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जदयू अध्यक्ष पद पर दोबारा निर्विरोध निर्वाचित हुए नीतीश

जदयू के मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार 6 अक्टूबर 2019 को लगातार दूसरी बार निर्विरोध जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित घोषित किए गए। जदयू के राष्ट्रीय चुनाव पदाधिकारी अनिल हेगड़े ने 7, जंतर मंतर स्थित जदयू के केन्द्रीय कार्यालय में उनके निर्विरोध निर्वाचन की घोषणा की और उनके अध्यक्ष निर्वाचित होने का प्रमाण पत्र भी जारी कर दिया, जिसे उनके प्रतिनिधि व बिहार विधान परिषद में पार्टी के मुख्य सचेतक संजय गांधी ने प्राप्त किया।

इस मौके पर जदयू के राष्ट्रीय महासचिव व बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय झा, राष्ट्रीय महासचिव अफाक अहमद, राष्ट्रीय सचिव राज सिंह मान, दिल्ली जदयू के अध्यक्ष दयानंद राय, युवा जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय कुमार, बिहार के राज्य निर्वाचन पदाधिकारी मृत्युंजय कुमार सिंह समेत दर्जनों नेता व पदाधिकारी तथा बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।

गौरतलब है कि 4 अक्टूबर 2019 को नीतीश कुमार की ओर से उनके प्रतिनिधि संजय गांधी ने नामांकन दाखिल किया था। किसी और ने इस पद के लिए नामांकन नहीं किया। 6 अक्टूबर को 3 बजे तक नाम वापसी का समय निर्धारित था। समय सीमा समाप्त होते ही अनिल हेगड़े ने नीतीश कुमार के निर्विरोध चुने जाने की घोषणा कर दी। उन्होंने उनके दूसरे कार्यकाल में जदयू के और मजबूत होने और इसे राष्ट्रीय पार्टी का दर्जा मिलने की उम्मीद जताई।

बता दें कि शरद यादव का कार्यकाल समाप्त होने के बाद वर्ष 2016 में पहली बार नीतीश कुमार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष निर्वाचित हुए थे। इस पद पर उनके पुन: निर्वाचित होने की विधिवत घोषणा 30 अक्टूबर 2019 को दिल्ली के रफी मार्ग स्थित मावलंकर हॉल में राष्ट्रीय परिषद की बैठक में होगी। उनका दूसरा कार्यकाल 2022 तक का होगा।

इस बीच नीतीश कुमार के लिए बधाईयों की झड़ी लग गई है। बिहार समेत देश भर से उनके लिए बधाईयां आ रही हैं, जिनमें बिहार भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी का शुभकामना-संदेश विशेष रूप से उल्लेखनीय है। मोदी ने उन्हें शुभकामना देते हुए लिखा है कि “उन्होंने (नीतीश कुमार ने) बिहार में न्याय के साथ विकास की राजनीति को नई ऊँचाई दी और आपदा की चुनौतियों को भी जनता की सेवा के अवसर में बदलने का हुनर साबित किया। नीतीश जी के दोबारा पार्टी के शीर्ष पद पर निर्विरोध चुने जाने से एनडीए मजबूत होगा।” कहने की जरूरत नहीं कि जदयू और भाजपा के रिश्तों में आजकल अक्सर दिख जाने वाली ‘तनातनी’ के बीच ये संदेश खासा मायने रखता है।

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