्नाटक) के एस्टर सीएमआई हॉस्पिटल में प्रोफेसर योगेंद्र ने 14 मई की रात 11:00 बजे अंतिम सांस ली। वे अप्रैल में ही अपनी आंख के मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराने बंगलुरु में रह रहे बेटे प्रणव प्रकाश व प्रणय प्रकाश के पास गए थे परंतु हार्ट प्रॉब्लम होने के कारण एंजियोग्राफी हुआ। ठीक हो गए….. लेकिन दो-तीन रोज बाद सांस की दिक्कत, डायबिटीज, इंफेक्शन आदि से संघर्ष करते-करते जिंदगी की जंग हार गया वह योद्धा योगेंद्र।
आदर्श महाविद्यालय घैलाढ के संस्थापक व सचिव होने के कारण उनके पार्थिव शरीर को कालेज परिसर में ही उनके बेटे द्वय एवं बेटी डेजी ने मुखाग्नि दी और भाई कमलेश्वरी, उपेंद्र सहित बहन फुलो दाय, दुर्गा दाय आदि परिजनों ने एक ही दिन में नख-बाल कर कर्मकांड समापन करने का उदाहरण पेश किया, जैसा प्रोफ़ेसर योगेंद्र चाहते रहे और बोलते रहे थे।
भारत के सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कल आरा जिले के कोईलवर में 266 करोड़ की लागत से बने 6 लेन पुल के 3 लेन का वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए उद्घाटन किया।
केंद्रीय मंत्री ने अपने वर्चुअल संबोधन में कहा कि बिहार के राजमार्ग एवं ग्रीन फील्ड सड़क परियोजनाओं पर 3 लाख करोड़ रूपये खर्च किए जा रहे हैं। गडकरी ने कहा कि फिलहाल एक करोड़ की परियोजनाओं पर काम चल रहा है।
संबोधन के अंत में बतौर संदेश इतना ही कहा कि अगले 3 साल में बिहार की सड़कें अमेरिका की सड़कों की तरह बन जाएंगी। उन्होंने इन परियोजनाओं में राज्य सरकार से मिल रहे सहयोग के लिए सीएम नीतीश कुमार को धन्यवाद भी दिया। क्या यह जुमला बनकर तो नहीं रह जाएगा ?
वित्तीय वर्ष 2020-21 के दौरान मधेपुरा जिला में सबसे अधिक 11 हजार 5 सौ 72 महिलाओं का बंध्याकरण ऑपरेशन किया गया। एक वित्तीय वर्ष में सूबे के सभी 38 जिलों में सबसे अधिक होने के कारण मधेपुरा को महिला परिवार नियोजन में पहला स्थान मिला।
इस अवसर पर सूबे के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने मधेपुरा स्वास्थ्य विभाग के पदाधिकारी डॉ.अब्दुस सलाम (एसीएमओ) एवं संजीव कुमार (डीसीएमओ) सम्मान पत्र सौंपा। जिला स्वास्थ्य समिति के प्रिंस कुमार ने यह जानकारियां दी।
चलते-चलते यह भी कि आज सिविल सर्जन कार्यालय में हो रही पीसी एंड पीएनडीटी की बैठक में अध्यक्षता कर रहे सीएस डॉ.शाही को इस बाबत समाजसेवी-साहित्यकार सदस्य डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने महिला परिवार नियोजन में प्रथम स्थान प्राप्त करने को लेकर धन्यवाद दिया।
स्मरणीय है 9 नवंबर 2020 का वह दिन जब मधेपुरा जिले वाले घैलाढ प्रखंड के जागीर गांव का जांबाज बेटा कैप्टन आशुतोष जम्मू-कश्मीर में एलओसी के पास आतंकवादियों के छक्के छुड़ाते हुए शहीद हो गए। भारत माता की रक्षा में शहीद उस जांबाज बेटा आशुतोष को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। राष्ट्रपति भवन में महामहिम राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने यह सम्मान शहीद आशुतोष के पिता रविंद्र भारती व माता गीता देवी को एक दिन कबल सौंपा।
बता दें कि कैप्टन आशुतोष सहित कुल छह को मिला शौर्य चक्र सम्मान। आशुतोष के अलावा मेजर अरुण कुमार पांडे, मेजर रवि कुमार चौधरी, कैप्टन विकास खत्री, राइफलमैन मुकेश कुमार और सिपाही नीरज अहलावत को यह प्रतिष्ठित शौर्य चक्र दिया गया।
