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“कोशी गौरव” सम्मान से सम्मानित किए गए डॉ.मधेपुरी

सर्वोदय समाज कटिहार के द्वारा 23 मार्च को शहादत दिवस एवं स्व. प्रकाश कुमार अग्रवाल की स्मृति में तृतीय कोशी गौरव सम्मान समारोह का आयोजन कटिहार के टॉउन हॉल में किया गया था। कार्यक्रम में कोशी क्षेत्र से विभिन्न कार्य क्षेत्रों में विशेष कार्य करने वाले 10 लोगों को काेशी गौरव सम्मान से सम्मानित किया गया था। जानकारी देते हुए संस्थापक सह अध्यक्ष अशोक कुमार ने बताया कि मधेपुरा जिला से समाजसेवा के क्षेत्र में प्रो. (डॉ.) भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी को भी सम्मान किया जाना था, लेकिन उनकी तबीयत नासाज रहने के कारण वे उक्त तिथि को सम्मान समारोह में उपस्थित नहीं हो पाए थे जिस कारण आज हम लोग उनके आवास “वृंदावन” पर पहुंचकर उन्हें सम्मानित कर अपने आपको गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम हर साल 23 मार्च को शहीद दिवस के दिन आयोजित की जाती है। जिसमें विभिन्न क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने वाले 10 लोगों को “कोशी गौरव” सम्मान से सम्मानित किया जाता है। मौके पर सर्वोदय समाज के सदस्य अंगद बाबू, ऑक्सीजन गर्ल गरिमा उर्विशा, गायक व कोरोना योद्धा सुनीत साना आदि मौजूद थे।

 

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अब होगा महोत्सव में स्थानीय कलाकारों पर कुल आवंटित राशि का 60% खर्च- मंत्री डॉ.आलोक रंजन

कोसी के सपूत एवं बिहार सरकार में कला संस्कृति मंत्री डॉ.आलोक रंजन कुछ महीने पूर्व मधेपुरा के समाजसेवी-कलाप्रेमी डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी के “वृंदावन” निवास पर आरएम कॉलेज सहरसा के समाजशास्त्री व पूर्व प्राचार्य प्रो.(डॉ.)विनय कुमार चौधरी के साथ व्यक्तिगत विजिट पर आए थे। डॉ.मधेपुरी ने मंत्री महोदय से बिहार में एक कला-संगीत विश्वविद्यालय की स्थापना के अलावे स्थानीय कलाकारों के प्रोत्साहन आदि पर चर्चा की थी।

मंत्री डॉ.आलोक रंजन ने कहा था कि बुजुर्गों के अनुभवों का लाभ लेकर कुछ-न-कुछ ऐतिहासिक निर्णय लेने की योजना बनाऊंगा। उसी ऐतिहासिक निर्णय के तहत अब महोत्सवों एवं उत्सवों में स्थानीय कलाकारों पर सरकार द्वारा आवंटित कुल राशि का 60% हिस्सा खर्च किए जाने की घोषणा मंत्री डॉ.आलोक रंजन द्वारा की गई है।

जिला कला समिति के स्थायी सदस्य व निरंतर स्थानीय कलाकारों एवं जिला प्रशासन के बीच समन्वयक की भूमिका निभाने वाले समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी द्वारा जिले के स्थापित व नवोदित सभी कलाकारों- योगेंद्र भारती, प्रो.रीता कुमारी, प्रो.अरुण कुमार बच्चन, शशि प्रभा, संजीव कुमार, भोला सिंह, रेखा यादव, रोशन कुमार, ओम आनंद, शिवाली, सुनीत साना, संतोष आदि की ओर से कला संस्कृति मंत्री डॉ.आलोक को कोटि-कोटि साधुवाद सहित नमन निवेदित है।

 

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कर्पूरी मेडिकल कॉलेज को मिला छात्र हित में एक डेड बॉडी

समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी के अनुरोध पर जिला प्रशासन द्वारा कर्पूरी मेडिकल कॉलेज को एक डेड बॉडी उपलब्ध करा दिया गया है। जिससे छात्र-छात्राओं को प्रयोग करने में सुविधा होगी और वे अच्छी तरह एनाटॉमी पढ़ पाएंगे। इस कार्य के लिए डॉ.मधेपुरी ने जिला पदाधिकारी श्याम बिहारी मीणा एवं एसपी राजेश कुमार से अनुरोध किया था जिसकी पूर्ति कर दी गई। इस पावन कार्य हेतु डॉ.मधेपुरी द्वारा जिला प्रशासन की पूरी टीम को कोटि-कोटि साधुवाद प्रेषित की गई है।

 

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बोले नीतीश कुमार जाति आधारित गणना की तैयारी में लगेगा एक माह

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जाति आधारित गणना हेतु सर्वदलीय बैठक आयोजित की और सबों की सहमति प्राप्त करने के बाद उन्होंने इस कार्य को अंजाम देने हेतु प्रत्येक जिले के जिला पदाधिकारी को नोडल ऑफिसर बनाए जाने की बात कही।

सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि एक-एक चीज की गणना होगी। आर्थिक स्थिति की जानकारी भी अंकित की जाएगी। संबंधित विभाग जाति आधारित गणना की पूरी तैयारी में जुट गई है। इस कार्य में लगाए जाने वाले लोगों को प्रशिक्षण भी दिया जाना है। सीएम ने कहा कि सभी धर्म, जाति और समाज के लोगों की गणना होनी है। यह गणना सब के पक्ष में है, किसी के खिलाफ नहीं है।

मौके पर समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी से पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि इस जाति आधारित गणना के दरमियान विकास के लिए और क्या-क्या सहयोग करना है, एक-एक बात की जानकारी ली जाएगी व गणना की जाएगी जो गणना प्रत्येक धर्म, जाति एवं हर व्यक्ति के पक्ष में होगी।

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मधेपुरा के नियोजन मेले में 468 अभ्यर्थियों का हुआ चयन

बिहार सरकार के श्रम संसाधन विभाग व जिला नियोजनालय के तत्वावधान में जिला स्तरीय एक दिवसीय नियोजन से व्यावसायिक मार्गदर्शन मेला का आयोजन बीएन मंडल स्टेडियम परिसर में आज किया गया। मेला का उद्घाटन डीएम श्याम बिहारी मीणा ने किया।

इस अवसर पर निदेशक राजीव रंजन ने इस मेले को युवाओं के लिए बड़ा अवसर बताया। युवाओं को शरीक होने हेतु समाजसेवियों एवं बुद्धिजीवियों द्वारा भी प्रेरित किया गया। तभी तो मेला में 1986 अभ्यर्थियों ने अपना बायोडाटा सौंपा और 468 अभ्यर्थियों का चयन हुआ।

यह भी जानिए कि इस रोजगार मेले में 19 निजी कंपनियों ने भाग लिया। कुल 5 सरकारी विभागों द्वारा स्टाल लगाकर सरकारी योजनाओं का कंपनियों को जानकारियां दी गई। समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने लोगों की सहभागिता एवं जागरूकता के लिए युवाओं, समाजसेवियों एवं बुद्धिजीवियों द्वारा भी को धन्यवाद किया।

 

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मधेपुरा जिले में विश्व साइकिल दिवस पर आज निकाली गई रैलीयाँ

जानिए कि 3 जून 2018 को विश्व में पहली बार ‘विश्व साइकिल दिवस’ आयोजित किया गया और उत्साह के साथ इस दिवस को पूरे विश्व में मनाया गया। तब से प्रतिवर्ष इसी दिन विश्व साइकिल दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष भी जिले में भर में युवाओं ने साइकिल रैलियां निकाली। पूरे देश में युवाओं ने साइकिल रैली निकालकर यह संदेश दिया है कि इससे हम स्वस्थ तो रहेंगे ही साथ ही प्रदूषण मुक्त भारत भी बनाएंगे।

मधेपुरा नेहरू युवा केंद्र की ओर से भी जिले के अधिकांश प्रखंडों में विश्व साइकिल दिवस धूमधाम से मनाया गया। इसे बढ़ावा देने के पीछे स्वच्छता एवं पर्यावरण को बढ़ावा देना ही संयुक्त राष्ट्र संघ का भी उद्देश्य रहा है।

मौके पर समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने साइकिल रैली के माध्यम से युवाओं को पर्यावरण को शुद्ध व शरीर को स्वस्थ रखने हेतु जागरूक करने के इस प्रयास के लिए यूएनओ को साधुवाद व अभिवादन कहा। मधुपुरी ने अमेरिकी राष्ट्रपति रह चुके बराक ओबामा को पर्यावरण सुरक्षा के मद्देनजर साइकिल से सब्जी लाने के लिए नमन किया।

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बिहार में जाति आधारित गणना के लिए जिले के डीएम होंगे नोडल पदाधिकारी

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कैबिनेट की बैठक में कहा कि इस जाति आधारित गणना में लगभग 500 करोड़ रुपए खर्च होंगे और इसे 2023 के फरवरी माह तक पूरी कर ली जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि खर्च होने वाली राशि का प्रावधान बिहार आकस्मिकता निधि से होगा।

बता दें कि इस घटना को ससमय पूरा करने हेतु अधिकारी एवं कर्मियों को प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इस गणना के दौरान आर्थिक स्थिति का भी सर्वेक्षण होगा।

मौके पर जाति आधारित गणना को लेकर समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने कहा कि गणना पूरी होने पर “पिछड़ा पावे सौ मेंं साठ” वाले सोशलिस्ट विचारों को रास्ता साफ नजर आने लगेगा।

 

 

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सर्वाधिक नारी शक्ति जागरूक हुई है नीतीश कुमार के शासनकाल में

यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा 2021 का रिजल्ट सोमवार को घोषित होते ही पूरे इंडिया में हलचल मच गया। इस परीक्षा में कुल 685 प्रतियोगियों ने बाजी मारी। जिसमें प्रथम, द्वितीय, तृतीय एवं चतुर्थ स्थान पर भारत की बेटियां श्रुति शर्मा, अंकिता अग्रवाल, गामिनी सिंगला, ऐश्वर्या वर्मा ने परचम लहराया।

समाजसेवी-साहित्यकार व जदयू के वरिष्ठ नेता डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने कहा कि जबसे नीतीश कुमार ने “कन्या साइकिल पोशाक योजना” लागू की तब से बिहार की बेटियों ने उड़ान भरना शुरू कर दिया है।

 

आज की तारीख में भारत में 1200 से अधिक महिलाएं हवाई जहाज उड़ाने लगी है और भारत इस क्षेत्र में विश्व का प्रथम देश बन गया है। जहां एक और बिहार की बेटी उद्विका और शिवांगी फाइटर विमान उड़ाने लगी है वहीं यूपीएससी में मधेपुरा जिला के बिहारीगंज की बेटी अंकिता अग्रवाल इस बार पूरे भारत में दूसरे स्थान पर परचम लहराई है और इससे पहले इसी जिले के पुरैनी का बेटा नितेश जैन 20वाँ स्थान प्राप्त किया था। बिहार के मुंगेर जिला की बेटी डॉ.अंशुप्रिया को इस बार आईएएस में 16वाँ  रैंक प्राप्त हुआ है…………।

 

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भक्ति भाव से वट सावित्री पूजा करने पर सदा सुहागन रहने का मिलता है वरदान

वट सावित्री पूजा से ही स्पष्ट होता है कि सावित्री ने अपने पति सत्यवान के प्राण वापस लाने के लिए बरगद की पूजा की थी। तब से ही सुहागन महिलाएं वट सावित्री पूजन के दिन बरगद की पूजा करती आ रही हैं। यह व्रत सुहागन महिलाओं के सुहाग की रक्षा कर उन्हें मनोवांछित फल प्रदान करता है।

बता दें सुहागन महिलाएं बरगद के वृक्ष के 5 फेरे लगाकर सर्वप्रथम उसमें धागे लपेटती है। मौसमी फलों के अतिरिक्त अक्षत, हल्दी, चंदन, रोली, चूड़ी, बिंदी और मेहंदी पहनाकर पति की लंबी उम्र की कामना करती है।

वैज्ञानिकों की मान्यता है कि पर्यावरण को प्रदूषण मुक्त रखने में बरगद, पीपल, तुलसी आदि पेड़-पौधों की महत्वपूर्ण भूमिका है। यही कारण है कि ऋषि-मुनियों द्वारा इन पेड़ों के पूजने की प्रथा शुरू की गई, क्योंकि ये सभी अहर्निश ऑक्सीजन देकर मानव जीवन की रक्षा में लगे रहते हैं। ये पेड़ औषधीय गुणों से भी परिपूर्ण हैं।

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यूपी की गीतांजलि ने बुकर पुरस्कार को लेकर विश्व में बढ़ाया हिन्दी साहित्य का कद

भारत के उत्तर प्रदेश की मैनपुरी निवासी तथा दिल्ली में रहने वाली 64 वर्षीय लेखिका गीतांजलि श्री ने अपने हिन्दी उपन्यास “रेत समाधि” के लिए वर्ष 2022 का अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार जीतकर इतिहास रच दिया है। इससे पहले यह पुरस्कार भारतीय लेखिका अरुंधति राय को उनके अंग्रेजी उपन्यास “गॉड ऑफ स्माल थिंग्स” के लिए दिया गया था। यह पहला मौका है जब गीतांजलि श्री की हिन्दी किताब को यह उपलब्धि मिली है।

बता दें कि भारत विभाजन काल में एक मां-बेटी की अत्यंत मार्मिक व जीवंत कहानी आधारित है गीतांजलि श्री का हिन्दी उपन्यास “रेत समाधि” जिसे “टाॅम्ब आॅफ सेंड” नाम से अंग्रेजी में अनुवाद किया गया है डेजी राकवेल द्वारा। जूरी के सदस्यों ने इसे शानदार और अकाट्य बताया।

जानिए कि बुकर पुरस्कार के लिए दिए गए 50 लाख की राशि को गीतांजलि श्री ने अपने हिन्दी उपन्यास का अंग्रेजी अनुवाद करने वाली डेजी राकवेल के साथ समान रूप से लंदन में ही साझा किया।

अंत में यह भी कि 5 उपन्यास को पछाड़कर गीतांजलि श्री ने यह सम्मान अपने नाम किया और यह भी कहा कि मैं अभिभूत हूं…. “टाॅम्ब आॅफ सेंड” एक शोकगीत है, उस दुनिया का जिसमें हम रहते हैं। यह एक ऐसी ऊर्जा है जो आशंकाऔं के बीच उम्मीद जगाती है। खुश हूं कि यह पुस्तक अब और ज्यादा लोगों तक पहुंचेगी।

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