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भीड़ से गदगद लालू ने भरी वापसी की हुंकार

पटना का ऐतिहासिक गांधी मैदान आज एक और बड़ी रैली का गवाह बना। आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के आह्वान पर ‘भाजपा भगाओ देश बचाओ’ रैली में लगभग डेढ़ दर्जन विपक्षी दलों के नेता और राज्य के विभिन्न हिस्सों से बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। हालांकि रैली में जुटी भीड़ को लेकर अलग-अलग दावे किए जा रहे हैं। आरजेडी के अनुसार रैली में 25 लाख से ज्यादा लोग थे तो बकौल सुशील कुमार मोदी लालू द्वारा ही आयोजित गरीब रैला का दशांस भी आज की रैली में नहीं था। पर आज की रैली गांधी मैदान पर आयोजित अब तक की रैलियों से चाहे जितनी बड़ी या छोटी हो, यह एक सफल रैली थी और इस रैली से लालू और उनके परिवार व पार्टी का उत्साह बढ़ा होगा, इसमें कोई दो राय नहीं।

आरजेडी और उसके बहाने विपक्षी एकता के लिए आज की रैली प्रतिष्ठा का प्रश्न थी। लालू की साख दांव पर लगी थी और तेजस्वी, जिनमें पार्टी अपना भविष्य देख रही है, की पैठ जनमानस में कितनी बनी है, उसकी आजमाइश भी होनी थी। कहना गलत न होगा कि रैली ने इन तमाम प्रश्नों के सकारात्मक उत्तर दिए। रैली में कई राज्यों के नेता एक मंच पर साथ दिखे। लालू, राबड़ी, तेजस्वी, तेजप्रताप और मीसा समेत आरजेडी के तमाम बड़े चेहरों के अलावा रैली में जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष और अभी ‘असली जेडीयू’ के अपने साथ होने का दावा कर रहे शरद यादव, उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद व सीपी जोशी, झारखंड के दो पूर्व मुख्यमंत्री बाबू लाल मरांडी (जेवीएम) व हेमंत सोरेन (जेएमएम), सीपीआई के डी राजा, रालोद के जयंत चौधरी और एनसीपी के तारिक अनवर के अलावे डीएमके, जेडीएस, केरल कांग्रेस और एयूडीएफ के नेता मुख्य रूप से मौजूद थे।

रैली में शामिल तमाम नेताओं के निशाने पर स्वाभाविक रूप से बीजेपी और नीतीश कुमार रहे। आरजेडी सुप्रीमो लालू ने कहा नीतीश को तेजस्वी से जलन थी क्योंकि उन्हें तेजस्वी से खतरा था। मेरी संपत्ति सार्वजनिक है। वापसी की हुंकार भरते हुए उन्होंने कहा कि ये नीतीश कुमार की अंतिम पलटी है। संघमुक्त भारत का नारा देते थे, बीमारी का बहाना बनाकर हमसे दूरी बनाई और संघ की गोद में जा बैठे। वहीं, पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी ने कहा, नीतीश हमारे चाचा थे, हैं और रहेंगे पर अब वो अच्छे चाचा नहीं रहे। उन्होंने कहा, तेजस्वी तो बहाना था, उन्हें सृजन घोटाला छुपाना था।

अपनी राज्यसभा सदस्यता को दांव पर लगाकर रैली में पहुंचे शरद यादव ने कहा कि बिहार के लोगों ने महागठबंधन को जनादेश दिया था। उन्होंने कहा, मुझे सत्ता का मोह नहीं है और अब यह महागठबंधन देश स्तर पर बनेगा। वहीं, समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा, बिहार की ऐतिहासिक धरती अगर रथ रोक सकती है, तो भाजपा को भी रोक सकती है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, काम मन से होता है, भाषणों से नहीं। अच्छे दिन के नाम पर देश में दलितों और अल्पसंख्यकों पर अत्याचार हो रहा है।

कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद नीतीश कुमार पर विशेष रूप से हमलावर दिखे। उन्होंने उन पर बिहार की 11 करोड़ जनता को धोखा देने का आरोप लगाते हुए कहा कि ये तो वैसी ही बात हुई कि शादी किसी और से हुई और भाग किसी और के साथ गए। बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी ने देश से भाजपा और बिहार से नीतीश कुमार को भगाने की बात की। उन्होंने सृजन घोटाले को चारा घोटाला जैसा बताया और कहा नीतीश-मोदी खजाना चोर, गद्दी छोड़। उधर उनके बड़े बेटे तेजप्रताप ने अपने पिता के अंदाज में लोगों को संबोधित करते हुए बकायदा शंख फूंककर ‘युद्ध’ का ऐलान किया।