जानिए कि मधेपुरा के शहीद पार्क में लगी शहीद पट्टिका में भी शहीद कैप्टन आशुतोष का नाम स्वर्ण अक्षरों में अंकित कराया है मधेपुरा के समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने। डॉ.मधेपुरी शहीद दिवस पर उन वीरों को नमन करते हैं और बच्चों के बीच उनकी बहादुरी की गाथा सुनाते हैं।
टीपी कॉलेज मधेपुरा में अंग्रेजी के प्राध्यापक, तबला वादक के रूप में ख्याति प्राप्त एवं महामहिम राष्ट्रपति के हाथों पुरस्कृत हो चुके प्रो.योगेंद्र नारायण यादव का लगभग 84 वर्षों की उम्र में आज प्रातः काल निधन हो गया। राजधानी पटना के तारा हॉस्पिटल में उनका इलाज चल रहा था। वहीं पुत्र डॉ.रवि रंजन सहित अन्य परिजनों की मौजूदगी में उनका निधन हो गया। वे वर्षों पूर्व से आज तक ‘सुशांत स्मृति युवा प्रतिभा चयन समिति’ के अध्यक्ष रहे।
शोक प्रकट करते हुए दिवंगत योगेंद्र बाबू के सहकर्मी फिजिक्स के प्रोफेसर डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने कहा कि उनके जाने से शिक्षा एवं संगीत जगत को उनकी कमी हमेशा खलेगी। वे मधेपुरा में संगीत महोत्सव के जन्मदाता के रूप में याद किए जाएंगे। उन्होंने संगीत को मधेपुरा में गति देने का काम किया। मृदुल स्वभाव के धनी प्रोफेसर योगेंद्र बाबू सदैव बच्चों को सकारात्मक सोच से लैस करते रहे साथ ही डॉ.मधेपुरी ने यह भी कहा कि भारतरत्न शहनाई वादक बिस्मिल्लाह खाँ के साथ उन्हें मंच साझा करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था।
हमेशा कौशिकी क्षेत्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन का हाल-चाल पूछते रहने वाले प्रोफेसर योगेंद्र बाबू के निधन का समाचार सुनकर कौशिकी क्षेत्र हिन्दी साहित्य सम्मेलन के अध्यक्ष डॉ.केके मंडल, सचिव डॉ.मधेपुरी एवं सदस्य डॉ.शांति यादव, डॉ अरुण कुमार, प्रो.शचिंद्र डॉ.आलोक कुमार, सियाराम यादव मयंक, प्रो.मणि भूषण वर्मा, संतोष कुमार सिन्हा आदि ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए उनकी आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से मौन प्रार्थना की।
9 मई, 1981 का ऐतिहासिक दिन था। रासबिहारी उच्च विद्यालय के मैदान में मधेपुरा जिला उद्घाटन हेतु भव्य समारोह का आयोजन किया गया था। तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ.जगन्नाथ मिश्र द्वारा 136 वर्षों वाले मधेपुरा अनुमंडल को जिला का दर्जा दिया जाना था। समारोह की अध्यक्षता कर रहे थे पूर्व मुख्यमंत्री व सामाजिक न्याय के पुरोधा श्री बी पी मंडल। मंचासीन थे मुख्य अतिथि कुलपति डॉ.केके मंडल, स्वागताध्यक्ष प्राचार्य डॉ.महावीर प्रसाद यादव, कार्यक्रम संयोजक नगरपालिका के तत्कालीन उपाध्यक्ष डाॅ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी सहित नए डीएम डॉ.एसपी सेठ (भाप्रसे) एवं नए एसपी श्री अभयानंद (भापुसे) और स्वागत हेतु नगर पालिका अध्यक्ष भोली प्रसाद मंडल, डॉ.रमेन्द्र कुमार यादव रवि सहित अन्य गणमान्य।
The then Nagar Palika Chairman Bholi Prasad Mandal and Vice-Chairman Dr.Bhupendra Narayan Yadav Madhepuri felicitating 1st SP of Madhepura Abhyanand (IPS).
