वर्तमान में 27 करोड़ भारतीय परिवारों में से 17 करोड़ के पास टीवी है | इनमें से जहाँ 10 करोड़ के पास ‘केबल कनेक्शन’ है वहीं चार करोड़ भारतीय परिवार के लोग डीटीएच देखते हैं जबकि लगभग तीन करोड़ केबल ग्राहकों के पास डिजिटल का कनेक्शन है……. ये सूचनाएं आपको ऑल इंडिया डिजिटल केबल फेडरेशन द्वारा प्राप्त डाटा के आधार पर दिया जा रहा है |
बता दें कि समस्त टीवी दर्शकों यानी ग्राहकों को उन चैनलों के भी पैसे भुगतान करने पड़ते हैं जो वो देखना नहीं चाहते | अभी सारी ब्रॉडकास्टिंग कंपनियाँ अपने बुके में ‘फ्री’ और ‘पे’ दोनो तरह के चैनल रखती हैं | केबल ऑपरेटरों या डीटीएच वालों से भी पूरे बुके के पैसे लेती है….. तदनुसार ये ऑपरेटर भी ग्राहकों से उसी हिसाब से पैसे वसूलते हैं |
अब ग्राहकों के लिए खुशी की खबर है कि वे जो चैनल देखना चाहते हैं , सिर्फ उसी के पैसे देने पड़ेंगे | जल्द ही ग्राहकों को यह अधिकार मिलने वाला है | वर्तमान में ग्राहकों को ब्रॉडकास्टिंग कंपनी का पूरा बुके खरीदना पड़ता था जिसमें फ्री और पे दोनों चैनल होते हैं |
दरअसल में दूरसंचार नियामक ट्राई द्वारा इस बाबत आदेश जारी किया गया था, परंतु ब्रॉडकास्टिंग कंपनियाँ इस आदेश के खिलाफ थी जिस कारण स्टार इंडिया ने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी | कोर्ट ने स्टार की याचिका खारिज कर दी | अब ट्राई के लिए आदेश पर अमल करवाने का रास्ता साफ हो गया …… इस बीच ट्राई द्वारा जारी आदेश के मुताबिक ब्रॉडकास्ट (यानी सोनी, स्टार आदि) को 60 दिनों के भीतर हर चैनल की अलग कीमत (MRP) घोषित करनी है | डिस्ट्रीब्यूशन प्लेटफॉर्म ऑपरेटरों को भी अपना-अपना रिटेल Price 180 दिनों में घोषित करने का निर्देश दिया गया है |
चलते-चलते बता दें कि इस फैसले से ऐसे चैनल जिनके दर्शक बहुत कम हैं वे बंद हो सकते हैं…… बड़े-बड़े ब्रॉडकास्टर अन्य छोटी-छोटी कंपनियों को अधिग्रहित भी कर सकती है….. यानि ब्रॉडकास्टिंग इंडस्ट्री की सूरत पूरी तरह बदल जाएगी |