वर्ष 1947 के 15 अगस्त यानी आजादी के बाद यह चौथी दफा है जब आजादी के जश्न के साथ-साथ संपूर्ण देश के युवाओं द्वारा रक्षाबंधन का त्योहार सर्वाधिक उमंग व उत्साह से मनाया गया है। दोनों त्योहार एक साथ मिलकर अभूतपूर्व एवं अद्वितीय रहा।
यह भी जानिए कि प्रत्येक 19 वर्षों के बाद ही यह सुखद संयोग आता है। आजाद भारत में अब तक 4 बार यह अवसर आया है।
यह भी बता दें कि वर्ष 1905 में बंगाल के पृथक्करण के खिलाफ रवीन्द्र नाथ टैगोर से लेकर…. रास बिहारी लाल मंडल आदि ने “राखी महोत्सव” शुरू किया था। उन दिनों रक्षाबंधन केवल भाई-बहन का त्योहार नहीं रह गया था बल्कि एकीकरण के लिए हिन्दू और मुस्लिम एक दूसरे को राखी बांध रहे थे… तब यह रक्षाबंधन का पर्व केवल एक दिन का नहीं बल्कि दोनों समुदायों के बीच महीना भर चलता रहा था…. तभी तो 1911 में विवश होकर अंग्रेजों को बंगाल का विलय करना पड़ा।
और इस बार गुरुवार को श्रावण पूर्णिमा के साथ-साथ रक्षाबंधन और जश्न-ए-आजादी का पर्व एक साथ हो गया- जहाँ एक देश, एक झंडा, एक विधान, एक संविधान… चारो तरफ एकीकरण ही एकीकरण… चतुर्दिक शांति और सद्भाव का वातावरण ! कश्मीर से कन्याकुमारी और राजस्थान से बंगाल की खाड़ी तक इस बार का 73वां स्वतंत्रता दिवस नए किस्म से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में मनाया जा रहा है- पहाड़ से लेकर पोखर तक… सरहद से लेकर समंदर तक…. जहाँ भी देखिए… जिधर भी देखिए… चारों ओर तिरंगा ही तिरंगा।
यह भी कि एक ओर सियाचिन की बर्फीली ऊँचाई से भी ऊपर आसमान के सीने पर लहराता हुआ दिखता है तिरंगा…. वहीं दूसरी ओर देश की शान बनकर फहरता है तिरंगा। कहीं देशवासियों का अरमान बना रहा तिरंगा…. और कहीं 360 फीट के पोल पर फहरता रहा तिरंगा…… तो कहीं लहराता रहा 60 फीट चौड़ा और 90 फीट लंबा रेशमी तिरंगा…. । दिल्ली के लाल किले से लेकर कश्मीर के लाल चौक तक पी वेंकैया द्वारा डिजाइन किया गया वही तिरंगा इस बार शान से लहराया।
चलते-चलते यह भी कि इस बार के 73वें स्वतंत्रता दिवस समारोह पर मधेपुरा जिले के युवाओं ने खूब लहराया तिरंगा। एक ओर जहाँ बीएन मंडल स्टेडियम में जिलाधिकारी नवदीप शुक्ला ने और बीएन मंडल विश्वविद्यालय में कुलपति डॉ अवध किशोर राय ने तिरंगे को सलामी दी वहीं दूसरी ओर बीएन मंडल चौक पर एवं डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम पार्क में राष्ट्रीय ध्वज को समाजसेवी डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी ने सलामी दी तथा याद किया उन वीर सपूतों को जिनकी शहादत के कारण आज हम आजाद हैं। संपूर्ण राष्ट्र बापू सहित उनके सेनानियों को नमन करता रहा…. उनके ‘अमर रहे’ के नारे लगाता रहा….. और ‘भारत माता की जय’ करता रहा….. !!