रासबिहारी विद्यालय के मैदान में दर्शकों से खचाखच भरी हुई भीड़ को संबोधित करते हुए माननीय मुख्यमंत्री डॉ.जगन्नाथ मिश्र ने दोनों हाथ डीएम-एसपी के कंधे पर रखते हुए यही कहा था- मधेपुरा वासियों ! आज 9 मई का दिन आपके लिए ऐतिहासिक दिन है। आपके चेहरे की खुशियों को देखकर मैं विह्वल हो रहा हूं और आपसे यही कह रहा हूं कि यह युवा डीएम जिले का विकास और एसपी आपकी सुरक्षा तभी कर पाएंगे जब इन्हें आपका भरपूर सहयोग मिलता रहेगा। यह सुनकर तालियों की गूंज से मधेपुरा आंदोलित हो गया था। भले ही तब हमारा जिला पुराने भवन वाले ‘जीवन सदन’ की दो कोठरियों में ही वर्षों चलता रहा था और राष्ट्रीय झंडोत्तोलन रासबिहारी स्कूल के मैदान में संपन्न होता रहा था।
अध्यक्षीय भाषण में श्री बीपी मंडल ने कहा था कि मैं ईश्वर को धन्यवाद देता हूं कि मुझे इस जीवन में मधेपुरा को जिला देखने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। उन्होंने सीएम डॉ.मिश्र को धन्यवाद व बड़े भाई के नाते आशीर्वाद देते हुए कहा था कि आप जात-पात के संकुचित विचार से ऊपर हैं। मुझे भी मुख्यमंत्री रहने का मौका मिला, परंतु मैं मधेपुरा को जिला नहीं बना सका जिसे आप ने कर दिखाया और आज मधेपुरा वासियों के चेहरे पर मुस्कान ला दी। आपको मधेपुरा वासियों की ओर से कोटि-कोटि साधुवाद है !
सिंहेश्वर स्थान के अशोक वाटिका विवाह भवन में साक्षरता दिवस (5 मई 2022) पर विश्व नशा उन्मूलन व कल्याण मिशन के संस्थापक बाबा संत गंगा दास तांती का 74वां जन्म दिवस मनाया गया। मौके पर उद्घाटनकर्ता बीएनएमयू के पूर्व कुलपति डॉ.अनंत कुमार एवं समाजसेवी-साहित्यकार मुख्य अतिथि डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी थे। वरिष्ठ नागरिक संगठन के अध्यक्ष भरत चंद भगत एवं महासचिव दुर्गानंद विश्वास, व्यापार मंडल के सचिव अशोक भगत सहित संतराम बाबा, उपेंद्र दास सहित सागर एवं ज्ञान सागर ने भी गंगा बाबू के प्रति उद्गार व्यक्त किया।
इस अवसर पर उद्घाटनकर्ता कुलपति डाॅ.अनंत कुमार ने कहा कि गंगा बाबू श्रृंगी ऋषि की तपोभूमि से नशा मुक्ति अभियान का बिहार ही नहीं देश और विश्व के पटल पर भी ले जाने का काम किया जो सराहनीय है। डॉ.मधेपुरी ने गंगा बाबू की सोच को सलाम करते हुए उनकी भूरि-भूरि प्रशंसा की।
आरंभ में सिंहेश्वर ग्रीन फील्ड स्कूल की बच्चियों ने स्वागत गान पेश किया। डॉ.पृथ्वीराज यदुवंशी ने उद्घोषणा की और अंत में धन्यवाद ज्ञापन के बाद जन्मदिन पर गरीबों के बीच दूध वितरण किया गंगा बाबू ने।
