मिथिलांचल और सीमांचल के बीच अवस्थित इस कोसी अंचल के मधेपुरा संसदीय क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे कुल 13 प्रत्याशियों में से तीन के बीच कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है। ये तीनों हैं- एनडीए प्रत्याशी दिनेश चन्द्र यादव, महागठबंधन प्रत्याशी शरद यादव और जनधिकार पार्टी की ओर से राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव।
जहाँ एक ओर एनडीए की एकजुटता अटूट नजर आती है वहीं गठबंधन के शीर्ष नेतृत्व अब तक एक मंच पर भी साथ-साथ नहीं दिखे…… फिर भी गठबंधन के नेताओं को जातिगत समीकरण का वोट शत-प्रतिशत अपने ही पक्ष में नजर आ रहे हैं। गठबंधन वाले छोट-भैया नेता भी कहीं ‘माय समीकरण’ तो कहीं ‘मुनिया समीकरण’ (मुस्लिम-निषाद-यादव) पर ताल ठोक रहे हैं।
और हाँ ! जदयू से निकलकर राजद में शामिल होने की मंशा लिए……. अटल मंत्रिमंडल में एनडीए के संयोजक व मंत्री रह चुके शरद यादव मधेपुरा लोकसभा सीट से वर्तमान में राजद-कांग्रेस गठबंधन का प्रत्याशी बनकर भाग्य आजमा रहे हैं। हद तो तब हो गई जब इस बार किसान के अनेक गाँव प्यासे हैं और एनएच-106 एवं एनएच-107 की स्थिति जर्जर है फिर भी यहाँ ‘पानी और सड़क’ चुनावी मुद्दा नहीं बन पाया…… उल्टे जातिगत समीकरण चतुर्दिक हावी होता दिख रहा है। कोई साख बचाने की तो कोई नाक बचाने की लड़ाई लड़नेे मेें मशगूल है।
बता दें कि मधेपुरा की सीट पर इस बार जज्बातों की जंग में त्रिकोणीय संघर्ष का पटाक्षेप 23 अप्रैल को होते-होते पुनः सुलगने लगा है…. जब यह बात खुलकर सामने आ गई कि पाँच बूथों पर 100% मतदान हुआ। और मधेपुरा संसदीय क्षेत्र के सभी छह विधानसभा क्षेत्रों में अवस्थित 1940 मतदान केंद्रों में से 6 बूथों पर लगभग 90%……. 264 बूथों पर तकरीबन 80%…….. 840 मतदान केंद्रों पर लगभग 70%….. और 50 मतदान केंद्रों पर 40% से कम वोट डाले गये तथा …..।
चलते-चलते बता दें कि 100% मतदान वाले बूथों में 4 बूथ हैं आलमनगर विधानसभा के- बूथ संख्या 17 (नवटोल), बूथ संख्या- 144 (फोरसाही), बूथ संख्या- 223 (सुखाड़ घाट) व बूथ संख्या- 235 (गंगापुर) तथा बिहारीगंज विधान सभा के एक बूथ संख्या- 173 (रही वाँया भाग में) सौ फ़ीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया।