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‘वर्ल्ड हाइपरटेंशन दिवस’ पर भी तो हों अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हम

भारत में हाइपरटेंशन के कारण प्रतिवर्ष लगभग ढाई लाख लोगों की मौत हो जाती है | आखिर है क्या यह हाइपरटेंशन ?

बता दें कि हाइपरटेंशन किडनी के लिए तो खतरनाक है ही…… यह हाइपरटेंशन प्रत्येक व्यक्ति की आंखों से लेकर हार्ट तक को भी बुरी तरह प्रभावित कर डालता है | हाइपरटेंशन को समझना इसलिए बहुत आसान है कि इसके दर्जनों लक्षण हैं |

यदि आपको नींद में कमी होने लगे….. साँसों की गति तेज होने लगे….. ब्लड प्रेशर बढ़ने लगे…… मांस पेशियों में दर्द होने लगे….. भूख में कमी होने लगे……. चिड़चिड़ापन बढ़ने लगे और कमजोरी के अतिरिक्त बदन दर्द….. सिर दर्द….. और थकान के साथ-साथ पाचन की समस्याएं भी होने लगे तो समझ लें कि आप हाइपरटेंसिव हो रहे हैं जबकि अधिकांश लोग इन सब चीजों को जीवनशैली से जोड़कर नजरअंदाज करते रहते हैं |

वर्ल्ड हाइपरटेंशन दिवस (17 मई) के दिन आम लोगों को भी अपने स्वास्थ्य के प्रति जागरूक होना होगा | सबों को यह जानना होगा कि ब्लड प्रेशर एक साइलेंट किलर के तौर पर आम लोगों के जीवन में जहर घोल रहा है | ये सारे लक्षण बीमारियों की सीढ़ियाँ जैसी है…. इसे समझना होगा तभी हम अपने स्वास्थ्य को बेहतर बनाये रख सकेंगे |

स्थानीय वृंदावन नर्सिंग होम के चिकित्सक दंपति सर्जन डॉ.वरुण कुमार एवं डॉ.रश्मि भारती ने मधेपुरा अबतक द्वारा हाइपरटेंशन के बाबत पूछे गए सवाल के जवाब में यही कहा- भले ही लोग तनाव को कोई बीमारी ना माने लेकिन यह किसी बड़ी बीमारी से कम भी नहीं है | यह रात की नींद छीन लेता है और दिन की भूख-प्यास | झूठी प्रतिष्ठा और धन संचय की होड़ में लोगों की खुशियां गायब होने लगी है | नकली खुशी और हंसी के लिए लोग लाफ्टर शो की शरण में जाने लगे हैं | ऐसा लगता है कि कुछ दिनों में लोग हंसना भी भूल जायेगा…..|

यह संकल्प तो ले लें आज इस वर्ल्ड हाइपरटेंशन दिवस के दिन कि तनाव को खुद से दूर रखना है | हर हाल में खुश रहना है | क्योंकि, तनाव का खामियाजा पूरे परिवार को झेलना पड़ता है | वैवाहिक जिंदगी तबाह हो जाती है | बच्चों पर बुरा असर पड़ने लगता है | पारिवारिक कलह वाले घरों में तनाव एवं मानसिक रोगों की अधिकता देखी जाती है |

चलते-चलते यह भी जान लें कि तनाव मुक्त स्वस्थ जीवन जीने के लिए आहार, विहार के साथ-साथ आयुर्वेदिक दवाओं के रूप में अश्वगंधा, अर्जुना, ब्राह्मी, आवला व एलोवेरा जैसी प्रमुख वनस्पतियों का सेवन सर्वाधिक सहायक है | जहाँ दूध, संतरा और सूखे मेवे में पोटैशियम की मात्रा अधिक होती है जो तनाव दूर करने में सहायक है वहीं हरी साग, सोयाबीन, मूंगफली तथा आम में मैग्नीशियम की मात्रा अधिक होने के कारण ये हमारे शरीर को हाइपरटेंशन से लड़ने में सहायता करती है |

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