सीएम साइंस डिग्री कॉलेज मधेपुरा के प्रो.नूतन कुमार की पुण्यतिथि के प्रथम वर्षगांठ पर उनकी प्रतिमा का अनावरण निज आवास रानी पट्टी में बीएनएमयू के कुलपति प्रो.(डॉ.)आरकेपी रमण ने किया। कुलपति ने अपने संबोधन में श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि नूतन बाबू एक विद्वान प्रोफेसर के साथ-साथ एक समाजसेवी भी थे। उद्घाटनकर्ता जिला परिषद अध्यक्षा श्रीमती मंजू देवी ने कहा कि शिक्षा जगत में उनका योगदान सदा अविस्मरणीय रहेगा।
Inauguration of statue of Prof.Nutan Kumar at Ranipatti by VC Dr.RKP Raman, Adyaksha Smt.Manju Devi, Chief Guest MLA Shri Chndrahas Chaupal, Shikshavid Dr.Bhupendra Narayan Yadav Madhepuri, Rekha Yadav and others.
मुख्य अतिथि के रुप में स्थानीय विधायक एवं विधान सभा के में शून्यकाल के सभापति श्री चंद्रहास चौपाल एवं बीएन मंडल विश्वविद्यालय के कुलानुशासक एवं कुलसचिव रह चुके प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने प्रो.नूतन कुमार को श्रद्धांजलि देते हुए भूपेन्द्र नारायण मंडल व शिवनंदन प्रसाद मंडल की धरती को नमन किया। डॉ.मधेपुरी ने शिक्षिका एवं लोक गायिका रेखा देवी की सराहना करते हुए कहा कि अपने अतीत को याद करने के लिए उस लोक गायिका के जज्बे को सलाम करता हूं।
इस अवसर पर राधे म्यूजिकल रिकॉर्डिंग का उद्घाटन रेखा जी के गुरु संगीतज्ञ योगेंद्र भारती ने किया। मौके पर विशिष्ट अतिथि ज्योति मंडल, प्रो.रणधीर यादव , डॉ.आलोक कुमार, स्वदेश कुमार आदि ने प्रो.नूतन को श्रद्धांजलि दी। अंतरराष्ट्रीय उद्घोषक डॉ.पृथ्वीराज यदुवंशी ने मंच संचालन किया और अमोदचंद्र ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
जन लेखक संघ के केंद्रीय कार्यालय जो साहित्यकार नगर वार्ड नंबर- 1 के डॉ मधेपुरी मार्ग पर अवस्थित है, में जिला कमेटी द्वारा सदन में भूपेन्द्र नारायण मंडल पुस्तक की समीक्षात्मक बैठक के बाद कवि सम्मेलन आयोजित किया गया। संगोष्ठी की अध्यक्षता सुलझे सोच के विद्वान इंजीनियर हरिश्चंद्र मंडल ने की।
संगोष्ठी में सर्वप्रथम जन लेखक संघ के राष्ट्रीय महासचिव डॉ.महेंद्र नारायण पंकज द्वारा आगत अतिथि बेजोड़ शिक्षा शास्त्री व विद्वान वक्ता प्रांतीय अध्यक्ष डॉ.ध्रुव कुमार, राज्य सचिव डॉ.सुधांशु चक्रवर्ती सहित बीएनएमयू के पूर्व कुलसचिव प्रो.शचीन्द्र, पूर्व परीक्षा नियंत्रक प्रो.(डॉ.)भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी एवं एसएनपीएम की पूर्व प्राचार्या डॉ.शांति यादव को शाॅल ओढ़ाकर सम्मानित किया गया।
