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विश्व मुक्केबाजी में सुपर मॉम मैरीकॉम से बढ़कर कोई नहीं

सुपरमॉम मैरीकॉम ने विश्व महिला मुक्केबाजी चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में जगह बना ली है | सुपरमॉम ने भारत के लिए एक और पदक यानि आठवां पदक भी पक्का कर लिया है | भारत के लिए गुरुवार का दिन काफी शानदार रहा |

बता दें कि 36 वर्षीया 51 किग्रा वाली 3 बच्चों की माँ मैरीकॉम ने अपने अनुभव का फायदा उठाते हुए महिला विश्व चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में एकतरफा अंदाज में कोलंबिया की वार्लेशिया विक्टोरिया को 5-0 से शिकस्त दी तथा कई रिकॉर्ड भी अपने नाम किए | पदकों की संख्या के आधार पर यह मैरीकॉम पुरुष और महिला दोनों में सबसे सफल है |

यह भी जानिए कि जहाँ पुरुष वर्ग में क्यूबा के फेलिक्स सावोन ने सर्वाधिक 7 पदक ( छः स्वर्ण और एक रजत) जीते हैं….. वही मैरीकॉम के नाम अभी तक छह स्वर्ण और एक रजत पदक है…. लेकिन 51 किलोग्राम भार वाली सुपरमॉम पहली बार पदक जीतेगी |

यह भी बता दें कि भारतीय संसद की सदस्या एमसी मैरीकॉम का इसबार यह 8वाँ पदक होगा….. देखना यह है कि सुपरमॉम इस बार किस पदक पर कब्जा करती है | आज शनिवार को सेमीफाइनल में मैरीकॉम का सामना तुर्की के बुसेनाज काकिरोग्लू से होगा | यूरोपियन चैंपियनशिप एवं यूरोपियन गेम्स की मौजूदा गोल्ड मेडलिस्ट बुसेनाज काकिरोग्लू के सामने तीन बच्चों की माँ मैरीकॉम को ब्राँज पदक पर ही संतोष करना पड़ा | वैसे तो मैरीकॉम यह कहती रही कि मैं पदक पक्का कर बहुत खुश हूँ लेकिन फाइनल में पहुंचकर इसे और बेहतर बनाना चाहूंगी….. जो नहीं हुआ, फिर भी विश्व महिला मुक्केबाजी की सरताज तो बन ही गई सुपरमॉम मैरीकॉम- कुल 8 पदक अपने नाम करके |

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