बी.एन.एम.यू. के हिन्दी स्नातकोत्तर विभाग में रेणु शोध पीठ की स्थापना हेतु आयोजित विचार गोष्ठी का उद्घाटन प्रभारी कुलपति जे.पी.एन.झा, मुख्य अतिथि डॉ. मधेपुरी, परिसम्पदा पदाधिकारी डॉ.शैलेन्द्र कुमार, एवं कुलानुशासक डॉ.विश्वनाथ विवेका ने सम्मिलित रूप से दीप जलाकर किया | अद्यक्षता डॉ. विनय कुमार चौधरी ने किया |
यह कार्यक्रम एन.एस.यू.आई. के बैनर तले आयोजित किया गया था जिसके सफल आयोजन में छात्र नेता मनीष कुमार एवं प्रभात कुमार मिस्टर ने अपनी टीम के साथ बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया | इन्होंने रेणु जी को साहित्यिक धरोहर एवं क्रांतिकारी लेखक कहा |
उद्घाटनकर्ता डॉ. झा ने कहा कि रेणु की रचनाओं में सम्पूर्ण कोशी अंचल बिम्बित व प्रतिबिंवित होता रहा है | मुख्य अतिथि साहित्यकार डॉ. भूपेन्द्र मधेपुरी ने रेणु पीठ की स्थापना की अनिवार्यता पर प्रकाश डालते हुए फारविसगंज कॉलेज को रेणु के नाम किये जाने के प्रयासों की चर्चा भी की | डॉ. मधेपुरी ने मुर्धन्य साहित्यकारों जैसे फणीश्वर नाथ रेणु , मायानंद मिश्र, लक्ष्मी नारायण सुधांशु , जनार्दन झा द्विज, अनुपलाल मंडल आदि के नाम के आगे “स्वर्गीय” लिखने-बोलने पर एतराज जताते हुए कहा कि हम स्व. लोहिया , स्व. नेहरु नहीं बोलते हैं |
इस अवसर पर साहित्य से सरोकार रखने वाले एवं विशिष्ट साहित्यकारों ने रेणु शोध पीठ की स्थापना मंडल वि.वि. में सरकार द्वारा स्थापित किये जाने हेतु चरणबद्ध प्रयासों की भी चर्चाएँ की जिनमें डॉ.विद्यानंद मिश्र, डॉ. नरेन्द्र ना. यादव, डॉ.आर.के.पी.रमण, डॉ. के.एस.ओझा, डॉ. नरेन्द्र श्रीवास्तव, डॉ.अमोल राय, डॉ.ललितेश मिश्र, डॉ.शिव बालक प्रसाद आदि ने विस्तार से प्रकाश डाला |
छात्रनेताओं में सुदीप कुमार सुमन, मनीष कुमार, प्रभात कुमार, राहुल राज, आदि रेणु शोध पीठ की स्थापना कराने की दिशा में संकल्पित हैं | अद्यक्षता करते हुए डॉ.चौधरी एवं मंच संचालन करते हुए डॉ.सिद्देश्वर काश्यप ने इन छात्रों को प्रोत्साहित किया और इस पीठ की स्थापना कराकर ही दम लेने पर बल दिया | अन्त में मनीष कुमार ने धन्यवाद ज्ञापन किया |