एक ओर जहाँ सुपर-30 के आनंद कुमार को इस सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने KBC के स्पेशल एपिसोड में बुलाकर 25 लाख जीतने का अवसर प्रदान किया वहीं दूसरी ओर बॉलीवुड के महान नायक ऋतिक रोशन ने गणितज्ञ आनंद कुमार पर सुपर-30 फिल्म बनाकर आनंद के जीवन के एक-एक पल को बखूबी जिया और किरदार भी निभाया। यह सुपर-30 फिल्म ऐसी बनी कि एक साथ दर्जनों जगहों पर चली और पहले ही दिन लगभग 11 करोड़ की कमाई की।
बता दें कि जितने भी लोग फिल्म देखने के बाद आनंद से मिले सबों ने यही कहा कि आनंद सर में और ऋतिक रोशन में कोई अंतर नहीं पाया…. वहीं ऋतिक जब आनंद सर से मिले तो पहले उनका पैर छूकर आशीर्वाद लिया और पुनः ऋतिक ने आनंद सर के भाई प्रणव से यही कहा-
अभी तक मैने वो काम किया है जो आनंद सर करते आ रहे हैं….. अब आनंद सर वो काम करें जो मैं करता आ रहा हूँ- इसी वार्तालाप के साथ दोनों ने “एक पल का जीना” गाने का सिग्नेचर स्टेप डांस शुरू कर दिया।
यह भी कि जहाँ बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने ऋतिक रोशन से मुलाकात के क्रम में फिल्म में जीवंत किरदार निभाने के लिए साधुवाद दिया वहीं ऋतिक ने इस फिल्म को Tax Free घोषित कर छात्रों में फिल्म देखने की ललक बढ़ाने हेतु सीएम नीतीश कुमार को हृदय से बधाई दी।
चलते-चलते बता दें कि गुरु पूर्णिमा के दिन ऋतिक ने आनंद सर के गुरुओं का जमकर सम्मान किया इसलिए कि आनंद ने शिक्षा के क्षेत्र में सपरिवार अपना बहुमूल्य योगदान देकर बिहार को गौरवान्वित किया है। चंद महीने कबल बीएन मंडल विश्वविद्यालय मधेपुरा के ऑडिटोरियम में आनंद कुमार ने छात्रों की भारी भीड़ को संबोधित किया था। उस अवसर पर डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी ने उन्हें डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम पर लिखी अपनी पुस्तक “छोटा लक्ष्य एक अपराध है” भेंट की थी तथा कुलपति डॉ.एके राय, डीएम नवदीप शुक्ला (आईएएस) एवं डॉ.मधेपुरी आदि द्वारा “बाबा सिंहेश्वर धाम” का प्रतीक चिन्ह सम्मिलित रूप से ससम्मान हस्तगत कराया गया था।
अंत में यह भी कि किसी व्यक्ति के जीवन काल में ही उसके कृतित्व पर फिल्म बने, लोग देखे और सराहे…. ऐसा बिरले होता है…..। जब ऋतिक ने सुपर-30 के बच्चों में सादगी और इंटेलिजेंस के साथ-साथ पैशन व टैलेंट देखा तो सर्वाधिक भावुक होकर बोले….. मैं भी पिछले जन्म में बिहारी था।