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पटना में होगा देश का पहला और एकमात्र डॉल्फिन रिसर्च सेंटर

देश का पहला और एकमात्र डॉल्फिन रिसर्च सेंटर पटना में बनने जा रहा है। 71 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस अत्याधुनिक रिसर्च सेंटर के भवन निर्माण का शिलान्यास मुख्यमंत्री नीतीश कुमार 5 अक्टूबर 2019 को विश्व डॉल्फिन दिवस पर करेंगे।

गौरतलब है कि केन्द्र सरकार की तरफ से रिसर्च सेंटर के निर्माण के लिए वर्ष 2013 में ही 29 करोड़ रुपये आ गए थे लेकिन भूमि संबंधी विवाद के कारण भवन का शिलान्यास नहीं हो पा रहा था। यह विवाद अब समाप्त हो गया है। इस रिसर्च सेंटर के लिए पटना विश्वविद्यालय की ओर से पटना लॉ कॉलेज के पास गंगा तट पर दो एकड़ भूमि उपलब्ध कराई गई है, जिस पर निर्माण कार्य शुरू होगा। कहने की जरूरत नहीं कि रिसर्च सेंटर बन जाने से यहां देश-विदेश के विशेषज्ञ शोध करने के लिए आएंगे। पटना विश्वविद्यालय के छात्रों को भी डॉल्फिन पर शोध करने का मौका मिलेगा।

ध्यातव्य है कि 5 अक्टूबर 2009 को तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने गांगेय डॉल्फिन को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया था। डॉल्फिन को जलीय जीव घोषित कराने का श्रेय पटना विवि के प्रोफेसर डॉ. आरके सिन्हा को जाता है। इसके लिए राजेंद्र सहनी नामक मछुआरे और उनकी टोली को भी श्रेय जाता है, जिन्होंने डॉल्फिन के रहन-सहन और खान-पान के विषय में काफी बातें उजागर की थीं। यह भी जानें कि डॉल्फिन पर देश में पहली पीएचडी डॉ. गोपाल शर्मा के नाम है। डॉ. शर्मा फिलहाल भारतीय प्राणी सर्वेक्षण के बिहार प्रभारी एवं वरीय वैज्ञानिक हैं।

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