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पिता ने लगाया, पुत्र ने धोया सर्वोच्च अदालत का दाग

गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट की नौ सदस्यीय पीठ ने देश की सर्वोच्च अदालत के 67 साल के गौरवशाली इतिहास पर लगे एक दाग को धो दिया है। इस पीठ ने 1976 में आपातकाल के दौरान सुप्रीम कोर्ट के द्वारा लिए गए उस विवादास्पद फैसले को पलट दिया है जिसमें तत्कालीन केन्द्र सरकार द्वारा जीवन के अधिकार को निरस्त करने के फैसले को बरकरार रखा गया था। इतिहास का चक्र देखिए, सुप्रीम कोर्ट की नौ सदस्यीय पीठ का फैसला जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने लिखा, जिनके पिता वाईएस चंद्रचूड़ उस पीठ का हिस्सा थे जिससे ये ऐतिहासिक भूल हुई थी। कौन जानता था कि 41 साल पहले पिता के द्वारा लिए गए उस फैसले को स्वयं उनका पुत्र ही पलटेगा, जिसमें इंदिरा गांधी सरकार द्वारा आपातकाल के दौरान राइट टू लाइफ के अधिकार को निरस्त करने के फैसले का समर्थन किया गया था।

गौरतलब है कि 1976 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा लिए गए फैसले को जस्टिस एचएस बेग ने लिखा था, जिससे तत्कालीन चीफ जस्टिस एएन रॉय, जस्टिस चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएन भगवती सहमत थे। जबकि जस्टिस एचआर खन्ना इस फैसले से पूरी तरह असहमत थे। उनका मानना था कि जीवन का अधिकार छीना नहीं जा सकता। 41 साल पहले की गई उस गलती को सुधारते हुए, जिसका हिस्सा उनके पिता भी थे, जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने साफ कहा कि चार जजों का बहुमत वाला फैसला खामियों भरा था, जबकि जस्टिस खन्ना बिलकुल सही थे। एडीएम जबलपुर जजमेंट के मामले पर बोलते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, ‘जब देशों का इतिहास लिखा जाता है और उसकी समीक्षा होती है तो न्यायिक फैसले ही स्वाधीनता के ध्वजवाहक होते हैं।’

चलते-चलते बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की जिस नौ सदस्यीय पीठ ने ये ऐतिहासकि फैसला सुनाने की हिम्मत दिखाई उसमें चीफ जस्टिस जेएस खेहर, जस्टिस जे चेल्मेश्वर, जस्टिस एसए बोबड़े, जस्टिस आर के अग्रवाल, जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस एएम सप्रे, जस्टिस डीवीई चंद्रचूड़, जस्टिस एसके कौल और जस्टिस एस अब्दुल नजीर शामिल थे।

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केन्द्रीय मंत्रिमंडल का विस्तार इसी सप्ताह!

जेडीयू राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी के एनडीए में शामिल होने की घोषणा के बाद अब सबकी निगाहें केन्द्रीय मंत्रिमंडल के विस्तार पर है। इस विस्तार में जेडीयू के दो और एआईएडीएमके के तीन मंत्री शामिल हो सकते हैं। बता दें कि मोदी कैबिनेट में इस वक्त 71 मंत्री हैं, जाहिर है कि अब इसमें अधिकतम दस मंत्रियों को ही जगह दी जा सकती है। ऐसे में माना जा रहा है कि मौजूदा मंत्रियों की टीम में से कुछ को मिशन 2019 के मद्देनज़र संगठन में लाया जा सकता है और उनकी जगह कुछ नए चेहरों को मोदी की टीम में जगह दी जा सकती है।

भाजपा सूत्रों के मुताबिक कैबिनेट और संगठन के बदलाव को लेकर पार्टी के भीतर सरगर्मियां शुरू हो चुकी हैं। हालांकि कैबिनेट विस्तार के लिए किसी तारीख का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन माना जा रहा है कि 25 अगस्त को नए शामिल होने वाले मंत्रियों का शपथ ग्रहण कार्यक्रम हो सकता है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जेडीयू के बाद अब एआईएडीएमके के एनडीए में शामिल होने के औपचारिक ऐलान की प्रतीक्षा की जा रही है। और अब जबकि पलानीसामी और पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व वाले एआईएडीएमके के दोनों गुटों का विलय हो चुका है, माना जा रहा है कि जल्द ही इस बारे में घोषणा हो जाएगी। गौरतलब है कि दोनों गुटों की इस एका में भाजपा ने बड़ी भूमिका निभाई है।

