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विश्वविद्यालय में ग्रीन केमेस्ट्री व नैनो टेक्नोलॉजी पर एक दिवसीय सेमिनार

इमर्जिंग ट्रेंड्स इन ग्रीन केमिस्ट्री एंड नैनो टेक्नोलॉजी पर भूपेन्द्र नारायण मंडल विश्वविद्यालय के नार्थ कैंपस (उत्तरी परिसर) के कॉन्फ्रेंस हॉल में रसायन विज्ञान विभाग और काउंसिल आफ केमिकल साइंसेज (सीसीएस) द्वारा 26 अक्टूबर (शुक्रवार) को एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया | सेमिनार दो सत्रों में आयोजित किया गया था |

जहाँ इस सेमिनार में कुलपति डॉ.ए.के.राय ने ग्रीन केमिस्ट्री के 12 गुणों की विस्तृत चर्चा करते हुए शिक्षकों, छात्रों एवं शोधार्थियों से यही कहा कि ग्रीन केमेस्ट्री पर काम करने वालों को विश्वविद्यालय द्वारा हर प्रकार से सहयोग दिया जाएगा वहीं मुख्य वक्ता के रूप में शारदा विश्वविद्यालय नोएडा के डॉ.एन.बी सिंह ने नैनो टेक्नोलॉजी पर विस्तार से चर्चा करते हुए कहा कि दुनिया की हर क्षेत्र में नैनो मेटेरियल का आविष्कार एक आंदोलन का रूप लेता जा रहा है | प्रोवीसी डॉ.फारुख अली ने सेमिनार की महत्ता की चर्चा की |

सेमिनार के उद्घाटन सत्र में बीएनएमयू के संस्थापक कुलपति डॉ.रमेन्द्र कुमार यादव रवि, कुलसचिव कर्नल नीरज कुमार, समाजसेवी साहित्यकार डॉ.भूपेन्द्र मधेपुरी, डीन द्वय डॉ.शिव मुनि यादव, डॉ.अरुण कुमार मिश्र एवं अध्यक्षता कर रहे केमिस्ट्री के विभागाध्यक्ष डॉ.आर.के.मल्लिक व बीएन मुस्टा के महासचिव-सीनेटर प्रो.(डॉ.) नरेश कुमार ने संयुक्त रुप से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया | सर्वप्रथम प्रो.रीता कुमारी ने एक गीत के माध्यम से सेमीनार को रसमय बना दिया, तत्पश्चात विभागाध्यक्ष डॉ.मलिक द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया |

उद्घाटन भाषण में संस्थापक कुलपति व पूर्व सांसद डॉ.रवि ने इस परिसर में सर्वप्रथम आने की चर्चा करते हुए कहा कि सेमिनार के माध्यम से युवाओं को ग्रीन केमिस्ट्री व नैनो टेक्नोलॉजी की जानकारी देना आवश्यक है | उन्होंने कहा कि पर्यावरण की सुरक्षा और संरक्षण को लेकर वैज्ञानिकों को अत्याधुनिक तरीकों से शोध करने की जरूरत है | कुलसचिव श्री नीरज ने कहा कि आज लोग जंगल से मंगल तक पहुंच गये जिसमें केमिस्ट्री का बड़ा योगदान है | लेकिन, उसके नकारात्मक पहलू से हमें सचेत रहने की जरूरत है |

विश्वविद्यालय में विभिन्न पदों पर कार्यरत रहे साहित्यकार डॉ.मधेपुरी ने प्रो.(डॉ) पाल एनसतास को फादर ऑफ ग्रीन केमिस्ट्री बताते हुए कहा कि धरती और पर्यावरण को रसायनों के दुष्प्रभावों से मुक्त कराना ही ग्रीन केमिस्ट्री का काम है जो दुनिया को बचाने का एक प्रयास है | उन्होंने दैनिक जीवन में रसायन के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि आज दुनिया नैनो मैटेरियल (सूक्ष्मातिसूक्ष्म) के आविष्कारों में लगी है जबकि हमारे देश में आदिकाल से ही नैनो टेक्नोलॉजी (योग…… के रूप में) काम कर रहा है |

मौके पर विभागीय कार्यरत शिक्षक डॉ.अशोक कुमार यादव सहित सामाजिक विज्ञान संकायाध्यक्ष डॉ.शिव मुनि यादव, विज्ञान संकायाध्यक्ष डॉ.एके मिश्रा, बीएन मुस्टा के महासचिव डॉ.नरेश कुमार, प्राचार्य डॉ.केएस ओझा आदि ने विस्तार से पर्यावरण के लिए ग्रीन केमिस्ट्री के सिद्धांत को जीवन के हर क्षेत्र में लागू करने पर बल दिया तथा नैनो टेक्नोलॉजी की सूक्ष्मता एवं व्यापकता की विस्तृत चर्चा की |

कार्यक्रम का संचालन क्रीड़ा परिषद के सचिव डॉ.अबुल फजल ने किया जबकि धन्यवाद ज्ञापन आयोजन सचिव सह सीनेटर डॉ.नरेश कुमार ने किया | सहयोगी बने रहे- डॉ.मोहित घोष, डॉ.रीता, डॉ.अरुण कुमार, डॉ.प्रियंका कुमारी, डॉ.प्रज्ञा प्रसाद, हीरेंदर कुमार उर्फ पुप्पु, डॉ.आर.सी.पी.मंडल सहित सैकड़ों श्रोतागण |

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