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नेताजी सुभाष चन्द्र बोसमय हुआ मधेपुरा

आजादी के दीवाने सुभाष चन्द्र बोस के जन्म दिवस 23 जनवरी को मधेपुरा के बीचो-बीच अवस्थित उनकी प्रतिमा पर सर्वप्रथम नगरपालिका के प्रथम उपाध्यक्ष समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र नारायण यादव मधेपुरी सहित किसान मजदूर-शिक्षक-व्यापारी सभी मिलजुलकर आज सबेरे माल्यार्पण किये एवं शेष सबों ने पुष्पाञ्जलि की।

डॉ.मधेपुरी ने उपस्थित बच्चों से नेताजी के बाबत यही कहा कि उनका जन्म 1897 ई. में उड़ीसा के कटक में अपने पिता जानकी बोस एवं माता प्रभावती की नौवीं संतान के रूप में हुई थी। कैंब्रिज विश्वविद्यालय में पढ़ाई कर उन्होंने IAS की परीक्षा में चौथा स्थान प्राप्त किया था। उन्होंने नौकरी नहीं की। देश सेवा में लग गये। 1938 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद उन्होंने राष्ट्रीय योजना आयोग का गठन किया। लगे हाथ उन्होंने पूरी दुनिया का भ्रमण किया। रासबिहारी बोस के आजाद हिन्द फौज का पुनर्गठन किया। महात्मा गाँधी को राष्ट्रपिता कहकर सर्वप्रथम उन्होंने ही संबोधित किया था। अंत में डॉ.मधेपुरी ने अपनी ‘आजादी’ शीर्षक कविता की चन्द पंक्तियाँ बच्चों के साथ साझा किया।

गोखले तिलक गाँधी सुभाष, नेहरु लोहिया जयप्रकाश।

सभी दीवाने आजादी के, कर दिया एक क्षिति महाकाश।।

आओ सब मिलकर करें बंधु, आजादी का शत् अभिनंदन।

इनके ललाट पर करें नित्य, अपने अनंत श्रम का चंदन।।

DM Navdeep Shukla paying his tributes to Neta Jee Subhash Chandra Bose at Samaharnalaya Madhepura.

पुनः दिन के 11 पूर्वाह्न में समाहरणालय सभाकक्ष में नेताजी सुभाष चंद्र की भव्य तस्वीर पर डीएम नवदीप शुक्ला एवं एसपी संजय कुमार की टीम के सारे पदाधिकारी एडीएम शिवकुमार शैव, उपेंद्र कुमार झा, डीडीसी मुकेश कुमार, खेल पदाधिकारी मुकेश कुमार, एनडीसी रजनीश कुमार एवं कार्यालय कर्मियों सहित समाजसेवी-साहित्यकार डॉ.मधेपुरी द्वारा पुष्पांजलि की गई। दिनभर शहर के प्रायः सभी स्कूलों एवं कॉलेजों में छात्रों एवं शिक्षकों द्वारा नेताजी को श्रद्धांजलि दी गई, उन्हें याद किया गया।

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