माना जा रहा है कि भाजपा के बिहार कोटे के कुछ मंत्रियों को भी संगठन में बड़ी जिम्मेदारी के साथ लाया जा सकता है। अभी हाल में राजीव प्रताप रूढ़ी की अमित शाह से मुलाकात इस संबंध में महत्वपूर्ण मानी जा रही है। वहीं जेडीयू कोटे से आरसीपी सिंह और संतोष कुशवाहा के मंत्री बनने की चर्चा राजनीति के गलियारों में है। वैसे वरिष्ठता और अनुभव को देखते हुए बिहार जेडीयू के अध्यक्ष व राज्यसभा सांसद वशिष्ठ नारायण सिंह की दावेदारी भी कम नहीं है। बता दें कि संख्याबल के मुताबिक जेडीयू को एक कैबिनेट और एक राज्यमंत्री की जगह मिल सकती है।

चलते-चलते बता दें कि 2019 के चुनाव के पूर्व मोदी कैबिनेट का यह अंतिम बदलाव होगा। लिहाजा मोदी किसी समीकरण को साधने में कोई कमी नहीं रखना चाहेंगे।

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बिहार में कांग्रेस के साथ जेडीयू-आरजेडी वाला गठबंधन अब नग्नता की ओर…….!    

आज 25 जुलाई है और ऐतिहासिक दिन भी ! चयनित 14वें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के महामहिम राष्ट्रपति के पदासीन होने वाले शपथ-ग्रहण समारोह का मंगल दिन |

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार गठबंधन के बंधन से दबाव में आकर कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने एवं अन्य आवश्यक कार्यों को लेकर 4 दिनों की दिल्ली यात्रा पर हैं | वे महामहिम के शपथ ग्रहण समारोह में भी शरीक होंगे | सीएम नीतीश कुमार को रामनाथ कोविंद द्वारा विशेष रूप से आमंत्रित किया गया है | भला क्यों नहीं, राष्ट्रपति चुनाव में नीतीश अपने तत्कालीन महामहिम राज्यपाल श्री कोविंद को भाजपा उम्मीदवार होने के बावजूद हर छोटे-बड़े नेता की बातें अनसुनी करते हुए आगे बढ़-चढ़कर मदद जो करते रहे थे |

हां ! जहाँ एक ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव से सीबीआई के फेरे में फंसने के बाद ‘बिन्दुबार स्पष्टीकरण’ देने को कहा गया वहीं दूसरी और दिल्ली में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलने के दरमियान जीरो टॉलरेंस वाले सीएम नीतीश कुमार द्वारा पुनः यही कहा जा रहा है कि इतने आरोपों के साथ सरकार में बने रहने की स्वीकृति किसी को नहीं दी जा सकती है- सोचिए तो सही, अब कहने को शेष रह ही क्या जाता है |

यह भी बता दें कि जहाँ एक ओर नीतीश सरकार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी फिलहाल दिल्ली से दौलताबाद करते हुए अपने बचाव के रास्ते तलाशने में लगे हैं यानि बड़े-बड़े वकीलों से सलाह ले रहे हैं तो कभी कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मिलकर जदयू-राजद के बीच मध्यस्थता करने हेतु अनुरोध पर अनुरोध कर रहे हैं- वहीं दूसरी ओर एनडीए गठबंधन के शीर्ष नेताओं के बीच इस बात की चर्चा भी कल शाम से दिल्ली में जोर पकडने लगी है कि नीतीश कुमार को पार्टनर ट्रीट किया जाय या अपोजीशन……..!

अंत में यह भी जान लें कि नीतीश-तेजस्वी प्रकरण में तल्ख हो चुके रिश्तों को मुलायम किये जाने वाली कोशिशों का सफल नहीं होना, आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद द्वारा बेटे उप मुख्यमंत्री तेजस्वी के इस्तीफा देने से साफ-साफ इंकार करना और जीरो टॉलरेंस वाले मुख्यमंत्री व आरोपों से घिरे उप मुख्यमंत्री द्वारा दिल्ली दरबार में हाजिरी पर हाजिरी लगाना- कुल मिलाकर बिहार की राजनीति में कांग्रेस के साथ जदयू व आरजेडी वाला गठबंधन नग्नता की ओर तेजी से कदम बढ़ा रहा है……….|

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आईफा अवार्ड 2017: किसको क्या मिला ?

