एशिया कप का फाइनल मुकाबला वैसा ही रहा जैसे मुकाबलों के कारण क्रिकेट के प्रति लोगों की दीवानगी दिनोंदिन बढ़ती ही जा रही है। भारत और बांग्लादेश के बीच खेले गए इस रोमांचक मुकाबले में भारत ने अंतिम गेंद पर बाजी मारी, लेकिन अपेक्षाकृत कमजोर समझी जाने वाली बांग्लादेश की टीम ने भी अपने जुझारू खेल से खेलप्रेमियों का दिल जीतने में कोई कसर ना छोड़ी।
भारत को सातवीं बार एशिया कप जीतने के लिए 223 रनों की दरकार थी। आखिरी दो ओवर में तो उसे केवल 9 रन चाहिए थे, लेकिन 49वें ओवर में केवल 3 रन ही बने। इस तरह आखिरी ओवर में 6 रनों की जरूरत थी। महमूदुल्लाह के इस ओवर की पहली गेंद पर कुलदीप यादव ने एक और दूसरी पर केदार जाधव ने एक रन लिया। तीसरी गेंद पर कुलदीप ने दो रन लिए, लेकिन अगली गेंद पर रन नहीं बन सका। इसके बाद 5वीं और छठी गेंद पर एक एक रन लेकर कुलदीप और केदार ने भारत को जबरदस्त जुझारूपन का प्रदर्शन करने वाली बांग्लादेशी टीम पर जीत दिलाई।
दुबई इंटरनेशनल स्टेडियम में खेले गए मुकाबले में भारत के लिए कप्तान रोहित शर्मा ने 55 गेंद में 3 चौकों और 3 छक्कों के साथ 48 रन बनाए। दिनेश कार्तिक ने 37 और महेंद्र सिंह धोनी ने 36 रन का योगदान दिया। चोट लगने के कारण कुछ देर मैदान छोड़कर जाने वाले केदार ने नाबाद 23 रन बनाए।
इससे पहले खिलाड़ियों की चोट से जूझ रही बांग्लादेशी टीम ने अच्छा आगाज किया। लिटन दास ने 117 गेंद में 121 रन बनाकर बांग्लादेश को अच्छी शुरुआत दी, लेकिन बाद के बल्लेबाज लय कायम नहीं रख सके। दास और मेहदी हसन मिराज (32) ने पहले विकेट के लिए 120 रन जोड़े। ऐसा लगने लगा था कि बांग्लादेश बड़ा स्कोर बनाएगा, लेकिन इसके बाद 10 विकेट 102 रन के भीतर गिर गए और पूरी पारी 48.3 ओवर में सिमट गई। चाइनामैन कुलदीप ने 45 रन देकर 3 विकेट लिए, जबकि केदार ने 9 ओवर में 41 रन देकर दो विकेट चटकाए।
चलते-चलते बता दें कि इस पूरे टूर्नामेंट में भारत अजेय रहा और सोने पर सुहागा ये कि चिर प्रतिद्वंद्वी पाकिस्तान को उसने इस टूर्नामेंट में दो बार हराया।