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अंतर्राष्ट्रीय साइंस सिटी पटना के सैदपुर में दिखेंगे आर्यभट्ट से लेकर कलाम तक के विजन

तीन विदेशी एजेंसियों द्वारा बिहार की राजधानी पटना के सैदपुर में बनाई जा रही है- अंतर्राष्ट्रीय साइंस सिटी। ई.मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के इस साइंस सेंटर में आर्यभट्ट से लेकर कलाम तक के ‘विजन’ दिखेंगे।

यह भी बता दें कि अलग-अलग थीम पर बनाई जा रही पांच दीर्घाएं वर्ष 2020 तक बनकर तैयार हो जाएंगी। इस साइंस सिटी सैदपुर में बिहार में ही जन्मे महान गणितज्ञ आर्यभट्ट से लेकर गांधीयन मिसाइल मैन व भारतरत्न डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम के विजन को प्रदर्शित करने हेतु विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा लगभग 400 करोड़ रुपए की लागत से इस प्रोजेक्ट को पूरा करने का संशोधित लक्ष्य रखा गया है। डॉ.कलाम के करीबी रह चुके फिजिक्स के यूनिवर्सिटी प्रोफेसर डॉ.भूपेन्द्र नारायण मधेपुरी ने कहा कि इस प्रोजेक्ट के पूरा होने से बिहार को अंतरराष्ट्रीय विज्ञान जगत में अच्छी-खासी ऊंचाई प्राप्त होगी।

यह भी जानिए कि 20 एकड़ से भी अधिक भूमि पर तैयार किए जा रहे इस प्रोजेक्ट को नीतीश सरकार ने डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम का नाम दिया है। इस डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम अंतर्राष्ट्रीय साइंस सिटी में पांच महत्वपूर्ण थीम होंगे- (1) बेसिक साइंस जिसमें रोचक तरीके से साइंस को समझाने की कोशिश होगी। (2) दूसरा थीम ‘बॉडी एंड माइंड’ पर आधारित होगा जिसमें नोबेल पुरस्कार विजेता डॉ.ए.कैराॅल की पुस्तक “Man The Unknown” की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की जाएगी……। (3) तीसरा थीम होगा- ‘स्पेस एण्ड  स्ट्रोनोमी’ जिसमें ग्रहों एवं उपग्रहों के साथ-साथ सेटेलाइट व मिसाइल आदि की विस्तृत जानकारी दी जाएगी (4) चौथा थीम होगा ‘एक्सपेरिमेंटल लर्निंग’ जिन्हें सीख-सीख कर युवाओं के अंदर क्रिएटिविटी पैदा होगी…. और (5) पाँचवाँ थीम होगा “बी ए साइंटिस्ट”

चलते-चलते यह भी बता दें कि साइंस सिटी में लगाए जाने वाले एक्जीबिट्स यानी प्रदर्शन हेतु चयनकर्ताओं की कमेटी के विशेषज्ञ हैं- इसरो के सेवानिवृत्त वैज्ञानिक पद्मश्री मानस बिहारी वर्मा, एनसीएसएम के DG एएस मानेकर एवं रिटायर्ड डीजी आइ.के.मुखर्जी, टीआईएफआर के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ.विजय ए सिंह, कोलकाता विश्वविद्यालय के प्रो.तुषारकांत घोष, कोलकाता साइंस सिटी के डायरेक्टर एडी चौधरी, आईआई टी कानपुर के पर्यावरणविद प्रोफेसर डॉ.विनोद तारे आदि।

यह भी याद कर ले की साइंस सिटी के प्रोजेक्ट मैनेजमेंट का काम 3 विदेशी कंपनियां संभाल रखी हैं- (1) सिंगापुर की फ्लाइंग एलीफेंट (2) कनाडा की जीएसएम कंपनी और (3) यूके की कंपनी ब्लीड्स। और हाँ ! विशेषज्ञ समिति द्वारा किए जा रहे प्रयास इस मायने में सर्वाधिक सराहनीय है कि भारतीय इतिहास में हुए तमाम बड़े वैज्ञानिकों की तकनीक एवं खोजों को इस अंतरराष्ट्रीय साइंस सिटी में जगह दी जाये।

 

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