बॉलीवुड के चर्चित आईफा अवार्ड में इस साल ‘उड़ता पंजाब’ और ‘ऐ दिल है मुश्किल’ की धूम रही। फिल्म ‘उड़ता पंजाब’ के लिए जहां शाहिद कपूर ने बेस्ट एक्टर, आलिया भट्ट ने बेस्ट एक्ट्रेस और दिलजीत दोसांझ ने बेस्ट डेब्यू मेल का अवार्ड जीता, वहीं ‘ऐ दिल है मुश्किल’ को बेस्ट म्यूजिक डायरेक्टर (प्रीतम), बेस्ट लिरिक्स (‘चन्ना मेरेया’ गाने के लिए अमिताभ भट्टाचार्य) और बेस्ट प्लेबैक सिंगर – मेल (‘बुलेया’ गाने के लिए अमित मिश्रा) का अवार्ड मिला। बेस्ट फिल्म का पुरस्कार ‘नीरजा’ को और बेस्ट डायरेक्टर का पुरस्कार अनिरुद्ध राय चौधरी (‘पिंक’) को मिला।

अपने चलुबुले अभिनय से बॉलीवुड में जगह बनाने वाले वरुण धवन को फिल्म ‘ढिशुम’ के लिए बेस्ट एक्टर इन कॉमिक रोल का अवार्ड मिला। वहीं फिल्म ‘नीरजा’ के लिए जिम सरभ ने बेस्ट परफॉरमेंस इन नेगेटिव रोल का पुरस्कार जीता। ‘पिंक’ में अपनी शानदार अदाकारी से दर्शकों का दिल जीतने वाली तापसी पन्नू को इस फिल्म के लिए ‘वुमेन ऑफ द इयर’ के खिताब से नवाजा गया, तो एक के बाद एक सफल फिल्में दे रहीं आलिया भट्ट ने ‘मिंत्रा स्टाइल आइकॉन’ का खिताब अपने नाम किया।

फिल्म ‘एमएस धोनी’ के लिए दिशा पाटनी को बेस्ट डेब्यू फीमेल का अवार्ड दिया गया। वहीं अनुपम खेर ने इसी फिल्म के लिए बेस्ट एक्टर इन सपोर्टिंग रोल का पुरस्कार जीता। बेस्ट एक्ट्रेस इन सपोर्टिंग रोल का पुरस्कार ‘नीरजा’ के लिए शबाना आजमी को मिला। वहीं संगीतकार एआर रहमान को बॉलीवुड में 25 सालों के योगदान के लिए विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया गया। फिल्म ‘कपूर एंड संस’ के लिए देवित्रे ढिल्लन और शकुन बत्रा को बेस्ट स्टोरी का पुरस्कार मिला। कनिका कपूर (‘उड़ता पंजाब’) और तुलसी कुमार (‘एयरलिफ्ट’) ने संयुक्त रूप से बेस्ट प्लेबैक सिंगर – फीमेल का पुरस्कार जीता।

अवार्ड समारोह के दौरान सलमान खान, कैटरीना कैफ, शाहिद कपूर, वरुण धवन, आलिया भट्ट, सुशांत सिंह राजपूत आदि ने शानदार प्रस्तुतियां दीं। हां, ‘दंगल’, ‘सुल्तान’, ‘रुस्तम’ और ‘काबिल’ जैसी फिल्मों का नाम पुरस्कार की किसी भी कैटेगरी में न होना जरूर अखर गया। क्या कोई पुरस्कार समारोह ‘राजनीति’ से रहित नहीं हो सकता?

 

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आज 12 बजे रात को संसद में बजेगा जीएसटी का घंटा !

जहाँ आजादी की उद्घोषणा तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने 14 अगस्त, 1947 की आधी रात को ऐतिहासिक भाषण के साथ की थी वहीं आजाद भारत के सबसे बड़े टैक्स सुधार ‘जीएसटी’ (Goods & Services Tax) की शुरुआत आजादी की उद्घोषणा कार्यक्रम की तर्ज पर आज 30 जून की आधी रात को संसद के केन्द्रीय कक्ष में होगी |

बता दें कि स्वतंत्र भारत में पहली बार ऐसा होगा कि ‘जीएसटी’ जैसे कानून को लागू करने के लिए आधी रात (यानी 12 बजे रात) को संसद का विशेष संयुक्त सत्र बुलाया जायेगा और 11 बजे से सत्र शुरू होकर 12 बजते ही घंटा बजना शुरू हो होगा जो इस बात का गवाह बनकर रेखांकित करेगा कि भारत में दिनांक 1 जुलाई 2017 से जीएसटी का नया कानून आ गया है |

