विश्व का सबसे बड़ा म्यूजियम (संग्रहालय) लंदन में है जिसका नाम है- ‘द विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम’। अंग्रेजी हुकूमत के दौरान पटना के कई कलाकारों की पेंटिंग्स भी लगाई गई है उस म्यूजियम में।
बता दें कि पटना में मुहर्रम के दृश्य पर पटना के ही हिन्दू चित्रकार सेवक राम द्वारा बनाई गई पेंटिंग आज भी उस लंदन संग्रहालय की जान है। दो सौ ग्यारह साल पहले बनी मुहर्रम पर निकाले गये ताजिया जुलूस की पेंटिंग इतनी खूबसूरत है कि वह आज लंदन स्थित विश्व के सबसे बड़े डेकोरेटिव आर्ट्स एंड डिजाइन संग्रहालय ‘द विक्टोरिया एंड अल्बर्ट म्यूजियम’ की जान बनी हुई है। मौके पर संसार के समस्त मुस्लिम देशों में बिहार की राजधानी पटना के उस हिन्दू कलाकार सेवकराम के मुहर्रम पर बनी पेंटिंग की जमकर चर्चाएं होती रहती हैं।
यह भी जानिए कि पटना में पटना सिटी स्थित दीवान मुहल्ला, लोदी कटरा और मच्छरहट्टा मुहल्ले में इस विद्या के माहिर कलाकार 18वीं शताब्दी के आरंभिक काल में हुआ करते थे। इसका विस्तार पटना, दानापुर व आरा तक था। शिवा लाल शिवा लाल की पेंटिंग्स भी ताजिए को लेकर चर्चित रही है।
आज के दिनों में जिस तरह ताजिये बनते हैं वही अंदाज 1807 में भी था। तब के इस पेंटिंग में बच्चों की मौजूदगी एवं सफेद कपड़े पहने बड़े लोगों की संख्या भी सर्वाधिक देखी जाती रही है।
चलते-चलते यह भी बता दें कि 17वीं शताब्दी में स्थापित लंदन स्थित विक्टोरिया म्यूजियम में तीस लाख से भी अधिक प्रदर्श हैं जो मुख्य रूप से डेकोरेटिव आर्ट्स व डिजाइन से संबंधित हैं। पहले ताजिये के जुलूस में हिन्दुओं की सहभागिता सर्वाधिक हुआ करती जिसमें कमी होती दिखने लगी है। तब के दिनों में राजा की सहभागिता भी हाथी पर चढ़कर ताजिए के पहलाम वाले जुलूस में देखी जाती थी….।