सर्वपथम विश्वविद्यालय के पूर्व कुलसचिव प्रो.शचीन्द्र द्वारा विषय प्रवेश करते हुए संगोष्ठी का उद्घाटन किया गया और कहा गया कि भूपेन्द्र बाबू की सामाजिक आर्थिक सोच, सामाजिक समाजवादी सोच सहित शैक्षिक व सामाजिक पिछड़ेपन आदि विषयों पर विस्तृत चिंतन की जरूरत है।
मुख्य अतिथि डॉ.ध्रुव कुमार ने विस्तार से भूपेन्द्र नारायण मंडल के समाजवाद की, कबीर सरीखे व्यवहार की एवं डॉ.लोहिया जैसे गरीबों की बेहतरी के लिए सब कुछ न्योछावर करने की बातें रखी। सभी पढ़े-लिखे विद्वान श्रोताओं ने डॉ.कुमार की बातों को ध्यान से सुना और तालियों के साथ सराहना की। उनके संबोधन में भूपेन्द्र बाबू के गहरे अध्ययन की झलक देखने को मिली।
राज्य सचिव डॉ.सुधांशु चक्रवर्ती ने भी अपने सारगर्भित संबोधन में भूपेंद्र बाबू के व्यक्तित्व की ऊंचाइयों से श्रोताओं को रूबरू करा कर खूब तालियां बटोरी। डॉ.अमोल राय, डॉ.विनय कुमार चौधरी, प्रो.(डॉ.)अरुण कुमार, शंभू शरण भारतीय, आद्यानंद यादव, डॉ.ओम प्रकाश ओम, त्रिवेणीगंज से आए साहित्यकार सुरेंद्र कुमार भारती, आलोक राई, डॉ.भूपेन्द्र भूप आदि ने समाजवादी सोच के धनी भूपेन्द्र नारायण मंडल के अनमोल विचारों को आत्मसात करने पर बल दिया।
अंत में प्राचार्या डॉ.शांति यादव ने समीक्षात्मक ग्रंथ सदन में भूपेन्द्र नारायण मंडल को सजाने संवारने का भार तत्कालीन सांसद राजेंद्र प्रसाद यादव द्वारा दिए जाने की और उनके द्वारा निष्पादित किए जाने की विस्तार से चर्चा की, परंतु इतना कुछ करने के बाद संपादक मंडल में नाम नहीं होने पर उन्होंने नाराजगी व्यक्त की।
Samajsevi Shikshavid Dr.Bhupendra Narayan Yadav Madhepuri addressing at Janlekhak Sangh Central Office, Dr.Madhepuri Marg Madhepura.
समयाभाव के कारण डॉ.मधेपुरी ने एक पंक्ति में बस इतना ही कहा कि जिनके बारे में डॉ.लोहिया सरीखे महान समाजवादी चिंतक ने 1964 में ही रासबिहारी उच्च विद्यालय के मंच से यह कहा था कि हे मधेपुरा वासियों ! मैं बार-बार मधेपुरा इसलिए आता हूं कि मधेपुरा की समाजवादी धरती ने भूपेन्द्र नारायण मंडल जैसे सपूत को पैदा किया है जो भारतीय संसद में हमेशा निर्भीक होकर गरीबों की बात उठाता है और आगे भी उठाता रहेगा तो मैं किस खेत की मूली हूं।
अंत में जन लेखक संघ के राष्ट्रीय महासचिव डॉ.महेंद्र नारायण पंकज ने संक्षेप में विचार व्यक्त किया। जिला जन लेखक संघ के सचिव डॉ.गजेंद्र कुमार ने मंच संचालित करते हुए धन्यवाद ज्ञापित किया । अध्यक्ष इंजीनियर हरिश्चंद्र मंडल ने कार्यक्रम समापन की घोषणा की।