यह भी जान लें कि इस कानून ‘जीएसटी’ को महामहिम राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ही आधिकारिक रूप से लांच करेंगे और शनिवार यानी 1 जुलाई से यह कानून पूरे देशभर में लागू हो जायेगा- जो इनडायरेक्ट टैक्स के जरिये 2,000 अरब डॉलर से अधिक की अर्थव्यवस्था को नया रूप देगी |

ऐसे ऐतिहासिक मौके पर महामहिम राष्ट्रपति के आजू-बाजू में रहेंगे उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, स्पीकर सुमित्रा महाजन, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, वित्त मंत्री अरुण जेटली, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज सहित केंद्रीय मंत्रीमंडल के सभी मंत्रीगण, सांसदगण एवं कई राज्यों के मुख्यमंत्रीगण |

यह भी जानिये कि इस मौके पर जीएसटी परिषद के सभी सदस्य अनिवार्य रुप से उपस्थित रहेंगे | आधी रात के बाद राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस बाबत देशवासियों के समक्ष अपनी बातें रखेंगे तथा सेंट्रल हॉल में उपस्थित गण्यमान्यों को जीएसटी से संबंधित दो छोटी फिल्में दिखायी जायेंगी जिसमें जीएसटी के प्रावधानों के साथ-साथ उसकी खूबियों को भी विस्तार से दर्शाया जायेगा |

इस फिल्म को नहीं देखनेवालों ने होंगे- कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस एवं भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के सुप्रीमो सहित सभी सांसदगण जिन्होंने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया है | कुछ ने तो सरकार द्वारा जल्दबाजी दिखाये जाने के कारण बताया तो किसी ने कहा कि भाजपा द्वारा विपक्ष में रहने के दौरान इसी प्रणाली का जमकर विरोध किया गया था |

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अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर योगमय हुआ मधेपुरा

जहाँ तीसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर एक ओर बी.एन.मंडल स्टेडियम मधेपुरा में समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी के साथ-साथ जिला परिषद अध्यक्षा मंजू देवी, पूर्व प्राचार्य डॉ.सुरेश प्रसाद यादव, पूर्व मुखिया जनार्दन प्रसाद यादव, शिक्षक परमेश्वरी प्रसाद यादव, प्रधान डाकपाल राजेश कुमार, योगाचार्य असंग स्वरूप, डॉ.एन.के.निराला, आदित्य, अनुमंडल प्रभारी यदुवंशी, जिलाध्यक्ष डॉ.नंदकिशोर सहित महामंत्री डॉ.देव प्रकाश आदि ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का उद्घाटन किया वहीं दूसरी ओर बीएनएमयू के नये कुलपति डॉ.ए.के.राय ने प्रतिकुलपति डॉ.फारुख अली, प्राचार्य डॉ.अशोक कुमार, कर्नल दिनेश तनवर, योगगुरु द्वय राजेश कुमार व डॉ.एन.के.निराला आदि के साथ नैक प्राप्त मधेपुरा कॉलेज मधेपुरा द्वारा आयोजित विशेष योग शिविर का उद्घाटन करते हुए यही घोषणा की-

अब विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों में होगी योग की नियमित कक्षा, क्योंकि योग अब लोगों के जीवन का अहम हिस्सा बन गया है | प्राचीन परंपरा का यह अनमोल उपहार स्वस्थ एवं दीर्घायु रहने के लिए आवश्यक है…….|

From L to R Zila Parishad Adhyaksha Smt.Manju Devi , Aditya , Dr.Bhupendra Madhepuri , Dr.Arun Kumar , Dr.Suresh Pd Yadav and Uttam Prasad Yadav etc attending 3rd International Yoga Shivir at BN Mandal Stadium Madhepura
(From L to R)- Zila Parishad Adhyaksha Smt.Manju Devi , Aditya , Dr.Bhupendra Madhepuri , Dr.Arun Kumar , Dr.Suresh Pd Yadav and Uttam Prasad Yadav etc attending 3rd International Yoga Shivir at BN Mandal Stadium Madhepura

बता दें कि टी.पी.कॉलेज, पार्वती सायंस कॉलेज, केशव कन्या उच्च विद्यालय, एसएनपीएम स्कूल मधेपुरा, रासबिहारी उच्च विद्यालय, बीएल हाई स्कूल मुरलीगंज सहित केपी कॉलेज आदि अनेक शिक्षण संस्थाओं के छात्र व शिक्षकों के साथ-साथ एनसीसी कैडेटों ने भी इस अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के कार्यक्रमों में जमकर हिस्सा लिया | सबों ने यही कहा कि स्वस्थ रहने के लिए योग से अच्छा कुछ भी नहीं |

जिले के चौसा, आलम नगर, धैलाढ, शंकरपुर, सिंहेश्वर सहित प्रायः सभी प्रखंडों में बच्चे, बूढ़े और नौजवान के साथ-साथ महिलाएं भी  सवेरे-सवेरे अद्भुत उत्साह के साथ बाबा रामदेव की जयकारा लगाते हुए आजू-बाजू के मैदान की ओर जाते नजर आने लगी | बिहारीगंज के एक योग शिविर का उद्घाटन कर पूर्व मंत्री डॉ.रेणु कुमारी कुशवाहा स्वयं अनुलोम-विलोम करती हुई नजर आई | चारों ओर योग ऋषि बाबा रामदेव की अमृतवाणी- सुखमय जीवन बनाने को नियमित करे योग– दिनभर गूंजती रही |

Samajsevi Dr.Bhupendra Madhepuri inaugurating Yoga & Ayurveda Seminar at BN Mandal Stadium Hall along with Ayurvedacharya KD Sharma , JP Yadav , Dr.NK Nirala , SP Yadav , Roopam Kumar and Dr.Nand Kishor.
Samajsevi Dr.Bhupendra Madhepuri inaugurating Yoga & Ayurveda Seminar at BN Mandal Stadium Hall along with Ayurvedacharya KD Sharma , JP Yadav , Dr.NK Nirala , SP Yadav , Roopam Kumari and Dr.Nand Kishor.

दूसरे सत्र में अपराह्न 3:00 बजे से बीएन मंडल स्टेडियम हाल में पतंजलि योग समिति द्वारा ‘योग एवं आयुर्वेद’ पर एक सेमिनार का आयोजन किया गया था | जिसका उद्घाटन समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने किया | अपने संबोधन में डॉ.मधेपुरी ने कहा –

हम योग करके अपने अतीत को याद करते हैं, अपनी संस्कृति को सम्मान देते हैं और अपनी विरासत का अभिनंदन करते हैं, बन्दन करते हैं…….. हम योग से शरीर और मन दोनों को स्वस्थ करते हैं |                       

मौके पर आयुर्वेदाचार्य के.डी.शर्मा ने आयुर्वेद के रहस्य पर विस्तार से चर्चा की | उन्होंने तालियां बजवाकर रोग से मुक्ति पाने के उपायों की विस्तृत चर्चा की और देर तक आयुर्वेद से रोग के इलाज के बारे में लोगों को बताया | प्रभावित होकर प्राय: लोग उनका फोन नंबर नोट करते देखे गये |

यह भी बता दें कि शंभूशरण भारतीय ने अपने संक्षिप्त संबोधन में यही कहा कि योग एवं शारीरिक संरचना में आयुर्वेद का महत्वपूर्ण स्थान है | उन्होंने कहा कि ऐसी कई बीमारियां हैं जिसका इलाज योग एवं आयुर्वेद द्वारा ही संभव है |

Ruby Kumari , Yoga Shikshika from Yoga Center Ram-Janki Thakurbari , Lakshmipur Mohalla , receiving the certificate of excellence from Udghatankarta Dr.Madhepuri in the Seminar organised by Patanjali Zila Yoga Samiti Madhepura
Ruby Kumari , Yoga Shikshika from Yoga Center Ram-Janki Thakurbari , Lakshmipur Mohalla , receiving the certificate of excellence from Udghatankarta Dr.Madhepuri in the Seminar organised by Patanjali Zila Yoga Samiti Madhepura

इस अवसर पर महिला योग प्रकोष्ठ के जिला प्रभारी प्रो.रीता कुमारी, संरक्षक सुरेश प्रसाद यादव, भारत स्वाभिमान के सह जिला प्रभारी डॉ.एन.के. निराला, सहायक प्रभारी पशुपति चौरसिया,  पृथ्वीराज यदुवंशी, किसान सेवा समिति के सुभाष चंद्र, महामंत्री रुपम कुमारी सहित अध्यक्ष नंदकिशोर ने उद्गार व्यक्त करते हुए यही कहा कि अब दुनिया आयुर्वेद के महत्व को पूरी तरह मान ली है |

कार्यक्रम को सफल बनाने हेतु अंत तक मौजूद रहे- मधेपुरा व्यापार संघ के अध्यक्ष योगेंद्र प्राणसुखका, खुशी प्राणसुखका, पूर्व मुखिया जनार्दन प्रसाद यादव, कुमारी रंजू दीदी, रेखा गांगुली, चंद्रभूषण, रितेश कुमार, गायत्री कुमारी, रुबी कुमारी, साधना कुमारी, कुमारी ललिता |

आरम्भ में पानी का फुहार अपना काम किया लेकिन बाबा रामदेव व बालकृष्ण के योगियों को संकल्प से डिगा नहीं पाया | प्रसाद के रूप में ढेर सारी सामग्रियां बांटी गई | स्वच्छ जल की भरपूर व्यवस्था देखी गई | बिलंब के लिए टेंट वाले की निष्क्रियता कारण बनी जिसे भविष्य के लिए याद किया जाना ही चाहिए………|

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कोसी में हो गया कांग्रेस का बंटाधार रसिया !

मधेपुरा; सहरसा, मधेपुरा और सुपौल जिले के इलाके को कोसी का इलाका कहा जाता है | यही वह इलाका है जहाँ आज की तारीख में विधानसभा के कुल 13 क्षेत्रों में से एक भी सीट कांग्रेस को नसीब नहीं हुई जबकि आज़ादी के बाद के वर्षों-वर्षों तक केवल और केवल कांग्रेस का ही सिक्का सम्पूर्ण कोसी में चलता रहा |

प्रखर कांग्रेसियों में आलमनगर के विद्याकर कवि, संविधानसभा के सदस्य रहे चतरा के कमलेश्वरी प्रसाद यादव, डॉ. रमेन्द्र कुमार यादव रवि, मधेपुरा के प्रथम विधि मंत्री शिवनंदन प्रसाद मंडल, बी.पी.मंडल, भोली प्रसाद मंडल, बलुआ के रेल मंत्री ललित नारायण मिश्र, डॉ.जगन्नाथ मिश्र, अमरेन्द्र मिश्र, सहरसा के लहटन चौधरी, चन्द्रकिशोर पाठक आदि-आदि को आज भी कांग्रेसी खेमे के लोग याद करते हुए नाम लेते हैं |

बहरहाल कोसी के दो संसदीय क्षेत्रों में से एक तो आज भी कांग्रेसी सांसद रंजीत रंजन के कब्जे में है | बावजूद इसके जदयू, राजद व कांग्रेस महागठबंधन के 13 सीटों में एक भी सीट कांग्रेस के खाते में नहीं ! क्या अंग्रेजों के अशुभ व अन्धविश्वासी 13 वाली संख्या अंग्रेजों के भारत छोड़ने के बाद कांग्रेसियों के ही अन्दर जगह बना ली है ? कहीं इसीलिए तो कांग्रेस के आलाकमानों को तेरह के फेर में पड़ना उचित नहीं लगा | कोसी में एक भी सीट पर कांग्रेसी प्रत्याशी होने से सम्पूर्ण कोसी क्षेत्र के सभी कांग्रेसी कार्यकर्ताओं को महागठबंधन-धर्म निभाने के साथ-साथ पार्टी-धर्म निभाने का भी एक मौका अवश्य मिलता |

अब तो स्थिति ऐसी बन गई है कि कोसी में महागठबंधन के प्रचार में लालू-नीतीश के साथ सोनिया गाँधी यहाँ जब-जब आएगी तो केवल और केवल औरों के लिए ही नाचने आएगी | यदि एक भी सीट कांग्रेस के लिए ली गई होती तो लोग यही कहते –

तोरा बियाह में हम नटुआ !
हमरा बियाह में तू नटुआ !!

बजाय इसके, अब कोसी में केवल यही पंक्तियाँ हर जुबान पर होगी –

कोसी में हो गया कांग्रेस का बंटाधार रसिया !
चाहे नाचे राहुल-सोनिया बारम्बार रसिया !!

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शिक्षक सत्यनारायण झा को राष्ट्रपति पुरस्कार

भारतीय गणतंत्र के महामहिम राष्ट्रपति रहे विश्वविख्यात शिक्षक डॉ.सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्म दिवस 5 सितम्बर को 1958 से “शिक्षक दिवस” के रूप में मनाया जाता है | इस अवसर पर प्राइमरी, मिडिल एवं उच्च विद्यालयों के सराहनीय एवं प्रशंसनीय शैक्षणिक कार्यों के लिए चयनित शिक्षक-शिक्षिकाओं को प्रतिवर्ष राष्ट्रपति द्वारा सम्मानित किया जाता है |

इस सम्मान में प्रत्येक राज्य का हिस्सा होता है जो वहां के शिक्षकों की संख्या पर निर्धारित किया जाता है | संस्कृत, परशियन एवं अरबी के शिक्षकों के लिए 20 (बीस) पुरस्कार आरक्षित कर दिए गये हैं | पूर्व की भांति इस वर्ष भी 5 सितम्बर को चयनित प्रत्येक शिक्षक को एक मैडल, प्रशस्ति पत्र एवं 25,000/- रुपए देकर सम्मानित करेंगे महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी | ज्ञातव्य हो कि इस वर्ष से केन्द्र सरकार द्वारा इस राशि को बढ़ाकर 50,000/- रुपया कर दिया गया है |

5 सितम्बर को महामहिम राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के हाथों सम्मानित होने वाले पारसमणि उच्चतर माध्यमिक विद्यालय बभनी के सेवानिवृत शिक्षक सत्यनारायण झा को बभनी के ग्रामीणों ने गाजे-बाजे के साथ दिल्ली के लिए उत्सवी माहौल में विदा किया | आयोजित समारोह में वक्ताओं ने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि गाँव में नि:शुल्क रेणु बाल सुधार केन्द्र चलनेवाले तथा राजकीय स्तर तक के कई पुरस्कारों से अबतक सम्मानित हो चुके सेवानिवृत शिक्षक सत्यनारायण झा को राष्ट्रपति पुरस्कार मिलने से बभनी की धरती धन्य हो गई | पारसमणि हाई स्कूल भी आज गौरवान्वित हो रहा है | उसी स्कूल के छात्र रहे हैं सत्यनारायण झा | वहीँ पर विद्यालय प्रधान बनकर बच्चों में ज्ञान बाँटते रहे, जिन्हें कभी नहीं भुलाया जा सकेगा | विद्व्तजन रामशरण भगत, हरिहर झा, प्रदीप कुमार आदि ने कहा कि अभी भी हमलोग उनसे सीख रहे हैं | मौके पर लड्डू बाबू, सतो बाबू, प्रेम बाबू, मीणा झा, प्रमोद सिंह, रमेश सिंह आदि मौजूद थे |

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साउथ पॉइंट का कौशिक बना बिहार चैंपियन

एबेकस प्रतियोगिता में साउथ पॉइंट पब्लिक स्कूल के मेधावी छात्र कौशिक कुमार ने बिहार में प्रथम स्थान प्राप्त कर जिला का नाम रोशन किया है | इंदौर  में आयोजित नेशनल एबेकस प्रतियोगिता 2015-16 में मास्टर माइंड एबेकस मेन्टल अरिथमेटिक प्रोग्राम के तहत कौशिक ने यह सर्वोत्कृष्ट सम्मान प्राप्त किया | श्री पंकज सिंह के सुपुत्र वर्ग तीन के छात्र कौशिक कुमार ने पूर्व में भी कई प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट स्थान प्राप्त कर माता-पिता सहित अपने स्कूल एवं मधेपुरा का नाम रोशन किया है |

साउथ पॉइंट पब्लिक स्कूल के निदेशक निक्कू नीरज सहित स्कूल प्रबंधन द्वारा प्रतिभावान छात्र कौशिक को प्रोत्साहित करने हेतु सम्मान समारोह आयोजित किया गया जिससे पंकज-परिवार ही नहीं बल्कि सम्पूर्ण मधेपुरा जिला गौरवान्वित हुआ है |

प्राचार्य ए.के.सरकार ने मधेपुरा अबतक को बताया कि इस प्रतियोगिता में बिहार से लगभग 150 बच्चों ने भाग लिया था | उन्होंने यह भी कहा कि छात्र कौशिक कुमार शुरू से ही पढाई में अव्वल रहा है, परन्तु हाल की मेहनत ने उसे इस ऊंचाई तक पहुंचा दिया |

मौके पर शहर के समाजसेवियों एवं शिक्षाप्रेमियों के साथ-साथ साउथ पॉइंट पब्लिक स्कूल के शिक्षकों राम कुमार, अभिषेक कुमार, नूतन आर्या, आलोक-गणेश-मिथिलेश आदि ने निरंतर आगे बढ़ने एवं मधेपुरा का नाम आगे बढाने के लिए कौशिक को ह्रदय से आशीर्वाद दिया है, साधुवाद दिया है |

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